नवंबर 2019
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एएबी समाचार /  नया साल सोने के व्यापारियों के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आने वाला है .केंद्र  सरकार ने नए साल के पहले ही महीने से सोने के जेवरातों को बिना हॉलमार्क के बेचने पर रोक लगाने जा रही है .सरकार की इस घोषणा के सार्वजानिक होते ही देश भर के जौहरी बाजारों में खलबली मचने के आसार पैदा होने लगे हैं . भारतीय मानक ब्यूरो से पंजीकृत हुए बिना देश का कोई भी जौहरी व सोना का व्यवसायी स्वर्ण आभूषण नहीं बेच पायेगा .

केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने घोषणा की कि 15 जनवरी, 2020 से देश भर में सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी जाएगी। घोषणा के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए श्री पासवान ने कहा कि भारत में सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य की जा रही है। 

इसके लिए उपभोक्ता कार्य विभाग द्वारा एक अधिसूचना जारी की जाएगी और कार्यान्वयन के लिए एक वर्ष का समय दिया जाएगा, ताकि निजी उद्यमियों द्वारा सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की मांग वाले स्थानों पर नए परख और हॉलमार्किंग केंद्र  स्‍थापित किए जाएं; जौहरियों के पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो और आभूषणों के खुदरा विक्रेताओं को अपना मौजूदा स्‍टॉक क्‍लीयर करने के लिए एक साल का समय दिया गया है। श्री पासवान ने कहा कि हॉलमार्किंग से गांवों और छोटे शहरों में उन गरीबों को लाभ होगा जो सोना खरीदते समय उसकी शुद्धता का पता नहीं लगा पाते हैं।

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अधिनियम 2016 में केंद्र सरकार द्वारा स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के लिए धारा 14 और धारा 16 के तहत प्रावधानों को सक्षम किया गया है। इससे सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की बिक्री करने वाले सभी जौहरियों के लिए बीआईएस के साथ पंजीकृत होना और केवल हॉलमार्क वाले आभूषणों और कलाकृतियों को बेचना अनिवार्य हो जाएगा। सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के लिए गुणवत्‍ता नियंत्रण आदेश का प्रारूप 10 अक्टूबर 2019 को टिप्पणियों के लिए 60 दिनों की अवधि के लिए डब्ल्यूटीओ की वेबसाइट पर पोस्‍ट किया गया।

बीआईएस अधिनियम 2016 को 12 अक्टूबर 2017 से तत्‍काल प्रभाव से लागू किया गया और बीआईएस हॉलमार्किंग विनियम 2018 को अधिसूचित किए गए और 14-8-2018 से प्रभावी किए गए। बीआईएस अप्रैल 2000 से सोने के गहनों के लिए एक हॉलमार्किंग योजना चला रहा है। 31 अक्टूबर 2019 तक देश भर के 234 जिलों में 877 परख और हॉलमार्किंग केंद्र  हैं और अब तक 26,019 जौहरियों ने बीआईएस पंजीकरण कराया है


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एएबी समाचार -खेलों से ही हम जीवन में सफलता  की शिक्षा हासिल करते हैं . यह बात पूर्व विधायक पारुल साहू 'केसरी ' ने ग्रेटमेन इंटरनेशनल स्कूल में वार्षिक खेल महोत्सव का आयोजन के मौके पर उपस्थित विद्यार्थियों के समक्ष कही । कार्यक्रम में बतौर अतिथि  पारूल साहू  केशरी (पूर्व विधायक) ने शिरकत की। प्राचार्या  लिजी लुईस के द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट से उनका किया गया।  उन्होंने विद्यालय के 10 वर्ष पूर्ण होने पर सभी को शुभकामनाएँ दीं।
विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को  आर्यभट्ट, बुध्द, चाणक्य एवं धनवंतरि चारों समूह अपने नाम के अनुसार अपने गुणों को चरितार्थ कर रहे थे।  शिव वंदनानृत्य से कार्यक्रम की शुरुआत  हुए , जिसमें  तत्पश्चात विद्यालय की छात्रा प्रमुख बाँसुरी तिवारी दवारा कार्यक्रम की सफलता हेतु प्रार्थना की गई।
मार्चपास्ट का नेतृत्व छात्र प्रमुख राजवीर गौर एवं छात्रा बाँसुरी तिवारी ने किया । इसी मौके पर सभी विद्यार्थियों द्वारा खेल प्रतियोगिताओं मे पूर्ण ईमानदारी, भाईचारे की भावना, खेल भावना एवं अनुचित साधनों का प्रयोग न करने की शपथ ली गई। व विद्यार्थी  देश की एकता व अखण्डता की प्रतीक मशाल को लेकर मैंदान मे दौड़े। तत्पश्चात सभी अतिथियों द्वारा उन्नति के प्रतीक गुब्वारों को आसमान में छोड़कर वार्षिक खेल महोत्सव 2019 का शुभारंभ किया गया और इसके साथ ही खेल प्रतियोगिताएँ प्रारंभ हुई।
      राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें समर्पित कार्यक्रम ‘दा महात्मा’प्रस्तुत किया गया।  विरासत अनेकता मे एकता की संस्कृति से परिचित कराने वाला कार्यक्रम कश्मीर टू कन्याकुमारी की  प्रस्तुति दी । इस कार्यक्रम मे जैसे लोगों मे नई ऊर्जा का संचार कर दिया हो ऐसी जोशीली तालियों के साथ लोगों ने छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।
 कार्यक्रम में किंडर गार्डन के बच्चो द्वारा सुरक्षा नियमों का करो सम्मान, ना होगी दुर्घटना, ना होंगे आप परेशान का सन्देश देने वाला  ‘सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। प्रथम से पचंम जूनियर छात्रों द्वारा चंद्रयान पर आधारित कार्यक्रम चंद्रयान-प्प् की मनमोहक प्रस्तुति दी गई।
प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा मेडल एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर पुरूष्कृत किया गया। अतिथि महोदया ने उद्बोधन देते हुए कहा कि खेलों से ही हम जीवन की महत्वपूर्ण शिक्षा प्राप्त करते है। जैसा कि आप सभी जानते है कि जीवन सफलताओं एवं असफलताओं से भरा होता है जीवन मे सफलता को कैसे प्राप्त करते हैं यह हमे खेलों के द्वारा ही सीखने को मिलता है।
फ्रूट रेस में प्रथम स्थान रेनिस शेख, द्वितीय स्थान शिवांगी नायक एवं तृतीय स्थान शिवराजन साहू ने ग्रहण किया।
गुब्बारा दौड़ -में प्रथम स्थान जोसुआ जैकब एवं अविरल त्रिपाठी, द्वितीय स्थान आर्या बौद्ध एवं परिधि साहू एवं तृतीय स्थान गोपाल अहिरवार एवं जयांश बिलैया
बाधा दौड़-  में प्रथम स्थान अनिक पाण्डेय, द्वितीय स्थान लक्ष्यपाल यादव एवं तृतीय स्थान पर धनवी पटेल,  
फर्राटा दौड़ ५० मीटर   में -प्रथम स्थान दीपाली ठाकुर, द्वितीय स्थान अवनी केशरी एवं तृतीय स्थान पर तनिशा यादव,
 60 मीटर स्प्रिन्ट रेस में प्रथम स्थान अदित्य लोधी, द्वितीय स्थान अहान मंसुरी एवं तृतीय स्थान जैरस जैकब एवं शिवा सिंह राजपूत,
100 मीटर स्प्रिन्ट रेस में प्रथम स्थान काजुल कुशवाहा, द्वितीय स्थान ईशा जैन एवं तृतीय स्थान शना खान,
 4×100 मीटर रिले रेस में प्रथम स्थान हर्ष जैन, निकित चैरासिया, अंकित सिंह, नमन जडिया, द्वितीय स्थान  अरमान दीप दुबे, ब्रजेन्द्र कुर्मी, लक्ष्यदीप पाण्डेय, मयंक यादव, एवं तृतीय स्थान श्रंयास तिवारी, प्रिंस केशरी, अरमान जैन, हिंमाशु सिंह, थ्री लैग्ड रेस में प्रथम स्थान अंशिका सिंह, अदिति ठाकुर, द्वितीय स्थान अवनी रजक, राधिका विश्वकर्मा एवं तृतीय स्थान ओजश मिश्रा, ललिता नेमा, पार्थी पटेल, क्रिश्टल अग्रवाल,
मटका बैलेन्सिंग रेस मे प्रथम स्थान राशी चैबे, द्वितीय स्थान भूमि यादव एवं तृतीय स्थान आदिश्री सिंघई ने प्राप्त किया।
बेस्ट मार्च पास्ट पुरूस्कार-आर्यभट्ट समूह, अनुशासन पुरूस्कार-चाणक्य समूह, सांस्कृतिक कार्यक्रम पुरूस्कार-कश्मीर टू कन्याकुमारी, बेस्ट स्काॅटलीडर पुरस्कार- ईशा जैन एवं आॅवरआॅल चैम्पियनसिप पुरूस्कार- धनवंतरि समूह को मिला।


