• MP To Strengthen Health Services : 'मुख्यमंत्री सुषेण चिकित्सक प्रोत्साहन योजना' के तहत चिकित्सकों को मिलेगी मोटी "पगार"

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    मप्र सरकार अति पिछड़े क्षेत्रों में काम करने वाले संविदा  चिकित्सकों को देगी मोटी पगार
    एएबी समाचार / मप्र  में संविदा चिकित्सकों की बल्ले -बल्ले होने वाली है . मप्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के मद्देनजर चिकित्सकों को भारी-भरकम वेतन देने की तैयारी कर ली है . अब अति पिछड़े विकासखंडो में सेवाएँ देने को राजी होने पर चिकित्सकों को एक लाख से लेकर २ लाख रूपए तक मासिक वेतन दिया जायेगा. ऐसे ही क्षेत्रों में काम करने के लिए स्थाई सेवा के चिकित्सकों को ९० हजार से लेकर पौने दो लाख रु तक वेतन दिया जायेगा .
     
    मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के आदिवासी विकासखण्डों में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये 'मुख्यमंत्री सुषेण चिकित्सक प्रोत्साहन योजना' लागू करने का निर्णय लिया है। योजना में अति पिछड़े 21 विकासखण्डों में संविदा चिकित्सक को कुल मानदेय एक लाख से दो लाख रुपये तक तथा शेष पिछड़े विकासखण्डों में 90 हजार से 1 लाख 85 हजार रूपये तक देय होगा। 

    नियमित चिकित्सकों को इस योजना में कुल वेतन अति पिछड़े 21 विकासखण्डों में 96 हजार 100 रूपये से 1 लाख 42 हजार 700 रूपये तक तथा शेष पिछड़े विकासखण्डों में 86 हजार 100 रूपये से 1 लाख 27 हजार 700 रूपये तक देय होगा। इसके अलावा, पदस्थ किये जाने वाले चिकित्सकों को विकासखण्ड स्तर पर आवास समूह और विकासखण्ड आवास समूह से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कर्तव्य स्थल पर उपस्थित होने के लिये विभागीय पूल वाहन के माध्यम से परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी

    मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में  मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र निवेश प्रोत्साहन नीति 2019 को मंजूरी दी गई है। इस नवीन योजना में दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए अस्पताल में बिस्तरों की संख्या को न्यूनतम 100 से कम करके 30 किया गया है। 

    प्रति हजार जनसंख्या पर अस्पताल के कुल बिस्तरों की संख्या को आधार मानते हुए जिलों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ऐसे जिले, जहां अस्पताल बिस्तरों की संख्या राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है, में स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी निवेश के लिये अधिक प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे छोटे निवेशकों को निवेश के लिये आकर्षित किया जा सके।