जुलाई 2020
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति -प्रथम भाग | द्वितीय भाग | तृतीय भाग

एएबी समाचार ।विद्यार्थियों को पसंदीदा विषय चुनने के लिए कई विकल्‍प दिए जाएंगे । कला एवं विज्ञान के बीच, पाठ्यक्रम व पाठ्येतर गतिविधियों के बीच और व्यावसायिक एवं शैक्षणिक विषयों के बीच  में कोई भिन्‍नता नहीं होगी।

विद्यार्थियों को  जरूरी  ज्ञान दिलाने व उनमे चिंतन की प्रवृति बढ़ने के लिए पाठ्यक्रम को कम किया जाएगा।स्कूलों में छठे कक्षा से ही व्यावसायिक शिक्षा शुरू हो जाएगी और इसमें इंटर्नशिप शामिल होगी। एक नई एवं व्यापक स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा ‘एनसीएफएसई 2020-21’ एनसीईआरटी द्वारा विकसित की जाएगी।

NEP 2020 : त्रिभाषा व्यवस्था में संस्कृत भाषा का विकल्प भी रहेगा


नई शिक्षा नीति में कम से कम  5वीं स्तर तक, अच्‍छा हो कि 8 कक्षा तक और उससे आगे भी मातृभाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा को ही शिक्षा का माध्यम रखने पर विशेष जोर दिया गया है। विद्यार्थियों को स्कूल के सभी स्तरों और उच्च शिक्षा में संस्कृत को एक विकल्प के रूप में चुनने का अवसर दिया जाएगा। त्रि-भाषा फॉर्मूले में भी यह विकल्‍प शामिल होगा। किसी भी विद्यार्थी पर कोई भी भाषा नहीं थोपी जाएगी।

भारत की अन्य पारंपरिक भाषाएं और साहित्य भी विकल्प के रूप में उपलब्ध होंगे । विद्यार्थियों को ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल के तहत 6-8 ग्रेड के दौरान किसी समय ‘भारत की भाषाओं’ पर एक आनंददायक परियोजना/गतिविधि में भाग लेना होगा।

कई विदेशी भाषाओं को भी माध्यमिक शिक्षा स्तर पर एक विकल्‍प के रूप में चुना जा सकेगा। भारतीय संकेत भाषा यानी साइन लैंग्वेज (ISL) को देश भर में मानकीकृत किया जाएगा और बधिर विद्यार्थियों द्वारा उपयोग किए जाने के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्‍तरीय पाठ्यक्रम सामग्री विकसित की जाएंगी।
     

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NEP 2020 : मूल्यांकन योगात्मक की जगह  रचनात्मक होगा


‘एनईपी 2020’ में योगात्मक आकलन के बजाय नियमित एवं रचनात्‍मक आकलन को अपनाने की परिकल्पना की गई है, जो अपेक्षाकृत अधिक योग्यता-आधारित है, सीखने के साथ-साथ अपना विकास करने को बढ़ावा देता है, और उच्चस्‍तरीय कौशल जैसे कि विश्लेषण क्षमता, आवश्‍यक चिंतन-मनन करने की क्षमता और वैचारिक स्पष्टता का आकलन करता है।

 सभी विद्यार्थी  3, 5 और 8 कक्षा में स्कूली परीक्षाएं देंगे, जो उपयुक्त प्राधिकरण द्वारा संचालित की जाएंगी। 10 एवं 12 कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षाएं जारी रखी जाएंगी, लेकिन समग्र विकास करने के लक्ष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए इन्‍हें नया स्वरूप दिया जाएगा। एक नया राष्ट्रीय आकलन केंद्र ‘परख (समग्र विकास के लिए कार्य-प्रदर्शन आकलन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण) एक मानक-निर्धारक निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा।
  

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NEP 2020 स्कूली शिक्षा समान और समावेशी बनेगी


