Articles by "Bazaar Scan"
Bazaar Scan लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
WHATSAPP-USERS-TOO-CAN-DO-UPI-PAYEMENTS-भारतीय-राष्ट्रीय-भुगतान-निगम-ने-दी-अनुमति

एएबी समाचार ।
त्वरित सन्देश प्रेषक एप -व्हाट्सऐप (WhatsApp) काफी मशक्कत के बाद आखिरकार भारत में अपनी भुगतान सेवा शुरु करने की मंजूरी मिल गई है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने भारत में WhatsApp Payments को शर्ताबद्ध इजाजत दे दी है । शर्त के मुताबिक व्हाट्स एप शुरूआती तौर पर केवल दो करोड़ उपयोग कर्ताओं के साथ इस भुगतान सेवा को चला सकता है । बाद में वह धीरे -धीरे उपयोग कर्ताओं की इस संख्या को चरणबद्ध तरीके से बढ़ा सकेगा ।
 
 
जानकारी के मुताबिक भारत में व्हाट्सऐप के उपयोग कर्ताओं की संख्या 40 करोड़ से अधिक है । व्हाट्स एप अपने चुनिंदा उपयोग कर्ताओं को जल्द ही WhatsApp पर भुगतान का विकल्प उपलब्ध करने जा रहा है । एकीकृत भुगतान अंतराप्रष्ठ (UPI-Unique Payment Interface) के क्षेत्र में सेवाएँ देने की WhatsApp को मंजूरी मिलने से इस क्षेत्र में पहले से ही काम कर रही कंपनियों -गूगल पे (GooglePay), फोन पे (PhonePay), पेटीएम (PayTM) और जियो पे (JioPay) को कड़ी टक्कर मिलेगी।
 
इसकी खास वजह यह है कि भुगतान के लिए लोगों को अलग से ऐप मोबाइल में संस्थापित नहीं करना पड़ेगा । कंपनी पिछले दो साल से भारत में WhatsApp Pay की परीक्षण कर रही है । व्हाट्सऐप को सिर्फ भारत सरकार की ओर से अनुमति मिलने की बात जोह रही थी । कई हजार उपयोग करता पहले से ही बीटा वर्जन पर WhatsApp Pay का इस्तेमाल कर रहे हैं। 
 
तृतीय पक्षीय सेवा प्रदाता के ऐप के लिए लेनदेन की सीमा तय

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने व्हाट्सऐप को हरी झंडी देने के साथ ही तृतीय पक्षीय सेवा प्रदाता के ऐप के लिए UPI लेनदेन की सीमा तय कर दी है, जो 1 जनवरी, 2021 से लागू होगी। नए नियम के मुताबिक एक तृतीय पक्षीय सेवा प्रदाता के ऐप UPI लेनदेन का अधिकतम 30% के बराबर ही राशि का अंतरण कर सकेगी । उदाहरण के लिए यदि कुल UPI लेनदेन 100 है तो कोई एक तृतीय पक्षीय सेवा प्रदाता ऐप जैसे WhatsApp Pay, पेटीएम, गूगल और जियो पे एक महीने में 30% यानी 30 लेनदेन ही कर सकती है। यह फैसला भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने एकीकृत भुगतान अंतराप्रष्ठ (UPI-Unique Payment Interface) पर किसी एक ऐप के एकाधिकार से बचाने के लिए लिया गया है।
 
ऐसे बनाएं WhatsApp Pay अकाउंट
 
- WhatsApp को खोलें और पटल पर ऊपर दाहिने में दिए गए तीन बिन्दुओं वाले चिन्ह पर जाएं।

- वहां दिए गए भुगतान के विकल्प पर जाएं और भुगतान का तरीका चुने पर टैप करें। यहां आपको विभिन्न बैंकों के विकल्प मिलेंगे।
 
- बैंक का नाम चयन करने के बाद बैंक से लिंक आपके मोबाइल नंबर का सत्यापन होगा। इसके लिए SMS के जरिये सत्यापित करने के विकल्प पर टैप करें । यह सुनिश्चित कर लें कि आपका व्हाट्सऐप नंबर और बैंक खाते से जुड़ा नंबर समान हो।
 