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एएबी समाचार। शहर के मकरोनिया क्षेत्र  में स्थित मॉल में खरीददारी करने आने वाले लोगों को पसंदीदा सामान खरीदने के बाद जिस दिक्कत का सामना करना पड़ता है वह है मॉल संचालकों द्वारा केरी बैग खरीदने के लिए दवाब डालना।  मॉल संचालक ग्राहकों को उनके झोले अन्दर ले जाने नहीं देते हैं और हज़ारों का माल खरीदने पर भी ५ से १० रूपए का झोला भी मुहैया नहीं करते ।

कुछ इसी तरह का वाकया चंडीगढ़ के एक मॉल में हुआ जहाँ पर बिग बाज़ार मॉल में एक उपभोक्ता से सामान ले जाने के लिए झोला के लिए अलग से पैसे वसूलने पर उपभोक्ता अदालत ने मॉल पर जुर्माना ठोका है ।
 फोरम ने बिग बाजार को दस हजार रुपये उपभोक्ता विधिक सहायता खाते  में जमा करवाने के साथ शिकायतकर्ता को 500 रुपये प्रकरण का खर्च देने का आदेश दिया है. इसके साथ ही शिकायतकर्ता को हुई मानसिक परेशानी के लिए एक हजार रुपये और कैरी बैग के लिए वसूले गए 18 रुपये भी वापस करने के लिए कहा है.

पंचकूला निवासी बलदेव ने फोरम को दी शिकायत में बताया कि वे 20 मार्च 2019 को बिग बाजार में खरीददारी करने गए थे। बिलिंग काउंटर कर्मचारी ने उससे कैरी बैग के लिए 18 रुपये अलग से वसूल किए. इसके लिए बलदेव ने मना भी किया और कहा कि यह गैरकानूनी है लेकिन कर्मचारी नहीं माना.

परेशान होकर बलदेव ने उपभोक्ता    फोरम का दरवाजा खटखटाया. वहीं, बिग बाजार ने अपने पक्ष में दलील रखते हुए कहा कि कैरी बैग के शुल्क  के बारे में उन्होंने स्टोर पर प्रदर्शन पटल पर  किया हुआ है और इस बारे में ग्राहक को भी बताया गया था. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद उपभोक्ता अदालत ने  ने अपना यह फैसला सुनाया है.

