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Khelo-India-Kendra-मप्र-में-खुलेंगे-चार-खेलो-इंडिया-केंद्र

एएबी समाचार @
खेल मंत्रालय ने 14.30 करोड़ रुपये के कुल बजट अनुमान के साथ 7 राज्यों में कुल 143 खेलो इंडिया केंद्र समर्पित किए हैं। इन केंद्रों में एक-एक विशेष खेल का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इन राज्यों में महाराष्ट्र, मिजोरम, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर शामिल हैं।


राज्यों में खेलो इंडिया केन्द्रों का विभाजन
  • महाराष्ट्र - 30 जिलों में 3.60 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 36 खेलो इंडिया केंद्रों की शुरुआत करना।
  •  मिजोरम - कोलासिब जिले में 20 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ 2 खेलो इंडिया केंद्रों का शुभारम्भ।
  •  अरुणाचल प्रदेश- 26 जिलों में 4.12 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 52 खेलो इंडिया केंद्रों को खोलना।
  •  मध्य प्रदेश- 40 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ 4 खेलो इंडिया केंद्रों को शुरू करना।
  •  कर्नाटक- 3.10 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 31 खेलो इंडिया केंद्रों को खोलना।
  •  मणिपुर- 1.60 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 16 खेलो इंडिया केंद्र शुरू करना। ।
  •  गोवा- 20 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ 2 खेलो इंडिया केंद्र खोलना।
 
खेल मंत्रालय द्वारा देश भर में जमीनी स्तर के खेल बुनियादी ढांचे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में खेलो इंडिया केंद्र शुरू किए गए हैं। इस निर्णय के बारे में केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने कहा, “भारत को 2028 में होने वाले ओलंपिक खेलों में शीर्ष 10 देशों में शामिल करने का हमारा प्रयास है। 
 
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें कम उम्र से ही बड़ी संख्या में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान करने और उनको प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। जिला स्तरीय खेलो इंडिया केंद्रों में अच्छे प्रशिक्षक और उपकरण सुविधाओं की उपलब्धता के साथ, मुझे विश्वास है कि हम सही खेल के लिए और सही समय पर सही बच्चों को खोजने में सक्षम होंगे।”

खेल मंत्रालय ने जून 2020 में देश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक खेलो इंडिया केंद्र के हिसाब से 4 साल की अवधि में 1,000 नए खेलो इंडिया केंद्र खोलने की योजना बनाई थी। जबकि इससे पहले कई राज्यों में 217 खेलो इंडिया केंद्र खोले गए थे, इससे पहले यह निर्णय लिया गया था कि उत्तर-पूर्वी राज्यों, जम्मू और कश्मीर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और लद्दाख के जिलों के लिए अपवाद के रूप में प्रत्येक जिले में 2 खेलो इंडिया केंद्र होंगे।

संबंधित राज्य सरकारों को अब इन सभी केंद्रों के लिए पूर्व चैंपियन एथलीटों को नियुक्त करना होगा। जमीनी स्तर पर देश में खेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार के दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में, एक कम लागत वाला, प्रभावी खेल प्रशिक्षण ढांचा तैयार किया गया है, जिसमें पूर्व चैंपियन एथलीट युवाओं के लिए प्रशिक्षक और सलाहकार बनेंगे। ये प्रशिक्षक स्वायत्त रूप से खेल का प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं और अपना जीवन यापन कर रहे हैं।


वित्तीय सहायता का उपयोग प्रशिक्षक के रूप में पूर्व चैंपियन एथलीटों के पारिश्रमिक, सहयोगी स्टाफ, उपकरणों की खरीद, खेल किट, उपभोग्य सामग्रियों, प्रतियोगिता और आयोजनों में भागीदारी के लिए किया जाएगा।

 

Career-Opportunity-घुड़सवारी-में-भविष्य-तलाश-रहे-युवक-अप्रैल-माह-में-पहुंचे-मेरठ-उत्तर-प्रदेश

