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Krishi Megha To Digitalize Agriculture In India
एएबी समाचार । केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि मेघ नए भारत की डिजिटल कृषि की दिशा में उठाया गया एक कदम है, जिसकी कल्पना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई है। भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी कि कृषि का डिजिटलीकरण करने की कल्पना की दिशा में ' कृषि मेघ ' ( राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा व्यवस्था- क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं ) की शुरुआत हो गयी है ।
         

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Krishi Megh: कृषि के डिजिटलीकरण में मददगार

कृषि मेघ का आभासी माध्यम (Virtual Medium) से शुभारम्भ करते हए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने  कहा कि महत्वपूर्ण अनुसंधान आधारित डाटा डिजिटल रूप में सुरक्षित एवं संरक्षित करने की आवश्यकता है , जिससे उस तक देश और दुनिया के किसी भी कोने से पहुंच हासिल की जा सके । कृषि मेघ की शुरुआत कृषि विश्वविद्यालय छात्र एल्युम्नी नेटवर्क (KVC ALUNET) और उच्च कृषि शिक्षण संस्थानों के लिए ऑनलाइन प्रत्यायन प्रणाली (HEI) के साथ की गयी है ।  
 

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Krishi Megh: राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएगा

इसी सिलसिले में  कृषि में निजी निवेश को सक्षम बनाने पर भी जोर देते हए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार-विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना को भी  कृषि विद्यालयों के विद्यार्थियों को ज्यादा मददगार और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मुहैया  कराने के मकसद  से देश में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए डिजाइन किया गया है, जो देश की नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप है ।
 

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इस मौके पर जहाँ  कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने अनुसंधानकर्ताओं को रियल टाइम आधार पर डाटा उपलब्ध कराए जाने पर भी जोर दिया।  वहीँ कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री  कैलाश चौधरी ने कृषि मेघ की स्थापना के लिए आईसीएआर की सराहना की व इस पहल को कृषि में एक क्रांति के रूप में संबोधित किया।
 

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Krishi Megh: विश्व बैंक ने बताया बदलावकारी

विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर  एडवर्ड विलियम ब्रेसन्यान ने भी आईसीएआर की पहल के बारे में कहा कि इससे कृषि शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव आएगा । आईसीएआर और उसके संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से भागीदारी की।
 

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Krishi Megh: पशुओं की बीमारी पहचानने में सहायक

 सचिव (डेयर) और महानिदेशक (आईसीएआर) डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने इंटरनेट तकनीक/ डिजिटलीकरण के अधिकतम उपयोग पर भी जोर दिया । साथ ही कृषि मेघ की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला, जो छवि विश्लेषण, पशुओं में बीमारी की पहचान आदि के माध्यम से एप्लीकेशन आधारित डीप लर्निंग के विकास और लागू करने के लिए नवीनतम एआई/डीप लर्निंग सॉफ्टवेयर/ टूल किट्स से युक्त हैं।
 

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 उन्होंने जोर देकर कहा कि कृषि मेघ किसानों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों और नीति निर्माताओं को आईसीएआर संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा डिजिटल माध्यम से कृषि, शोध, शिक्षा एवं विस्तार के संबंध में जारी अद्यतन एवं ताजा जानकारी हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए डिजिटल इंडिया में एक नया अध्याय है।

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PM-Modi-Talks-to-Google-CEO-Sunder-Pichaai-किसानो-विद्यार्थियों-को-आभासी-लैब-के-फायदे-दिलाने-पर-की-र्चा
एएबी समाचार।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई  (Sunder Pichaai,CEO)  चर्चा की । इस मौके पर उन्होंने प्रौद्योगिकी से किसानों और कृषि क्षेत्र में कृत्रिम  बुद्धिमत्ता ( Artificial Intelligence, AI ) के संभावित  फायदे दिलाने  के बारे में चर्चा की।  साथ ही प्रधानमंत्री ने आभासी प्रयोगशालाओं ( Virtual Lab) के आइडिया का उपयोग विद्यार्थि‍यों के साथ-साथ किसानों द्वारा किये जाने की सम्भावनाओं पर भी विचार किया  ।


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इस सिलसिले में सुंदर पिचाई ने भी प्रधानमंत्री को देश में गूगल के नए उत्पादों और विभिन्‍न पहलों से भी अवगत कराया । उन्होंने बेंगलुरू में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रयोगशाला (Arificial Intelligence Lab) का शुभारंभ किए जाने का उल्लेख किया और इसके साथ ही गूगल के बाढ़ पूर्वानुमान संबंधी प्रयासों के  लाभों पर भी रौशनी डाली ।

गूगल सीईओ पिचाई ने प्रधानमंत्री को कोविड-19 के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने में मदद करने के साथ-साथ इस संबंध में विश्वसनीय जानकारियां मुहैया करने के लिए गूगल द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में जानकारी दी । उन्होंने प्रधानमंत्री की कोविड-19 से निपटने के लिए  लॉकडाउन करने के फैसले को ठोस पहल व मजबूत कदम बताया । उन्होंने लॉक डाउन को महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई की अत्‍यंत सुदृढ़ नींव भी बताया   ।

वहीँ दूसरी और प्रधानमंत्री ने गूगल की प्रशंसा करते हुए कहा कि भ्रामक सूचनाओं की गंभीर समस्‍या से निपटने और महामारी से जुड़ी आवश्यक सावधानियों के बारे में लोगों को सटीक जानकारियां देने में गूगल द्वारा निभायी गयी अत्‍यंत सक्रिय भूमिका प्रशंसनीय है । उन्होंने स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का और अधिक लाभ उठाने के बारे में भी चर्चा की।

इस दौरान प्रधानमंत्री को एक बड़ा निवेश कोष लॉन्‍च करने के साथ-साथ भारत में रणनीतिक साझेदारियां विकसित करने से संबंधित गूगल की योजना के बारे में जानकारी दी गई । प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत भी दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

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प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में सुधार सुनिश्चित करने और नए रोजगारों के सृजन के अभियान के बारे में सरकार द्वारा हाल ही में उठाए गए ठोस कदमों के बारे में भी चर्चा की। इसके साथ ही उन्‍होंने फिर से कौशल बढ़ाने या कामगारों को नए कौशल युक्त करने को भी अहम् बताया ।


डेटा सुरक्षा और निजता से जुड़ी चिंताओं के मुद्दे पर पर विचार-विमर्श करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों का भरोसा निरंतर बनाए रखने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों को विशेष प्रयास करने की जरूरत  है। उन्होंने साइबर अपराधों के साथ-साथ साइबर हमलों के रूप में खतरों के बारे में भी चर्चा   की ।


इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा का दायरा बढ़ाने के लिए कारगर तकनीकी समाधान  पेश करने, मातृ भाषा में प्रौद्योगिकी तक पहुंच बढ़ाने, खेल के क्षेत्र में दर्शकों को स्टेडियम जैसा नजारे का अहसास कराने के लिए एआर/वीआर का उपयोग करने और डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में प्रगति जैसे विषयों पर भी व्‍यापक चर्चाएं हुईं।

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