  यह भी पढ़ें : Every District Will have janaushidhi kendra till 2025

 

- जैसे ही सत्यापन को पूरा करने के बाद आपको भुगतान का समायोजन पूरा करना होगा। इसके लिए आपको UPI पिन बनानी होगी जैसे कि दूसरे भुगतान ऐप में होता है।
इस तरह करें लेनदेन
 
- WhatsApp Pay से लेनदेन करने के लिए जिस व्यक्ति को पैसे भेजने हैं, उसका चैट खोलें और अटैचमेंट के प्रतीक पर टैप करें।
 
- इसके बाद Payment पर टैप करें और जितनी धनराशी भेजना है, प्रविष्ट करें।
 
- इसके बाद UPI डालें, भुगतान हो जाएगा और इसका पुष्टि सन्देश मिल जाएगा।
 
The publisher earns affiliate commissions from Amazon for qualifying purchase. The opinions expressed about the independently selected products mentioned in this content are those of the publisher, not Amazon. 

Mandatory-jute-material-packaging-for-sugar-and-foodgrains

एएबी समाचार ।
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने जूट उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से खाद्यान्‍नों की शत-प्रतिशत  और  चीनी की 20 फीसदी पैकिंग  अनिवार्य रूप से विविध प्रकार के जूट बोरों में  किए जाने को मंजूरी दी है।

 सरकार ने जूट पैकिंग सामग्री अधिनियम, 1987 के तहत अनिवार्य रूप से पैकिंग किए जाने के इस मानक को विस्‍तारित करते हुए कहा है कि इस कदम से चीनी को विविध प्रकार के जूट बोरों में पैक किए जाने के निर्णय से जूट उद्योग को काफी बल मिलेगा ।


 यह भी पढ़ें : Risk Free Ways To Earn Money ऐसे कमा सकते हैं बिना जोखिम पैसा

 इसके अलावा, यह भी अनिवार्य किया गया है कि खाद्यान्‍नों की पैकिंग के लिए शुरू में 10 प्रतिशत जूट बोरों की खरीद जीईएम पोर्टल पर रिवर्स ऑक्शन के जरिए होगी। इससे भी धीरे-धीरे इनकी कीमतों में वृद्धि होगी। अगर जूट पैकिंग सामग्री की आपूर्ति में कोई कमी अथवा व्‍यवधान आता है अथवा किसी तरह की कोई प्रतिकूल स्थिति पैदा होती है तो कपड़ा मंत्रालय अन्‍य संबद्ध मंत्रालयों के साथ मिलकर उपबंधों में छूट दे सकता है और खाद्यान्‍नों की अधिकतम 30 प्रतिशत पैकिंग किए जाने का निर्णय ले सकता है।

 जूट क्षेत्र पर लगभग 3.7 लाख श्रमिक और कई लाख किसान परिवारों की आजीविका निर्भर है जिसे देखते हुए सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए काफी संगठित प्रयास कर रही है। जिसमें कच्‍चे जूट के उत्‍पादन और मात्रा को बढ़ाना, जूट सेक्‍टर का विविधीकरण करना और जूट उत्‍पादों की सतत मांग को बढ़ावा देना आदि शामिल है।      


      यह भी पढ़ें : हर शो के बाद सिनेमाघर को करना होगा सैनेटाइज़

 देश की पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों को होगा विशेष फायदा
 

सरकार की इस अनुमति से देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर खासकर पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, आंध्र प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा के किसानों तथा श्रमिकों को लाभ मिलेगा। जूट सामग्री (पैकिंग सामग्री में अनिवार्यत: इस्‍तेमाल,1987, जेपीएम अधिनियम) के तहत कुछ विशेष सामग्रियों की पैकिंग के लिए जूट के अनिवार्य इस्‍तेमाल की बात कही गई है ।

 यह इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों के कल्‍याण के लिए किया गया है और मौजूदा प्रस्‍ताव में पैकिंग के जो मानक तय किए गए हैं उनसे भी देश में कच्‍चे जूट के घरेलू इस्‍तेमाल और जूट पैकिंग सामग्री को बढ़ावा मिलेगा। इससे देश को आत्‍मनिर्भर भारत की दिशा में ले जाने में मदद मिलेगी।