एएबी समाचार ।
घुड़सवारी के  क्षेत्र में अपना  भविष्य बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है । अभ्यर्थी इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में अप्रैल माह में होने वाली खुली भर्ती में हिस्सा ले सकते हैं ।

  1. घुड़सवारी के लिए योग्य स्पोर्टस कैडैट्स की दिनांक 13 अप्रैल 2021 को सुबह 7 बजे से आर.वी.सी सेंटर एवं कॉलेज, मैरठ कैंट में खुली भर्ती का आयोजन किया गया है।
  2. योग्यता:-

(i)    आयु: -13 अप्रैल 2021 को 08 से 14 वर्ष होनी चाहिए (13 अप्रैल 2007 और 13 अप्रैल 2013 के बीच जन्म) ।

(ii)    शिक्षा: -किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से चौथी कक्षा पास।

(iii)   मेडिकल फिटनेस:- चिकित्सा अधिकारी और सेना के स्पोर्ट्स मेडिसिन केंद्र के विशेषज्ञ द्वारा मेडिकल फिटनेस परीक्षा।

(iv)   अपने शरीर के किसी भी भाग पर किसी भी प्रकार के स्थायी TATTOOवाले उम्मीदवारों का चयन नहीं किया जाएगा।

(v)    संदिग्ध मामलों में उम्र के सत्यापन के लिए कलाई का एक्स-रे (बोन मैरो टेस्ट) आयोजित किया जाएगा।

 

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  1. च्छुक उम्मीदवार निम्नलखित दस्तावेज की मूल एवं सत्यापित प्रतिलिपि साथ लाएं :-     

      (i)    जन्म प्रमाण पत्र (जन्म/मृत्यु पंजीयक अधिकारी द्वारा जारी) ।

            (ii)    आधार कार्ड।

            (iii)   मूल निवास प्रमाण पत्र (SDM/तहसीलदार द्वारा जारी)

            (iv)   शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र / अंकतालिका (मूल प्रति)।

(v)    चरित्र प्रमाण पत्र।

            (vi)      जाति प्रमाण पत्र (SDM/तहसीलदार द्वारा जारी)।

            (vii)   अगर घुड़सवारी में कोई प्रमाण पत्र हो, तो उसकी मूल प्रति।

            (viii)  दस खुद की पासपोर्ट साइज रंगीन फोटोग्राफ।

            (ix)   घुड़सवारी परीक्षा के लिए सभी अभ्यर्थी स्पोर्ट्स किट साथ लाएं।   

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  1. चयनित उम्मीदवारों को दसवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा, मुफ्त बोडिंग और ठहरने, रहने, आवास, बीमा, चिकित्सा सुविधा और घुड़सवारी का गहन प्रशिक्षण(Scientific Coaching) दिया जाएगा। कक्षा 10 और 17 ½ वर्ष की आयु पूरी होने पर, कैडेटों के लिए भारतीय सेना में र्निधारित नियमों के अनुसार नामांकन के लिए चयन प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य है।
  2. कोविड-19 एहतियाती उपाय – सभी उम्मीदवार रैली के लिए रिपोर्ट करते समय मास्क और दस्ताने पहनेगें तथा आरटी-पीसीआर / रैपिड एंटीजन नेगेटिव सर्टिफिकेट और “नो रिस्क सर्टिफिकेट” प्रस्तुत करेगें।
  1. अधिक जानकारी के लिए - संपर्क करें :-

 अफसर कमांडिंग -  बॉयज स्पोर्ट्स कंपनी,  आर.वी.सी. सेंटर एवं कॉलेज,

                            मैरठ कैंट – 250001    संपर्क करें - 7599960029

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MP-Govt-Declares-State-Sports-Awards-for-2019

एएबी समाचार । खेल के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों एवं खेल से जुड़ी हस्तियों के लिये राज्य-स्तरीय खेल पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है । संचालक खेल एवं युवा कल्याण  पवन कुमार जैन ने शुक्रवार को  टी.टी. नगर स्टेडियम में राज्य-स्तरीय विक्रम, एकलव्य, विश्वामित्र, स्व. प्रभाष जोशी एवं लाइफ टाइम एचीव्हमेंट पुरस्कारों की घोषणा की ।
 
