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Jal-Jeevan-Mission-मप्र-अगले-साल-मार्च-तक-बाईस-लाख-नल-कनेक्शन-बांटेगा

एएबी
। मध्य प्रदेश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत अपनी वार्षिक कार्य योजना (एएपी) के साथ-साथ परिपूर्ण योजना के जरिए 2021-22 में ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान करने को लेकर राज्य की कार्य योजना को प्रस्तुत किया।
 
 जिससे राज्य के प्रत्येक ग्रामीण घर में समयबद्ध तरीके से नल जल की आपूर्ति हो सके।मध्य प्रदेश को 2021-22 में केंद्रीय कोष से लगभग 3,000 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। पिछले वर्ष की तुलना में 2.5 गुना अधिक आवंटन को देखते हुए, राज्य को भी इसके समान राज्य की हिस्सेदारी का प्रावधान करना होगा और कोष के प्रभावी उपयोग के लिए एक वास्तविक व्यय योजना तैयार करनी होगी।
 

वर्तमान में एक महीने की योजनाबनाने की कवायद चल रही है और इसमें शामिल दो राज्य/केंद्रशासित प्रदेश प्रतिदिन जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली समिति तथा विभिन्न मंत्रालयों/विभागों एवं नीति आयोग के सदस्यों के सामने अपनी वार्षित कार्य योजना प्रस्तुत करते हैं।
 
 यह समिति संयुक्त रूप से वार्षिक कार्य योजना (एएपी) को मंजूर करने से पहले इसकी समीक्षा करती है। इसके बाद साल भर किस्तों में रकम आवंटित की जाती है और नियमित तौर पर क्षेत्र के दौरे किए जाते हैं।वहीं जल जीवन मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वार्षिक कार्य योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं।

मध्य प्रदेश में 1.23 करोड़ ग्रामीण परिवार हैं। इनमें से 37.69 लाख (31 फीसदी) के पास उनके घरों में नल जल की आपूर्ति है। मध्य प्रदेश ने 2020-21 में 19.89 लाख नल जल कनेक्शन प्रदान किए हैं और जल जीवन मिशन के तहत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों में से एक रहा है। 
 
 
वहीं 2021-22 में राज्य ने 7 जिलों को परिपूर्ण करने और 22 लाख नए नल जल कनेक्शन देने की योजना बनाई है।राष्ट्रीय समिति ने राज्य को सलाह दी है कि वह अधिक से अधिक जिलों को कवर करें और विशेष रूप से प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे;एससी/एसटी बहुल इलाके, जल की गुणवत्ता से प्रभावित क्षेत्र, जल की कमी वाले इलाके, आकांक्षी और पीवीटीजी आवासों आदि में कवरेज बढ़ाने पर जोर दें।

वहीं राज्य को जल के जीवाणुतत्व संबंधी एवं रासायनिक संदूषण को लेकर जल परीक्षण को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है। इसके अलावा पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए समुदाय को भी प्रोत्साहित करने को कहा गया है। पीएचई विभाग समुदाय को सशक्त बनाने और इसके साथ जुड़ने की सुविधा प्रदान कर रहा है।
 
इसके लिए विभिन्न नियोजन गतिविधियों जैसे;किटों की समय पर खरीद, समुदाय को किटों की आपूर्ति, प्रत्येक गांव में कम से कम पांच महिलाओं की पहचान, फिल्ड टेस्ट किटों के इस्तेमाल के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण और जल स्रोतों के प्रयोगशाला आधारित निष्कर्षों के साथ रिपोर्टों को मिलान करना एवं रिपोर्ट करने के साथ एक कार्य योजना बनाई जाती है।
 
 
राज्य ने पिछले साल 28 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को मान्यता देकर उल्लेखनीय काम किया है और यह लोगों के लिए मददगार होगा, जिससे वे इन प्रयोगशालाओं में जाकर जल की गुणवत्ता की जांच कर सकेंगे। राज्य ने 2021-22 में 51 जिला प्रयोगशालाओं में से 23 की एनएबीएल मान्यता लेने की योजना बनाई है।

केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जल जीवन मिशन- हर घर जल 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में घरेलू नल जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की साझेदारी के साथ संचालित है।2021-22 में जल जीवन मिशन के लिए 50,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है। 
 
इस प्रकार 2021-22 में ग्रामीण घरों तक नल जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की योजना है। ‘हर घल जल’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस तरह के निवेश को तीन साल तक जारी रखने की संभावना है, जो कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक वरदान है।