 जूट उद्योग मुख्‍यत: सरकारी क्षेत्र पर निर्भर है और प्रतिवर्ष खाद्यान्‍नों की पैकिंग के लिए सरकार 7500 करोड़ रुपये से अधिक कीमत के जूट बोरों की खरीद करती है। यह जूट क्षेत्र की मांग को जारी रखने और इस क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों और किसानों की आजीविका को सहारा देने की दिशा में एक कदम है।


यह भी पढ़ें : New-Bill-Allow-Farmers-To-Sell-Produce-At-Any-Place

 जूट क्षेत्र को दी गई अन्‍य प्रकार की सहायता:

 
 सरकार ने कच्‍चे जूट की उत्‍पादकता और गुणवत्‍ता में सुधार लाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम जूट आईसीएआरई को डिजाइन किया है । इसके तहत सरकार विभिन्‍न प्रकार की कृषि पद्धतियों को उपलब्‍ध कराकर दो लाख जूट किसानों की मदद कर रही है । 

जिसमें बीजों को जमीन में पंक्तियों में बुवाई, व्‍हील-होइंग और नेल-वीडर्स का इस्‍तेमाल करके खरपतवार का प्रबंधन करना और गुणवत्‍ता युक्‍त प्रमाणित बीजों का वितरण करना तथा सूक्ष्‍म जीवों की मदद से कच्‍चे जूट को सड़ाने की प्रक्रिया शामिल है ।  सरकार के इन मध्‍यवर्ती प्रयासों से कच्‍चे जूट की गुणवत्ता और उत्‍पादन में काफी इजाफा हुआ है और जूट किसानों की आमदनी बढ़कर 10,000 रुपये प्रति हेक्‍टेयर हो गई है।

 हाल ही में भारत जूट निगम ने वाणिज्यिक आधार पर 10,000 क्विंटल प्रमाणित बीजों के वितरण के लिए राष्ट्रीय बीज निगम के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए हैं । तकनीकी उन्‍नयन और प्रमाणित बीजों के वितरण से जूट फसलों की गुणवत्ता और उत्‍पादकता में बढ़ोतरी होगी और इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।

 जूट सेक्‍टर के विविधीकरण को बढ़ावा देने के मद्देनजर राष्‍ट्रीय जूट बोर्ड ने राष्‍ट्रीय डिजाइन संस्‍थान के साथ एक समझौता किया है और इसी के अनुरूप गांधी नगर में एक जूट डिजाइन प्रकोष्‍ठ खोला गया है। इसके अलावा, विभिन्‍न राज्‍य सरकारों खासकर पूर्वोत्तर क्षेत्र में जूट जियो टेक्‍सटाइल्‍स और एग्रो टेक्‍सटाइल्‍स को बढ़ावा दिया गया है। इसमें सड़क परिवहन और जल संसाधन मंत्रालय की भी सहभागिता है। 

  यह भी पढ़ें : Every District Will have janaushidhi kendra till 2025

 जूट सेक्‍टर में मांग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बांग्‍लादेश और नेपाल से जूट वस्‍तुओं के आयात पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई है और यह 5 जनवरी, 2017 से प्रभावी है। जूट क्षेत्र में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दिसम्‍बर, 2016 में जूट स्‍मार्ट ई- कार्यक्रम की पहल की है जिसमें बी-टी विल किस्‍म के टाट के बोरों की खरीद के लिए सरकारी एजेंसियों ने एक समन्वित प्‍लेटफॉर्म उपलब्‍ध कराया है।

 इसके अलावा, भारत जूट निगम न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य और वाणिज्यिक अभियानों के तहत जूट की ऑनलाइन खरीद के लिए जूट किसानों को 100 प्रतिशत धनराशि हस्‍तांतरित कर रहा है । 

Chance-to-win-iPhone 11Pro   The publisher earns affiliate commissions from Amazon for qualifying purchase. The opinions expressed about the independently selected products mentioned in this content are those of the publisher, not Amazon.

