एएबी समाचार। केंद्र सरकार नई प्रोद्योगिकी का इस्तेमाल कर सड़क निर्माण की लागत में 25 फीसदी तक की कमी लाना चाहती है । सरकार देश भर में सड़क निर्माण में आधुनिक और हरित प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने पर जोर दे रही है । सरकार उम्मीद जाता रही है कि वह
मार्च 2022 तक राजमार्गों पर शत प्रतिशत वृक्षारोपण के लक्ष्य को हासिल कर लेगी । केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्री नितिन गडकरी ने पूरे देश में सड़क निर्माण में नई हरित राजमार्ग नीति (वृक्षारोपण) की समीक्षा करने और सड़क निर्माण में नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग के बारे में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से विचार-विमर्श करने के लिए बैठक आयोजित की ।
National Highway : भू-टैगिंग से होगी वृक्षारोपण की निगरानी
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण की लागत 25 प्रतिशत तक कम करना हमारा मिशन होना चाहिए और इसके लिए हमें नई प्रौद्योगिकियों की जरूरत है। उन्होंने भू-टैगिंग और वेब आधारित जीआईएस सक्षम निगरानी उपकरणों के माध्यम से वृक्षारोपण की निगरानी करने के लिए एक मोबाइल ऐप ‘हरित पथ’ लॉन्च किया ।
Harit-path app: भारतीय राष्ट्रीयराजमार्ग प्राधिकरण द्वारा विकसित
इस मोबाइल ऐप का उद्घाटन करते हुए गडकरी ने वृक्षारोपण की सतत निगरानी और पेड़ों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रतिरोपण पर जोर दिया । साथ ही बताया कि यह ऐप सभी वृक्षारोपण परियोजनाओं के तहत प्रत्येक वृक्ष के लिए सभी क्षेत्रीय इकाइयों में से प्रत्येक के स्थान, विकास, प्रजातियों के विवरण, रखरखाव गतिविधियों, लक्ष्यों और उपलब्धियों की निगरानी करने के लिए एनएचएआई द्वारा विकसित किया गया है।
श्री गडकरी ने राज मार्गों के किनारे वृक्षारोपण के लिए विशेष व्यक्तियों/एजेंसियों से काम लेने का सुझाव दिया । उन्होंने इस कार्य में गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और बागवानी तथा वन विभाग को शामिल करने का सुझाव दिया । अधिकारीयों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे मार्च 2022 तक राजमार्गों पर शत प्रतिशत वृक्षारोपण के लक्ष्य को अर्जित करने में समर्थ होंगे।
NAHI MISSION: पेड़ों को काटने से बचाना
वृक्षारोपण के मुद्दे पर विचार-विमर्श करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि सभी पेड़ों को कटने से बचाना ही हमारा मिशन होना चाहिए और इस उद्देश्य के लिए नई प्रौद्योगिकियों से युक्त विशिष्ट एजेंसियों को इस काम पर रखा जाना चाहिए।
उन्होंने इन उद्देश्यों की मजबूती के लिए स्थानीय स्वदेशी सामग्रियों जैसे जूट, कॉयर के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल ही वृक्षों की प्रजातियों का सही चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है।
सड़क निर्माण में नई प्रौद्योगिकियों के बारे में विचार-विमर्श करते हुए उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण की लागत 25 प्रतिशत कम करना हमारा मिशन होना चाहिए और इसके लिए हमें नई प्रौद्योगिकियों की जरूरत है ।
उन्होंने अंडमान निकोबार में सड़क निर्माण में ऐसी प्रौद्योगिकी के उपयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों, सीमावर्ती क्षेत्रों और तटीय क्षेत्रों जैसे विशिष्ट क्षेत्रों के लिए अलग दृष्टिकोण और प्रौद्योगिकियों की जरूरत है । बाकी परियोजनाओं में इस उदाहरण को अपनाने के लिए एनएचआईडीसीएल को भी प्रेरित किया ।
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