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Smartphones sale Nosedive in corona time

एएबी समाचार । कोविड-19 महामारी का व्यापार के जिन क्षेत्रों पर सबसे  बुरा असर पड़ा उनमे से एक है स्मार्ट मोबाइल फोन का बाज़ार । मोबाइल बाज़ार की सेहत पर नजर रखने वाली एक कम्पनी के हालिया सर्वेक्षण में यह पता चला है कि भारत में मोबाइल फ़ोन की बिक्री में जबरदस्त गिरावट आई है ।

कोविड -19 महामारी के प्रकोप के चलते देश भर में मार्च के महीने से शुरू हु लॉक डाउन के चलते एक ओर मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति में कमी आये वहीँ  दूसरी और श्रमिक की कमी के चलते मोबाइल के उत्पादन में भी कमी आई ।

व्यावसायिक शोध कम्पनी कैनालिस की नवीनतम अध्यन के मुताबिक भारत की "दूसरी तिमाही में स्मार्ट मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति में 48 फीसदी की गिरावट आई है ।" स्मार्ट मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति , उत्पादन के अलावा मांग में भी कमी आने से मोबाइल फ़ोन बाज़ार में भारी मायूसी का माहौल बना हुआ है ।


 Smartphones sale Nosedive in corona time : शिओमी अभी भी नम्बर वन

कैनालिस कम्पनी के मुताबिक भारत के मोबाइल बाज़ार में 31% के हिस्से शिओमी कम्पनी नम्बर बनी हुई है । उसने दूसरी तिमाही में 53 लाख  मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति की, जबकि लगभग 37 लाख  मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति कर विवो (vivo) कंपनी बाज़ार में दूसरी पायदान पर बनी हुई है । लेकिन सैमसंग (samsung) कम्पनी ने  लॉक डाउन के दौर में भी करीब 30 मोबाइल बेच कर तीसरे स्थान पर आ गयी । वहीं ओप्पो (oppo) और (Realme) को  क्रमशः 22 लाख व 17 लाख मोबाइल बेच कर चौथे व पांचवे स्थान पर रहकर है तसल्ली करने पड़ रही है ।


 Smartphones sale Nosedive in corona time : संकट से उबरने की रह कठिन


कैनालिस कम्पनी की विश्लेषक मधुमिता चौधरी के मुताबिक "भारत में स्मार्ट फोन के बाज़ार के संकट से उबरने की रह पथरीली नजर आ रही है ।" हालाँकि मोबाइल विक्रेताओं को उम्मीद है कि बाज़ार के खुलते ही मांग बढ़ेगी लेकिन  कारीगिरों की कमी के चलते मांग के मुताबिक उत्पादन होने की आशा नजर नहीं रही है । मोबाइल फ़ोन की आपूर्ति के प्रवाह के टूटने से मोबाइल विक्रेताओं को आने वाले समाया में काफी मुश्किलों का सामना कर पड़ सकता है ।



कम्पनी के ही शोध विश्लेषक अद्वैत मार्डीकर के मुताबिक भारत के उत्तर पूर क्षेत्र में बाढ़ के प्रकोप बढ़ने व चीन के साथ संबंधों में गतिरोध आने से हालत चीनी मोबाइल विक्रेताओं के खिलाफ ही लग रहे हैं । छीने चीन के प्रति जनता का बढ़ता गुस्सा और प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में शुरू की गयी आत्मनिर्भर भारत मोबाइल एप चुनौती से भी
चीनी मोबाइल विक्रेताओं के खिलाफ माहौल बन रहा है ।


कैनालिस ने कहा कि एप्पल (Apple) 10 शीर्ष विक्रेताओं के बीच सबसे कम प्रभावित था । विक्रेता ने हाल ही में अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा की है. भारत में अपने निवेश को बढ़ाने के लिए अपने प्रमुख भागीदारों फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन को आगे बढ़ा रहा है।



चौधरी के मुताबिक कोविड -19 की मार से कराह रहे स्मार्ट फ़ोन बाज़ार को अब उम्मीद 5जी  तकनीक से है । हाल ही में जिओ कम्पनी ने देश में 5 जी को बाजार में उतारने के सिलसिले में अपनी मंशा जताई है वह मोबाइल व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को काफी दिलासा देती नजर आ रही है ।

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Amazon-Google versus Facebook-Jio www.allaboutbusiness.in

