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All About Business

 AAB NEWS/ नागरिकों को जियो-टैग तस्वीरों और मौलिक सूचना से अवैध कोयला खनन की घटनाओं की रिपोर्ट करने की अनुमति देने वाला मोबाइल ऐप- खनन प्रहरी अवैध कोयला खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने की दिशा में कोयला मंत्रालय द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। कोयला खदान निगरानी और प्रबंधन प्रणाली (सीएमएसएमएस) नामक संबंधित वेब पोर्टल भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स, गांधीनगर और सीएमपीडीआई, रांची के सहयोग से विकसित किया गया है।



अवैध कोयला खनन पर्यावरण, अवैध खनन में शामिल लोगों के जीवन और पारंपरिक निर्वाह आधार और देश की अर्थव्यवस्था में सामान्य गिरावट के लिए खतरा पैदा करता है। सरकार का लक्ष्य ई-गवर्नेंस (E-GOVERNESS) पहल के रूप में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अवैध खनन के खिलाफ पारदर्शी कार्रवाई करना है। 
 
सरकार इस खतरे से निपटने में जनता की भागीदारी के महत्व को पहचानती है। खनन प्रहरी मोबाइल ऐप अवैध कोयला खनन के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने के लिए नागरिकों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है।

खनन प्रहरी मोबाइल ऐप और सीएमएसएमएस वेब पोर्टल (CMSMS WEB PORTAL) का उद्देश्य अवैध कोयला खनन के बारे में रिपोर्टिंग के माध्यम से सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।

खनन प्रहरी मोबाइल ऐप की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:

घटनाओं की रिपोर्टिंग: उपयोगकर्ता तस्वीरें लेकर और घटना पर टिप्पणियाँ प्रदान करके आसानी से अवैध खनन की घटनाओं की जानकारी दे सकते हैं। ऐप जीपीएस लोकेशन सुविधा को सक्षम करके तस्वीरों की जियोटैगिंग (GEO TAGGING) की अनुमति देता है।

गोपनीयता: गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उपयोगकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाती है।

शिकायत ट्रैकिंग: शिकायतकर्ताओं को एक शिकायत संख्या प्राप्त होती है, जिसका उपयोग वे खनन प्रहरी मोबाइल ऐप पर अपनी रिपोर्ट की गई शिकायतों की स्थिति को आसानी से ट्रैक करने के लिए कर सकते हैं।

अब तक खनन प्रहरी मोबाइल ऐप को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें कुल 483 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 78 शिकायतों का सत्यापन हो गया है, तदनुसार उचित कार्रवाई की गई है। खनन प्रहरी मोबाइल ऐप एंड्रॉइड-आधारित मोबाइल फोन के लिए गूगल के प्ले स्टोर और आईओएस-समर्थित आईफोन के लिए एप्पल स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।

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AAB NEWS/ नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज मध्य प्रदेश के खजुराहो में हेली शिखर सम्‍मेलन 2023 का उद्घाटन किया। श्री सिंधिया ने कार्यक्रम के दौरान आरसीएस उड़ान 5.2 और हेली सेवा-ऐपको भी लॉन्च किया।


इस 5वें हेलीकॉप्टर एवं लघुविमान शिखर सम्मेलन (हेलीशिखर सम्मेलन 2023) का आयोजन नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश सरकार, पवन हंस लिमिटेड और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंडइंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से संयुक्‍त रूप से किया गया। 
 
कार्यक्रम का विषय था' रीचिंग द लास्‍ट माइल: रीजनल कनेक्टिविटी थ्रू हेलीकॉप्‍टर्स एंड स्‍मॉल एयरक्राफ्ट' यानी दूर-दराज तक पहुंच: हेलीकॉप्टर एवं छोटे विमानों के जरिये क्षेत्रीय कनेक्टिविटी। 
 
कार्यक्रम के दौरान एक उद्घाटन सत्र और उसके बाद एक तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। इस शिखर सम्मेलन के मुख्‍य उद्देश्य इस प्रकार हैं:भारतीय हेलीकॉप्टर एवं लघु विमान उद्योग के विकास गाथा पर चर्चा करने के लिए उद्योग के सभी हितधार कों और नीति निर्माताओं के लिए एक साझा प्‍लेटफॉर्म उपलब्‍ध कराना।
 
सुदूर एवं पहाड़ी इलाकों में उड़ान योजना का दायरा बढ़ाना और देश में ग्रामीण से शहरी कनेक्टिविटी का विस्तार करना।
 
निर्बाध सेवाएं उपलब्‍ध कराते हुए मौजूदा एवं संभावित पर्यटन हॉटस्पॉट के लिए हेलीकॉप्टर और छोटे विमानों के जरिये कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना।

उड़ान 5.2 को देश में दूरदराज के क्षेत्रों एवं क्षेत्रीय इलाकों में कनेक्टिविटी को बेहतर करने और 1ए (<9 सीट) एवं श्रेणी 1 (<20 सीट) जैसे छोटे विमानों के जरिये अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए लॉन्च किया गया है।





श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “पिछले नौ वर्षों में देश के नागर विमानन क्षेत्र का लोकतांत्रिकरण हुआ है। एयरपोर्ट्स की संख्या के साथ-साथ विमानों और मार्किट साइज का भी व्यापक विस्तार हुआ है। और इस विस्तार में जितने महत्वपूर्ण महानगरों के एयरपोर्ट और बड़े एयरलाइन्स हैं उतने ही महत्वपूर्ण छोटे शहरों के एयरपोर्ट, छोटी एयरलाइन्स एवं हेलीकाप्टर हैं।“

श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया , “हमने आज हेलीकॉप्टर के लिए उड़ान 5.2 की शुरुआत की है और इसके तहत हमने वीजीएफ में वृद्धि की है और फेयर कैप कम किया। इसी के साथ हमने हेली सेवा का सिंगल विंडो सेवा प्लेटफॉर्म भी आरम्भ किया। इसके माध्यम से ATC से सारी स्वीकृतियां आप अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकेंगे।“

श्री सिंधिया ने कहा “आज हमने छोटे एयरक्रॉफ्ट के लिए उड़ान 5.2 का भी आरम्भ किया। साथ ही उड़ान 5.0. के 22 रुट आज हमने अवार्ड किये हैं जो इसी बात को रेखांकित करते हैं कि दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को भी हवाई यात्रा की सुविधा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उपलब्ध कराई जा रही है।“