Govt-says-No-Liquor-Sale-Above-MRP
 

एएबी समाचार । मप्र सरकार ने प्रदेश के शराब विक्रेताओं पर लगाम कसना शुरू कर दिया है । प्रदेश भर से शराब को बिक्री मूल्य से कई गुना अधिक दाम पर शराब बेचे जाने की  शिकायतें लगातार मिलने की बाद सरकार ने यह कदम उठाया है ।
 

आबकारी आयुक्त ने आदेश जारी कर लायसेंसी विदेशी व देशी  मदिरा दुकानों पर विक्रय दर की सूची अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिये है। उन्होंने  सहायक आबकारी आयुक्त एवं जिला अधिकारियों से कहा है कि प्रदेश की सभी मदिरा दुकानों पर विक्रय दरों के प्रदर्शन के सिलसिले में कड़ी नजर रखें ।
 

यह भी पढ़ें : Youth Clubs Will Work To Make Fit India

आबकारी आयुक्त ने सभी शराब विक्रेताओं को ताकीद किया है कि दुकान के बाहर शराब के विक्रय मूल्य की सूची का पटल इस तरह से लगाया जाए ताकि वह आसानी से पढ़ा जा सके व बोर्ड सार्वजनिक रूप से दिखाई दे ।
 

यह भी पढ़ें : Samsung Note 20 Ultra is like Computer in Pocket

अगर शराब के विक्रय मूल्य की सूची के पटल का लगाने की  व्यवस्था 3 दिवस के अंदर नहीं की गयी तो  संबंधित लायसेंसी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाये । लायसेंसी मदिरा दुकानों से विक्रय दरों के प्रदर्शन के उपरांत ही मदिरा विक्रय कर सकेंगे ।

 Chance-to-win-iPhone 11Pro

The publisher earns affiliate commissions from Amazon for qualifying purchases. The opinions expressed about the independently selected products mentioned in this content are those of the publisher, not Amazon.

Make-In-India-will-reduce-the-goods-import
 एएबी समाचार । केंद्र सरकार ने आत्‍मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में व्‍यापारियों से प्रधानमंत्री की ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा देने की अपील का उल्लेख करते हुए बताया कि एक अनुमान से लगभग 10 लाख करोड़ रूपये के बराबर के आयातों का आसानी से स्‍वदेशी रूप से उत्‍पादित वस्‍तुओं के साथ पूर्ती  की जा सकती  है ।

 MAKE IN INDIA : व्यापारी ग्राहकों को भारत में बने उत्पाद खरीदने करें जागरूक

 केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री  पीयूष गोयल राष्‍ट्रीय व्‍यापारी दिवस के अवसर पर व्‍यापारी समुदाय से वर्चुअल तरीके से बातचीत करते हुए कहा कि ग्राहक जागरूकता अभियान आरंभ करना चाहिए, जिससे कि लोग मेक इन इंडिया वस्‍तुओं को खरीदें।  मंत्री ने व्यापारियों से भ्रष्‍ट व्‍यवसायायों तथा व्‍यापारियों का पर्दाफाश करने में व्हिसिल ब्‍लोअर के रूप में कार्य करने को कहा जो शत्रु देशों से घटिया गुणवत्‍ता वाली वस्‍तुओं का आयात करने पर आमादा है।


                        यह भी पढ़ें :  PM too praises MP handloom weavers skill

MAKE IN INDIA : देश की अर्थव्यवस्था को बनाएगा आत्मनिर्भर 

व्‍यापारिक समुदाय के आत्‍मनिर्भर भारत अभियान से काफी लाभान्वित होने की उम्मीद जताते हुए श्री गोयल ने व्यापारियों से कहा कि भारत में बनी अच्‍छी गुणवत्‍ता वाली वस्‍तुएं बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था वाले देशों में बिकेगी, जिससे कीमतों में कमी आयेगी और हमारे उत्‍पादों को अंतर्राष्‍ट्रीय बाजारों में प्रतिस्‍पर्धी बनायेगी।
 