 एक मामले में पहले भी चडीगढ़ की उपभोक्ता अदालत ने जनवरी में एक पीड़ित उपभोक्ता पंकज चंद्गोथिया  के मामले में स्थानीय मॉल एलंत मॉल के लाइफ स्टाइल इंटरनेशनल स्टोर को कैरी बैग के का मूल्य अलग से वसूलने पर उपभोक्ता अदालत ने अपने फैसले में कहा की उपभोक्ता से केरी बैग के लिए अलग से पैसे वसूलना " कीमत से अतरिक्त पैसा लेने की श्रेणी में आता है ।
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मप्र में बच्चों की सेहत में सुधार लाने के लिए महिला-बाल विकास विभाग द्वारा 3052 डे-केयर सेन्टर ''आँगन'' खोले जाएंगे
एएबी समाचार। प्रदेश में कुपोषण के शिकार अति कम वजन के बच्चों की सेहत में सुधार लाने के लिए महिला-बाल विकास विभाग द्वारा 3052 डे-केयर सेन्टर ''आँगन'' खोले जाएंगे। आँगन केन्द्रों मे समुदाय स्तर पर ऐसे बच्चों की देखभाल और पोषण प्रबंधन किया जाएगा। इस व्यवस्था पर लगभग साढ़े चार करोड़ रूपये की राशि खर्च की जाएगी।
डे-केयर सेन्टर ''आँगन'' प्रदेश के उन आँगनवाड़ी केन्द्रों में शुरू किया जाएगा, जिसमें अति कम वजन के कुल 5 अथवा उससे अधिक बच्चे है। आँगनवाड़ी केन्द्र पर नियमित रूप से 3 माह तक शिविर लगाए जाएंगे। तीन माह के दौरान प्रत्येक 15 दिन में बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति का  मुआयना  किया जाएगा। यह गतिविधि लक्षित गांव में तीन माह तक सघन रूप से और तीन माह तक पाक्षिक मुआएने के रूप में जारी रहेगी।
प्रत्येक ग्राम में ''आँगन'' केन्द्र में सहयोग के लिए पोषण सेविका का चिन्हांकन किया जाएगा। अति कम वजन के बच्चों को प्रतिदिन नाश्ता, भोजन, थर्ड मील और शाम का अतिरिक्त नाश्ता भी दिया जाएगा। ''आँगन'' केन्द्रों का आवश्यकता अनुसार प्रदेश के अन्य जिलों में भी विस्तार किया जाएगा

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सरकार ने कहा खाद्यान्न और चीनी की पैकेजिंग अनिवार्य रूप से जूट की बोरियों में हो ..
एएबी समाचार / प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने जूट वर्ष 2019-20 के लिए खाद्यान्न और चीनी को अनिवार्य रूप से जूट की बोरियों में पैकेजिंग के नियमों के विस्तार को मंजूरी दी।
सरकार ने पिछले वर्ष के सामान जूट पैकेजिंग सामग्री (जेपीएम) अधिनियम, 1987 के तहत अनिवार्य पैकेजिंग नियमों के विस्तार को बनाए रखा है। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार 100 प्रतिशत खाद्यान्न और 20 प्रतिशत चीनी की पैकेजिंग अनिवार्य रूप से जूट की बोरियों में की जानी चाहिए।
लाभः
चीनी की पैकेजिंग जूट की बोरियों में करने से जूट उद्योग को लाभ मिलेगा। निर्णय में यह भी कहा गया है कि पैकेजिंग के लिए जूट बोरियों का 10 प्रतिशत जीईएम पोर्टल पर नीलामी के जरिए प्राप्त किया जाना चाहिए। इस मंजूरी से देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों विशेषकर पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, आंध्र प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा के किसानों और श्रमिकों को लाभ मिलेगा।
पृष्ठभूमिः
लगभग 3.7 लाख श्रमिक और कई लाख किसान परिवार अपनी आजीविका के लिए जूट क्षेत्र पर निर्भर है। सरकार जूट क्षेत्र के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है- कच्चे जूट की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाना, जूट क्षेत्र का विविधीकरण और जूट उत्पादों के लिए मांग को बढ़ावा देना।
जूट उद्योग मुख्य रूप से सरकारी क्षेत्र पर निर्भर है, जो खाद्यान्न पैकेजिंग के लिए प्रति वर्ष 7,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के जूट की बोरियां खरीदती हैं। जूट क्षेत्र में मांग को बनाए रखने के लिए तथा श्रमिकों और किसानों की आजीविका को समर्थन प्रदान करने के लिए ऐसा किया जाता है।

इस संबंध में जूट किसानों को समर्थन प्रदान करने के लिए जेसीआई को 2018-19 से प्रारंभ होने वाले वर्ष समेत दो वर्षों के लिए 100 करोड़ रुपये की सब्सिडी का अनुदान दिया गया है। जेसीआई इस धन राशि का उपयोग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान करने के लिए करेगा और इस प्रकार जूट क्षेत्र में मूल्य की स्थिरता सुनिश्चित होगी।

जूट क्षेत्र के विविधीकरण को समर्थन प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय जूट बोर्ड ने राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के साथ समझौता किया है और गांधी नगर में जूट डिजाइन सेल की स्थापना की गई है। जूट जियो कपड़े और एग्रो-कपड़े को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों (विशेषकर पूर्वोत्तकर क्षेत्र के) तथा सड़क परिवहन और जल संसाधन मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श किया गया है।

जूट क्षेत्र में मांग को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने बांग्लादेश और नेपाल से जूट उत्पादों की आयात पर एंटी डम्पिंग कर  लगाया  है। यह 5 जनवरी, 2017 से लागू है। जूट क्षेत्र में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर, 2016 में जूट स्मार्ट लॉन्च किया गया। यह ई-शासन पहल है और सरकारी विभागों/एजेंसियों द्वारा व्यवसायी से व्यवसायी  खरीद के लिए एक एकीकृत प्लेटफॉर्म है। जेसीआई, एमएसपी की धन राशि को किसानों को प्रदान करने के लिए तथा अन्य व्यावसायिक कार्यों के लिए 100 प्रतिशत सजीव भुगतान का उपयोग कर रही है

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मप्र सरकार अति पिछड़े क्षेत्रों में काम करने वाले संविदा  चिकित्सकों को देगी मोटी पगार
एएबी समाचार / मप्र  में संविदा चिकित्सकों की बल्ले -बल्ले होने वाली है . मप्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के मद्देनजर चिकित्सकों को भारी-भरकम वेतन देने की तैयारी कर ली है . अब अति पिछड़े विकासखंडो में सेवाएँ देने को राजी होने पर चिकित्सकों को एक लाख से लेकर २ लाख रूपए तक मासिक वेतन दिया जायेगा. ऐसे ही क्षेत्रों में काम करने के लिए स्थाई सेवा के चिकित्सकों को ९० हजार से लेकर पौने दो लाख रु तक वेतन दिया जायेगा .
 