श्री सिंधिया ने कार्यक्रम के दौरान हेली-सेवा मोबाइल ऐप्लिकेशन को भी लॉन्च किया। हेली सेवा पोर्टल डिजिटल इंडिया के तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक पहल है। इसके तहत हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों और जिला अधिकारियों के बीच एक परिवेश तैयार करने के लिए एक साझा प्‍लेटफॉर्म स्‍थापित किया गया है।
 
यह मोबाइल ऐप्लिकेशन इसे उपयोगकर्ता अनुभव, सामग्री अपलोड करने और उपयोग करने के लिहाज से कहीं अधिक सुविधाजनक बना देगा।

भारत में हेलीकॉप्टर और लघुविमान क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए पवनहंस और जेट सर्व के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए।

 

Apple Pay I Apple Card I UPI I GpayI Phonepe I

AAB NEWS/
बाज़ार के जानकारों के मुताबिक़  Apple अपनी भुगतान सेवाओं के साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र में शुरुआत करना चाह रहा है। ऐसा लग रहा है कि क्यूपर्टिनो की नामी कंपनी देश में अपना पहला स्टोर खोलने के बाद ऐप्पल पे (Apple Pay) को भी भारत में स्थापित करना छह रही है। इस सिलसिले में वह  भारतीय अधिकारियों और अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही है।  
Apple Pay ने NPCI से चर्चा शुरू की

 
Tech क्षेत्र के जानकारों के मुताबिक, Apple ने भारत में Apple Pay लाने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के साथ बातचीत शुरू कर दी है। बताया गया है कि दिल्ली और मुंबई में देश के पहले ऐप्पल स्टोर के उद्घाटन के वक्त टिम कुक की इस मामले में एचडीएफसी बैंक के सीईओ और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई-RBI) के अधिकारियों से मुलाकात हुयी है।

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एप्पल कम्पनी (APPLE) भारत में एक ऐसी सेवा शुरू करना चाह रही है जो लोकप्रिय यूपीआई (UPI) इंटरफेस के साथ मिल कर काम करे। ऐसी सेवा शुरू हो जाने पर आईफ़ोन (iPhone) के उपयोगकर्ता  एकीकृत यूपीआई आईडी और क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान कर पाएंगे।

यह स्पष्ट है कि Apple Pay के भारत के ऑनलाइन भुगतान क्षेत्र में कदम रखते है PhonePe, GPay और Paytm के प्रभुत्व को सीधे तौर पर चुनौती मिलेगी।

इस तरह भारत में Apple की मौजूदगी बढ़ने के मायने उसके भारत के प्रति बढ़ते लगाव का भी संकेत माना जा रहा है, इससे जल्द ही बड़े पैमाने पर मेड इन इंडिया(Made In India) आईफोन (iPhone) भी आ सकते हैं।

चर्चा यह भी है कि ऐप्पल पे (Apple Pay) जल्द ही क्रेडिट कार्ड भी भारत के बाज़ार में उतारने वाला है। यूएस में ऐप्पल कार्ड (Apple Card) दैनिक कैशबैक, कोई शुल्क नहीं और गोपनीयता सुविधाओं जैसे लाभ प्रदान करता है। अब भारत में भी एप्पल उकरणों के उपयोगकर्ता इसी तरह के लाभ की उम्मीद कर सकते हैं। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि Apple PayLater भारत में आएगा या नहीं।

भारत में ऐप्पल कार्ड(Apple Card), ऐप्पल उत्पादों पर सदस्यता को नवीनीकृत करने की प्रक्रिया को भी आसान बना सकता है। वर्तमान में कार्ड भुगतान एग्रीगेटर्स (पीए) और भुगतान गेटवे (पीजी) के लिए केवल यूपीआई के भरोसे है।



AAB NEW/
मारुति सुजुकी ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर अपनी आगामी इनविक्टो (
Invicto MPV) एमपीवी के लिए 25,000 रुपये में बुकिंग शुरू की, और इसकी लॉन्चिंग 5 जुलाई के लिए निर्धारित है। इनविक्टो टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस की बैज-इंजीनियरिंग सिबलिंग यानी मिलती-जुलती ही  है, और बाद में दो पावरट्रेन विकल्प मिलते हैं, मारुति है केवल पेट्रोल-हाइब्रिड पावरट्रेन के लिए बुकिंग स्वीकार करना, जिसका अर्थ है कि MPV को 172hp, 2.0-लीटर स्वाभाविक रूप से एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन विकल्प नहीं मिलेगा।

पेट्रोल इंजन नहीं 
 
मारुति इनविक्टो में नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन नहीं है केवल-ऑटोमैटिक के रूप में बेची जाने वाली पहली मारुति होगी
 
मारुति इनविक्टो हाइब्रिड पावरट्रेन विवरण
 
इनविक्टो के साथ, मारुति पूर्ण-हाइब्रिड मार्ग पर जा रही है। यह पावरट्रेन - एक 2.0-लीटर एटकिंसन चक्र पेट्रोल इंजन एक इलेक्ट्रिक मोटर के साथ मिलकर - एक ई-सीवीटी गियरबॉक्स के साथ आता है, और एक पेट्रोल-हाइब्रिड होने के नाते, इसमें (गैर -स्वचालित)  मैन्युअल गियरबॉक्स भी नहीं होगा, इस प्रकार यह पहली मारुति है उत्पाद को केवल-स्वचालित के रूप में बेचा जाना है।

आखिरी कमाई कॉल पर, मारुति सुजुकी के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने संकेत दिया कि केवल टोयोटा से हाइब्रिड पावरट्रेन की सोर्सिंग की जाए। भार्गव ने कहा था, "यह कीमत के मामले में एक मजबूत हाइब्रिड, तीन-पंक्ति, टॉप-ऑफ़-द-लाइन प्रकार का वाहन है।" एक मायने में इसकी कार्बन-फ्रेंडली हाइब्रिड तकनीक के कारण।

इनविक्टो के साथ प्रीमियम जाने के औचित्य के रूप में मारुति कुशल लेकिन महंगी हाइब्रिड तकनीक का उपयोग कर सकती है। इसके अलावा, जैसा कि इसे नेक्सा श्रृंखला के माध्यम से खुदरा किया जाएगा, इनविक्टो एमपीवी का पूरी तरह से लोडेड, टॉप-ऑफ-द-लाइन संस्करण बिल फिट बैठता है। इनविक्टो भी मारुति के आने वाले प्रीमियम वाहनों की ओर इशारा करने का तरीका हो सकता है, जैसे कि तीन-पंक्ति ग्रैंड विटारा, जो कि ग्राहक आमतौर पर ब्रांड के साथ नहीं जोड़ते हैं।
 