‘एनईपी 2020’ का लक्ष्‍य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा अपने जन्म या पृष्ठभूमि से जुड़ी परिस्थितियों के कारण ज्ञान प्राप्ति या सीखने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के किसी भी अवसर से वंचित नहीं रह जाए। इसके तहत विशेष जोर सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से वंचित समूहों (SEDG) पर रहेगा जिनमें बालक-बालिका, सामाजिक-सांस्कृतिक और भौगोलिक संबंधी विशिष्‍ट पहचान एवं दिव्‍यांगता शामिल हैं ।

इसमें बुनियादी सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों एवं समूहों के लिए बालक-बालिका समावेशी कोष और विशेष शिक्षा जोन की स्थापना करना भी शामिल है। दिव्‍यांग बच्चों को बुनियादी चरण से लेकर उच्च शिक्षा तक की नियमित स्कूली शिक्षा प्रक्रिया में पूरी तरह से भाग लेने में सक्षम बनाया जाएगा ।

जिसमें शिक्षाविशारद का पूरा सहयोग मिलेगा और इसके साथ ही दिव्‍यांगता संबंधी समस्‍त प्रशिक्षण, संसाधन केंद्र, आवास, सहायक उपकरण, प्रौद्योगिकी-आधारित उपयुक्त उपकरण और उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप अन्य सहायक व्‍यवस्‍थाएं भी उपलब्‍ध कराई जाएंगी।

प्रत्येक राज्य/जिले को कला-संबंधी, कैरियर-संबंधी और खेलकूद-संबंधी गतिविधियों में विद्यार्थियों के भाग लेने के लिए दिन के समय वाले एक विशेष बोर्डिंग स्कूल के रूप में ‘बाल भवन’ स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। स्कूल की नि:शुल्‍क बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का उपयोग सामाजिक चेतना केंद्रों के रूप में किया जा सकता है।

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NEP 2020  शिक्षक भर्ती  पारदर्शी व योग्यता आधारित होगी


शिक्षकों को प्रभावकारी एवं पारदर्शी प्रक्रियाओं के जरिए भर्ती किया जाएगा। पदोन्नति योग्यता आधारित होगी जिसमें कई स्रोतों से समय-समय पर कार्य-प्रदर्शन का आकलन करने और करियर में आगे बढ़कर शैक्षणिक प्रशासक या शिक्षाविशारद बनने की व्‍यवस्‍था होगी।

शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय प्रोफेशनल मानक (एनपीएसटी) राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा वर्ष 2022 तक विकसित किया जाएगा, जिसके लिए एनसीईआरटी, एससीईआरटी, शिक्षकों और सभी स्तरों एवं क्षेत्रों के विशेषज्ञ संगठनों के साथ परामर्श किया जाएगा।

 

NEP 2020 : संकुल शाला प्रशासन की मूल इकाई रहेगी


स्कूलों को परिसरों या क्लस्टरों में व्यवस्थित किया जा सकता है जो प्रशासन (गवर्नेंस) की मूल इकाई होगा और बुनियादी ढांचागत सुविधाओं, शैक्षणिक पुस्तकालयों और एक प्रभावकारी प्रोफेशनल शिक्षक-समुदाय सहित सभी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।

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NEP 2020 : हर प्रदेश में स्वतंत्र राज्य शाला गुणवत्ता प्राधिकरण का गठन होगा


एनईपी 2020 नीति निर्माण, विनियमन, प्रचालनों तथा अकादमिक मामलों के लिए एक स्पष्ट, पृथक प्रणाली की परिकल्पना करती है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्वतंत्र स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड्स अथारिटी (एसएसएसए) का गठन करेगे।

सभी मूलभूत नियामकीय सूचना का पारदर्शी सार्वजनिक स्व-प्रकटन, जैसाकि एसएसएसए द्वारा वर्णित है, का उपयोग व्यापक रूप से सार्वजनिक निगरानी एवं जवाबदेही के लिए किया जाएगा। एससीईआरटी सभी हितधारकों के परामर्श के जरिये एक स्कूल गुणवत्ता आकलन एवं प्रत्यायन संरचना (एसक्यूएएएफ) का विकास करेगा।

