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AAB NEWS, All About Business

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आज सोशल मीडिया पर सभी समर्थनकर्ताओं और इन्फ्लुएंसर्स को परामर्श दिया है कि वे सट्टेबाजी और जुए से जुड़े विदेशी ऑनलाइन प्लेटफार्म के प्रचार या विज्ञापन से बचें, जिसमें किराए के विज्ञापन भी शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा है कि इन विज्ञापनों का उपभोक्ताओं, विशेषकर युवाओं पर ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए का महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ता है।

मंत्रालय ने ऑनलाइन विज्ञापन मध्यस्थों को परामर्श दिया है कि वे भारतीय लोगों के लिए ऐसी प्रचार सामग्री को लक्षित न करें। सोशल मीडिया मध्यस्थों को भी परामर्श दिया गया है कि वे अपने उपयोगकर्ताओं के बीच ऐसी सामग्री प्रकाशित करने से बचने के लिए जागरूक प्रयास करें।

परामर्श में चेतावनी दी गई है कि इसका अनुपालन करने में विफल रहने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही हो सकती है, जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट या खातों को हटाना या निष्क्रिय करना और लागू कानूनों के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई शामिल है।

परामर्श रेखांकित करता है कि जहां सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 तीसरे पक्ष की जानकारी, डेटा, या उनके द्वारा उपलब्ध या होस्ट किए गए संचार लिंक के लिए मध्यस्थों के दायित्व से छूट प्रदान करती है, वहीं धारा 79 की उपधारा (3)(बी) यह व्यवस्था प्रदान करती है कि दायित्व से छूट तब लागू नहीं होगी यदि वास्तविक जानकारी प्राप्त होने पर, या उपयुक्त सरकार या उसकी एजेंसी द्वारा सूचित किए जाने पर मध्यस्थ द्वारा नियंत्रित कंप्यूटर संसाधन में उपस्थित या उससे जुड़ी किसी भी जानकारी, डेटा या संचार लिंक का उपयोग गैरकानूनी कार्य जैसे अपराध करने के लिए किया जा रहा है और मध्यस्थ किसी भी तरह से साक्ष्य को खराब किए बिना उस संसाधन पर उस सामग्री तक पहुंच को शीघ्रता से हटाने या निष्क्रिय करने में विफल रहता है।

मंत्रालय ने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की दिनांक 06 मार्च 2024 के परामर्श को दोहराया है, जिसमें मशहूर हस्तियों और इन्फ्लुएंसर्स द्वारा सट्टेबाजी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने और समर्थन देने के लिए सट्टेबाजी/जुए से जुड़े प्लेटफार्मों के समर्थन के बारे में चिंता व्यक्त की गई थी और चेतावनी दी थी कि ऐसे किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन या समर्थन कड़ी जांच के अधीन होंगे।

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AAB NEWS/ भोपाल/ भारतीय स्टेट बैंक के भोपाल मंडल के नव-नियुक्त मुख्य महाप्रबंधक, चंद्रशेखर शर्मा का कहना है कि कार्यालयों में तनाव मुक्त वातावरण होना चाहिए। कर्मचारियों और अधिकारीयों को ग्राहकों को अच्छी सेवा  देने का मूल मंत्र है ग्राहकों को  मुस्कराहट के साथ सेवाएं प्रदान करें

यह विचार उन्होंने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक के भोपाल मंडल के नए मुख्य महाप्रबंधकके तौर पर  अपना कार्यभार ग्रहण करने के अवसर पर अपने उद्बोधन के दौरान व्यक्त किये 

भारतीय स्टेट बैंक के मीडिया अधिकारी अनिल चौबे के मुताबिक  श्री शर्मा ने 1994 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में भारतीय स्टेट बैंक में अपना सफर शुरू किया था। उनके 29 साल की सेवा काल में, उन्होंने एसबीआई के विभिन्न शाखाओं में व्यापक अनुभव हासिल किया, साथ ही एसबीआई की विदेशी सहायक कंपनी में अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, वाणिज्यिक ऋण और परिचालन के क्षेत्र में कार्य किया।

इससे पहले, वे भुवनेश्वर मंडल के मुख्य महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने हॉगकांग के क्वालून शाखा में मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में अपना सफल योगदान दिया था।

अपने पदभारग्रहण एवं नए साल के अवसर पर स्थानीय प्रधान कार्यालय स्थित सभाग्रह में समस्त स्टाफ को संबोधित करते हुये, श्री शर्मा ने सभी को नए साल की शुभकामनाएं दी और सभी के स्वस्थ्य जीवन, बैंक के प्रति समर्पण और कार्य के प्रति समर्पितता की अपील की। 