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के आदिवासी विकासखण्डों में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये 'मुख्यमंत्री सुषेण चिकित्सक प्रोत्साहन योजना' लागू करने का निर्णय लिया है। योजना में अति पिछड़े 21 विकासखण्डों में संविदा चिकित्सक को कुल मानदेय एक लाख से दो लाख रुपये तक तथा शेष पिछड़े विकासखण्डों में 90 हजार से 1 लाख 85 हजार रूपये तक देय होगा। 

नियमित चिकित्सकों को इस योजना में कुल वेतन अति पिछड़े 21 विकासखण्डों में 96 हजार 100 रूपये से 1 लाख 42 हजार 700 रूपये तक तथा शेष पिछड़े विकासखण्डों में 86 हजार 100 रूपये से 1 लाख 27 हजार 700 रूपये तक देय होगा। इसके अलावा, पदस्थ किये जाने वाले चिकित्सकों को विकासखण्ड स्तर पर आवास समूह और विकासखण्ड आवास समूह से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कर्तव्य स्थल पर उपस्थित होने के लिये विभागीय पूल वाहन के माध्यम से परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी

मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में  मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र निवेश प्रोत्साहन नीति 2019 को मंजूरी दी गई है। इस नवीन योजना में दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए अस्पताल में बिस्तरों की संख्या को न्यूनतम 100 से कम करके 30 किया गया है। 

प्रति हजार जनसंख्या पर अस्पताल के कुल बिस्तरों की संख्या को आधार मानते हुए जिलों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ऐसे जिले, जहां अस्पताल बिस्तरों की संख्या राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है, में स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी निवेश के लिये अधिक प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे छोटे निवेशकों को निवेश के लिये आकर्षित किया जा सके।
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सागर श्री अस्पताल के प्रबंधन के मुताबिक अस्पताल में नाक ,गला व कान के कैंसर से पीड़ित आने वाले मरीजों के संख्या में लगातार  इजाफा होना अस्पताल के इलाज़ के प्रति लोगों के बढ़ते भरोसे का नतीजा है | अस्पताल में नाक,कान गला विभाग के चिकित्सक डॉ अभिनीत जैन  कैंसर की जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहे  है. सागरश्री हॉस्पिटल के नाक कान गला (ई.एन.टी.) विभाग के द्वारा मुहँ एवं गले के सबसे अधिक ऑपरेशन किये जा रहे है जिसमे कैंसर के मरीज सबसे अधिक आ रहे है |  सागरश्री हॉस्पिटल का अत्याधुनिक नाक कान गला (ई.एन.टी.) विभाग के डॉ. अभिनीत जैन के नेतृत्व में  बेहतर उपचार देते हुए अपने क्षेत्र में अग्रणी बना हुआ है.

अस्पताल प्रबंधन द्वारा जारी अधिकृत "प्रेस रिलीज़" के  मुताबिक हाल ही में  बड़ोदिया निवासी जमनीबाई (परिवर्तित नाम) उम्र 28 साल जो कि जबड़े के दुर्लभ “न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर”से ग्रसित थी, सागर, भोपाल व अन्य शहर के प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेजों में करीब एक से अधिक महीने भटकने के बाद भी निराशा ही हाथ लगी थी, इसके बाद वह सागरश्री हॉस्पिटल में उपचार हेतु भर्ती हुई जहां   नाक कान गला (ई.एन.टी.) विभाग के सर्जन डॉक्टर अभिनीत जैन ने मरीज का "कमांडो ऑपरेशन "किया | चिकित्सा जगत में इस शल्यक्रिया को काफी जटिल मन जाता है | लेकिन इस ऑपरेशन के बाद मरीज को तेजी से  स्वाथ्य लाभ हो रहा है.

गरिमाबाई (नाम परिवर्तित) 35 साल मालथौंन निवासी जो कि गाल एवं जबड़े के  के कैंसर से ग्रसित था | कैंसर की गठान  गले में थी और बहुत ज्यादा फैल गई थी, सागरश्री हॉस्पिटल में  डॉक्टर अभिनीत जैन द्वारा  मेंडिडलेक्टोमी एवं नेक डिसेक्शन”ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया यह शल्य क्रिया  भी चिकित्सा जगत की जटिल शल्य क्रियाओं में गिनी जाती है  ऑपरेशन के बाद  मरीज के चेहरे एवं मुहँ पर किसी भी प्रकार के विकृति नहीं आयी  मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है गौरतलब है  यह ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किया गया. सागर श्री अस्पताल में  नियमित रूप से थायराइड घेंघा एवं लार ग्रंथि के ट्यूमर का ऑपरेशन भी किए जा रहे हैं.

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 एएबी समाचार /  मप्र सरकार प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों के हित एक बड़ा नीतिगत फैसला लेने वाली है |  जिसके तहत  शिक्षित बेरोजगारों को उद्यानिकी फसलों के लिए भूमि के उपयोग का अधिकार देने संबंधी नई नीति  बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया  है। 
 मुख्यमंत्री कमल नाथ ने  मंत्रालय में उद्यानिकी विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान  कहा कि प्रदेश में ऐसी शासकीय भूमि चिन्हित की जाए, जहाँ पानी की व्यवस्था हो। इस भूमि पर संरक्षित खेती जैसे फूल-फल, सब्जी तथा विदेशी नस्ल की  फसलों सजावटी पौधों की नर्सरी व उसके साथ ही ऊतक संवर्धन  आदि विकसित किए जाए। उन्होंने कहा कि यह भूमि शिक्षित बेरोजगारों को दी जाए, जिससे वे इसके जरिए अपने लिए रोजगार के साधन विकसित कर सकें।
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री बागवानी खाद्य प्रसंस्करण योजना के जरिए बेलदार फूलों वाले पौधों के बगीचे  स्थापित किए जाएंगे। फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पढ़े-लिखे नौजवानों को औद्योगिक विकास केन्द्र के माध्यम से एक से लेकर ढाई एकड़ तक की भूमि के विकसित भूखंड  आवंटित किए जाएंगे। इनमें सड़क, बिजली, पानी आदि की व्यवस्था भी शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