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एएबी समाचार ।

NEP 2020 : शिक्षा के क्षेत्र में रूपांतरकारी सुधार के रास्ते खुलेंगें

नई शिक्षा नीति से स्कूली और उच्च शिक्षा दोनों क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रूपांतरकारी सुधार के रास्ते खुल गए हैं । यह 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है और यह 34 साल पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई), 1986 की जगह लेगी । इसकी सबसे बड़ी खासियत इसको सबके लिए आसान पहुंच, समानता , गुणवत्ता, वहनीयता और जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर बनाया गया है यह नई शिक्षा नीति सतत विकास के लिए एजेंडा 2030 के अनुकूल है ।

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NEP 2020 : मिलेगी सबके लिए एकसमान स्कूली शिक्षा

नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक सबके लिए एकसमान पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर देती है । इसके तहत स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से मुख्य धारा में शामिल करने के लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे का विकास औरर नवीन शिक्षा केंद्रों की स्थापनी की जाएगी ।

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NEP 2020 : स्कूल से दूर हुए २ करोड़ बच्चों को वापस मुख्यधारा लायेगी

इस नई शिक्षा नीति में छात्रों और उनके सीखने के स्तर पर नज़र रखने, औपचारिक और गैर-औपचारिक शिक्षा सहित बच्चों की पढ़ाई के लिए बहुस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने, परामर्शदाताओं या प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं को स्कूल के साथ जोड़ने, कक्षा 3, 5 और 8 के लिए एनआईओएस और राज्य ओपन स्कूलों के माध्यम से ओपन लर्निंग, कक्षा 10 और 12 के समकक्ष माध्यमिक शिक्षा कार्यक्रम, व्यावसायिक पाठ्यक्रम, वयस्क साक्षरता और जीवन-संवर्धन कार्यक्रम जैसे कुछ प्रस्तावित उपाय हैं। एनईपी 2020 के तहत स्कूल से दूर रह रहे लगभग 2 करोड़ बच्चों को मुख्य धारा में वापस लाया जाएगा।

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NEP 2020 : 3 साल की आंगनवाडी+ 12 साल की स्कूली शिक्षा

 इस नीति के तहत स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठयक्रम संरचना लागू किया जाएगा जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18  उम्र के बच्चों के लिए है । इसमें अब तक दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है, जिसे विश्व स्तर पर बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण के रूप में मान्यता दी गई है । नई प्रणाली में तीन साल की आंगनवाड़ी / प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी।

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NEP 2020 : छोटे बच्चों के लिए  एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित

एनसीईआरटी 8 ​​वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (NCPFECCE)  के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित करेगा । एक विस्तृत और मजबूत संस्थान प्रणाली के माध्यम से प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) मुहैया कराई जाएगी। इसमें आंगनवाडी और प्री-स्कूल भी शामिल होंगे जिसमें इसीसीई शिक्षाशास्त्र और पाठ्यक्रम में प्रशिक्षित शिक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता होंगे। इसीसीई की योजना और कार्यान्वयन मानव संसाधन विकास, महिला और बाल विकास (डब्ल्यूसीडी), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (एचएफडब्ल्यू),  और जनजातीय मामलों के मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।

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एएबी व्यापार संवाददाता । माईसेम सीमेंट की 147 वर्षों के अनुभव के साथ सर्वोत्तम क्वालिटी के  एल पी पी बैग की शुरुआत पर  अन्नम  योजना के तहत 150 से ज्यादा  बेरोजगार मजदूरों, जरूरतमंद र्निधन परिवारो को राशन सामग्री नगर सागर में वितरित की गई जो कि माईसेम सीमेंट की प्रत्येक बोरी से ₹1/- प्रति बोरी का योगदान राशन सामग्री के रूप में ( आटा 5 कि ग्रा.,चावल 2 कि.ग्रा., रिफाइंड, शक्कर, दाल 2 तरह की, नमक ,साबुन,हल्दी,धनिया,मिर्ची आदि ) वितरण कराया गया।
अन्नम योजना की राशन सामग्री को वितरित करने के लिए माइसेम सीमेंट सम्भाग प्रमुख सौरभ निगम जी व अधिकारी विनीत बाथम एवं सी एंड एफ धर्मेन्द्र राठोर उपस्थित थे। इसमें रिटेलर विनोद कुमार जैन, न्यू आर॰ आर॰ ट्रेडर्ज़, लक्ष्मी प्लाई , साहिल जैन व डीलर शक्ति अयरन, विध्यासागर एजेन्सी, वैष्णवी ट्रेडर्ज़, वर्धमान एजेन्सी, आलोक हार्ड्वेर , भूषण ट्रेडर्ज़ आदि सदस्यों द्वारा स्थानीय व जरूरतमंद वर्ग को चयनित करके अपनी दुकान पर वितरण किया गया और सामग्री वितरित करते समय सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखते हुए राशन बैग वितरण सम्पन्न किया गया ।