इस कार्यक्रम में, अन्य वक्ताओं ने भी सभी को संबोधित करते हुये नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुये पूर्ण विश्वास व्यक्त किया कि एसबीआई भोपाल मण्डल, श्री शर्मा के नेतृत्व मे नयी ऊचाइयों को छूते हुये नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। 

वक्ताओं में भारतीय स्टेट बैंक के महाप्रबंधक  कुंदन ज्योति, अजिताव पाराशर,  नीरज प्रसाद सहित दीपक कुमार झा उपमहाप्रबंधक एवं मण्डल विकास अधिकारी शामिल थे। उन्होने सभी उपस्थित स्टाफ सदस्यों से उत्कृष्ट ग्राहक सेवा से का प्रण लेने का आग्रह किया।

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/ यदि आप हमेशा त्वचा की देखभाल करना चाहते हैं लेकिन इसके लिए कठिन और लम्बी से विधि अपनाने का आपका मन नहीं है तो कुछ आसान और कम समय लेने वाले तरीके भी बाज़ार में मौजूद हैं। 

कभी-कभी, आप तुरंत चमक चाहते हैं और त्वचा को पानीदार और नम करना चाहते हैं तो इसके  लिए भारत में कुछ बेहतरीन फेस शीट मास्क ब्रांड आज़माए जा सकते हैं। ये अति पतली चादरें पोषक तत्वों के ऐसे मिश्रण में भिगोई जाती हैं जो जादुई असर दिखाती हैं और आपकी त्वचा में समा जाती हैं।

फेस शीट मास्क क्या है?

 
फेस शीट मास्क चेहरे के आकार के ही शीट फैब्रिक होते हैं
जिन्हें सीरम नामक पोषक तत्व के घोल में खूब भिगोया जाता है। शीट कई सामग्रियों जैसे कागज, फाइबर और जैल से बनी होती है। ये शीट मास्क, पेस्ट-प्रकार के फेशियल मास्क से भिन्न होते हैं, जिनमें आपको किसी भी त्वचा देखभाल उत्पादों को लगाने के बाद पेस्ट को धोने के बजाय केवल अतिरिक्त सीरम लगाने, हटाने या थपथपाने की आवश्यकता होती है। शीट मास्क अक्सर केवल एक बार उपयोग किए जाते हैं और अलग से पैक किए जाते हैं, जिससे वे उपयोग में कम समय लेने वाले और आसान हो जाते हैं।

त्वचा के लिए फेस शीट मास्क के क्या फायदे हैं?

 
फेस शीट मास्क, त्वचा के  निखार के मामले में तुरंत असर दिखाते हैं। पेस्ट-प्रकार के फेस मास्क की तुलना में, सीरम विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है और त्वचा को शुष्क नहीं होने देता है। आपके चेहरे पर लगी चादर सीरम को आपकी त्वचा में थोड़ी देर तक घुसने देती है। कुछ चादरें आपकी त्वचा को चमकदार और मजबूत बनाने का दावा करती हैं। सामान्य तौर पर, शीट मास्क स्पा या सैलून में जाने की तुलना में कम महंगे होते हैं, और फेस शीट मास्क आपकी त्वचा पर तुरंत चमकदार बनाते हैं। 

भारत में 5 सर्वश्रेष्ठ फेस शीट मास्क ब्रांड 
 
यदि चेहरे की चमक के लिए सैलून और स्पा में समय और पैसा खर्च करने से बचना चाहते हैं , तो कुदरती चमक के लिए फेस शीट मास्क का उपयोग करना आपके लिए आदर्श साबित होगा। आप खुद ही भारत में उपलब्ध इन बेहतरीन माने जाने वाले इन 5 फेस शीट मास्क ब्रांडों की जाँच करें!

1. फेस शॉप ग्लो मास्क शीट (Face Shop Glow Mask Sheet)


फेस शॉप ग्लो मास्क शीट
(Face Shop Glow Mask Sheet)- 10 फेस शीट मास्क का एक सेट है जो आपकी त्वचा को पानीदार (Hydrate) बनाये रखता है और पोषण देता है। प्रत्येक मास्क में बांस, कमल और ककड़ी जैसे प्राकृतिक घटक होते हैं, जो आपकी त्वचा को पोषण और कंडीशन करते हैं जिससे यह चिकनी और चमकदार हो जाती है। 