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एएबी समाचार / नई दिल्ली:  भारतीय रेलवे एक ऐसी  अनोखी पहल करने जा रही है जिससे जिससे आपका सफ़र बेहद आनंद दायक व भय मुक्त हो जायेगा | आप ट्रेन में यात्रा कर रहे हों और इधर अगर घर पर चोरी हो गई तो भारतीय रेलवे आपको 1 लाख रुपए तक का बीमा देगी.  
ट्रेन में सफर के दौरान अगर आपको अपने घर में चोरी की चिंता सता रही है, तो बेफिक्र हो सफर करिए क्योंकि ट्रेन में सफर के दौरान अगर आपके घर में चोरी होती है तो IRCTC इसका मुआवजा देगी. ये स्कीम सुनने में तो बड़ी अजीबो गरीब है, लेकिन बिल्कुल सही है. इसके लिए यात्रियों से किसी भी तरह की शुल्क नहीं लिया जाएगा, ये सुविधा बिल्कुल मुफ्त रहेगी.
क्या है योजना
IRCTC संचालित ट्रेन में सफर के दौरान अगर घर पे चोरी होती है तो IRCTC आपको 1 लाख रुपए तक का बीमा देगी. ये सुविधा निशुल्क है. आपको इस बीमा दायरे  के लिए लिए कोई शुल्क नही देना होगा. ये सुविधा फिलहाल सिर्फ लखनऊ - दिल्ली तेजस एक्सप्रेस ट्रेन मुसाफिरों के लिए है. अगर घर पर चोरी होती है तो आपको FIR दर्ज करानी होगी और जांच में सही पाए जाने के बाद आपको बीमा राशि IRCTC देगी. 
सुविधा के लिए IRCTC ने लिबर्टी जनरल बीमा कम्पनी लिमिटेड  के साथ करार किया है. भविष्य में IRCTC अपने आने वाली गैर सरकारी तौर पर संचालित रेलगाड़ियों  में भी इसी तरह की सुविधा देने का मन बना रहा है. जनवरी 2020 में IRCTC मुम्बई - अहम्बदबाद मार्ग  पर अगली तेजस ट्रेन चलाने जा रही है.
 रेलवे की इस अनोखी पहल को फिलहाल तेजस एक्सप्रेस ट्रेन के लिए ही लागू किया गया है लेकिन खुद तेजस एक्सप्रेस के मुसाफिर भी रेलवे की इस निश्चिंत करने वाली बीमा योजना के बारे में ज़्यादा जानकारी नही है. 
हालांकि तेजस एक्सप्रेस में सफर के दौरान आपके पास मौजूद समान की अभी कोई  बीमा सुरक्षा  नही है लेकिन चूंकि दिल्ली लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस ट्रेन यात्री सुविधाओं से लेकर सुरक्षा तक के पैमाने पर बेहद खास है, लिहाजा IRCTC का दावा है कि ट्रेन में चोरी की घटना लगभग नामुमकिन है.
 IRCTC के मुताबिक चूंकि तेजस एक्सप्रेस ट्रेन में स्वचालित  दरवाज़े है लिहाजा कोई अनजान व्यक्ति के चढ़ने उतरने की संभावना कम है. इसके साथ ही पूरी गाड़ी  में निजी सुरक्षा जवान भी तैनात हैं. सीसीटीवी कैमरा भी ट्रेन मे लगे हुए हैं. लखनऊ - दिल्ली तेजस एक्सप्रेस ट्रेन देश की पहली निजी क्षेत्र की गाड़ी  है.

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एएबी समाचार /  UIDAI ने आधार  डाउनलोड करने के लिए नया Mobile App उतारा  है. इस मोबाइल ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध इस एप का उपयोग करने की लिए  आधार कार्ड में मोबाइल नंबर पंजीकृत होना चाहिए, तभी आप अपनी जानकारी  हासिल  कर पाएंगे. Mobile Aap में Aadhaar नंबर, जन्म तिथि , लिंग , पता  और फोटो के बारे में पता किया जा सकता है
UIDAI ने इसकी जानकारी ट्विटर पर डाल दी है  कर दी है. जानकारी के मुताबिक पहले मोबाइल से पुराने ऐप को हटा कर ही नया मोबाइल ऐप डाउनलोड किया जा सकेगा
गौरतलब है कि UIDAI ने हाल में आधार कार्ड में नाम, जन्‍म तिथि और लिंग सम्बन्धी जानकारी बदलवाने का नियम बदल दिया है, यानि अब कोई भी व्‍यक्ति आधार कार्ड में सिर्फ दो बार नाम बदलवा सकता है. वहीं जन्‍म तिथि और लिंग  को लेकर भी बदलाव हुआ है.
जन्‍म तिथि बदलने का नियम कड़ा
UIDAI ने आधार कार्ड में जन्‍म तिथि बदलवाने के लिए नियम कड़ा कर दिया है. इसके मुताबिक अब जन्म तिथि  एक बार ही बदल सकेंगे. वह भी तब जब व्‍यक्ति की जन्मतिथि आधार नामांकन  की तारीख से 3 साल पहले या बाद में पड़ती हो.

इस सूरत में बदल सकते हैं DoB
अगर धारक के पास आधार नामांकन  के समय  पर जन्मतिथि का साक्ष्य नहीं है तो UIDAI के पास जो तारीख दर्ज कराई जाएगी उसे ही घोषित जन्मतिथि  मान लिया जाएगा. लेकिन धारक के जन्मतिथि के साक्ष्य  देने पर उसमें बदलाव कराया जा सकेगा. अगर UIDAI के पास जन्मतिथि में पुष्टि का चिन्ह लग गया है तो उसे नहीं बदल सकेंगे.
तय सीमा  के बाद
तय सीमा  के बाद अगर आप नाम, जन्मतिथि और लिंग सम्बन्धी बदलवाना चाहते हैं तो इसके लिए धारक को UIDAI से संपर्क करना होगा. साथ ही उसे बदलने की ठोस वजह बतानी होगी. ईमेल के जरिए ऐसी दरख्वास्त को इस पते पर भेजना होगा : पता help@uidai.gov.in है.