  यह भी पढ़ें : इस तकनीक से स्मार्ट टीवी में बदल जाता है पुराना एनालॉग टीवी

MAKE IN INDIA :  भारत में बने उत्पादों को बढाया देने के उत्पादों के आयात पर लगी पाबन्दी

इससे न केवल अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन होगा बल्कि लोगों में समृद्धि आयेगी और उनकी क्रय शक्ति‍ बढ़ेगी । उन्‍होंने कहा कि सरकार ने पहले ही कई आयातित मदों जैसे- अगरबत्‍ती, खेल के सामान, टीवी, टेलीफोन, टॉयर आदि पर प्रतिबंध लगा रखा है जिन्‍हें हमारे देश में आसानी से उत्‍पादित किया जा सकता है।
 

यह भी पढ़ें : MP Extends ITI Entrance Last Date

उन्होंने कोविड महामारी के दौरान और विशेष रूप से लॉकडाउन अवधि में इस देश के प्रत्‍येक हिस्‍से में अनिवार्य वस्‍तुओं की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने में व्‍यापारियों की भूमिका की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कठिन समय में व्‍यापारियों द्वारा निभाई गई महत्‍वपूर्ण भूमिका को स्‍वीकार किया है तथा मन की बात में इसका उल्‍लेख किया है। उन्‍होंने कहा कि व्‍यापारियों ने उपभोक्‍ताओं एवं उत्‍पादकों के बीच एक महत्‍वपूर्ण सेतु के रूप में काम किया है।
 

  यह भी पढ़ें : NEP visions india as world's superpower of knowledge

मंत्री श्री गोयल ने व्‍यापारियों से ऐसी टीमों के गठन करने की अपील की जो देश के विभिन्‍न हिस्‍सों तथा विभिन्‍न व्‍यापारों से सुझाव एकत्रित कर सकें। उन्‍होंने कहा कि एक ही फार्मूला हर जगह लागू नहीं किया जा सकता इसलिए विशिष्‍ट अनुशंसाएं की जानी चाहिए। सरकार ऐसी सभी अनुशंसाओं पर सहानुभूतिपूर्ण एवं विवेक सम्‍मत तरीके से गौर करेगी ।
 

यह भी पढ़ें : White Revolution now in Bundelkhand : बुंदेलखंड में पांव पसार रही है श्वेत क्रांति

उन्‍होंने कहा कि लाईसेंसों को ऑनलाइन जारी करना, लाईसेंस शुल्‍क का ऑनलाइन भुगतान, लाईसेंसों की लंबी अवधि, कानूनों का गैर-अपराधीकरण, कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विशिष्‍ट शक्तियों को समाप्‍त करना तथा नियमों का सरलीकरण व्‍यापारियों की वास्‍तविक मांगे हैं। तथापि उन्‍होंने समुदाय को उनके भीतर के ऐसे तत्‍वों की पहचान करने तथा उन्‍हें अलग-थलग करने के प्रति सावधान किया जो गलत आचरण करते हैं और प्राधिकारियों द्वारा दिये गये लाभों तथा छूटों का दुरूपयोग करने के जरिये व्‍यापारिक समुदायों को बदनाम करते हैं।
 

यह भी पढ़ें : MP to start online admission for colleges

मंत्री ने व्‍यापारिक समुदाय को पूर्ण सहायता का आश्‍वासन दिया और कहा कि सरकार ने उनकी राहत के लिए विभिन्‍न पहलों की घोषणा की है, जिनमें कई हाल में घोषित आत्‍मनिर्भर योजना में शामिल है। उन्‍होंने कहा कि रेलवे ने पार्सल, ट्रेन, किसान ट्रेन चलाने, मालगाडि़यों की तेज आवाजाही, गुड्स शेड का उन्‍नयन, विभिन्‍न रेल कार्यालयों में बिजनेस डवलेपमेंट सेल खोलने सहित कई कदम उठाये हैं जो वस्‍तुओं की आसान तथा किफायती आवाजाही में सहायता करेगी।
 