इनविक्टो की कीमत 20 लाख रुपये के
 
मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने भी हाल ही में मीडिया से बातचीत में दोहराया कि इनविक्टो की कीमत 20 लाख रुपये के ऊपर रहेगी, जो फिर से केवल मजबूत-हाइब्रिड पावरट्रेन के साथ एक प्रीमियम स्थिति का सुझाव देती है।

संदर्भ के लिए, इनोवा हाइक्रॉस पेट्रोल की कीमत 18.55 लाख-19.45 लाख रुपये के बीच है, एक्स-शोरूम, और मारुति को भी, कम से कम कुछ के लिए गैर-हाइब्रिड इंजन के साथ इनविक्टो की कीमत 20 लाख रुपये से कम करने का अवसर मिल सकता था। trims।

मारुति सुजुकी इनविक्टो प्रतिद्वंद्वियों, स्थिति
 
Invicto का उत्पादन Toyota के बिदादी प्लांट में Hycross के साथ किया जाएगा, ठीक वैसे ही जैसे Toyota Grand Vitara और Hyryder का एक साथ उत्पादन करती है। किआ ने कार्निवल एमपीवी को बंद कर दिया है, लॉन्च के बाद, बाजार में इनविक्टो का एकमात्र प्रतिद्वंद्वी उसका अपना भाई, हाईक्रॉस होगा। और जबकि मूल्य निर्धारण पर अभी तक कोई शब्द नहीं है, संदर्भ के लिए, 25.03 लाख-29.99 लाख रुपये (एक्स-शोरूम, मुंबई) के बीच हाईक्रॉस हाइब्रिड रेंज की कीमतें।

Ola Electric, E-Scooter

 AAB NEWS- मध्य प्रदेश के सागर शहर में एक अजीब वाकया देखने को मिल रहा है। यहाँ ola कंपनी की E-Scooter खरीदने की बाद एक वाहन मालिक, कंपनी से तकनीकी मदद नहीं मिलने से इतना ज्यादा परेशान हो गया की वह, अपनी E-Scooter के आगे व् पीछे पोस्टर लगा के घूमने लगा है जिस पर लाल रंग में  बड़े बड़े अक्षरों में लिखा है-"ले मत लेना"

 
यह घटना यह सोचने को मजबूर कर देती है कि जहां एक ओर सरकारें नागरिकों को पेट्रोल-डीजल ईंधन से चलने वाले वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों चुनने के लिए बढ़ावा दे रहीं हैं, उनकी खरीद पर अनुदान भी दे रही है। वहीं दूसरी ओर E-वाहन खरीद चुके लोग इलेक्ट्रिक वाहनों  की तकनिकी खामियों को दूर करने व  विक्रय बाद की सेवाओं देने में कंपनियों की ढील-ढाल से परेशान होकर अभी भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर पा रहे हैं
 
जानकारी के मुताबिक सागर शहर के सिविल लाइन निवासी समीर मिश्र ने करीब छः माह पहले ola कम्पनी की एस १ pro मॉडल की इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदी । उस समय इस स्कूटर की कीमत करीब एक लाख 60 हज़ार रूपए थी। यह इलेक्ट्रिक स्कूटर लेकर शुरुआत में तो मिश्र जी काफी खुश रहे, लेकिन उनकी यह ख़ुशी ज्यादा दिन तक बरकरार नहीं रह सकी ।
 
ई -स्कूटर के मालिक के मुताबिक़  कुछ समय बाद ही उनकी स्कूटर की बॉडी से  खडखडाहट की आवाज आने लगी । उन्हें ऐसा लगने लगा कि जैसे गाड़ी अन्दर से खोखली हो। बात यहीं नहीं रुकी कुछ समय बाद उनकी स्कूटर के अगले पहिये का शॉक-अप खराब हो गया। कम्पनी से शिकायत की तो शॉक अप तो बदलकर आ गया लेकिन उसे के बदलवाने  की समस्या बनी रही क्योंकि शहर में कंपनी का कोई सेवा केंद्र  नहीं है और न ही वह कोई तकनीक मदद उपलब्ध करा पाई
 ola E-scooter के मालिक के मुताबिक कम्पनी ने स्कूटर के बेचने के समय ही ग्राहकों से after sales service के नाम पर 20 हज़ार से ज्यादा रूपए वसूल लिए थे लेकिन अब वह  यही सेवा दे नहीं पा रही है जिससे  ग्राहक परेशान हो रहे  हैं।
 इसके बाद कम्पनी की घटिया After Sales Services से परेशान ग्राहकों ने कंपनी के एप पर शिकायत कर सेवा के नाम पर ली गयी राशि वापस करने की मांग  रखी तो कंपनी ने कहा की सेवा नहीं मिलने के हालात में एप पर शिकायत करने की बाद एक पखवाड़े के अन्दर राशि वापस कर दी जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ
 
 
 
 

 

Aviation Industry-भारतीयों को ज्यादा रास आ रहा है हवा में उड़ना

AAB NEWS/
देश के नागर विमानन क्षेत्र अच्छा इजाफा हो रहा है
इसकी वजह घरेलू हवाई सेवाओं में उड़ान भरना पसंद आना है। विभिन्न घरेलू एयरलाइनों द्वारा उपलब्ध कराए गए यातायात आंकड़ों के आधार पर जनवरी-मई 2023 के दौरान यात्रियों की संख्या 636.07 लाख के प्रभावशाली स्तर तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 36.10 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाती है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यात्रियों की संख्या 467.37 लाख रही थी।

मई 2022 के दौरान यात्रियों की संख्या 114.67 लाख रही थी, जो मई 2023 में बढ़कर 132.41 लाख हो गई। इस प्रकार मासिक दर मासिक 15.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। यात्रियों को संख्या में हो रही लगातार वृद्धि एक सुरक्षित, कुशल, ग्राहक केंद्रित, विमानन ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने में एयरलाइंस, हवाई अड्डों और नागर विमानन मंत्रालय के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है।