मास्क में प्राकृतिक घटक होते हैं जो महीन रेखाओं और झुर्रियों की मौजूदगी को कम करने में मदद करते हैं और त्वचा की रंगत और बनावट को भी निखारते हैं। मास्क आपकी त्वचा को भी चमकदार बनाते हैं, जिससे वह अधिक जवान और चमकदार दिखाई देती है। मास्क को लगाना और हटाना आसान है और इसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है।

2. मिनिसो- वी बेयर बियर्स कंप्रेस्ड फेशियल मास्क शीट 

(Miniso-We bare Wears Compressed Facial Mask Sheet)

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महिलाओं के लिए MINISO वी बेयर बियर्स कंप्रेस्ड फेशियल मास्क शीट आपकी त्वचा को निखारने के लिए एक अच्छा विकल्प है। ये कंप्रेस्ड फेशियल मास्क (Compressed Facial Masks) प्राकृतिक सामग्रियों से बने होते हैं और इनका मकसद  त्वचा को जरूरी नमी और पोषण प्रदान करना होता है। इनमें शुकुन देने वाले  इत्र और हर्बल अर्क भी मिलाए जाते हैं, जो चेहरे को निखारने में मदद करते हैं। इनका उपयोग करना आसान है और इन्हें पर्स या जेब में रखा जा सकता है।

4.गार्नियर स्किन नेचुरल्स फेस मास्क सेट 

(Garnier Skin Naturals Face Mask Seta)

 
गार्नियर स्किन नेचुरल्स फेस मास्क सेट चमकदार त्वचा पाने का एक तेज और आसान तरीका है। इस बंडल में दो फेस मास्क शामिल हैं: एक हाइड्रा (Hydra) बम सीरम मास्क जो हाइड्रेट(पानीदार) करता है, छिद्रों को छोटा करता है, और आपकी त्वचा की चमक में सुधार करता है
दूसरा है एक ब्लैक सीरम मास्क जो त्वचा की (रंगत) Tone को उज्ज्वल और सपाट  करने में मदद करता है। ये मास्क, जिनमें प्राकृतिक घटक शामिल हैं, आपकी त्वचा को मुलायम, रेशमी और पुनर्जीवित महसूस कराते हैं। किट में पांच मास्क शामिल हैं, जो आपको घर पर एक शांतिपूर्ण स्पा का अनुभव देते हैं।

5. टोनिमोली आईएम रियल शीट मास्क  
     TonyMoly I'm Real  Mask 

 
टोनीमोली आई एम रियल शीट मास्क के साथ अपनी त्वचा को संतुष्टि का स्पर्श दें, जो न केवल त्वचा को पानीदार (Hydrate) करता है, बल्कि आराम भी देता है और चमक भी देता है। तीन-परत वाली लुगदी शीट चाय के पेड़, गुलाब, कैक्टस, तरबूज, नारियल और चावल जैसे पोषक तत्वों से भरपूर तत्वों से लबरेज रहती है, जो सुस्त और थकी हुई त्वचा को तरोताज़ा करके पूरी तरह से बदल देती है।  यह तीन अलग-अलग रूपों में आता है: पानी, सूक्ष्म-इमल्शन, और मलाईदार लोशन। रेफ्रिजरेटर में कुछ मिनट बिताने से आपकी त्वचा काफी ठंडी और तनाव रहित  हो जाएगी।

फेस शीट मास्क का उपयोग कैसे करें? (How To Use Face Sheet Mask)

 
इसका उपयोग अत्यंत सरल है! इसे साफ चेहरे पर लगाएं, बीस से तीस मिनट के लिए उसी अवस्था में छोड़ दें, फिर हटा दें और अपने चेहरे की तुरंत आयी चमक का आनंद लें। आप इसे जब भी और जहां चाहें उपयोग कर सकते हैं। जब आप व्यस्त होते हैं और आपके पास आराम करने के लिए  समय नहीं होता है, तो ऐसे हालात में  शीट मास्क आदर्श होते हैं क्योंकि आप इनका उपयोग सफाई, खाना पकाने, पढ़ने या टीवी देखने के दौरान कर सकते हैं। अच्छी खबर यह है कि इसे लगाने के बाद आपको इसे धोना नहीं पड़ेगा!
 