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रंग थिएटर की नाट्य प्रस्तुति में मुख्य किरदार "अंजी " की भूमिका में शुभांगी श्रीवास
एएबी-कला समीक्षक/  उज्जैन/ शहर के कालिदास अकादमी संकुल भवन मे आयोजित अर्जुन सिंह रंगोत्सव में सागर के रंग थियेटर नाट्य समूह ने भी अपनी प्रस्तुति दी। रंग थियेटर  के कलाकारों ने नाटककार विजय तेंडुलकर की प्रमुख रचनाओं में से एक अंजी को पेश किया। यह नाट्य प्रस्तुति एक प्रौढ़ होती युवती द्वारा उसकी शादी के लिए रूचि नहीं लेने के घटनाक्रम   पर केन्द्रित रही। 
नाटक मे बेहद प्रभावी ढंग से यह दिखाया गया कि परिवार की एकमात्र कमाने वाली सदस्या होने के कारण जो अहमियत मिलती थी वह कैसे उसके लिए जी का जंजाल बन गई । उसकी कमाई से उसकी छोटी बहनों तक के विवाह हो गए लेकिन उसके प्रौढ़ अवस्था की ओर बढ़ते कदमों के बावजूद परिवार के सदस्य अंजी की शादी के बारे मे कोई भी फैसला नहीं ले रहे थे क्योंकि उन्हें भय था कि अंजी के विवाह के बाद घर का खर्चा कैसे चलेगा। 
ऐसे में "अंजी" अपने लिए खुद ही एक दूल्हा तलाशने का फैसला लेती है उसकी इसी तलाश यात्रा को नाटक के जरिए दिखाया गया है नाट्य समारोह मे सागर के रंग थियेटर समूह के कलाकारों प्रस्तुत यह नाटक राजेंन्द्र पांचाल के निर्देशन मे तैयार किया गया नाटक की केन्द्रीय किरदार अंजी के दूल्हे की तलाश के घटनाक्रम को बेहद मनोरंजक अंदाज में पेश किया। 
नाटक को असरदार बनाने मे सधे हुए प्रकाश संयोजन व उतार-चढ़ाव से भरे पार्श्व संगीत ने दर्शकों को बांधे रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। नाटक के सभी पात्रों के बीच अभिनय में अच्छा ताल-मेल देखने को मिला। अंजी का मुख्य किरदार निभा रहीं शुभांगनी  श्रीवास ने अपनी बेलाग व भावप्रवण अदाकारी से दर्शकों से खूब तालियां बटोरीं।

अन्य किरदारों में पारूल पटेल  ने सनजी, यशवंत लोधी ने सूत्रधार , मनोहर ने मिश्रा जी,  रूपेंद्र ने प्रभुदयाल, शुभम शरण ने होटल रिशेप्सनिस्ट, गोविंदा ने आटो चालाक  और अनुज ने दद्दा की भूमिका निभाई। पार्श्व संगीत में हारमोनियम पर अतुल  ड्रम पर बालमुकुंद, ढोलक पर निक्की और मंजीरा पर ज्ञानी का साथ रहा। प्रकाश संयोजन संगीत श्रीवास्तव का रहा। मनीष बोहरे और रवि आनंद सिंह चंदेल दल के समन्वयक के तौर पर अपनी शशक्त  उपस्थिति बनाये रहे


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एएबी समाचार / गोवा में चल रहे 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह (आईएफएफआई) में भारतीय पैनोरमा की फीचर फिल्मों के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष प्रियदर्शन नायर ने संवाददाता सम्मेलन के प्रारंभ में कहा कि निर्णायक मंडल ने भारत के यथार्थवादी फिल्मकारों की गुणवत्ता में काफी अधिक गिरावट पाई। 

कल के फिल्मकारों ने बड़ा काम किया है, लेकिन यह देखा गया है कि जब विषयवस्तु अच्छी हो तो गुणवत्ता खराब हो सकती है या विपरीत भी हो सकता है। हमें खुशी है कि इस बार फिल्मों के चयन में अधिक विवादों में नहीं जाना पड़ा
उन्होंने कहा, यह कठिन कार्य था, लेकिन उतना नहीं, जितना हमने सोचा था। 30 दिनों में 314 फिल्में देखना बड़ा काम है, लेकिन हमने विभिन्न राज्यों की विभिन्न किस्म की फिल्मों को देखते हुए आनंद उठाया।

नये फिल्मकारों को सलाह
 नये फिल्मकारों को सलाह देते हुए  प्रियदर्शन ने कहा कि अच्छी फिल्म बनाने के तीन सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलू हैं- पटकथा, छायांकन  और निर्माण संयोजना । उन्होंने कहा, हमारे समय में कैमरा के पीछे रहना कठिन था। आज कल प्रत्येक व्यक्ति अपनी जेब में कैमरा लेकर चलता है। प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क में एक फिल्म है। लोग वही बना रहे हैं जो उनके मस्तिष्क में है, लेकिन ऐसे लोगों में प्रशिक्षण का अभाव है। जमीनी काम नहीं दिख रहा है। युवाओं में काफी चिनगारी पाई जा सकती है। प्रशिक्षण और जमीनी काम  से उन्हें बेहतर फिल्में बनाने में मदद मिलेगी।
निर्णायक मंडल के सभी सदस्यों ने फिल्म समारोह को नये फिल्मकारों के लिए अपने विचारों को दिखाने का एक अवसर बताया।
विनोद गनात्रा ने बताया कि टेक्नोलॉजी सभी क्षेत्रों के फिल्मकारों की मदद कर रही है, यहां तक कि भारत के दूर-दराज के हिस्से से भी बड़ी दर्शक आबादी तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी को राष्ट्रीय मंच मिलना बड़ी बात है। 
हरीश भिमानी ने कहा कि हमने कुछ असाधारण फिल्में देखी।
आरती श्रीवास्तव ने कहा कि  लघु फिल्मों तथा वृत्तचित्र निर्माताओं को समर्थन के लिए अधिक कोष की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि आईएफएफआई 2019 में पूरे विश्व की फिल्में दिखाई जा रही हैं। भारतीय पैनोरमा आईएफएफआई का अग्रणी भाग है, जिसमें समकालीन 26 भारतीय फिल्में तथा 15 गैर-फीचर फिल्में दिखाई जा रही हैं।
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एएबी समाचार,सागर/ संजोग 2020 का जैन युवक युवती परिचय सम्मेलन का  आयोजन 4 एवं 5  जनवरी 2020 को आदर्श गार्डन में सागर किया जा रहा है। संजोग समिति के स्वागत अध्यक्ष ने बताया की लगातार 15 वर्ष से संजोग समिति के सदस्यों द्वारा परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
विवाह  योग्य युवक-युवतियों का परिचय पत्रिका में प्रकाशन के लिए प्रविष्टियां  जमा करने की अंतिम तारीख  10 दिसबर है। समिति के कार्यालय का उद्घाटन अमर टॉकीज परिसर  में किया गया। सम्मेलन में लगभग 12 सौ से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त होने का अनुमान है मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ राजस्थान गुजरात उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र सहित देश के अनेक स्थानों से प्रविष्टियां प्राप्त होना शुरू हो गई हैं इस बार फॉर्म भरने के साथ-साथ ईमेल के माध्यम से युवक-युवतियों के परिचय जीवन परिचय  निम्न वेबसाइट पर लिए जा रहे हैं संजोग की परिचय पुस्तिका का प्रकाशन भी सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर किया जाएगा।
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एएबी समाचार/ जॉन अब्राहम की हास्य  फिल्म पागलपंती इस हफ्ते  बड़े पर्दे पर उतरने वाली  है. सागर शहर की फिल्म प्रेमी बढ़ी बेसब्री से इस फिल्म का इंतज़ार करते नज़र आ रहे हैं . कहा जा रहा है की यह फिल्म कहीं न कहीं बैंक घोटाला कर देश छोड़ कर भाग जाने वाले विजय माल्या व नीरव मोदी की वाकये से प्रेरित है. इस फिल्म के दो ट्रेलर जारी  किए गए हैं. फिल्म के ट्रेलर हास्य के साथ जांबाजी  से भरपूर है. फिल्म में अरशद वारसी, जॉन अब्राहम और पुलकित सम्राट ने जहां एक तरफ जबरदस्त मस्ती  की है तो वहीं दूसरी तरफ अनिल कपूर और सौरभ शुक्ला ने भी फिल्म में मजेदार किरदार निभाया  है. फिल्म पागलपंती 22 नवंबर को रिलीज होने वाली है.
 