राज्य कार्य योजना 100 फीसदी ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान करने और गांवों में समग्र पेयजल सुरक्षा हासिल करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा तैयार की जाती है।यह कई योजनाओं पर विस्तृत जानकारी के साथ है, जिसमें रेट्रोफिटेड/नई पेयजल आपूर्ति योजनाओं को शुरू करने के लिए समय सीमा के साथ परिपूर्णता प्राप्त करने और ग्रामीण घरों में सुरक्षित पेयजल की नियमित और दीर्घावधि आपूर्ति के लिए योजनाओं को जमीन पर चालू करने तथा इसे पूरा करने का मास्टर प्लान है।
 
इसके अलावा यह निधि के विवेकपूर्ण उपयोग को लेकर सम्मिलन के लिए विभिन्न निधि स्रोतों की पहचान करता है, राज्य के ओ एंड एम नीति को मजबूत करने, आईईसी/गतिविधियों को बढ़ावा देने, जल गुणवत्ता की जांच एवं निगरानी गतिविधियां, वास्तविक समय की निगरानी के लिए सेंसर-आधारित आईओटी प्रौद्योगिकी में निवेश और जल आपूर्ति का मापन आदि करता है।

अब कोरोना महामारी के समय जल संकट, संदूषण के साथ-साथ ग्रामीण घरों में जल की व्यवस्था के मुद्दे से निपटना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।स्वच्छ जल बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा और घरेलू परिसरों में एक चालू नल सार्वजनिक जगहों पर भीड़ से बचने के लिए शारीरिक दूरी को सुनिश्चित करेगा। इस प्रकार राज्य को इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान कार्यों में तेजी लाने की जरूरत है।

MP-will-again-top-in-wheat-procurement-आत्म-निर्भर-मध्यप्रदेश-के-निर्माण-में-कृषि-क्षेत्र-की-अहम-भूमिका-मुख्यमंत्री

एएबी समाचार ।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक  मध्यप्रदेश के किसानों की मेहनत रंग लाएगी और गेहूँ उपार्जन में प्रदेश पुन: देश में अव्वल होगा। उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसानों को राज्य सरकार हरसंभव मदद कर रही है। रबी विपणन 2021-22 में किसानों की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिये पुख्ता इंतजाम किये जा चुके हैं, जिससे किसानों को अपनी उपज का विक्रय करने में कठिनाई का सामना न करना पड़े।

इस वर्ष भी ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन

किसानों की सहूलियत के लिये इस बार भी ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की व्यवस्था की गई है। पोर्टल पर अभी तक 21 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। पंजीयन का कार्य प्रदेश के 3518 केन्द्रों पर किया गया है। साथ ही गिरदावरी किसान एप, कॉमन सर्विस सेंटर और कियोस्क केन्द्रों पर भी किसानों को पंजीयन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। उपार्जन व्यवस्थाओं में यह प्रयास भी किया गया कि कोई भी किसान पंजीयन से वंचित न रहे।

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कुल 4500 केन्द्रों पर होगी गेहूँ खरीदी

अधिकृत जानकारी के अनुसार वर्ष २०२१ के लिए प्रदेश के 4500 खरीदी केन्द्रों पर गेहूँ उपार्जन का कार्य किया जाएगा। खरीदी कार्य में स्व-सहायता समूहों, एफपीयू और एफपीसी को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी के साथ उसके भंडारण और परिवहन की पुख्ता व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। उपार्जन केन्द्रों पर गेहूँ खरीदी का कार्य मार्च माह से शुरू किया जाएगा। इसके लिये तय किया गया है कि इंदौर और उज्जैन में 22 मार्च से और शेष अन्य जिलों में एक अप्रैल से गेहूँ उपार्जन शुरू किया जाएगा। इस वर्ष लगभग एक करोड़ 25 लाख मीट्रिक टन गेहूँ और 20 लाख मीट्रिक टन दलहन एवं तिलहन उपार्जन का अनुमान है। उपार्जित स्कन्धों के शीघ्र परिवहन एवं भंडार की व्यवस्थाएँ भी सुनिश्चित की जा रही हैं।

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गेहूँ उपार्जन में प्रदेश का कीर्तिमान किसानों की बदौलत

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जन का जो इतिहास रचा गया, उसके मूल में किसानों की कड़ी मेहनत है। प्रदेश के किसानों ने मध्यप्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा भी हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के इतिहास में समर्थन मूल्य पर हुई रिकार्ड खरीदी में सरकार द्वारा की गई चाक-चौबंद व्यवस्थाओं ने भी उत्प्रेरक की भूमिका निभाई।