    

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जैन के मुताबिक वर्ष 2019 के स्व. प्रभाष जोशी पुरस्कार के लिये चयन समिति द्वारा किसी भी खिलाड़ी के नाम की अनुशंसा नहीं की गई थी। जैन ने बताया कि वर्ष 2020 के राज्य-स्तरीय पुरस्कारों के लिये नये नियम बनाये जा रहे हैं, जिसमें खिलाड़ियों एवं खेल संघों के सुझाव और समस्याओं का ध्यान रखा जायेगा।
 

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इसी सिलसिले में वर्ष 2019 के लिये भोपाल के ओलम्पियन हॉकी खिलाड़ी इनाम-उर-रहमान का नाम लाइफ टाइम एचीव्हमेंट पुरस्कार के लिये चयनित किया गया है । यह पुरस्कार वर्ष 2002 से प्रारंभ किया गया था । लाइफ टाइम एचीव्हमेंट पुरस्कार ऐसी खेल हस्ती को दिया जाता है, जिसने प्रदेश के खेलों के विकास एवं प्रोत्साहन के लिये जीवन भर योगदान दिया हो ।
 

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State Level Sports Awards : एकलव्य पुरस्कार-2019
 

ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेलों में खेले जाने वाले खेलों में व्यक्तिगत खेलों  के लिए भिण्ड के  अजातशत्रु शर्मा केनोइंग-कयाकिंग, देवास के  आदित्य दुबे सॉफ्ट टेनिस, खरगौन के  ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर शूटिंग, भोपाल की कु. गार्गी सिंह परिहार कराते, जबलपुर की कु. अंशिता पाण्डे वूशु, इंदौर के  परम पदम् बिरथरे तैराकी, भोपाल के  शंकर पाण्डेय फैंसिंग, उज्जैन के  अक्षत जोशी घुड़सवारी, इंदौर की सुश्री अनुषा कुटुम्बले टेबल-टेनिस, धार के  प्रियांशु राजावत बेडमिंटन और राजगढ़ के  गोविन्द बैरागी सेलिंग को एकलव्य पुरस्कार के लिये चयनित किया गया है।
 

Team Games : दलीय खेल 

वहीं इन्हीं खेलों में शामिल दलीय खेलों में टीकमगढ़ की कु. शिवांगनी वर्मा सॉफ्टबॉल और ग्वालियर की कु. इशिका चौधरी हॉकी शामिल हैं । परम्परागत खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में नहीं खेले जाने वाले खेल) में इंदौर की कु. नित्यता जैन शतरंज शामिल है         

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State Level Sports Awards : विक्रम पुरस्कार-2019
 

Team Games : व्यक्तिगत  खेल  

 व्यक्तिगत खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेल) में केनोइंग-कयाकिंग -भोपाल की कु. राजेश्वरी कुशराम , घुड़सवारी में - भोपाल के फराज खान , तैराकी में -इंदौर के अद्वेत पागे , आर्चरी में -जबलपुर की कु. मुस्कान किरार , सॉफ्ट टेनिस  में -देवास के  जय मीणा तथा शूटिंग में -भोपाल की कु. चिंकी यादव को वर्ष 2019 के लिये विक्रम पुरस्कार के लिये चुना गया है।

 
Team Games : दलीय खेल 

दलीय खेलों में सॉफ्टबॉल में -  इंदौर की कु. पूजा पारखे  और हॉकी में - ग्वालियर की कु. करिश्मा यादव  शामिल हैं । दिव्यांग वर्ग (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेल) जूडो  में कु. जानकी बाई  तथा परम्परागत खेलों (ओलम्पिक एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में नहीं खेले जाने वाले खेल) थ्रो-बॉल  में भोपाल के श्री चंद्रकांत हरडे को शामिल किया गया है।
 