अप्रैल 2023 की तुलना में मई 2023 में यात्रियों की कुल संख्या में 3.26 लाख (2.52 प्रतिशत) की वृद्धि दर्ज हुई है।

यात्रियों की संख्या में हुई उल्लेखनीय वृद्धि भारत के विमानन क्षेत्र की ताकत और मजबूती को दर्शाती है। यह कनेक्टिविटी को बेहतर करने और देश के नागरिकों को सुविधाजनक यात्रा का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए किए गए निरंतर प्रयासों को भी दर्शाती है। 

जनवरी से मई 2023 के दौरान 636.07 लाख यात्रियों की भारी संख्या का बोझ हवाई यात्रा की बढ़ती हुई मांग को दर्शाता है और यह विमानन उद्योग की अनुकूल दिशा में बढ़ने का भी सूचक  है।

इसके अलावा, मई 2019 की तुलना में मई 2023 में शिकायतों की संख्या में कमी आई है। मई 2019 में अनुसूचित घरेलू एयरलाइनों को यात्रियों से संबंधित कुल 746 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जबकि मई 2023 में इन एयरलाइनों को यात्रियों से संबंधित कुल 556 शिकायतें प्राप्त हुई थीं।

केंद्रीय नागर विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया के अनुसार, “विमानन क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाने और भारत को एक प्रमुख वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित करने में सभी हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयासों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

घरेलू एयरलाइन उद्योग का विस्तार और क्षेत्रीय एयरलाइनों का उदय हमारी अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत कर रहा है। यह पूरे राष्ट्र को परस्पर जोड़ रहा है और उड़ान योजना के माध्यम से अंतिम मील तक कनेक्टिविटी स्थापित कर रहा है। 

मंत्रालय सुरक्षा, दक्षता और यात्रियों को संतुष्टि प्रदान करने के बारे में उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करते हुए विमानन उद्योग को विकास करने तथा उनके सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

एयरलाइनों की यह उपलब्धि उद्योग द्वारा पूरी तरह सावधानीपूर्वक बनाई गई योजना, परिचालन प्रभावशीलता और सक्रिय कार्यों का ही परिणाम है। कोविड-19 महामारी के बाद एयरलाइनों ने बेहतर हवाई सेवाओं के साथ-साथ यात्रियों को सुगम और सहज यात्रा अनुभव प्रदान करके अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है।

Smart Initiative-दुग्ध संकलन साथी मोबाइल ऐप होगा डेयरी उद्योग हितैषी

एएबी समाचार/
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने मसूरी, उत्तराखंड में “दुग्ध संकलन साथी मोबाइल ऐप” का अनावरण किया। यह एप दूध संग्रह प्रक्रिया में विद्यमान चुनौतियां का निपटारा कर भारतीय डेयरी उद्योग पर दीर्घगामी प्रभाव डालने के लिए तैयार है। इस मोबाइल ऐप का उद्देश्य दूध की गुणवत्ता में सुधार करना, हितधारकों के बीच पारदर्शिता को बढ़ावा देना और दुग्ध सहकारी समितियों सहित जमीनी और ग्रामीण स्तर पर संचालन को सुव्यवस्थित करना है।


इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा, “इस ऐप के माध्यम से भारी उद्योग मंत्रालय ने प्रक्रिया को डिजिटल बनाने और दुग्ध उत्पादकों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की सुविधा पहुँचाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को साकार करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है।” 
 
इस पहल के लिए अपना उत्साह व्यक्त करते हुए डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि ‘दुग्ध संकलन साथी मोबाइल ऐप’ दूध संग्रह प्रक्रिया में शामिल सभी हितधारकों के लिए पारदर्शिता, दक्षता और सशक्तिकरण लाएगा, अंततः दूध उत्पादकों को लाभान्वित करेगा और डेयरी क्षेत्र के विकास में योगदान देगा। 
 
उन्होंने दोहराया कि यह एप्लिकेशन दुग्ध उत्पादकों, दुग्ध सहकारी समितियों, दुग्ध संगठनों और राज्य संघों सहित सभी साझेदारियों में जमीनी स्तर पर संचालन में सुधार के लिए क्षेत्र में प्रासंगिक रूप से सक्रिय होगा। मिल्क कलेक्शन पार्टनर मोबाइल ऐप दुग्ध उत्पादकों को अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी, तेलुगु और अन्य भाषाओं में सभी सेवाओं की जानकारी देगा।

डेयरी उद्योग में प्रगति की महत्वपूर्ण आवश्यकता को स्वीकार करते हुए, आरईआईएल ने एक व्यापक क्लाउड-आधारित समाधान विकसित किया है जो नवीनतम अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म का लाभ उठाता है। यह भविष्य की सोच वाली पहल भारत सरकार की प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने और दुग्ध उत्पादकों को सरकारी सब्सिडी के सीधे लाभार्थी हस्तांतरण की सुविधा के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
 
राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (आरईआईएल), जयपुर द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया यह अभिनव एप्लिकेशन, भारी उद्योग मंत्रालय के तहत एक “मिनी रत्न” केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है 

श्री कामरान रिजवी, सचिव, भारी उद्योग मंत्रालय ने आरईआईएल के एमडी और उनकी टीम को ‘दुग्ध संकलन साथी मोबाइल ऐप’ विकसित करने और लॉन्च करने के लिए बधाई दी। उन्होंने दोहराया कि यह मोबाइल ऐप निश्चित रूप से देश में डेयरी विकास और दुग्ध उत्पादकों के बीच आत्मविश्वास और उत्साह को बढ़ावा देगा। उन्होंने आगे कहा कि इस मोबाइल एप के इस्तेमाल से डेयरी कारोबार में पारदर्शिता को मजबूती मिलेगी।

‘दुग्ध संकलन साथी मोबाइल ऐप’ दुग्ध उत्पादकों, सहकारी समितियों, दुग्ध संघों और राज्य संघों सहित दूध संग्रह प्रक्रिया में शामिल सभी हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण लाभ लाएगा। 
ऐप की प्रमुख विशेषताओं और लाभों में शामिल हैं:
  • हितधारकों के बीच पारदर्शिता में वृद्धि

  • दुग्ध सहकारी समितियों में भेजे गए दैनिक दूध की ऑनलाइन मॉनिटरिंग

  • क्लाउड सर्वर से रीयल-टाइम दूध के मूल्य का अपडेट करना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और मानवीय त्रुटियों को समाप्त करना