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एएबी समाचार ।  आधार कार्ड (Aadhaar Card) सभी के लिए अब एक आधाभूत दस्तावेज बनता नजर आ रहा  है.  बच्चे के स्कूल में प्रवेश से लेकर सरकारी योजनाओं का फायदा भी इसके बिना नहीं लिया जा सकता है. आधार कार्ड की बढती अहमियत  को दखते हुए यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने उपयोग कर्ताओं  की सुविधा के लिए ट्विटर पर उनकी समस्याओं को हल करना शुरू किया दिया  है।

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देश के नागरिक आधार कार्ड से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या आने पर उसे @UIDAI और @Aadhaar_Care पर ट्वीट कर सकते हैं. इसके अलावा आधार केंद्र के क्षेत्रीय कार्यालयों का भी आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी  अपनी शिकायत कर सकते हैं

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Adhaar Card Corrections : ग्राहक सेवा केंद्र के नम्बर 1947 से भी हो सकते हैं

आधार कार्ड से जुड़ीं सारी सुविधाएं ऑनलाइन होने के साथ ही आधार कार्ड में नाम बदलने से लेकर फोन बदलने या किसी भी तरह की दूसरी जानकारियां भी ऑनलाइन हासिल की जा सकती हैं ग्राहक सेवा केंद्र के नंबर 1947 पर भी फोन कर मदद ली जा सकती है. इसके अलावा help@uidai.gov.in पर ईमेल भेज कर भी जानकारी ली जा सकती है.इसी साल जनवरी में शुरू की थी ‘चैटबोट’ की सुविधा

Adhaar ChatBot Application : कृत्रिम बुद्धिमत्ता से देता सवालों के जवाब 

इतना ही नहीं इसी साल जनवरी महीने से  यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) द्वारा Ask Aadhaar Chatbot भी शुरू किया गया है  इस पूछताछ आधार चैटबोट पर लोगों के सवालों के जवाब दिए जाते हैं. इस पर उपयोगकर्ता  को आधार से जुड़ी किसी भी जानकारी का तुरंत जवाब मिलता है चैटबोट एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है, जो चैट कार्यक्रम  की तरह काम करता है. यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस) की मदद से सवालों के जवाब देता है

गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार देश में रहने वाले 125 करोड़ नागरिकों के आधार कार्ड बनाए गए हैं

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MP-CM-urges-students-'ruk-jana-nahin'
एएबी समाचार ।
मप्र के माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 2020 परीक्षा में जो  विद्यार्थी हो गए हैं उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं हैं । उनके लिये 'रूक जाना नहीं' योजना लागू की गई है । इस योजना में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को पुन: परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा । योजनान्तर्गत पात्र विद्यार्थी कक्षा 10 के लिये 28 जुलाई और कक्षा 12 के लिये 5 अगस्त तक एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क के माध्यम से अथवा स्वयं ऑनलाइन निर्धारित शुल्क जमा कर परीक्षा के लिये पंजीयन करा सकेंगे।

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Ruk jana nahin-योजना परीक्षा में फेल हुए विद्यार्थियों का संबल 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माध्यमिक शिक्षा के उन विद्यार्थियों  को जिन्होंने वर्ष 2018 की 'रूक जाना नहीं' योजना के अंतर्गत कक्षा 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है परंतु वह कक्षा 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाए  है, वे भी योजना का लाभ उठाकर अगस्त माह में होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकते है । परीक्षा प्रश्न-पत्र मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के पाठ्यक्रम अनुसार ही होंगे तथा केवल अनुत्तीर्ण विषयों की ही परीक्षा देनी होगी।