 इस फिल्म के निर्देशक अनीस बज्मी से सवाल किया गया कि क्या इस फिल्म का नीरव मोदी और विजय माल्या से किसी तरह का कोई ताल्लुक  है तो बज्मी कहा कहना है कि फिल्म देखकर उनकी याद जरूर आएगी.

दरअसल, जॉन अब्राहम ने इस फिल्म को लेकर कहा था कि ये फिल्म ऐसे भगोड़ों को दिखाती है जो हमारे बैंकों और मध्यम वर्ग के लोगों की बचत को लूटने के बाद देश से भाग गए.  जॉन अब्राहम की इस बात के बाद से ही लोगों के दिमाग में सवाल था कि क्या फिल्म विजय माल्या और नीरव मोदी से प्रेरित है? दोनों ही बैंकों को हजारों करोड़ रुपयों का चूना लगाकर देश छोड़कर भाग गए. जिसका जवाब अब अनीस बज्मी ने दे दिया है.

माल्या और नीरव को लेकर अनीस बज्मी ने कहा, 'ऐसे बहुत लोग हैं जो देश छोड़कर गए. हमनें उनके बारे में संकेत  दिया है. लेकिन हां, फिल्म देखकर इन लोगों की (विजय माल्या और नीरव मोदी) याद तो जरूर आएगी.'

हास्य  के साथ देश प्रेम

जॉन अब्राहम ने हाल में ऐसी फिल्में की हैं जो देशभक्ति से प्रेरित रही हैं. इनमें परमाणु, सत्यमेव जयते, बाटला हाउस जैसी फिल्में शामिल रही हैं. वहीं बज्मी का कहना है कि पागलपंती में हास्य  के साथ देश प्रेम भी दिखाया गया है.
इसी सिलसिले में सागर की एक फिल्म प्रेमी मकरोनिया निवासी अजय भार्गव ने बताया की फिल्म के ट्रेलर को देखकर लगता फिल्म जबरदस्त मनोरंजन करने वाली हो सकती है. वहीँ  सिविल लाइन निवासी दीपेन्द्र को लगता है की फिल्म जबरदस्ती हास्य पैदा करने की कोशिश की गयी है . फिल्म का ट्रेलर देख कर ऐसा अहसास होता है फिल्म दर्शकों को हँसाने की मकसद से प्रसंगों को बनाया गया है वे किसी कहानी का हिस्सा नजर नहीं आते .
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एएबी समाचार / देश में दुपहिया वाहन चलने के शौकीनों के लिए यह एक अच्छी खबर हो सकती है। भारत की प्रमुख दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी बजाज ऑटो देश का पहला ऐसा स्कूटर बाज़ार में उतारने वाली है जिसका निर्माण सिर्फ महिलाओं ने किया है।
स्कूटर का नाम नया नहीं  पर वह नए कलेवर और तेवर के साथ बाज़ार में अवतरित होने वाला है तकरीबन 14 सालों के बाद एक फिर से चेतक  अब इलेक्ट्रिक अवतार में देश की सड़क पर दौड़ने को तैयार है।

बजाज चेतक के साथ कंपनी 3 साल/50,000 किलोमीटर की वारंटी दे रही है। वहीं कंपनी का दावा है कि इस स्कूटर में जो बैटरी प्रयोग की गई है वो 70,000 किलोमीटर तक आसानी से चलेगा। कंपनी ने इस स्कूटर को देश के अलग अलग हिस्सों में हर मौसम और दशाओं में परीक्षण किया है। इस परीक्षण के दौरान स्कूटर को अलग अलग किस्म की सड़कों पर भी दौड़ाया गया ।


फिलहाल कंपनी ने इस स्कूटर को पेश किया है, इसे आगामी जनवरी 2020 में आधिकारिक तौर पर बिक्री के लिए लांच किया जा सकता है। इस स्कूटर में कंपनी ने IP67 स्तर की   लीथियम आयन  बैटरी का प्रयोग किया है। नए चेतक इलेक्ट्रिक में ईको  और स्पोर्ट मोड दिया गया है। स्कूटर पूरा चार्ज  होने पर Eco मोड में 95 किलोमीटर तक का क्षमता  प्रदान करेगा, जबकि Sport मोड में चलाने पर ये स्कूटर 85 किलोमीटर तक चल सकेगा।

नई बजाज चेतक इलेक्ट्रिक का निर्माण कंपनी ने महाराष्ट्र के चाकन स्थित प्लांट में किया है। इस स्कूटर के असेंबली लाइन में केवल महिलाएं काम करती है। पूरी तरह से आधुनिक तकनीक और मशीनरी से लैस इस प्लांट से चेतक का प्रोडक्शन किया जा रहा है। कंपनी का दावा है कि स्कूटरों के मांग  के अनुसार संयंत्र  को उत्पादन  के लिए तैयार किया गया है। कंपनी शुरुआती दौर में बजाज चेतक  को अपने KTM शोरूम के माध्यम से बेचेगी। 
अगले साल जनवरी महीने से इस स्कूटर की आधिकारिक बिक्री  को शुरु कर दिया जाएगा। इसकी कीमत 1 से 1.5 लाख रुपये के बीच हो सकती है। इस स्कूटर को अलग अलग दौर में देश के अलग अलग शहरों में उतारा जाएगा। शुरुआत में कंपनी इसे दिल्ली, बैंगलुरु, मुंबई और हैदराबाद में पेश करेगी। इसके बाद अन्य शहरों में भी इसे बिक्री के लिए उतारा जाएगा।

