नवंबर 2020

 

Jeevan-Praman-Patra-Submission-Date-Extended-पेंशन-भोगी-अब-28-फरवरी-2021-तक-जमा-कर-सकेंगे-जेपीपी

एएबी समाचार ।
कोविड-19 महामारी और कोरोना वायरस से बुजुर्ग आबादी की सुरक्षा के ईपीएफओ ने ईपीएस 1995 के तहत पेंशन पाने वाले पेंशनभोगियों के संबंध में जीवन प्रमाण पत्र (JPP) जमा करने की समय सीमा 28 फरवरी 2021 तक बढ़ा दी है ।  वर्तमान में एक पेंशनभोगी 30 नवंबर तक किसी भी समय जेपीपी जमा कर सकता है, जो जारी होने की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए वैध होता है।

ऐसे सभी पेंशनभोगी 28 फरवरी, 2021 तक जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। जेपीपी जमा करने के लिए कई तरीके हैं जिनमें 3.65 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी), पेंशन संवितरण बैंकों की 1.36 लाख डाकघर शाखाएं,  डाक विभाग के अंतर्गत 1.90 लाख डाकिया और ग्रामीण डाक सेवकों का पोस्टल नेटवर्क शामिल हैं जिसका लाभ पेंशनभोगियों द्वारा उठाया जा सकता है।

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पेंशनभोगी निकटतम सीएससी  का पता लगाने के लिए लिंक का उपयोग कर सकते हैं और अपने घर या अन्य जगहों पर आराम से जेपीपी जमा करने के लिए डाकघरों में ऑनलाइन अनुरोध करने के लिए लिंक पर जा सकते हैं

केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री  संतोष गंगवार ने ईपीएफओ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संगठन ने प्रक्रियाओं को सरल बनाने और डिजिटल इंडिया मुहिमा को तेज करने के साथ पेंशनभोगियों की मदद करने के लिए एक सराहनीय काम किया है और जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की समय सीमा को बढ़ाकर 28 फरवरी 2021 कर दिया है। इस कदम से ईपीएफओ के 35 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।

इस विस्तारित अवधि के दौरान ऐसे 35 लाख पेंशनभोगियों की पेंशन बंद नहीं की जाएगी जो कि नवंबर, 2020 के दौरान जेपीपी जमा नहीं कर सके।

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एएबी समाचार । सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ने  दुपहिया मोटर वाहनों (क्‍वालिटी कंट्रोल) के सवारियों के लिए हेलमेट आदेश 2020 जारी किया है। जिसके तहत केंद्र सरकार ने  दुपहिया चालको व सवारों को कम भार वाले हेलमेट का उपयोग करने की मंजूरी दी है । लेकिन ऐसे हेलमेट अनिवार्यतः  भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित प्रमाणित होने चाहिए

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उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देशों के अनुसार देश की जलवायु स्थिति के अनुकूल हल्‍के भार के हेलमेट के बारे में विचार करने तथा हेलमेट का परिचालन सुनिश्चित करने के लिए सड़क सुरक्षा समिति बनाई गई थी। इस समिति में एम्‍स के विशेषज्ञ डॉक्‍टरों तथा बीआईएस के विशेषज्ञों सहित विभिन्‍न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल किए गए। समिति ने मार्च 2018 में अपनी रिपोर्ट के विस्‍तृत विश्‍लेषण के बाद देश में हल्‍के भार के हेलमेट की सिफारिश की। मंत्रालय ने इस सिफारिश को स्‍वीकार कर लिया।

 

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 समिति की सिफारिशों के अनुसार बीआईएस ने विशेष विवरणों में संशोधन किया है जिससे हल्‍के भार के हेलमेट बनेंगे। भारतीय बाजार में अच्‍छी स्‍पर्धा और विभिन्‍न हेलमेट नि‍र्माताओं को देखते हुए आशा की जाती है कि इस स्‍पर्धा से अच्‍छी गुणवत्ता के कम भार वाले हेलमेट की मांग बढ़ेगी। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 1.7 करोड़ टू व्‍हीलर बनाये जाते हैं।

क्‍यूसीओ का अर्थ होगा कि केवल बीआईएस प्रमाणित टू व्‍हीलर हेलमेट ही बनाए जाएंगे और टू व्‍हीलर बाजार में बेचे जाएंगे। इससे कम गुणवत्ता वाले हेलमेट की बिक्री कम होगी और परिणामस्‍वरूप टू व्‍हीलर चालक घातक दुर्घटना से बचेंगे।  



MIB-to-Regulate-Digital-Content-OTT-Platform-नेटफ्लिक्स-अमेज़न-प्राइम-विडियो-न्यूज़-पोर्टल-पर-नकेल-कसेगी-सरकार