सबसे अच्छा फेस शीट मास्क कैसे चुनें? How to Pick One Of The Best Mask)

 
सर्वोत्तम फेस शीट मास्क चुनने के लिए,सबसे पहले खुद से ही सवाल कीजिये  किस मकसद के लिए आप इसे खरीद रहे हैं? साथ ही आपकी त्वचा का प्रकार और आपके शीट मास्क में मौजूद पदार्थ कैसे हैं ?  प्रभावी शीट मास्क में ऐसे रसायन होने चाहिए जो आपकी त्वचा की जरूरत को पूरा करें, जैसे जलयोजन के लिए हयालूरोनिक एसिड या एंटी-एजिंग के लिए एंटीऑक्सिडेंट। ऐसे मास्क की तलाश करें जो आपकी त्वचा पर अच्छी तरह से चिपक जाएं और बहुत जल्दी सूखें भी नहीं। अप्रभावी मास्क में सक्रिय तत्व अपर्याप्त हो सकते हैं या जलन हो सकती है। यदि मास्क से तुरंत रिएक्शन  होती है तो ऐसे मास्क का उपयोग करने से बचें।

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S/  अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (ISO,International Sugar Organization) ने अपनी 63वीं परिषद बैठक में घोषणा की कि भारत वर्ष 2024 के लिए संगठन का अध्यक्ष होगा। इस संगठन का मुख्यालय लंदन में है। वैश्विक चीनी क्षेत्र का नेतृत्व करना देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह इस क्षेत्र में देश के बढ़ते कद को दर्शाता है। 

आईएसओ (International Sugar Organization) परिषद बैठक में भाग लेते हुए भारत के खाद्य सचिव श्री संजीव चोपड़ा ने कहा कि भारत 2024 में आईएसओ की अपनी अध्यक्षता की अवधि के दौरान सभी सदस्य देशों से समर्थन और सहयोग चाहता है और गन्ने की खेती, चीनी तथा इथेनॉल उत्पादन में अधिक टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने और उप-उत्पादों के बेहतर उपयोग के लिए सभी सदस्य देशों को एक साथ लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है।

भारत दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता और दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश रहा है। वैश्विक चीनी खपत में लगभग 15 प्रतिशत हिस्सेदारी और चीनी के लगभग 20 प्रतिशत उत्पादन के साथ, भारतीय चीनी रुझान वैश्विक बाजारों को बहुत प्रभावित करते हैं। यह अग्रणी स्थिति भारत को अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (
International Sugar Organisation) का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त राष्ट्र बनाती है, जो चीनी और संबंधित उत्पादों पर शीर्ष अंतरराष्ट्रीय निकाय है। इसके लगभग 90 देश सदस्य हैं।

चीनी बाजार में विश्व के पश्चिमी गोलार्ध में ब्राजील तो पूर्वी गोलार्ध में भारत अग्रणी है। अब, अमेरिका और ब्राजील के बाद इथेनॉल उत्पादन में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश होने के नाते भारत ने हरित ऊर्जा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और घरेलू बाजार में अधिशेष चीनी की चुनौतियों को जीवाश्म ईंधन आयात के समाधान में बदलने की क्षमता दिखाई है और इसे सीओपी 26 लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक उपकरण के रूप में पेश किया है। 

यह उल्लेखनीय है कि भारत में इथेनॉल मिश्रण प्रतिशत 2019-20 में 5 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 12 प्रतिशत हो गया है, जबकि इसी अवधि के दौरान उत्पादन 173 करोड़ लीटर से बढ़कर 500 करोड़ लीटर से अधिक हो गया है।

भारतीय चीनी उद्योग ने पूरे व्यापार मॉडल को टिकाऊ और लाभदायक दोनों बनाने के लिए इसके आधुनिकीकरण और विस्तार के साथ-साथ अतिरिक्त राजस्व धाराओं का सृजन करने के लिए अपने सह-उत्पादों की क्षमता के दोहन हेतु विविधीकरण में एक लंबा सफर तय किया है। 

इसने कोविड महामारी के दौरान अपनी मिलों का संचालन करके अपनी मजबूती साबित की है, जबकि देश लॉकडाउन का सामना कर रहा था और देश में मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैंड सैनिटाइज़र का उत्पादन करके आगे बढ़ रहा था।

भारत को अपने किसानों के लिए उच्चतम गन्ना मूल्य का भुगतानकर्ता होने का एक अनूठा गौरव प्राप्त है और अब भी यह बिना किसी सरकारी वित्तीय सहायता के आत्मनिर्भर तरीके से काम करने और लाभ कमाने में पर्याप्त रूप से सक्षम है। सरकार और चीनी उद्योग के बीच तालमेल ने भारतीय चीनी उद्योग को फिर से जीवंत करना और देश में हरित ऊर्जा में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में बदलना संभव बना दिया है। 