यह भी पढ़ें : मप्र में मेट्रो रेल तय समय से पहले शुरू हो-नगरीय विकास मंत्री

 गोयल ने व्‍यापारिक समुदाय को आश्‍वासन दिया कि जल्‍द ही राष्‍ट्रीय व्‍यापारी कल्‍याण बोर्ड का गठन किया जायेगा। उन्‍होंने व्‍यापारियों से अपील की कि वे अपने कर्मचारियों को भी व्‍यापारी पेंशन स्‍कीम में शामिल करें। मंत्री ने व्‍यापारियों को सरकारी खरीद पोर्टल जीईएम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। 

Post contains affiliate link(s). An affiliate links means I may earn advertising/referral fees if you make a purchase through my link, without any extra cost to you. It helps to keep this website afloat.Thanks for your support. 


Smartphones sale Nosedive in corona time

एएबी समाचार । कोविड-19 महामारी का व्यापार के जिन क्षेत्रों पर सबसे  बुरा असर पड़ा उनमे से एक है स्मार्ट मोबाइल फोन का बाज़ार । मोबाइल बाज़ार की सेहत पर नजर रखने वाली एक कम्पनी के हालिया सर्वेक्षण में यह पता चला है कि भारत में मोबाइल फ़ोन की बिक्री में जबरदस्त गिरावट आई है ।

कोविड -19 महामारी के प्रकोप के चलते देश भर में मार्च के महीने से शुरू हु लॉक डाउन के चलते एक ओर मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति में कमी आये वहीँ  दूसरी और श्रमिक की कमी के चलते मोबाइल के उत्पादन में भी कमी आई ।

व्यावसायिक शोध कम्पनी कैनालिस की नवीनतम अध्यन के मुताबिक भारत की "दूसरी तिमाही में स्मार्ट मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति में 48 फीसदी की गिरावट आई है ।" स्मार्ट मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति , उत्पादन के अलावा मांग में भी कमी आने से मोबाइल फ़ोन बाज़ार में भारी मायूसी का माहौल बना हुआ है ।


 Smartphones sale Nosedive in corona time : शिओमी अभी भी नम्बर वन

कैनालिस कम्पनी के मुताबिक भारत के मोबाइल बाज़ार में 31% के हिस्से शिओमी कम्पनी नम्बर बनी हुई है । उसने दूसरी तिमाही में 53 लाख  मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति की, जबकि लगभग 37 लाख  मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति कर विवो (vivo) कंपनी बाज़ार में दूसरी पायदान पर बनी हुई है । लेकिन सैमसंग (samsung) कम्पनी ने  लॉक डाउन के दौर में भी करीब 30 मोबाइल बेच कर तीसरे स्थान पर आ गयी । वहीं ओप्पो (oppo) और (Realme) को  क्रमशः 22 लाख व 17 लाख मोबाइल बेच कर चौथे व पांचवे स्थान पर रहकर है तसल्ली करने पड़ रही है ।


 Smartphones sale Nosedive in corona time : संकट से उबरने की रह कठिन


कैनालिस कम्पनी की विश्लेषक मधुमिता चौधरी के मुताबिक "भारत में स्मार्ट फोन के बाज़ार के संकट से उबरने की रह पथरीली नजर आ रही है ।" हालाँकि मोबाइल विक्रेताओं को उम्मीद है कि बाज़ार के खुलते ही मांग बढ़ेगी लेकिन  कारीगिरों की कमी के चलते मांग के मुताबिक उत्पादन होने की आशा नजर नहीं रही है । मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति के प्रवाह के टूटने से मोबाइल विक्रेताओं को आने वाले समाया में काफी मुश्किलों का सामना कर पड़ सकता है ।



कम्पनी के ही शोध विश्लेषक अद्वैत मार्डीकर के मुताबिक भारत के उत्तर पूर क्षेत्र में बाढ़ के प्रकोप बढ़ने व चीन के साथ संबंधों में गतिरोध आने से हालत चीनी मोबाइल विक्रेताओं के खिलाफ ही लग रहे हैं । छीने चीन के प्रति जनता का बढ़ता गुस्सा और प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में शुरू की गयी आत्मनिर्भर भारत मोबाइल एप चुनौती से भी
चीनी मोबाइल विक्रेताओं के खिलाफ माहौल बन रहा है ।


