NEP to Boost reseach culture in HEI-महाविद्यालयों की संबद्धता होगी समाप्त
नई शिक्षा नीति २०२० - प्रथम भाग | द्वितीय भाग | तृतीय भाग
एएबी समाचार । नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाने के लिए भी कई नए कदम उठाये गए हैं । एनईपी 2020 का मकसद व्यवसायिक शिक्षा सहित उच्चतर शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrollment Ratio) को 26.3 प्रतिशत (2018) से बढ़ाकर 2035 तक 50 प्रतिशत करना है। इसके लिए उच्चतर शिक्षा संस्थानों में 3.5 करोड़ नई सीटें जोड़ी जाएंगी।
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NEP 2020 : लचीला पाठ्यक्रम प्रवेश लेने व छोड़ने के बहु विकल्पों सहित
नई शिक्षा नीति में लचीले पाठ्यक्रम, विषयों के रचनात्मक संयोजन, व्यावसायिक शिक्षा एवं उपयुक्त प्रमाणन के साथ बहु प्रवेश और निर्गम बिन्दुओं (Multiple Entry and Exit Points ) के साथ व्यापक, बहुविषयक, समग्र अवर स्नातक शिक्षा की परिकल्पना की गई है ।
यूजी शिक्षा इस अवधि के भीतर विविध निर्गम विकल्पों तथा उपयुक्त प्रमाणन के साथ 3 या 4 वर्ष की हो सकती है। उदाहरण के लिए, 1 वर्ष के बाद सर्टिफिकेट, 2 वर्षों के बाद एडवांस डिप्लोमा, 3 वर्षों के बाद स्नातक की डिग्री तथा 4 वर्षों के बाद शोध के साथ स्नातक।
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NEP 2020 : उपाधियों का अकादमिक बैंक रखेगा उपाधियों का लेखा -जोखा
विभिन्न "उच्तर शैक्षणिक संस्थानों (HEI)" से अर्जित डिजिटल रूप से अकादमिक क्रेडिटों के लिए एक एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट की स्थापना की जानी है जिससे कि इन्हें अर्जित अंतिम डिग्री दिशा में अंतरित एवं गणना की जा सके।
NEP 2020 : बहुविषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय की स्थापना
देश में वैश्विक मानकों के सर्वश्रेष्ठ बहुविषयक शिक्षा के माडलों के रूप में आईआईटी, आईआईएम के समकक्ष बहुविषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय (MERU-Multi Subject Education and Research University) स्थापित किए जाएंगे
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NEP 2020 : राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन बढाएगा अनुसन्धान की प्रवति
पूरी उच्च शिक्षा में एक मजबूत अनुसंधान संस्कृति तथा अनुसंधान क्षमता को बढ़ावा देने के लिए एक शीर्ष निकाय के रूप में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन का सृजन किया जाएगा।
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NEP 2020 : उच्च शिक्षा का नियमन करेगा भारत उच्च शिक्षा आयोग
चिकित्सा एवं कानूनी शिक्षा को छोड़कर समस्त उच्च शिक्षा के लिए एक एकल अति महत्वपूर्ण व्यापक निकाय के रूप में भारत उच्च शिक्षा आयोग (HECI-Higher Education Commission of India) का गठन किया जाएगा।
एचईसीआई के चार स्वतंत्र वर्टिकल होंगे- विनियमन के लिए राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा नियामकीय परिषद (NHERC-National Higher Education Regulatory Council), मानक निर्धारण के लिए सामान्य शिक्षा परिषद (GEC-General Education Council ), वित पोषण के लिए उच्चतर शिक्षा अनुदान परिषद (HEGC-Higher Education Grants Council ) और प्रत्यायन के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (NAC-National Accreditation Council)।
एचईसीआई प्रौद्योगिकी के जरिये चेहरा रहित दखल के माध्यम से कार्य करेगा और इसमें नियमों तथा मानकों का अनुपालन न करने वाले उच्च शैक्षिक संस्थानों को दंडित करने की शक्ति होगी। सार्वजनिक एवं निजी उच्चतर शिक्षा संस्थान विनियमन, प्रत्यायन एवं अकादमिक मानकों के उसी समूह द्वारा शासित होंगे।
उच्चतर शिक्षा संस्थानों को आला दर्जे की शिक्षण, शोध एवं सामुदायिक भागीदारी उपलब्ध कराने के जरिये बड़े, साधन संपन्न, गतिशील बहु विषयक संस्थानों में रूपांतरित कर दिया जाएगा। विश्वविद्यालय की परिभाषा में संस्थानों की एक विस्तृत श्रेणी होगी जिसमें अनुसंधान केंद्रित विश्वविद्यालयों से शिक्षण केंद्रित विश्वविद्यालय तथा स्वायत्तशासी डिग्री प्रदान करने वाले महाविद्यालय शामिल होंगे।
NEP 2020 : महाविद्यालयों की संबद्धता चरणबद्ध तरीके से होगी समाप्त
महाविद्यालयों की संबद्धता 15 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से समाप्त हो जाएगी तथा महाविद्यालयों को क्रमिक स्वायत्ता प्रदान करने के लिए एक राज्य वार तंत्र की स्थापना की जाएगी। ऐसी परिकल्पना की जाती है कि कुछ समय के बाद प्रत्येक महाविद्यालय या तो एक स्वायत्तशासी डिग्री प्रदान करने वाले महाविद्यालय में विकसित हो जाएंगे या किसी विश्वविद्यालय के संघटक महाविद्यालय बन जाएंगे।
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