कृषि क्षेत्र में किये गये हैं अनेक नवाचार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में कृषि क्षेत्र की अहम भूमिका है। कृषि क्षेत्र में आत्म-निर्भरता के लिये प्रदेश के किसानों के हित में खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने के लिये अनेक नवाचार किये गये हैं। राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि कृषि का उत्पादन बढ़े, उत्पादन की लागत कम हो और किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के दौरान किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान की पर्याप्त क्षतिपूर्ति हो सके, इसके लिये प्रावधानों में संशोधन भी किया गया है।

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खाद, बीज के साथ सिंचाई और बिजली की व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए सिंचाई के लिये पानी और बिजली की व्यवस्थाएँ की गई हैं। कोरोना काल में जब सभी गतिविधियाँ प्राय: बंद हो रही थी, उस समय विभिन्न योजनाओं में ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रूप से जल-संरचनाओं का निर्माण करवाया गया। इससे जहाँ एक ओर स्थानीय लोगों को कोरोना काल में रोजगार मिला, वहीं दूसरी ओर भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी होने से किसानों को सिंचाई के लिये पानी की सहज उपलब्धता भी सुनिश्चित हुई। प्रदेश में बड़ी एवं लघु सिंचाई योजनाओं पर भी युद्ध स्तर पर कार्य हुआ, जिसका लाभ किसानों को मिला।

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना

किसानों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना भी शुरू की गई। इस योजना में अब तक 57 लाख 50 हजार से अधिक पात्र किसानों को दो-दो हजार के मान से लगभग 1150 करोड़ रूपये का भुगतान ऑनलाईन किया गया है। इसके अलावा किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ भी प्रतिवर्ष प्रति किसान 6 हजार रूपये पूर्व से प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि खाद, बीज और कीटनाशक दवाओं के नाम से किसानों के साथ छल करने वाले व्यवसायियों पर भी कड़ी कार्यवाहियाँ की गई हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रदेश में नकली खाद, बीज और दवाओं का विक्रय न हो।

 

 

Gwalior-Trade-Fair-2021-वाहनों-कि-खरीद-पर-मिलेगी-पंजीयन-शुल्क-में-50-फीसदी-की-छूट

एएबी समाचार ।
राज्य शासन ने ग्वालियर व्यापार मेले की काल अवधि में मेले में विक्रय होने वाले गैर परिवहन यान और छोटे परिवहन यानों के जीवन पर्यंत  पंजीयन शुल्क में 50 प्रतिशत छूट देने का आदेश जारी किया है।

 इस छूट का प्रावधान उन ऑटो मोबाइल व्यापारियों पर लागू होगा जिन्होंने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ग्वालियर से ग्वालियर व्यापार मेला परिसर में वाहन विक्रय किये जाने के लिए व्यापार प्रमाण-पत्र प्राप्त किया हो। अन्य राज्यों के ऑटो मोबाइल व्यवसायी ग्वालियर व्यापार मेले में यानों का विक्रय नहीं कर सकेंगे।

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इस सुविधा का लाभ मात्र ग्वालियर मेले से क्रय किये गये ऐसे परिवहन यानों के मालिकों को मिलेगा, जिनका पंजीयन ग्वालियर परिवहन कार्यालय ग्वालियर में होना आवश्यक है। वाहनों का अस्थाई पंजीयन मान्य नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही ग्वालियर मेला परिसर में विक्रय होने वाले यानों के भौतिक निरीक्षण एवं पंजीयन के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय का अस्थाई कार्यालय मेला परिसर में ही खोला जाएगा।

 

MP-Govt-Declares-State-Sports-Awards-for-2019

एएबी समाचार । खेल के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों एवं खेल से जुड़ी हस्तियों के लिये राज्य-स्तरीय खेल पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है । संचालक खेल एवं युवा कल्याण  पवन कुमार जैन ने शुक्रवार को  टी.टी. नगर स्टेडियम में राज्य-स्तरीय विक्रम, एकलव्य, विश्वामित्र, स्व. प्रभाष जोशी एवं लाइफ टाइम एचीव्हमेंट पुरस्कारों की घोषणा की ।
 
    