  • दूध उत्पादकों का भुगतान और सरकारी सब्सिडी का सीधा लाभार्थी हस्तांतरण एप के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों के बैंक खातों में

  • दूध संग्रह के लिए दुग्ध उत्पादकों को ऐप के माध्यम से सूचनाएं भेजना

अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी, तेलुगु सहित अन्य समर्थित भाषाओं में ऐप

आरईआईएल के प्रबंध निदेशक राकेश चोपड़ा ने कहा कि ‘दुग्ध संकल्प साथी मोबाइल ऐप’ को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आरईआईएल प्रतिबद्ध है। उन्होंने केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री, सचिव और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया और आरईआईएल के 43वें स्थापना दिवस पर सभी हितधारकों को बधाई दी।
OTT Platform- रचनात्मक अभिव्यक्ति के नाम पर अश्लीलता एवं दुर्व्यवहार  को बढ़ावा न दे -सूचना प्रसारण मंत्री

AAB NEWS
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने
ओटीटी प्लेटफार्मों पर उपलब्ध कराई जा रही सामग्री की गुणवत्ता के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ओटीटी प्लेटफार्मों की यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि इस तरह के मंच रचनात्मक अभिव्यक्ति के नाम पर अश्लीलता एवं दुर्व्यवहार का प्रचार-प्रसार न करें। श्री ठाकुर ने यह भी कहा कि ओटीटी प्लेटफार्म को सामूहिक कल्याण तथा रचनात्मक विविधता को प्रतिबिंबित करना चाहिए।
 
ये विचार उन्होंने बुधवार को मीडिया, मनोरंजन तथा जन जागरूकता कार्यक्रम के क्षेत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और अमेज़न इंडिया के बीच साझेदारी की घोषणा और समझौते के अवसर पर लोगों को संबोधन के दौरान की। उन्होंने कहा कि भारत एक प्राचीन सभ्यता है और इस वजह से भारत के इतिहास में ऐसे लाखों घटनाक्रम संरक्षित हैं, जिन्हें बताया जाना अभी शेष है।
 
श्री ठाकुर ने कहा कि इन कहानियों का दायरा समय के साथ आगे बढ़ जाता है और यह आध्यात्मिकता से लेकर सॉफ्टवेयर तक, परंपराओं से लेकर वर्तमान चलन तक, लोक कथाओं से लेकर त्योहारों तक तथा ग्रामीण भारत से लेकर नये विकसित होते हुए भारत तक एक विशाल क्षेत्र को कवर करता है। उन्होंने कहा कि हाल के समय में भारतीय सामग्री को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर काफी सफलता मिली है और भारतीय अभिनेताओं ने विदेशी दर्शकों के बीच अपनी उच्च लोकप्रियता हासिल की है।

केंद्रीय मंत्री ने भारत में मनोरंजन उद्योग के लिए अनुकूल माहौल बनाने के उद्देश्य से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार भारतीय मनोरंजन उद्योग, विशेष रूप से ओटीटी जैसे नए प्लेटफार्मों की शक्ति और इसमें निहित अवसरों को पहचानती है। 
 
श्री ठाकुर ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने दृश्य-श्रव्य सेवाओं को ऊंचे दर्जे के सेवा क्षेत्र के रूप में मान्यता दी है और हाल ही में ओटीटी सामग्री विनियमन के स्व-नियामक ढांचे को प्रस्तुत किया गया है।

श्री अनुराग ठाकुर ने अमेज़न के साथ साझेदारी के बारे में कहा कि अमेज़न इंडिया के साथ साझेदारी कई मामलों में अद्वितीय है और लेटर ऑफ इंगेजमेंट रचनात्मक उद्योग के विभिन्न पक्षों तक फैला हुआ है। यह साझेदारी भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान तथा सत्यजीत रे फिल्म एवं भारतीय टेलीविजन संस्थान में छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, इंटर्नशिप, मास्टर क्लास तथा अन्य अवसरों के प्रावधानों के माध्यम से मनोरंजन उद्योग व अकादमिक संबंधों को सशक्त करने में सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से भारत के प्रतिष्ठित फिल्म संस्थानों से निकलने वाले प्रतिभाशाली कलाकारों के लिए संघर्ष की अवधि कम करने में मदद मिलेगी।

इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि वरुण धवन ने स्ट्रीमिंग सेवाओं द्वारा हासिल की जा रही सफलता एवं पहुंच के बारे में जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्ट्रीमिंग के माध्यम से भारतीय सिनेमा अब एक अलग ही वैश्विक स्तर पर पहुंच रहा है और इस तरह की स्ट्रीमिंग सेवाओं के जरिये आज भारतीय मनोरंजन सामग्री को अप्रत्याशित दर्शकों तक पहुंच प्राप्त हो रही है। श्री धवन ने इस तत्थ्य पर प्रकाश डाला कि स्ट्रीमिंग सेवाएं एक लेवलर के रूप में कार्य करती हैं और उन्होंने कहा कि दूर-दराज से आने वाले नये कलाकारों एवं निर्माताओं की प्रतिभा अब दुनिया भर के दर्शकों तक सुलभ हो रही है।

इस समझौते व सहयोग के बारे में श्री धवन ने कहा कि इस तरह की साझेदारी, हमारे उद्योग एवं प्रतिभा को बढ़ावा देती है और इससे काफी सहायता मिलती है। हमारा मनोरंजन उद्योग तथा इसकी प्रतिभा मुझे उम्मीद से भर देते हैं और हम सभी को वैश्विक मनोरंजन मंच पर एक भारतीय होने का अर्थ फिर से परिभाषित करने की दिशा में कार्य करने में सहायता करता है।

इस मौके पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्व चंद्रा ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा अमेज़न इंडिया के बीच साझेदारी से भारतीय प्रतिभाओं को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर मिलेंगे।

अमेज़न प्राइम वीडियो में एशिया पैसिफिक के उपाध्यक्ष श्री गौरव गांधी ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ हमारा समग्र सहयोग मनोरंजन उद्योग के विकास को आगे बढ़ाने के लिए जीवन के हर चरण व एकीकरण के प्रत्येक कोने को देखता है और हम इसके द्वारा प्राप्त की जाने वाली उपलब्धियों को लेकर बहुत आशान्वित हैं।