किसानों के लंबित गन्ना बकाये का युग अब बीते जमाने की बात हो गई है। पिछले सीजन 2022-23 के 98 प्रतिशत से अधिक गन्ना बकाया का भुगतान पहले ही किया जा चुका है और पिछले गन्ना मौसम के 99.9 प्रतिशत से अधिक गन्ना बकाया का भुगतान हो चुका है। इस प्रकार, भारत में गन्ना बकाया लंबित राशि अब तक के सबसे निचले स्तर पर है।

भारत ने न केवल किसानों और उद्योग का ध्यान रखकर बल्कि उपभोक्ताओं को भी आगो रखकर मिसाल कायम की है। घरेलू चीनी खुदरा कीमतें सुसंगत और स्थिर हैं। जहां वैश्विक कीमतें एक वर्ष में लगभग 40 प्रतिशत बढ़ जाती हैं वहीं भारत चीनी उद्योग पर अतिरिक्त बोझ डाले बिना पिछले साल से 5 प्रतिशत की वृद्धि के भीतर चीनी की कीमतों को नियंत्रित करने में सक्षम रहा है।

तकनीकी पक्ष पर भी, राष्ट्रीय चीनी संस्थान, कानपुर ने अपना विस्तार किया है और इस क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए इंडोनेशिया, नाइजीरिया, मिस्र, फिजी आदि सहित कई देशों के साथ सहयोग कर रहा है।

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नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि व्यवस्थित दृष्टिकोण के माध्यम से विभिन्न हवाई-अड्डों पर भीड़ को कम किया गया। उन्होंने आज नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित किया। 

इस दौरान श्री सिंधिया ने हवाई-अड्डों पर भीड़ कम करने के लिए उठाए जा रहे व्यापक उपायों की जानकारी दी। ये उपाय पिछले त्योहारी मौसम के दौरान सामने आई चुनौतियों को देखते हुए उठाए गए हैं और इसका उद्देश्य सभी यात्रियों के लिए एक सुगम और कुशल यात्रा अनुभव सुनिश्चित करना है। 

इस अवसर पर नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल डॉ. विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत) और मंत्रालय में सचिव श्री वुमलुनमंग वुअल्नम भी उपस्थित थे।


मंत्री ने बताया कि पिछले साल त्योहारी मौसम/सर्दियों- 2022 के दौरान प्रमुख हवाईअड्डों पर भीड़ की समस्या देखी गई थी। यह चिंता का कारण बन गई थी क्योंकि, यात्रियों को विभिन्न संपर्क स्थलों पर यात्रा संबंधित प्रक्रियाओं के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा था।

केंद्रीय मंत्री ने दिसंबर, 2022 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के लिए व्यक्तिगत रूप से दिल्ली हवाईअड्डे का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने हवाईअड्डे की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के साथ बुनियादी ढांचे में जरूरी विकास के निर्देश दिए थे।

इसके साथ ही, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई जैसे अन्य प्रमुख हवाईअड्डा संचालकों को भी यात्री प्रसंस्करण में बाधाओं की पहचान करने और बढ़ती यात्री मांगों को पूरा करने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का निर्देश दिया गया, जिससे आगामी त्योहारी मौसम और यात्रियों की अधिक संख्या के दौरान ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।

इसके बाद सितंबर, 2023 में 10 और हवाईअड्डों की पहचान की गई, जहां हवाईअड्डा परिचालकों को जहां भी आवश्यकता हो, अपनी क्षमता बढ़ाकर भविष्य में भीड़ को कम करने के लिए सक्रिय उपाय करने के लिए जागरूक किया गया। भीड़भाड़ के कारणों की पहचान करने के साथ इसे दूर करने की कार्य योजना तैयार की गई और उसे कार्यान्वित किया गया।
 

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इन बाधाओं को दूर करने और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता में सुधार करने के लिए कई उपाय किए गए हैं, जिनका सारांश निम्नलिखित है:

1. दिल्ली, मुंबई और अन्य हवाईअड्डों पर वेटिंग लाउन्ज, रिटेल आउटलेट्स, ऑफिस    की जगह को हटा कर दिया गया है, जिससे वहां अधिक यात्री बुनियादी सुविधाओं को समायोजित करने के लिए जगह बनाई जा सके।

2. यात्रियों को प्रतीक्षा समय के बारे में सूचित करने के लिए प्रवेश और पुलिस नाका स्थलों पर प्रतीक्षा समय स्क्रीन लगाई गई हैं।