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जैन के मुताबिक वर्ष 2019 के स्व. प्रभाष जोशी पुरस्कार के लिये चयन समिति द्वारा किसी भी खिलाड़ी के नाम की अनुशंसा नहीं की गई थी। जैन ने बताया कि वर्ष 2020 के राज्य-स्तरीय पुरस्कारों के लिये नये नियम बनाये जा रहे हैं, जिसमें खिलाड़ियों एवं खेल संघों के सुझाव और समस्याओं का ध्यान रखा जायेगा।
 

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इसी सिलसिले में वर्ष 2019 के लिये भोपाल के ओलम्पियन हॉकी खिलाड़ी इनाम-उर-रहमान का नाम लाइफ टाइम एचीव्हमेंट पुरस्कार के लिये चयनित किया गया है । यह पुरस्कार वर्ष 2002 से प्रारंभ किया गया था । लाइफ टाइम एचीव्हमेंट पुरस्कार ऐसी खेल हस्ती को दिया जाता है, जिसने प्रदेश के खेलों के विकास एवं प्रोत्साहन के लिये जीवन भर योगदान दिया हो ।
 

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State Level Sports Awards : एकलव्य पुरस्कार-2019
 

ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेलों में खेले जाने वाले खेलों में व्यक्तिगत खेलों  के लिए भिण्ड के  अजातशत्रु शर्मा केनोइंग-कयाकिंग, देवास के  आदित्य दुबे सॉफ्ट टेनिस, खरगौन के  ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर शूटिंग, भोपाल की कु. गार्गी सिंह परिहार कराते, जबलपुर की कु. अंशिता पाण्डे वूशु, इंदौर के  परम पदम् बिरथरे तैराकी, भोपाल के  शंकर पाण्डेय फैंसिंग, उज्जैन के  अक्षत जोशी घुड़सवारी, इंदौर की सुश्री अनुषा कुटुम्बले टेबल-टेनिस, धार के  प्रियांशु राजावत बेडमिंटन और राजगढ़ के  गोविन्द बैरागी सेलिंग को एकलव्य पुरस्कार के लिये चयनित किया गया है।
 

Team Games : दलीय खेल 

वहीं इन्हीं खेलों में शामिल दलीय खेलों में टीकमगढ़ की कु. शिवांगनी वर्मा सॉफ्टबॉल और ग्वालियर की कु. इशिका चौधरी हॉकी शामिल हैं । परम्परागत खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में नहीं खेले जाने वाले खेल) में इंदौर की कु. नित्यता जैन शतरंज शामिल है         

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State Level Sports Awards : विक्रम पुरस्कार-2019
 

Team Games : व्यक्तिगत  खेल  

 व्यक्तिगत खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेल) में केनोइंग-कयाकिंग -भोपाल की कु. राजेश्वरी कुशराम , घुड़सवारी में - भोपाल के फराज खान , तैराकी में -इंदौर के अद्वेत पागे , आर्चरी में -जबलपुर की कु. मुस्कान किरार , सॉफ्ट टेनिस  में -देवास के  जय मीणा तथा शूटिंग में -भोपाल की कु. चिंकी यादव को वर्ष 2019 के लिये विक्रम पुरस्कार के लिये चुना गया है।

 
Team Games : दलीय खेल 

दलीय खेलों में सॉफ्टबॉल में -  इंदौर की कु. पूजा पारखे  और हॉकी में - ग्वालियर की कु. करिश्मा यादव  शामिल हैं । दिव्यांग वर्ग (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेल) जूडो  में कु. जानकी बाई  तथा परम्परागत खेलों (ओलम्पिक एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में नहीं खेले जाने वाले खेल) थ्रो-बॉल  में भोपाल के श्री चंद्रकांत हरडे को शामिल किया गया है।
 

State Level Sports Awards :  विश्वामित्र पुरस्कार-2019
 

व्यक्तिगत खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेलों में खेले जाने वाले खेल) तैराकी में - इंदौर के  अभिलाष एम.टी.  और सैलिंग में -भोपाल के गिरधारी लाल यादव  तथा दलीय खेल (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेल) खो-खो  में इंदौर के  शरद जपे को विश्वामित्र पुरस्कार के लिये चुना गया है ।
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Govt-says-No-Liquor-Sale-Above-MRP
 

एएबी समाचार । मप्र सरकार ने प्रदेश के शराब विक्रेताओं पर लगाम कसना शुरू कर दिया है । प्रदेश भर से शराब को बिक्री मूल्य से कई गुना अधिक दाम पर शराब बेचे जाने की  शिकायतें लगातार मिलने की बाद सरकार ने यह कदम उठाया है ।
 