इस अवसर पर अमेज़न इंडिया में लोक नीति उपाध्यक्ष श्री चेतन कृष्णास्वामी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री विक्रम सहाय तथा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

सहयोग के बारे में जानकारी

लेटर ऑफ इंगेजमेंट (एलओई) मंत्रालय के अधीन विभिन्न संगठनों और अमेज़न के विभिन्न कार्यक्षेत्रों के बीच एक बहुआयामी साझेदारी की ओर आगे बढ़ता है। इनमें सरकार की तरफ से राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी), प्रसार भारती, प्रकाशन विभाग व भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) तथा सत्यजीत रे फिल्म एवं भारतीय टेलीविजन संस्थान (एसआरएफटीआई) के मीडिया प्रशिक्षण संस्थान शामिल हैं। अमेज़न की ओर से लेटर ऑफ इंगेजमेंट में अमेज़न प्राइम वीडियो, एलेक्सा, अमेज़न म्यूजिक, अमेज़न ई-मार्केटप्लेस और आईएमडीबी की भागीदारी हुई है।

जन जागरूकता कार्यक्रम और भारत की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करना

अमेज़न के साथ लेटर ऑफ इंगेजमेंट में अमेज़न ई-कॉमर्स वेबसाइट द्वारा भारतीय संस्कृति पर प्रकाशन विभाग की पुस्तकों की एक समर्पित सूची के माध्यम से भारतीय विरासत को बढ़ावा मिलेगा तथा इसमें अमेज़न म्यूजिक और एलेक्सा पर भारतीय संगीत को अगले स्तर पर ले जाने की पहल भी शामिल हैं।

माननीय राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री के भाषण, राष्ट्रीय महत्व की प्रमुख घटनाएं व जनहित अभियानों से संबंधित सामग्री तथा दैनिक समाचार बुलेटिन एलेक्सा और अमेज़न म्यूजिक के माध्यम से प्रसारित किए जाएंगे।

भारतीय प्रतिभा का बढ़ावा

अमेज़न प्राइम वीडियो (एपीवी) प्रतिभा विकास घटक के हिस्से के रूप में छात्रवृत्ति प्रायोजित करेगा, इंटर्नशिप कार्यक्रम संचालित करेगा तथा भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान व सत्यजीत रे फिल्म एवं भारतीय टेलीविजन संस्थान के छात्रों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। 
 
अमेज़न प्राइम वीडियो राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के साथ साझेदारी में कौशल निर्माण गतिविधियां आयोजित करेगा, मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग के लिए शैक्षणिक संस्थानों में भारतीय तथा अंतरराष्ट्रीय फिल्म हस्तियों द्वारा मास्टर क्लास आयोजित करेगा और '75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो' कार्यक्रम के विजेताओं की प्रतिभा को निखारने के अवसर भी देगा।

भारतीय प्रतिभाओं की वैश्विक खोज क्षमता बढ़ाने हेतु अमेज़न रचनात्मक उद्योग के लिए एक वैश्विक डेटाबेस आईएमडीबी पर भारतीय कलाकारों के बारे में जानकारी की उपलब्धता को आसान बनाने के उद्देश्य से एनएफडीसी के साथ कार्य करेगा।
 
भारतीय सामग्री के प्रदर्शन का एक वैश्विक मंच

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ सहयोग के हिस्से के रूप में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) पुरस्कार विजेता फिल्में और भारत की अंतरराष्ट्रीय सह-निर्माण सहयोग गतिविधियों के भाग के तौर पर निर्मित फिल्मों को वैश्विक दर्शकों के लिए उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अमेज़न प्राइम वीडियो द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। अमेज़न प्राइम वीडियो दुनिया भर में भारत की उपलब्धियों को उजागर करने वाली फिल्मों एवं वेब-सीरीज के विकास की संभावनाओं का भी पता लगाएगा।

अमेज़न प्राइम वीडियो तथा मिनी टीवी, देश और दुनिया भर के युवाओं तक अपनी आसान पहुंच बनाने के लिए प्रसार भारती एवं राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के स्वामित्व वाली समृद्ध अभिलेखीय सामग्री को इस्तेमाल करेंगे। अमेज़न प्रतिष्ठित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) और क्षेत्रीय फिल्म समारोहों में सामग्री, प्रौद्योगिकी प्रदर्शनियों, निर्माता कार्यशालाओं तथा प्रतिभाओं के वाद-संवाद के लिए राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के साथ सहयोग करना जारी रखेगा।
 

Achievement-दुनिया की सबसे बड़ी ग्रीन हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड परियोजनाओं भारत में शुरू 

एनटीपीसी ने सिम्हाद्री (विशाखापत्तनम के पास) के एनटीपीसी गेस्ट हाउस में इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग करके हाइड्रोजन उत्पादन के साथ ही "एकल ईंधन-सेल आधारित माइक्रो-ग्रिड" परियोजना की शुरुआत की है। यह भारत की पहली हरित हाइड्रोजन आधारित ऊर्जा भंडारण परियोजना है। इसकी बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं में अग्रणी भूमिका होगी और यह देश के विभिन्न ऑफ ग्रिड तथा महत्वपूर्ण स्थानों में माइक्रोग्रिड की स्थापना एवं अध्ययन के लिए उपयोगी साबित होगी।

 

परियोजना के तहत नजदीक के फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट से इनपुट पावर लेकर उन्नत 240 किलोवाट सॉलिड ऑक्साइड इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग करके हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा। धूप रहने के समय के दौरान घंटों तक उत्पादित हाइड्रोजन को उच्च दबाव में संग्रहित किया जाएगा और फिर 50 किलोवाट ठोस ऑक्साइड ईंधन सेल का उपयोग करके इसे विद्युतीकृत किया जाएगा। यह प्रणाली शाम 5 बजे से सुबह 7 बजे तक एकल आधार पर कार्य करेगी।

 

इस अनूठी परियोजना की रूपरेखा एनटीपीसी द्वारा इन-हाउस डिजाइन और तय की गई है। यह भारत के लिए एक विशिष्ट परियोजना है और देश के दूर-दराज के क्षेत्रों जैसे लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर इत्यादि, जो अब तक केवल डीजल जनरेटर पर निर्भर हैं, उनको डीकार्बोनाइज करने के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। यह परियोजना माननीय प्रधानमंत्री के वर्ष 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने और लद्दाख को कार्बन न्यूट्रल क्षेत्र बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