3. अतिरिक्त प्रवेश द्वार/लेनें खोल दी गई हैं।

4. हवाईअड्डे परिचालकों ने स्वचालित प्रवेश की सुविधा के लिए प्रवेश द्वारों पर 2डी बार कोड स्कैनर लगाए और एयरलाइन्स को सलाह दी गई कि वे यात्रियों को जारी किए गए टिकटों पर बार कोड सुनिश्चित करें, जिससे यात्रियों के सुचारू प्रवेश की सुविधा के लिए इसे बार कोड स्कैनर द्वारा पढ़ा जा सके।

5. यात्रियों की सहायता के लिए सहायक कर्मियों की तैनाती की गई है।

6. प्रवेश और सुरक्षा जांच क्षेत्र, दोनों पर प्रतीक्षा क्षेत्र बढ़ा दिया गया है।

7. हवाईअड्डा परिचालकों को जगह की उपलब्धता के अनुरूप खुद बैग ड्रॉप सुविधा स्थापित करने की सलाह दी गई है।

8. एयरलाइन्स को सभी चेक-इन/बैगेज ड्रॉप काउंटरों पर पर्याप्त कर्मियों तैनात करने की सलाह दी गई है।

9. हवाई जहाज पर सवार होने से पहले सुरक्षा जांच स्थलों पर एक्स-रे मशीनों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है।

10. हवाईअड्डे के पारगमन को निर्बाध बनाने के लिए यात्रियों को रियल टाइम पर अपडेट प्रदान करने के लिए सोशल मीडिया मंचों का उपयोग।

11. सुगम यात्रा अनुभव के लिए हवाईअड्डों पर चरणबद्ध तरीके से डिजी यात्रा शुरू की गई है।

12. भीड़ कम करने के उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए हवाईअड्डा परिचालकों, एयरलाइन्स और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के स्तर पर दैनिक आधार पर निगरानी।

 

इसके अलावा श्री सिंधिया ने बताया कि आव्रजन काउंटरों पर 100 फीसदी कर्मचारी सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय/आव्रजन ब्यूरो से संपर्क किया गया है। इसके अलावा क्षमता में बढ़ोतरी करके संबंधित हवाईअड्डों पर स्वीकृत संख्या को बढ़ाने के लिए सीआईएसएफ की तैनाती बढ़ाने के संबंध में गृह मंत्रालय/सीआईएसएफ को भी सक्रिय रूप से तैयार किया गया है। 

इसके अलावा हवाईअड्डा परिचालकों को आव्रजन/उत्प्रवासन काउंटरों और सुरक्षा मशीनों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए भी कहा गया है। इसके साथ ही बीओआई और सीआईएसएफ से इस उन्नत बुनियादी ढांचे को संचालित करने के लिए अपने कर्मियों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।

मंत्री ने कहा कि डिजी यात्रा 13 हवाईअड्डों पर शुरू की गई है। इसकी शुरुआत के बाद से 91 लाख से अधिक यात्रियों ने हवाईअड्डों के माध्यम से यात्रा करने के लिए डिजी यात्रा की सुविधा का लाभ उठाया है। 

इसके अलावा साल 2024 के दौरान 14 और हवाईअड्डों यानी चेन्नई, भुवनेश्वर, कोयंबटूर, डाबोलिम, मोपा गोवा, इंदौर, बागडोगरा, चंडीगढ़, रांची, नागपुर, पटना, रायपुर, श्रीनगर और विशाखापत्तनम पर डिजी यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी।  इसके बाद चरणबद्ध तरीके से सभी हवाईअड्डों पर डिजी यात्रा की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

मंत्री हवाईअड्डों पर भीड़ कम करने के लिए चिन्हित हवाईअड्डा परिचालकों और बीसीएएस के साथ साप्ताहिक आधार पर शमन उपायों की समीक्षा कर रहे हैं और प्रमुख हवाईअड्डों पर विकास के तहत महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की प्रगति की निगरानी भी कर रहे हैं।

श्री सिंधिया ने बताया कि दिल्ली हवाईअड्डे के अत्याधुनिक टर्मिनल-1 बिल्डिंग पर चौथे रनवे और ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे की शुरुआत, बेंगलुरु हवाई अड्डे पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परिचालन के साथ नए टी2 टर्मिनल की शुरुआत, हैदराबाद हवाईअड्डे पर विस्तारित टर्मिनल बिल्डिंग हवाईअड्डा, मुंबई हवाईअड्डे पर 3 और सुरक्षा लेन जोड़कर पूर्व-आरोहण सुरक्षा जांच क्षेत्र का पुनर्गठन, जल्द ही लखनऊ हवाई अड्डे पर नया टर्मिनल भवन पूरा किया जाएगा। 