एएबी समाचार / व्यापार प्रतिनिधि / दुनिया में एक बड़ा बाज़ार होने के चलते भारत की अहमियत विकसित देशों के बीच लगातार बदती जा रही है | देशों के साथ -साथ इन विकसित देशों की बड़े बड़े व्यापारिक समूह भी भारतीय बाज़ार पर छा जाने के लिए कोई कसार बाकी नहीं छोड़ रहे हैं | इसी होड़ में उस समय से आग गयी है जबसे देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कम्पनी जियो (Jio) व सोशल मीडिया दिग्गज कम्पनी फेसबुक (Facebook) की बीच तालमेल की ख़बरें आना शुरू हुईं हैं | जियो और फेसबुक की बीच व्यापारिक साझेदारी समीकरण बनते ही भारत के बाज़ार पर पहले से ही नजरें गड़ाए बैठे ऑनलाइन उत्पाद विक्रेता कंपनी अमेजन (amazon ) व इन्टरनेट की दुनिया पर राज कर रही गूगल (Google)के दिलों में खलबली मच रही है |

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Corporate tussle कार्पोरेट टसल

 रिलायंस जियो (Reliance Jio) और फेसबुक (Facebook) की डील के बाद वैश्विक टेक्नोलॉजी कंपनियों गूगल (Google) और अमेजन (Amazon) पर फियर ऑफ मिसिंग आउट (फोमो) का दबाव बढ़ रहा है। यह बात प्रमुख अमेरिकी वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी  की एक रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक (Facebook)और रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म  रिलायंस जियो (Reliance Jio)के बीच डील के बाद फेसबुक गूगल को प्रभाावित कर सकती है, क्योंकि विज्ञापन और भुगतान के मामले में गूगल भारत में फेसबुक की सबसे बड़ी प्रतियोगी कंपनी है। वहीं रिलायंस इंडस्ट्र्रीज अपने खुदरा  कारोबार के बल पर अमेजन को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि रिलायंस जियो (Reliance Jio)और फेसबुक (Facebook)की साझेदारी सीधे अमेजन इंडिया को चुनौती दे सकती है।

 


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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गूगल व अमेजन बाज़ार पर कब्ज़ा ज़माने की होड़ कूद  चुके  है कि यदि  रिपोर्ट्स सही है, तो यह मन जा सकता है कि गूगल (Google) और अमेजन (Amazon) दोनों दौड़ में पीछे न छूट जाने के डर से भारत की अन्य टेलीकॉम कंपनियों के साथ साझेदारी कर सकते हैं। 

जब से फेसबुक ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो प्लेटफॉर्म्स में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। इसके बाद से ही  मीडिया रिपोर्ट्स में गूगल व अमेजन की ओर से भारतीय टेलीकॉम कंपनियों में निवेश करने की कयासबाजी बढ़ी |

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हाल में मीडिया की कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि गूगल देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन(Vodofon) व  आईडिया (Idea) में 5 फीसदी हिस्सेदारी लेने पर विचार कर रही है। इसके बाद कुछ अन्य मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि अमेजन (Amazon)देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल (Bharti-Airtel) में 2 अरब डॉलर की हिस्सेदारी लेना चाहती है।

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फेसबुक, गूगल और अमेजन की नजरों में है भारत एक महत्वपूर्ण बाजार

फेसबुक, गूगल और अमेजन जैसी तकनिकी दिग्गज  कंपनियां भारत को एक महत्वपूर्ण बाजार मानती हैं। दुनिया का इंटरनेट बाजार सबसे तेजी भारत में ही बढ़ रहा है।  भारत में इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या 65 करोड़ है, जो दुनिया में दूसरी सबसे अधिक है। देश की 6.6 फीसदी आबादी तारयुक्त  ब्रॉडबैंड का उपयोग कर रही है। अधिकतर उपभोक्ताओं तक टेलीकॉम कंपनियों के जरिये इंटरनेट पहुंच रहा है। 

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अतः यह अटकलें  लगाईं जा रहीं हैं कि वैश्विक टेक्नोलॉजी कंपनी यदि इन टेलीकॉम कंपनियों के साथ साझेदारी करती हैं, तो वे विशेष डिजिटल उत्पाद पेश कर पाने में ज्यादा सक्षम हो जाएंगी और इसका फायदा टेलीकॉम व टेक्नोलॉजी कंपनियों दोनों को मिलेगा।

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इंटरनेट कंपनियों की प्राथमिकता उपभोक्ताओं तक सीधी पहुंच बनाना है

इंटरनेट कंपनियों के लिए उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाना एक प्राथमिकता हो सकती है। इसका कारण यह है कि गूगल (Google)को एपल (Apple) फोन और कुछ अन्य टेलीकॉम डिवाइसेज तक पहुंचने में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा है। देश में 5 जी नेटवर्क का तेजी से विस्तार करने के मकसद से भी ये टेक्नोलॉजी कंपनियां भारत में निवेश बाधा सकतीं   है। इससे देश में इंटरनेट के उपयोग में और बढ़ोतरी होगी। भारत के डिजिटल विज्ञापन बाजार में फेसबुक और गूगल आपस में एक-दूसरे की सबसे बड़ी प्रतियोगी है। वहीं, भारत के ई-कॉमर्स बााजार में अमेजन के लिए जियो व फेसबुक की साझेदारी सबसे बड़ी प्रतियोगी है।