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एएबी समाचार/   एक महत्वपूर्ण घोषणा में, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा पर यूनेस्को के 2003 के कन्वेंशन की अंतर सरकारी समिति ने फ्रांस के पेरिस में 13 से 18 दिसंबर तक आयोजित हो रहे 16 वें सत्र में 'कोलकाता में दुर्गा पूजा' को अपनी 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया है।  समिति ने दुर्गा पूजा की उस पहल की प्रशंसा की है, जिसके जरिए हाशिए पर रहने वाले समूहों, व्यक्तियों के साथ-साथ महिलाओं को भागीदारी और सुरक्षा मिलती है।

 UNESCO On Durga Pooja

केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने एक ट्वीट में कहा कि यह हमारी समृद्ध विरासत, संस्कृति, रीति-रिवाजों और प्रथाओं के संगम की मान्यता है। इसके साथ ही स्त्री देवत्व और नारीत्व की भावना का उत्सव भी है।

 

दुर्गा पूजा न केवल स्त्री देवत्व का उत्सव है, बल्कि नृत्य, संगीत, शिल्प, अनुष्ठानों, प्रथाओं, पाक परंपराओं और सांस्कृतिक पहलुओं की एक उत्कृष्ट अभिव्यक्ति है। यह त्योहार जाति, पंथ और आर्थिक वर्गों की सीमाओं से परे होकर लोगों को एक साथ जोड़ता है।

कोलकाता की दुर्गा पूजा को शामिल होने के बाद, भारत की अब 14 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत मानवता के आईसीएच की प्रतिष्ठित यूनेस्को प्रतिनिधि सूची में शामिल हो गए हैं। हाल के वर्षों में, जिन आईसीएच को शामिल किया गया है, उनमें कुंभ मेला (2017 में ), योग ( 2016 में ) शामिल हैं। भारत 2003 के यूनेस्को कन्वेंशन का एक हस्ताक्षरकर्ता है, जिसका उद्देश्य परंपराओं और सजीव अभिव्यक्ति के साथ-साथ अमूर्त विरासत की रक्षा करना है।

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का अर्थ है प्रथाओं, प्रतिनिधित्व, अभिव्यक्ति, ज्ञान, कौशल - साथ ही उपकरण , वस्तुओं, कलाकृतियों और उनसे जुड़े सांस्कृतिक स्थल, जिन्हें समुदाय, समूह और कुछ मामलों में व्यक्ति अपनी सांस्कृतिक विरासत के एक हिस्से के रूप में पहचाने जाते हैं। इसके अलावा, इसका महत्व केवल सांस्कृतिक अभिव्यक्ति में ही नहीं है, बल्कि ज्ञान और कौशल की समृद्धि है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित होती है।

Bundelkhand ken-betwa River Project-बुंदेलखंड के पिछड़े इलाके में लाएगी समृद्धि

एएबी  समाचार
।08 दिसम्बर 2021
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज केन-बेतवा नदी को आपस में जोड़ने की परियोजना के लिये वित्तपोषण तथा क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना की कुल लागत 44,605 करोड़ रुपये का अनुमान किया गया है, जो 2020-21 की कीमतों के आधार पर है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परियोजना के लिये केंद्रीय समर्थन के रूप में 39,317 करोड़ रुपये, सहायक अनुदान के रूप में 36,290 करोड़ रुपये और ऋण के रूप में 3,027 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूर किया है।

यह परियोजना भारत में नदियों को आपस में जोड़ने की अन्य परियोजनाओं का भी मार्ग प्रशस्त करेगी तथा विश्व के सामने हमारी बुद्धिमत्ता और दृष्टिकोण का भी परिचय देगी।

इस परियोजना के तहत केन का पानी बेतवा नदी में भेजा जायेगा। यह दाऊधाम बांध के निर्माण तथा दोनों नदियों से नहर को जोड़ने, लोअर उर परियोजना, कोठा बैराज और बीना कॉम्प्लेक्स परियोजना के जरिये पूरा किया जायेगा। 

परियोजना से 10.62 लाख हेक्टेयर रकबे की वार्षिक सिंचाई हो सकेगी, लगभग 62 लाख की आबादी को पीने का पानी मिलेगा तथा 103 मेगावॉट पन बिजली और 27 मेगावॉट सौर ऊर्जा पैदा होगी। परियोजना को उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी के साथ आठ वर्षों में क्रियान्वित कर लेने का प्रस्ताव है।

यह परियोजना पानी की कमी से जूझते बुंदेलखंड इलाके के लिये बहुत फायदेमंद है। यह पूरा इलाका मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश राज्यों में फैला है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन तथा उत्तरप्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर को बहुत लाभ होगा।

इस परियोजना से कृषि गतिविधियों के बढ़ने और रोजगार सृजन से बुंदेलखंड के पिछड़े इलाके में सामाजिक-आर्थिक समृद्धि में तेजी आने की संभावना है। इससे क्षेत्र में संकट की वजह से होने वाले विस्थापन को भी रोकने में मदद मिलेगी।

इस परियोजना से पर्यावरण प्रबंधन और सुरक्षा समग्र रूप से संभव होगी। इस उद्देश्य के लिये एक समग्र परिदृश्य प्रबंधन योजना को भारतीय वन्यजीव संस्थान अंतिम रूप दे रहा है।

पृष्ठभूमिः

22 मार्च, 2021 को देश में नदियों को आपस में जोड़ने की पहली प्रमुख केंद्रीय परियोजना को क्रियान्वित करने के लिये केंद्रीय जल शक्ति मंत्री तथा मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। 

यह समझौता  अटल बिहारी वाजपेयी के उस विजन को क्रियान्वित करने के अंतर-राज्यीय सहयोग का सूत्रपात है, जिस विजन के तहत नदियों को आपस में जोड़कर पानी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का विचार है, जहां प्रायः सूखा पड़ता है और जिन इलाकों में पानी की भारी कमी है।

Innovation-भारत-ने-विकसित-किया-दुनिया-का-पहला-मल्टीमॉडल-न्यूरोइमेजिंग-डेटाबेस

एएबी समाचार
राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (डीबीटी-एनबीआरसी) ने अभी हाल ही में परियोजना स्वदेश  विकसित की है, जो एक विशिष्ट मस्तिष्क पहल है। यह उन प्रमाणित न्यूरोइमेजिंग, न्यूरोकेमिकल, न्यूरोसाइकोलॉजिकल डेटा और एनालिटिक्स पर केंद्रित है, जो मस्तिष्क विकारों के प्रबंधन के लिए शोधकर्ताओं के लिए सुलभ कराए गए हैं। 
 