State Level Sports Awards :  विश्वामित्र पुरस्कार-2019
 

व्यक्तिगत खेलों (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेलों में खेले जाने वाले खेल) तैराकी में - इंदौर के  अभिलाष एम.टी.  और सैलिंग में -भोपाल के गिरधारी लाल यादव  तथा दलीय खेल (ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेल) खो-खो  में इंदौर के  शरद जपे को विश्वामित्र पुरस्कार के लिये चुना गया है ।
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  By sachin jyotshi

एएबी समाचार ।  इसे युग कहने पर भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है । एक सच्चा नेता अपनी उत्कृष्टता की मिसाल देता है । न तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या करते  हैं और न ही इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या कर रहे हैं, अगर आप कुछ भी योगदान देते हैं जो सौ प्रतिशत नहीं है , तो आपको अच्छा नेता कहलाने का कोई अधिकार नहीं है।
 

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झारखंड के लोग बिरसा मुंडा के बाद महेंद्र सिंह धोनी  को भी इस युग के नायक के रूप में पू

जने लगे । यदि आप अपना आपा खो रहे हैं, तो उसे मैच विजेता के रूप में याद रखें । उनके निर्णय लेने वाले छक्के आपको अपने स्वाभाविक  खेल को मुश्किलों  में भी खेलने के लिए कहेंगे । मौलिकता अतुलनीय है, प्रतिष्ठित "हेलीकाप्टर शॉट" हमारे दिमाग को हिट करता है।
 

महेंद्र सिंह धोनी ने हाल ही में  T20 और एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया; उन्होंने तीन साल पहले ही टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था। निस्संदेह, भारत के सबसे सफल कप्तान, उन्होंने 2007 में दक्षिण अफ्रीका में विश्व टी 20, भारत में 2011 विश्व कप और इंग्लैंड में 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में जीत हासिल की।
 

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वो पहले थे जिन्होंने  भारत को  टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक पर पहुँचाया  । धोनी ने 199 एकदिवसीय मैचों में भारत की कप्तानी की, जिनमें से उन्होंने 110 जीते और 74 हारे। वह 72 टी 20 में कप्तान थे, जिनमें से भारत ने 41 जीते और 28 हारे । 27 जीत, 18 हार और 15 ड्रॉ के साथ, वह वास्तव में सबसे प्रभावशाली कप्तान थे।
 

उनके फैसले से एक ऐसे युग का अंत हुआ है , जिसने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया । आखिरकार, यह आपका  समभाव  है जो मायने रखता है,  न कि आपने क्या खोया या जीता । टर्फ पर उनकी मौजूदगी ही विरोधियों को चिंता में झकझोर कर रख देने के लिए पर्याप्त होती  थी ।  किसी भी नेता के पास यह खूबी होना चाहिए।
 

उनके  जोखिम लेने और निर्णय लेने का समय याद करें  जब 2007 टी 20 विश्व कप में जब निर्णा

यक मोड़ पर उन्होंने दूसरी गेंद पर छक्का लगाने के बाद जोगिंदर शर्मा पर अपना भरोसा बनाए रखा|। उन्होंने तसल्ली दी और भारत को टी 20 विश्व कप  जिताया । यह धोनी द्वारा एक अच्छी तरह से सोचा गया कदम था, लेकिन उन्होंने कहा कि 'मैंने एक जोखिम  लिया।'
हम सभी के भीतर  भी ऐसे मुश्किल दौर में धोनी धोनी के जैसा जज्बा होना  चाहिए ।
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 एएबी समाचार । सागर के युवा शतरंज खिलाडी आदित्य तिवारी ने स्कूल गेम फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SGFI) द्वारा आयोजित 65वीं राज्यस्तरीय शतरंज प्रतियोगिता में १९ आयु वर्ग की प्रतियोगिता  में शानदार प्रदर्शन करते हुये द्वितीय स्थान प्राप्त कर रजत पदक जीता । यह पदक हासिल करने के लिए उसने स्पर्धा में शहड़ोल, इंदौर, ग्वालियर, नर्मदापुरम, जबलपुर, उज्जैन संभाग के खिलाडिय़ों को पराजित  किया व अंतिम  चक्र के खिताबी मुकाबले में  पूर्व विजेता,  जबलपुर के शिवांश तिवारी के साथ कड़ा मुकाबला करना पड़ा ।   आदित्य तिवारी अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग प्राप्त खिलाड़ी है और इससे से पहले भी  कई स्पर्धाओं में पदक प्राप्त कर चुके है । आदित्य 24 नवम्बर से 28 नवम्बर तक कोलकत्ता मे होने वाली राष्ट्रीय स्कूल स्पर्धा में भी  मध्यप्रदेश की टीम का नेतृत्व करेगें।