इसकी आशा की जाती है कि ये हवाईअड्डे अधिक संख्या में यात्रियों को कुशलतापूर्वक संभालने में सक्षम होंगे और यात्रियों के लिए आरामदायक व बाधा मुक्त यात्रा सुनिश्चित करेंगे।

आने वाले दिनों में गुवाहाटी और पटना हवाईअड्डों पर बढ़ी हुई क्षमता वाले नए टर्मिनल भवनों को संचालित किया जाएगा, जिससे इन हवाईअड्डों पर यात्री प्रबंधन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। नोएडा (जेवर) और नवी मुंबई हवाईअड्डों पर नए हरित क्षेत्र हवाईअड्डों का परिचालन इनके क्रमश: निकटवर्ती दिल्ली और मुंबई हवाईअड्डों की क्षमताओं की बढ़ोतरी में सहायक होगा।

FSSAI Guidance Notes-मिलेट्स  होते हैं कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस  और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर

AAB NEWS /
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भारत के राजपत्र में अधिसूचित खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) द्वितीय संशोधन विनियम, 2023 के माध्यम से बाजरा (मिलेट्स) के लिए एक व्यापक समूह मानक तय किया है और इसे 1 सितंबर, 2023 से लागू किया जाएगा।

मिलेट्स छोटे दाने वाली खाद्य फसलों का एक समूह है जो सूखे और अन्य चरम मौसम स्थितियों में भी पैदा होती हैं और इन्हें उर्वरक और कीटनाशक जैसे कम रसायनिक पदार्थों की जरूरत होती है। अधिकांश मिलेट्स भारत की मूल फसलें हैं और वे मानव शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक अधिकांश पोषक तत्व प्रदान करती हैं। 

मिलेट्स ग्लूटन-फ्री भी होते हैं; ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) में कम; और कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस आदि सहित आहार फाइबर और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होने की वजह से मिलेट्स सही मायनों में हमारे दैनिक आहार का एक अभिन्न अंग होना चाहिए।

एफएसएसएआई गाइडेंस नोट ("बाजरा - पोषक-अनाज") मिलेट्स की खपत के पोषण संरचना और लाभों के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करता है। मिलेट्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के लिए, अप्रैल 2018 में मिलेट्स को "न्यूट्री अनाज" के रूप में फिर से ब्रांड किया गया और "2018" को मिलेट्स के राष्ट्रीय वर्ष के रूप में नामित किया गया। 

बाद में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च 2021 में अपने 75वें सत्र में 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया। यह वैश्विक उत्पादन, कुशल प्रसंस्करण और फसल रोटेशन के बेहतर उपयोग को बढ़ाने और फूड बास्केट के प्रमुख घटक के रूप में मिलेट्स को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा।

वर्तमान में, खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियमों, 2011 में केवल कुछ मिलेट्स जैसे सोरघम (ज्वार), साबुत और छिले हुए मिलेट अनाज (बाजरा), रागी और चौलाई जैसे कुछ मिलेट्स के लिए व्यक्तिगत मानक निर्धारित हैं। 

एफएसएसएआई ने अब घरेलू और वैश्विक बाजारों में अच्छी गुणवत्ता (मानकीकृत) मिलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 15 प्रकार के मिलेट्स के लिए एक व्यापक समूह मानक तैयार किया है जिसमें 8 गुणवत्ता मानकों को रेखांकित किया गया है, जैसे कि- नमी की मात्रा, यूरिक एसिड की मात्रा, बाहरी पदार्थ, अन्य खाद्य अनाज, डिफेक्ट्स, घुन वाले अनाज और अपके और सूखे अनाज की अधिकतम सीमा।

समूह मानक निम्नलिखित मिलेट्स पर लागू होता है:

1. अमरांथस (चौलाई या राजगिरा)

2. बार्नयार्ड मिलेट्स ((समेकचावल या सनवा या झंगोरा)

3. ब्राउन टॉप (कोरले)

4. कुट्टू

5. क्रैब फिंगर (सिकिया)

6. रागी या मंडुआ

7. फोनियो (आचा)

8. फॉक्सटेल मिलेट (कंगनी या काकुन)

9. जॉब्स टीयर्स (एडले)

10. कोदो

11. कुटकी

12. बाजरा

13. प्रोसो मिलेट (चीना)

14. ज्वार

15. टेफ़ (लवग्रास)

 

Jeevan-Praman-Patra-Submission-Date-Extended-पेंशन-भोगी-अब-28-फरवरी-2021-तक-जमा-कर-सकेंगे-जेपीपी