आबकारी आयुक्त ने आदेश जारी कर लायसेंसी विदेशी व देशी  मदिरा दुकानों पर विक्रय दर की सूची अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिये है। उन्होंने  सहायक आबकारी आयुक्त एवं जिला अधिकारियों से कहा है कि प्रदेश की सभी मदिरा दुकानों पर विक्रय दरों के प्रदर्शन के सिलसिले में कड़ी नजर रखें ।
 

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आबकारी आयुक्त ने सभी शराब विक्रेताओं को ताकीद किया है कि दुकान के बाहर शराब के विक्रय मूल्य की सूची का पटल इस तरह से लगाया जाए ताकि वह आसानी से पढ़ा जा सके व बोर्ड सार्वजनिक रूप से दिखाई दे ।
 

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अगर शराब के विक्रय मूल्य की सूची के पटल का लगाने की  व्यवस्था 3 दिवस के अंदर नहीं की गयी तो  संबंधित लायसेंसी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाये । लायसेंसी मदिरा दुकानों से विक्रय दरों के प्रदर्शन के उपरांत ही मदिरा विक्रय कर सकेंगे ।

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MP-will-not-celeberate-Festivals-publicly
एएबी समाचार । मप्र में कोविड महामारी के संक्रमण को देखते हुए जहाँ एकओर सरकार ने आगामी गणेश उत्सव, मोहर्रम, जन्माष्टमी आदि त्यौहार सार्वजनिक रूप से नहीं मनाए रोक लगाई  है । वहीँ दूसरी ओर होम आइसोलेशन को बढ़ावा देने के मकसद से बिना लक्षण वाले कोरोना के मरीज, जो स्वेच्छा से घर  में ही रहना चाहते हैं, को अनुमति देने का भी मन बना लिया है ।

 COVID-19 Pandemic : त्योहारों के सार्वजनिक आयोजन की मनाही

वीडियो कान्फ्रेंस में  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश  में न तो गणेश प्रतिमाएं सार्वजनिक रूप से स्थापित नहीं का जा सकेंगी और न ही  जन्माष्टमी एवं मोहर्रम पर जुलूस व ताजिए नहीं निकाले जा सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेशवासियों से कहा है कि वे घर पर रहकर ही इन त्यौहारों को मनाएं । पूजा स्थलों पर एक बार में 5 से अधिक व्यक्ति इकट्ठे हों। उन्होंने कहा कि इस बार स्वतंत्रता दिवस भी सीमित रूप से मनाया जाएगा। कहीं भी भीड़ इकट्ठा होने की इजाजत नहीं होगी।
 

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Home Isolation : बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज रह सकेंगे घर पर 

इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज, जो स्वेच्छा से घर पर ही रहना चाहते हैं तथा जिनके घर में पर्याप्त व्यवस्था है, के 'होम आइसोलेशन' को बढ़ावा दिया जाए। 'होम आइसोलेशन' के दौरान नियमित रूप से इलाज एवं मॉनीटरिंग की अच्छी व्यवस्था की जाए। भोपाल में अभी 42 व्यक्तियों को 'होम आइसोलेशन' में रखा गया है।
 

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COVID-19 SPREAD : रिकवरी रेट बढ़ी, मृत्यु दर घटी
 

विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान बताया गया कि प्रदेश में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर निरंतर बढ़ रही है वहीँ  मृत्यु दर कम हो रही है, जो अच्छे संकेत हैं।  प्रदेश की रिकवरी रेट 74.1 प्रतिशत हो गई है तथा मृत्यु दर 2.52 प्रतिशत रह गई है।
 

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COVID-19 HOTSPOTS :सर्वाधिक नए प्रकरण इंदौर व भोपाल में
 

मुख्यमंत्री ने भोपाल व इंदौर जिलों में विशेष सावधानी रखे जाने के निर्देश दिए हैं क्योंकि जिला वार समीक्षा में पाया गया कि कोरोना के सर्वाधिक नए प्रकरण इंदौर में 145 मिले हैं । वहीँ भोपाल में 131, जबलपुर में 63, खरगोन में 44, ग्वालियर में 26 तथा मुरैना में 24 नए मरीज पाए गए हैं।
 

MASK उसे & SOCIAL DISTANCING: सख्ती से पालन कराया जाये

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री  चौहान ने जबलपुर जिले की पॉजिटिविटी रेट 9.35 प्रतिशत पर  चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि लोगों में जागरूकता फैलाई जाए कि सभी से अनिवार्य रूप से मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का प्रयोग कराया जाये । कलेक्टर द्वारा बताए जाने पर कि अभी 60 से 70 प्रतिशत व्यक्ति ही मास्क लगा रहे हैं । मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शत-प्रतिशत व्यक्ति मास्क लगाएं, जो नहीं लगाए उसके विरूद्ध जुर्माने की कार्रवाई करें ।
 