आदित्य की इस सफलता के बारे में उनके पिता राजेश तिवारी ,जो एक राष्ट्रीय अख़बार में विज्ञापन प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं , ने बताया कि आदित्य को बचपन से ही शतरंज खेलने का शौक रहा है और वह इस खेल में महारत हासिल करने के लिए दिलो-जान से लगा हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है की आदित्य की उम्र अभी १६ साल है लेकिन वह अपनी उम्र से अधिक आयु वर्ग (१९ वर्ष ) की प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहा है। उसका विश्वास है की जितने कड़ी चुनौती मिलेगी खेल में उतना ही ज्यादा निखार आयेगा ।  आदित्य की पिता का कहना है कि बेटे को शतरंज के खेल में आगे बढ़ने के लिए हर तरह से मदद करते रहेंगे ।
 उल्लेखनीय है आदित्य तिवारी सागर शहर में एएनबी चैस अकडेमी नियमित खिलाड़ी है। उसकी इस सफलता पर  अंतर्राष्टीय  कोच व जिला शतरंज संघ के सचिव यशपाल अरोड़ा , जिला खेल अधिकारी संजय दादर, राकेश तिवारी, धमेन्द्र वर्मा सहित  शंतरज संघ के समस्त पदाधिकारी सदस्यों  एवं साथी खिलाडिय़ों ने बधाई दी है।
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एएबी समाचार,सूरत। अंतर्राष्ट्रीय फेडरेशन इण्डिया के तत्वावधान में गुजरात के दीनदयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम सूरत में 22 से 24 अक्टूबर तक आयोजित 11वीं अक्षय कूमार अंतर्राष्ट्रीय कूडो प्रतियोगिता में भारत के अलावा मालदीप, श्रीलंका, भूटान, यू.एस.ए, केनाडा आदि देशों की टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश  के 136 खिलाड़ियों ने भाग  लिया प्रतियोगिता में मप्र के खिलाडियों ने  31 स्वर्ण पदक, 24 रजत पदक एवं 24 कांस्य पदक प्राप्त किये। प्रतियोगिता समापन पर अक्षय कुमार कूडो अंतर्राष्ट्रीय फेडरेशन इण्डिया के चेयरमेन व मुख्य अतिथि सिने कलाकार अक्षय कूमार विजेता खिलाडियों को सम्मानित किया। मंच से सम्मानित होने वाले खिलाडियों में मप्र के चार खिलाडी भी शामिल थे
अक्षय कुमार ने कहा कि मैं चाहता हूॅ कि देश का हर व्यक्ति कूडो सीखे। कूडो सिर्फ खेल ही नहीं है यह आत्मरक्षा का साधन है साथ ही साथ शारीरिक चुस्ती   के लिये बहुत ही उपयोगी है। कूडो को भारत सरकार ने राष्ट्रीय खेल संघ के रूप में मान्यता दे दी है। अब कूडो खिलाड़ियों को भी भारत सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। 