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Get registered through MP online - अनुतीर्ण विषयों की परीक्षा देने

उन्होंने बताया कि 'रूक जाना नहीं' योजना में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी कारणवश परीक्षार्थी माह अगस्त 2020 की परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाते तो वे शेष अनुत्तीर्ण विषयों की परीक्षा माह दिसम्बर 2020 में दे सकते है। इसके लिये उन्हें पुन: अपना पंजीयन एम.पी. ऑनलाइन पर करवाना होगा। इस प्रकार विद्यार्थियों को दूसरा अवसर भी प्रदान किया जायेगा।

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Students qualified 10 class - ११वी की परीक्षा नियमित छात्र की तरह देंगे

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए बताया कि जुलाई 2020 में आयोजित प्रथम चरण की परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थी को ही कक्षा 11वीं में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी । द्वितीय चरण में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को कक्षा 11वीं में नियमित प्रवेश नहीं मिलेगा। परंतु वे वर्ष 2022 के जून माह में रूक जाना नहीं योजना अंतर्गत 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे।

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एएबी समाचार । स्मार्ट सिटी (smart City)  सागर को ऐलीवेटेड कॉरीडोर बनाकर यातायात को व्यवस्थित बनाएं साथ ही शहर में कुछ अलग नया बने जिससे स्मार्ट सिटी अपनी पहचान स्थापित करें तभी सागर का स्मार्ट सिटी बनने का सपना सार्थक होगा। नगरीय विकास  एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने सागर में शनिवार को स्मार्ट सिटी कमान्ड कंट्रोल सेंटर में स्मार्ट सिटी के कार्यों की समीक्षा की।


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Sagar Smart City : विकास के साथ हरियाली पर भी जोर दे

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि स्मार्ट सिटी के का सही रूप सामने आ सके इसके लिए जरूरी है की सारे काम स्मार्ट सिटी के दिशा-निर्देशों के तहत करायें जाएँ  और सागर शहर अपनी अलग पहचान बना सके । उन्होंने विकास के साथ हरियाली पर भी जोर देते हुए कहा कि मुख्य बस स्टेण्ड से चकराघाट, गंगा मंदिर से संजय ड्राईव होते हुये वापिस बस स्टेण्ड तक ऐलीवेटेड गलियारा बनाया जाये । उन्होंने  फ्लाई ओवर की को भी जरूरी बताया और कहा कि  बड़ा बाजार, मोतीनगर, काकागंज के रहवासियों के लिये ट्राफिक की समस्या से निजात मिल सकेगी ।


Smart Roads & Beautification :स्मार्ट सिटी परियोजना की प्राथमिकता में शामिल रहे

शहर के सौदर्यीकरण के सिलसिले में उन्होंने डेरी विस्थापन, स्पोर्ट कम्पलेक्स, महिला सुविधा केन्द्र, तालाब सौन्दर्यकरण एवं स्मार्ट रोड जैसे कार्यों को प्राथमिकता के साथ कराये जाने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि सागर का विकास आम लोगों को अब दिखाई देगा।


Sagar Smart City : महिला सुविधा केंद्र बनें

उन्होंने कहा कि डेयरी विस्थापन का कार्य किसी एक जगह न कर शहर के चारों कोनों में किया जाये। जिससे डेयरी मालिकों को भी असुविधा नही होगी। माताएं-बहनों को महिला सुविधा केन्द्र न होने के कारण असुविधा होती है, इसलिए इस कार्य को प्राथमिकता दी जाए।



नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह ने शहर में खेल सुविधों में इजाफा करने के लिहाज  से स्पोर्टस कम्पलेक्स के खेल परिसर में भी कुछ कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रमुख रूप से बस स्टेण्ड तीनबत्ती, कोतवाली, विजय टॉकीज रोड, कटरा मस्जिद एवं राधा चौराहा की सड़कों के चौड़ीकरण के लिए ट्रैफिक सर्वे कराने के निर्देश दिए। 