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एएबी समाचार / सरदार पटेल राष्‍ट्रीय एकता पुरस्‍कार – 2020 की ऑनलाइन नामांकन/अनुमोदन प्रक्रिया चल रही है और इसकी अंतिम तिथि 30 नवम्‍बर, 2019 है। नामांकन/अनुमोदन के लिए गृह मंत्रालय पर क्लिक करें
भारत सरकार ने सरदार वल्‍लभभाई पटेल के नाम पर देश की एकता और अखंडता के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए इस सर्वोच्‍च नागरिक पुरस्‍कार का गठन किया है। राष्‍ट्रीय एकता और अखंडता को प्रोत्‍साहन देने तथा मजबूत और अखंड भारत के मूल्‍यों को स्‍थापित करने के सम्‍बंध में यह पुरस्‍कार प्रदान किया जाता है। धर्म, नस्‍ल, जाति, लिंग, जन्‍म-स्‍थान, आयु या व्‍यवसाय से इतर सभी नागरिक और संस्‍थान/संगठन इस पुरस्‍कार के लिए पात्र हैं।
कोई भी भारतीय नागरिक या संस्‍थान या संगठन पुरस्‍कार के लिए किसी को भी नामित कर सकता है। भारतीय नागरिक अपने आप को भी नामित कर सकते हैं। राज्‍य सरकार, केन्‍द्र शासित प्रशासन और भारत सरकार के मंत्रालय भी नामांकन भेज सकते हैं।
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एएबी समाचार /  मप्र के परिवहन मंत्री  गोविन्द राजपूत ने कहा कि राज्य शासन अपने वचन-पत्र को पूरा करने के लिये दृढ़-संकल्पित है। देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री प्रियदर्शनी स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गाँधी के जन्म-दिवस 19 नवम्बर को प्रदेश की समस्त महाविद्यालयीन छात्राओं के लिये नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस योजना प्रारंभ करने जा रही है । राजपूत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने वचन-पत्र में महिला सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की है। महाविद्यालयीन छात्राओं को नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस प्रदान करने की योजना लागू करने का निर्णय इसी दिशा में उल्लेखनीय पहल है।
 उन्होंने कहा कि वे स्वयं 19 नवम्बर को भोपाल स्थित शासकीय नूतन कन्या महाविद्यालय में छात्राओं को नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस प्रदान कर योजना का शुभारंभ करेंगे। राजपूत ने बताया कि इस दिन प्रदेश में चयनित कन्या महाविद्यालयों में शिविर आयोजित कर छात्राओं को नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस वितरित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्षभर निश्चित अंतराल में सभी कन्या महाविद्यालयों में नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस वितरण शिविर आयोजित किए जाएंगे।
परिवहन मंत्री ने समस्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिला स्तर पर स्थानीय विधायक, जन-प्रतिनिधियों तथा कलेक्टर के माध्यम से ड्रायविंग लायसेंस का वितरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अगले चरण में प्रदेश के सभी तहसील मुख्यालयों पर जिले के प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में निश्चित अंतराल पर पूरे वर्ष शिविर लगाये जाएंगे।।


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एएबी समाचार / कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने इंडिया स्किल्स 2020 प्रतियोगिता के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू करने की घोषणा की है। यह एक द्विवार्षिक प्रतियोगिता है, जिसके माध्‍यम से देश में प्रतिभाओं को खोजना है और उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्‍तर की प्रतियोगिताओं में अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
 इच्छुक उम्मीदवार इस वेबसाइट पते पर worldskillsindia ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। प्रतियोगिता के लिए आयु सीमा 1 जनवरी 1999 को या उसके बाद जन्‍में युवाओं के लिए है। प्रतिभागी मेक्ट्रोनिक्सविनिर्माण टीम चुनौतीवैमानिकी इंजीनियरिंगक्लाउड कंप्यूटिंगसाइबर सुरक्षापाकसौंदर्य चिकित्सा, बढ़ईगीरीजल प्रौद्योगिकी और हेयर ड्रेसिंग जैसे 50 से अधिक कौशल व्‍यवसायों में भाग ले सकते हैं। जिलाराज्य और क्षेत्रीय स्तर पर आयोजित कौशल प्रतियोगिताओं के बाद 2020 में इंडिया स्किल्स नेशनल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिताओं का आयोजन राज्यों द्वारा किया जाएगा और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम इसमें भागीदार होगा। इंडिया स्किल्स प्रतियोगिताओं के साथएम्‍बीलिम्पिक्स ओलंपिक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगाजिसे विशेष रूप विकलांग व्यक्तियों को अपनी अनूठी प्रतिभाएं दिखाने का अवसर देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
 इंडिया स्किल्स 2020 कुशल और प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं को 50 से अधिक कौशल में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। प्रतियोगिताओं के क्षेत्रीय चरण चार जोनों में आयोजित किए जायेंगेजिसका समापन दिल्ली में राष्ट्रीय स्‍तर की प्रतियोगिता में होगा। इंडिया स्किल्स के विजेताओं को 2021 में चीन में आयोजित होने वाली वर्ल्ड स्किल्स इंटरनेशनल प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। 
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री ने कहा, “भारत को कौशल के मामले में विश्‍व की राजधानी बनाने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूपइंडिया स्किल्स का उद्देश्य भारत में युवाओं की मदद करना हैजो इस मंच को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए अवसर के रूप में इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इंडिया स्किल्स 2018 प्रतियोगिता काफी सफल रही थी। ऐसे में हमें इंडिया स्किल्स 2020 से भी काफी अपेक्षाएं हैंइसमें इस बार बड़ी संख्‍या में भागीदारी देखने को मिलेगी। इसमें एक पावर पैक टीम होगी।