प्रतियोगिता में शामिल हुए सागर की खिलाडी 
प्रतियोगिता में सागर के 40 कूडो खिलाड़ियों ने भाग लिया एवं 12 स्वर्ण पदक, 9 रजत पदक एवं 8 कांस्य पदक प्राप्त किये। प्रतियोगिता मेें सागर के करन पटेल एवं ऋषभ पटेल को अक्षय कुमार जी ने स्टेज से सम्मानित किया। करन पटेल महार रेजिमेंट पब्लिक स्कूल में कूडो के प्रशिक्षक हैं एवं ऋषभ पटेल उसी विद्यालय के विद्यार्थी है। यह सुखद संयोग है कि गुरू एवं शिष्य दोनों ने प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त किया एवं अक्षय कुमार ने एक साथ दोनों को सम्मानित किया।
 प्रतियोगिता में पदक विजेता खिलाड़ियों के नाम निम्न है:-
स्वर्ण पदक विजेता: करन पटेल, ऋषभ पटेल, प्रियांश  मिश्रा, आदर्श ठाकुर, अपूर्व सेन, प्रिंस पटेल, शैलेन्द्र कुर्मी, अबीर अरजरिया, सपना अहिरवार, हर्षिता सोनी, रिया मेहता, माइबम सोनी देवी।
रजत पदक विजेताः मो. सोहेल खान, हर्षित पटेल, प्रियांश  यादव,शिवांश कटारे, सक्षम जैन, अमनजीत सिंघा, नमन मिश्रा, फातिमा शेख, रिया मुदगिल। 
कांस्य पदक विजेताः सत्या मौर्या, देवांश कृपलानी, अक्षत सेन, देवांश  साहू, प्रियंका सोलंकी, वैष्नवी ठाकुर, स्नेहा थापा, सुप्रिया कुमारी।
हरिकांत तिवारी मप्र  टीम के कोच नियुक्त किये गये थे एवं शुभम राठौर टीम मैनेजर थे।
प्रतियोगिता में कूडो एसोसिएशन  आफ मध्यप्रदेश  के महासचिव डा. मों ऐजाज़ खान  एवं हरिकांत तिवारी ने प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभाई।


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 एएबी समाचार /  भारत में "शारीरिक चुस्ती" दस अरब की सम्भावना वाला क्षेत्र है I देश पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनने की ओर बढ़ रहा है खेल क्षेत्र में प्रचुर संभावनाएं मौजूद हैं जिसमें निजी क्षेत्र बड़ी भूमिका निभा सकता है। केन्‍द्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री  किरेन रिजीजू ने देश में खेल संस्‍कृति को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए यह बात  नयी दिल्‍ली में ‘इंडिया स्‍पोर्टस समिट दस दौरान कही I कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर  रिजीजू ने कहा कि देश में खेल संस्‍कृति आम जीवन का हिस्‍सा होना चाहिए।  रिजीजू ने कहा ‘‘भारत विश्‍व का नेतृत्‍व करने की आकांक्षा रखता है। अर्थव्‍यवस्‍था,राजनीति और आध्‍यात्मिक स्‍तर पर हमारा प्रदर्शन पहले से ही अच्‍छा है। ऐसे में यदि हम खेल क्षेत्र में भी एक बड़ी ताकत बन गए तो भारत का उत्‍थान समग्र और पूर्ण हो जाएगा।’’ 
खेल क्षेत्र में नौकरियों की संभावनाओं पर  रिजिजू ने कहा कि जब  उन्‍होंने कहा कि लोग अब खेलों को काफी गंभीरता से लेने लगे हैं। कश्‍मीर के युवा खेलों में बढ़-चढ़कर हिस्‍सा ले रहे हैं। यह उन्‍हें विघटनकारी विचारधारा से दूर ले जाने में मदद करेगा।
      खेल मंत्री ने उद्योग जगत से देश में खेल संस्‍कृति को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि युवाओं के लिए पर्याप्‍त अवसर और जगह बनाई जानी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि निजी क्षेत्र की कुछ कंपनियों के पास विश्‍वस्‍तर की खेल सुविधाएं मौजूद है। वे इनका इस्‍तेमाल दूरदराज के क्षेत्रों में मौजूद खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने में कर रहे हैं। श्री रिजीजू ने कहा कि खेलों को प्रोत्‍साहन देने के लिए अच्‍छी सलाह  कहीं से भी मिल सकती है। सरकार उन्‍हें स्‍वीकार करने और लागू करने के लिए तैयार है I