स्वदेश पहला बड़े पैमाने वाला मल्टीमॉडल न्यूरोइमेजिंग डेटाबेस है जिसे विशेष रूप से एक मंच के तहत विभिन्न रोग श्रेणियों (चित्र 1) के लिए बड़े डेटा आर्किटेक्चर और एनालिटिक्स के साथ भारतीय आबादी के लिए डिज़ाइन किया गया है। जिसका केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने 19 नवंबर 2021 को स्वदेश का उद्घाटन किया था।

अल्जाइमर रोग (एडी) के अनुसंधान को मजबूत बनाने और आशाजनक उपचार के साथ वैज्ञानिक समुदाय को आगे आने में मदद करने के लिए स्वदेश एक बड़े डेटा आर्किटेक्चर है, 6 मॉड्यूल का प्रबंधन और विश्लेषण करने का प्रस्ताव करता है। इन मॉड्यूल के नाम हैं- न्यूरोडिजेनेरेटिव [एडी, हल्की संज्ञानात्मक हानि (एमसीआई), पार्किंसंस रोग (पीडी)], न्यूरोसाइकिएट्रिक (सिज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर विकार), न्यूरोडेवलपमेंटल (ऑटिज़्म और मिर्गी), कोविड -19 से संबंधित बीमारियां अन्य विकार और स्वस्थ विषय।

स्वदेश जावा- आधारित वर्कफ़्लो वातावरण और पायथन से युक्त है। इसमें समर्पित भंडारण लगा है जो इसे गुणवत्ता नियंत्रण, डेटा विश्लेषण रिपोर्ट और डेटा बैकअप उपलब्ध कराता है। इसके विकास से पूरी दुनिया में मल्टी-साइट डेटा और सहयोगी अनुसंधान के एकीकरण में मदद मिलेगी। वर्तमान में, स्वदेश में 500 एडी और एमसीआई रोगियों और 70 पीडी रोगियों का डेटा है। 600 स्वस्थ वृद्ध व्यक्तियों और 800 स्वस्थ युवा व्यक्तियों के डेटा भी नियंत्रण इसके समूह में शामिल हैं।

डीबीटी-एनबीआरसी ने स्वदेश के माध्यम से कई नैदानिक ​​अनुसंधान उपकरण भी विकसित किए हैं। गौरी प्रणाली अनुकूल पैटर्न पहचान और शिक्षण योजनाओं का उपयोग करती है, जिसे एमआरआई तौर-तरीकों और न्यूरोसाइकोलॉजिकल बैटरी के साथ एकल या विभेदक निदान के लिए डिज़ाइन किया गया है। एनआईएनएस-एसटीएटी एक उच्च कार्य प्रदर्शन वाला अति आधुनिक स्वचालित सांख्यिकीय परीक्षण चयन है जो सॉफ्टवेयर पैकेज के निष्पादन के लिए नैदानिक अनुसंधान में उच्च उपयुक्तता से युक्त है।
 
 कल्पना एमआरएस डेटा के विज़ुअलाइज़ेशन, प्रीप्रोसेसिंग और परिमाणीकरण के लिए एक एकीकृत पैकेज है। प्रतीक मल्टीमॉडल न्यूरोइमेजिंग डेटा का विश्लेषण करता है और डेटा के प्रसंस्करण और विश्लेषण के लिए विभिन्न न्यूरोइमेजिंग टूल को संभालने में भी विशेषज्ञता की जरूरत को कम करता है। 
 
स्टिमुलस टाइमिंग इंटीग्रेटेड मॉड्यूल (एसटीआईएम) में एक बहुमुखी प्रतिमान डिजाइन प्रणाली, प्रस्तुति प्रणाली और कार्यात्मक एमआरआई-संबंधित उद्देश्यों के लिए वास्तविक समय प्रतिभागी प्रतिक्रिया-संग्रह प्रणाली लगी है, जिसमें सामान्य स्वस्थ स्थिति में गैर-आक्रामक रूप से मस्तिष्क की गतिविधियों की मेपिंग तथा मस्तिष्क की विभिन्न बीमारियों का नैदानिक ​​​​मूल्यांकन शामिल हैं। 
 
डीबीटी-एनबीआरसी ने भारत लॉन्च किया है जो एडी के शुरुआती डायग्नोस्टिक बायो मारकर के लिए एक बड़ा डेटा विश्लेषणात्मक मॉडल है। इसके डिजायन में हडूप-आधारित बड़ा डेटा ढांचा शामिल था। टीम इंटिग्रेटिंग एमआरआई, एमआरएस और न्यूरो साइकोलॉजिकल टेस्ट आंकड़े शामिल हैं। उनकी टीम स्वस्थ और रोगग्रस्त मामलों के लिए समृद्ध मल्टीमॉडल डेटा सेट्स शामिल करने के लिए इस परियोजना के विस्तार के बारे में काम कर रही है।
 
इस पहल पर एनबीआरसी को बधाई देते हुए, विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले ने कहा, "मस्तिष्क एक जटिल अंग है और स्वास्थ्य और रोगों में इसकी विस्तृत कार्यक्षमता की पूरी पहचान करना अभी बाकी है। स्वदेश जैसे डेटा बेस अल्जाइमर रोग और कई तंत्रिका संबंधी विकारों को समझने के लिए मल्टीमॉडल मस्तिष्क अध्ययन करने में उपयोगी होने चाहिए।

डीबीटी के बारे में

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, पशु विज्ञान, पर्यावरण और उद्योग में अपने विकास और कार्यान्वयन के माध्यम से देश में जैव प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देता है और सुधार करता है।

एनबीआरसी के बारे में

राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र भारत का ऐसा एकमात्र संस्थान है, जो न्यूरो साइंस, अनुसंधान और शिक्षा के लिए समर्पित है। एनबीआरसी के वैज्ञानिक और छात्र जैविक, कम्प्यूटेशनल, गणितीय, भौतिक, इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान सहित विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमि से आते हैं और मस्तिष्क के रहस्यों को जानने के लिए बहु-विषयी दृष्टिकोण का उपयोग करते हैं।