एएबी समाचार ।
कोविड-19 महामारी और कोरोना वायरस से बुजुर्ग आबादी की सुरक्षा के ईपीएफओ ने ईपीएस 1995 के तहत पेंशन पाने वाले पेंशनभोगियों के संबंध में जीवन प्रमाण पत्र (JPP) जमा करने की समय सीमा 28 फरवरी 2021 तक बढ़ा दी है ।  वर्तमान में एक पेंशनभोगी 30 नवंबर तक किसी भी समय जेपीपी जमा कर सकता है, जो जारी होने की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए वैध होता है।

ऐसे सभी पेंशनभोगी 28 फरवरी, 2021 तक जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। जेपीपी जमा करने के लिए कई तरीके हैं जिनमें 3.65 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी), पेंशन संवितरण बैंकों की 1.36 लाख डाकघर शाखाएं,  डाक विभाग के अंतर्गत 1.90 लाख डाकिया और ग्रामीण डाक सेवकों का पोस्टल नेटवर्क शामिल हैं जिसका लाभ पेंशनभोगियों द्वारा उठाया जा सकता है।

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पेंशनभोगी निकटतम सीएससी  का पता लगाने के लिए लिंक का उपयोग कर सकते हैं और अपने घर या अन्य जगहों पर आराम से जेपीपी जमा करने के लिए डाकघरों में ऑनलाइन अनुरोध करने के लिए लिंक पर जा सकते हैं

केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री  संतोष गंगवार ने ईपीएफओ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संगठन ने प्रक्रियाओं को सरल बनाने और डिजिटल इंडिया मुहिमा को तेज करने के साथ पेंशनभोगियों की मदद करने के लिए एक सराहनीय काम किया है और जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की समय सीमा को बढ़ाकर 28 फरवरी 2021 कर दिया है। इस कदम से ईपीएफओ के 35 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।

इस विस्तारित अवधि के दौरान ऐसे 35 लाख पेंशनभोगियों की पेंशन बंद नहीं की जाएगी जो कि नवंबर, 2020 के दौरान जेपीपी जमा नहीं कर सके।

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एएबी समाचार।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा हाल ही में राजपत्र में जारी की गयी अधिसूचना  के मुताबिक ‘फास्टैग’ ( FASTag) का उपयोग करने वालों को ही  टोल शुल्क प्लाजा (Toll Plaza)  पर वापसी यात्रा डिस्‍काउंट या कोई भी अन्य छूट प्राप्‍त सकेंगीं ।  जो भी उपयोगकर्ता  24 घंटे के भीतर वापसी यात्रा करने के लिए डिस्‍काउंट अथवा किसी अन्य स्थानीय छूट का दावा करना चाहते हैं उसके लिए वाहन पर एक वैध कार्यात्मक (active) ‘फास्टैग’ लगाना आवश्यक होगा ।
 

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राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 में संशोधन करने के लिए  राजपत्र अधिसूचना संख्या 534 ई, में अधिसूचित किया गया है कि  राष्ट्रीय राजमार्गों के शुल्क प्लाजा पर डिजिटल भुगतान के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक अहम कदम है । इस तरह की छूट (डिस्‍काउंट) प्राप्‍त करने के लिए देय शुल्क का भुगतान केवल प्री-पेड तरीकों , स्मार्ट कार्ड या ‘फास्टैग’ अथवा ऑनबोर्ड यूनिट (ट्रांसपोंडर) या इसी तरह के किसी अन्य उपकरण के जरिए किया जाएगा।  
 

अधिसूचना में नियमों में संशोधनों के बारे में उल्लेख किया गया है कि -
i. 24 घंटे के भीतर वापसी या रिटर्न यात्रा पर डिस्‍काउंट प्राप्‍त करने के लिए, यह ‘फास्टैग’ या इसी तरह के अन्य उपकरण के माध्‍यम से संभव होगा और स्वत: होगा तथा किसी पास की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
ii. अन्य सभी मामलों में छूट या डिस्‍काउंट प्राप्‍त करने के लिए,  एक वैध ‘फास्टैग’ होना अब अनिवार्य कर दिया गया है।


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नवीनतम संशोधन से यह भी संभव होगा कि जिन मामलों में 24 घंटे के भीतर वापसी या रिटर्न यात्रा के लिए डिस्‍काउंट उपलब्ध है, उनमें पूर्व रसीद या सूचना की कोई आवश्यकता नहीं होगी और संबंधित नागरिक को छूट अपने-आप मिल जाएगी, बशर्ते कि वापसी यात्रा 24 घंटे के भीतर निश्चित रूप से हो जाए एवं संबंधित वाहन पर एक वैध व कार्यात्मक ‘फास्टैग’ अवश्‍य लगा हो।

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