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एएबी समाचार। मप्र की राजधानी में कोरोना का संक्रमण तेजी से ईजाफा रहा है । यहाँ तक की प्रदेश की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है । राजधानी में शुक्रवार को सर्वाधिक 221 नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं  ।  इससे लग रहा है कि कोरोना शहर के कोने -कोने तक दस्तक दे चुका है। शहर में अब संक्रमितों की संख्‍या 5618 तक पहुंच गई है ।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह  चौहान ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर खुद ही बताया कि वो कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं ।  उन्होंने ट्वीट के जरिये  सभी मिलने वालों  से अपील है कि वो भी अपना कोरोना टेस्ट करवा लें और क्वारंटाइन  हो जाएं ।
 

इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश की जनता से अपील है कि सावधानी रखें, जरा सी असावधानी कोरोना को निमंत्रण देती है । उन्होंने कोरोना से सावधान रहने के हर संभव प्रयास किए लेकिन समस्याओं को लेकर के लोग मिलते रहना पड़ा । उन्होंने प्रदेश वासियों को कोरोना से न घबराने की सलाह देते हुए कहा कि समय पर इलाज होता है तो कोरोना बिल्कुल ठीक हो जाता है ।


मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि वो  25 मार्च से प्रत्येक शाम को वो कोरोना की समीक्षा बैठक करते रहें हैं ।  आगे भी वो वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोरोना की समीक्षा करने कि कोशिश करेंगे और उनकी गैहाजारी में यह बैठक गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय विकास एवं प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह , स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी करेंगे ।

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एएबी समाचार।
विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी के बाबजूद भी अगस्त 2020 से प्रारंभ नए शैक्षणिक सत्र में शासकीय एवं निजी आई.टी.आई. में प्रवेश की ऑनलाइन प्रक्रिया एक जुलाई से प्रारंभ हो रही है। इस वर्ष दसवीं कक्षा के परिणाम में देरी के कारण आई.टी.आई. प्रवेश की अंतिम तिथि को 19 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई किया गया है।


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ITI Entrance : प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन और च्वाइस फिलिंग अनिवार्य

प्रदेश में 243 शासकीय तथा 900 प्राइवेट कुल 1200 आई.टी.आई. है। शासन द्वारा शासकीय आई.टी.आई. में तीन वर्षों से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया लागू है। अशासकीय आई.टी.आई में पिछले वर्ष से यह व्यवस्था लागू की गई है। संचालक, कौशल विकास  एस. धनराजू ने जानकारी देते हुए बताया कि शासकीय अथवा प्राइवेट आई.टी.आई में प्रवेश के लिए अभ्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन और च्वाइस फिलिंग करना अनिवार्य होगा।

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ITI Entrance : प्रवेश के लिए अन्य राज्यों के आवेदकों को व्यवस्था तय

उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 61 हजार 499 पंजीयन तथा 55 हजार 755 अभ्यार्थियों ने पसंद दर्ज की चुकी है। श्री धनराजू ने बताया कि इस सत्र में अन्य राज्यों के आवेदकों के प्रवेश की व्यवस्था निर्धारित की गई है।

संचालक , धनराजू के मुताबिक एम.पी. ऑनलाइन में पंजीयन  तथा त्रुटि सुधार एवं इच्छित संस्थाओं में व्यवस्थाओं की प्राथमिकता के क्रम का विकल्प तथा पसंद दर्ज करने में त्रुटि सुधार के लिए पोर्टल पर व्यवस्था निर्धारित की गई है। इस सत्र में आवेदक 100 विकल्प भर सकते है।

ITI Entrance : प्रवेश प्रवीणता सूची के आधार पर

प्रवेश की कार्यवाही के सिलसिले में धनराजू ने बताया कि चयन मेरिट आधारित है। चयनित अभ्यार्थी जिसे उसका प्रथम विकल्प आवंटित हुआ है, यदि वह प्रवेश नहीं लेता है तो उसका प्रवेश निरस्त हो जाएगा तथा वह आगे की काउंसिलिंग के लिए पात्र नहीं होगा।

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