कैनालिस ने कहा कि एप्पल (Apple) 10 शीर्ष विक्रेताओं के बीच सबसे कम प्रभावित था । विक्रेता ने हाल ही में अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा की है. भारत में अपने निवेश को बढ़ाने के लिए अपने प्रमुख भागीदारों फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन को आगे बढ़ा रहा है।



चौधरी के मुताबिक कोविड -19 की मार से कराह रहे स्मार्ट फ़ोन बाज़ार को अब उम्मीद 5जी  तकनीक से है । हाल ही में जिओ कम्पनी ने देश में 5 जी को बाजार में उतारने के सिलसिले में अपनी मंशा जताई है वह मोबाइल व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को काफी दिलासा देती नजर आ रही है ।

Chance-to-win-iPhone 11Pro
Govt-to-enact-new-CPA-2019
एएबी समाचार :
केंद्र सरकार  ग्राहकों के हितों की रक्षा करने के लिए दिशा में एक नया बड़ा कदम उठाने जा रही है . २० जुलाई से देश में ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 (Consumer Protection Act-2019) लागु करने जा रही है । नए क़ानून के तहत ग्राहकों की हितों की रक्षा ज्यादा बेहतर तरीके से हो सकेगी । असल में यह क़ानून पहले से प्रभावी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम -1986 का ही नया अवतार है ।


Govt to enact new CPA-2019 : २० जुलाई से प्रभावी होगा नया उपभोक्ता कानून

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक आगामी सोमवार यानि 20 जुलाई से प्रभावी होने जा रहे  नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 (Consumer Protection Act-2019) के लागू होते ही ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई नए नियम लागू हो जाएंगे, जो पुराने एक्ट में नहीं थे.

नए कानून के कुछ खास बिंदु

-गुमराह करने वाले  विज्ञापनों के खिलाफ हो सकेगी सख्त कार्रवाई


-उपभोक्ता देश के किसी भी उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज करा सकेगा

-देश में पहलीबार Online व Tele-shopping कंपनियों उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के दायरे में लिया गया है।

-खाने-पीने की चीजों में मिलावट करने वालों को जुर्माना और जेल का की सजा का प्रावधान किया गया है ।

-दो पक्षों में आपसी सहमति बनाए के लिए उपभोक्ता मध्यस्थता प्रकोष्ठ बनाया गया है ।

Govt to enact new CPA-2019 : जन हित याचिकाएं भी देखेगी जिला उपभोक्ता अदालतें 

-जनहित याचिका अब उपभोक्ता अदालतों में दायर की जा सकेगी.

-जिला उपभोक्ता प्रकोष्ठ में अब एक करोड़ रुपये तक के मामले  दाखिल हो पाएंगे

-राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण योग में एक करोड़ से दस करोड़ रुपये तक के मामलों की सुनवाई होगी

-राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण योग में दस करोड़ रुपये से ऊपर के मामलों की सुनवाई होगी

Chance-to-win-iPhone 11Pro

This Post contains affiliate link(s). An affiliate links means I may earn advertising/referral fees if you make a purchase through my link, without any extra cost to you. It helps to keep this website afloat.Thanks for your support.
Xiaomi Redmi Note 9 Pro Max Now on sale

एएबी समाचार/ व्यापार संवाददाता / कोविड-19 महामारी के प्रकोप से उपजे लॉक डाउन से बंद हुए बाज़ार अब फिर अंगडाई लेते नजर आने लगा है । हालाँकि ऑनलाइन बाज़ार तो पहले से ही तेजी पकड़ चुका था लेकिन ग्राहक ने खरीददारी का मन देर से बनाया । ऑनलाइन बाज़ार में सबसे ज्यादा तेजी मोबाइल बाज़ार में देखी जा रही है । इसी के नतीजतन 24 जून को शाओमी कंपनी ने शाओमी रेडमी नोट 9 प्रो मैक्स (Xiaomi Redmi Note 9 Pro Max) बाज़ार में उतार दिया है ।