COVID-19 STATUS :  प्रदेश में कोरोना के 8715  सक्रिय मामले

समीक्षा बैठक में एसीएस हैल्थ मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के 734 नए मरीज आए हैं, 719 स्वस्थ होकर घर गए हैं तथा 16 मृत्यु हैं । इस प्रकार कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 8715 है। तुलनात्मक रूप से मध्यप्रदेश देश में सक्रिय  प्रकरणों के हिसाब से 16वें स्थान पर है।

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PM-too-praises-MP-handloom-weavers-skill

एएबी समाचार । मप्र  के हाथकरघा वस्त्रों की खास तौर पर चंदेरी, महेश्वर, सौंसर की पूरे देश में अलग पहचान है।  प्रदेश के बुनकर उत्कृष्ट श्रेणी के उत्पादों को बुनने में पारंगत  है । देश के प्रधानमंत्री भी बुनकरों के कौशल की तारीफ करते हैं तथा देश के निवासियों से अधिकाधिक स्वदेशी बुनकरों के उत्पादों का उपयोग करने का आहवान भी कर चुके हैं । 

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National Handloom Day : मृगनयनी शो-रूमका हुआ लोकार्पण 

यह विचार कुटीर एवं ग्रामोद्योश मंत्री गोपाल भार्गव ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर वल्लभ भवन तीन में हस्तशिल्प विकास निगम (National Handloom Development Corporation) द्वारा संचालित मृगनयनी शो-रूम के विक्रय केंद्र  के लोकार्पण अवसर पर व्यक्त किये ।
 

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Cottage & Village Industry : स्वदेशी आन्दोलन का सपना साकार करेगा

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री भार्गव ने के मुताबिक कुटीर एवं ग्रामोद्योग के  माध्यम से ही स्वदेशी आन्दोलन का सपना साकार होगा।  उन्होंने राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस (National Handloom Day) पर सभी  हाथकरघा बुनरों को शुभकामनाएं दी।

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Ps-Monitor-metro-Rail-project-personally-says-Minister
एएबी समाचार ।
मप्र के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने अधिकारीयों को निर्देशित किया है कि प्रदेश में मेट्रो रेल निर्धारित समय अगस्त-2023 से पहले शुरू करने का लक्ष्य तय करें।
मेट्रो रेल के कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री सिंह ने कहा कि सभी कार्यों की समय-सीमा निर्धारित करें और उसी अनुसार कार्य करें । श्री सिंह प्रमुख सचिव को  सभी कार्य  व्यक्तिगत रूप से देखने के लिए कहा, जिससे वो समय-सीमा में पूरे हो सकें।

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MP Metro Rail Project : भोपाल मेट्रो रेल के लिए खम्बे बनना शुरू

बैठक में प्रेजेंटेशन के माध्यम से भोपाल और इंदौर मेट्रो के कार्यों के संबंध में दी गयी जानकारी के मुताबिक भोपाल मेट्रो रेल के लिये एम्स से पिलर बनाने का कार्य शुरू किया गया है । अभी तक 80 पिलर बन चुके हैं । भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत 6 हजार 941 करोड़ और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की कुल लागत 7 हजार 580 करोड़ है। मंत्री भूपेंद्र सिंह  ने कहा कि प्रोजेक्ट से संबंधित कार्यों के लिये शेष टेंडर जल्द जारी करें। उन्होंने कहा कि इंदौर में भी कार्य शीघ्र शुरू किये जायें।



Mini Smart City: के कार्यों में आ रहीं दिक्कतों पर रपट पेश करें

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री  सिंह ने कहा कि कार्यों की धीमी गति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए ने जिम्मेदार अधिकारीयों को कार्यों में तेज़ी लाने के लिए ताकीद किया । प्रदेश में 13 मिनी स्मार्ट सिटी स्वीकृत हैं।  आयुक्त नगरीय प्रशासन को  निर्देश देकर मंत्री सिंह ने मिनी स्मार्ट सिटी के कार्यों को पूरा करने में आ रही कठिनाइयों के संबंध में एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा । उन्होंने कहा कि जहाँ काम नहीं हो रहा है, वहाँ की एजेंसी बदलें । एजेंसी नगरीय निकाय को बनाने पर विचार करे।

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