Xiaomi Redmi Note 9 Pro Max

कीमतों में उतार -चढाव

हालाँकि बाज़ार में आने के बाद इस फोन की कीमतों में कई बार उतार-चढ़ाव देखने को मिला है लेकिन भारत में इसकी शुरुआती कीमत 17 हज़ार रुपये के आस-पास होगी। शाओमी रेडमी नोट 9 प्रो मैक्स को Mi India website और Amazon India पर उपलब्ध रहेगा ।


 Xiaomi Redmi Note 9 Pro Max

 लुभा रही है मेमोरी

बाज़ार में आने वाले हर नए मोबाइल फोन का सबसे पहले उपयोग करने के शौकीनों को रेडमी नोट 9 प्रो मैक्स 3 स्टोरेज क्यों ज्यादा लुभा रहा है यह जाने की लिए इस फ़ोन में मौजूद विकल्पों पर नजर डालनी होगी । इस मोबाइल फोन के 6GB + 64GB मॉडल की कीमत 16,999 रुपये है लेकिन जबकि इसकी बाज़ार में पहले -पहल उतारे जाने पर इसकी कीमत 14,999 रुपये रखी गई ।

इसी तरह 6GB + 128GB संग्रहण क्षमता के मॉडल के कीमत 18,499 रुपये है लेकिन बाज़ार में उतारे जाते समय इसे 16,999 रुपये खरीदा जा सकता है ।
जबकि टॉप एंड मॉडल जो 8GB RAM + 128GB के साथ आता है उसे 19,999 रुपये में खरीदा जा सकेगा।

Xiaomi Redmi Note 9 Pro Max

पांच रंगों में आया


रेडमी नोट 9 प्रो मैक्स फ़ोन सिर्फ अच्छी मेमोरी क्षमता के बल पर ही बाज़ार में रंग नहीं जमा रहा है बल्कि पांच रंगों में -Aurora Blue, Glacier White और Interstellar Black में मौजूद कलेवर भी ग्राहकों को खूब लुभा रहा है ।

Xiaomi Redmi Note 9 Pro Max

मुख्य कैमरा 64MP का


Xiaomi redmi note 9 pro max now on sale
रेडमी नोट 9 प्रो मैक्स की अन्य खासियतों में इसका 6.67 इंच का फुल HD+ IPS LCD डिस्पले है जिसका एस्पेक्ट रेश्यो 20:9 है। इसके सामने की ओर 32MP का पंच होल कैमरा दिया गया है । जबकि पीछे की तरफ 4 कैमरे दिए गए है जिसमें प्राथमिक कैमरा 64MP का है जबकि अन्य तीन कैमरों में एक 8MP का अल्ट्रा वाइड लेंस, एक 5MP माइक्रो लेंस और एक 2MPdepth sensor है ।

Xiaomi Redmi Note 9 Pro Max

 5000 MH के बैटरी

इस फोन में 720G क्वालकॉम स्नेपड्रैगन प्रोसेसर दिया गया है जिसका साथ देता है 8GB का RAM। इसकी इंटरनल मेमोरी 128GB है जिसको माइक्रो एसडी कार्ड की सहायता से 512GB तक बढ़ाया जा सकता है। रेडमी नोट 9 प्रो मैक्स में 5,020 mAh बैटरी है जिसमें आपको 33W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट मिलता है ।

यह भी पढ़ें : सैमसंग ने भारतीय बाज़ार में उतारा हाई-फाई फीचर वाला नया मोबाइल

Xiaomi Redmi Note 9 Pro Max

नया अवतार

Xiaomi Redmi Note 9 Pro Max के इस नए अवतार में साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ साथ फोन चेहरे से खुलने वाला विकल्प भी दिया गया है । कनेक्टिविटी के मामले में इस फ़ोन में 4G VoLTE, Wi-Fi 802.11ac, ब्लूटूथ 5.0, GPS/ A-GPS, NavIC, USB Type-C, 3.5mm हेडफोन जैक भी उपलब्ध कराये गए हैं ।

Chance-to-win-iPhone 11Pro

The publisher earns affiliate commissions from Amazon for qualifying purchases. The opinions expressed about the independently selected products mentioned in this content are those of the publisher, not Amazon.