एएबी समाचार।
केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर नेटफ्लिक्स(Netflix), अमेज़ॅन(Amazon Prime Video) के प्राइम वीडियो, हॉटस्टार(Hotstar), एमएक्स प्लेयर(MX Player), ज़ी५(Zee5) और अन्य वीडियो स्ट्रीमिंग ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफार्म को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दायरे में कर दिया हैं । ये मंच अब तक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दायरे में थे।

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  इस अधिसूचना जारी होने के पहले तक भारत में , ओटीटी प्लेटफार्मों को विनियमित करने के लिए कोई कानून या नियम नहीं था क्योंकि यह मनोरंजन माध्यमों के बीच अपेक्षाकृत एक नया अवतार था । टेलीविजन, प्रिंट या रेडियो के विपरीत, जो सरकारों द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हैं, ओटीटी प्लेटफार्मों, जिन्हें डिजिटल मीडिया या सोशल मीडिया के रूप में वर्गीकृत किया गया है, उनकी पेशकश की गई सामग्री, सदस्यता दरों, वयस्क फिल्मों और अन्य लोगों के लिए प्रमाणन के विकल्प पर कोई नियमन नहीं था।

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  भारत में, ऐसे माध्यमों के विनियमन पर काफी बहस और चर्चा की गई है । इन स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों पर उपलब्ध सामग्री को विनियमित करने के दबाव के बाद, इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI), OTT प्लेटफार्मों के एक प्रतिनिधि निकाय ने एक स्व-नियामक मॉडल का प्रस्ताव दिया था।
 

 ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट प्रोवाइडर्स या OCCPs ने अपने प्रस्तावित द्विस्तरीय संरचना  के एक हिस्से के रूप में स्व-नियामक तंत्र के साथ एक डिजिटल क्यूरेटेड कंटेंट कंप्लेंट्स काउंसिल का भी प्रस्ताव रखा था। हालांकि, प्रस्ताव को सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा शूट किया गया था, जो अब इन प्लेटफार्मों की देखरेख करेगा।
 

ओटीटी या ओवर-द-टॉप प्लेटफ़ॉर्म, दृश्य एवं श्रव्य सहेजने और प्रसारण की सेवाएं हैं, जो डिजिटल सामग्री के संग्रहण के मंच के रूप में शुरू हुई हैं, लेकिन जल्द ही लघु फिल्मों, फीचर फिल्मों, वृत्तचित्रों और वेब-श्रृंखला के निर्माण और प्रसार में खुद को बदल दिया।

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  ये मंच सामग्री की एक सीमा प्रदान करते हैं और उपयोगकर्ताओं को यह सुझाव देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हैं कि वे जिस मंच पर अपने पिछले पसंद के आधार पर देख सकते हैं। अधिकांश ओटीटी प्लेटफॉर्म आम तौर पर मुफ्त में कुछ सामग्री प्रदान करते हैं और प्रीमियम सामग्री के लिए मासिक सदस्यता शुल्क लेते हैं जो आमतौर पर कहीं और उपलब्ध नहीं है।

 प्रीमियम सामग्री आमतौर पर ओटीटी मंच द्वारा स्वयं निर्मित और विपणन किया जाता है, स्थापित निर्माण संस्थाएँ के साथ मिलकर जो ऐतिहासिक रूप से फीचर फिल्में बनाते हैं मार्च 2019 के अंत में लगभग 500 करोड़ रुपये के बाजार आकार के साथ, ऑनलाइन वीडियो प्रसारण मंच 2025 के अंत तक 4000 करोड़ रुपये का राजस्व बाजार बन सकता है। 2019 के अंत में, भारत में 17 करोड़ ओटीटी मंच उपयोगकर्ताओं के रूप में कई थे।

  ओटीटी मंच पर ऑनलाइन सामग्री प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध कराई गई फिल्मों और दृश्य-श्रव्य कार्यक्रमों को "ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर समाचार और वर्तमान मामलों की सामग्री" के साथ लाने का निर्णय लेने के साथ, ओटीटी प्लेटफार्मों के सामने पहली चुनौती उनकी सामग्री पर एक नजर रखने की होगी।

 सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत OTT प्लेटफार्मों को लाने के लिए केंद्र सरकार के कदम का मतलब यह भी हो सकता है कि इन प्लेटफार्मों को स्ट्रीम करने के लिए आवश्यक सामग्री के प्रमाणीकरण और अनुमोदन के लिए आवेदन करना होगा। यह अपने आप में कई संघर्षों को जन्म दे सकता है क्योंकि अधिकांश ओटीटी प्लेटफार्मों में सामग्री है जो भारत में प्रमाणन बोर्डों द्वारा सेंसर की जा सकती है।

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  इन ओटीटी प्लेटफार्मों को विनियमित करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किये जाने वाले दिशा-निर्देश के तहत ओटीटी मंच पर उपलब्ध सामग्री को सेंसर भी किया जा सकता है और ऐसा किए जाने की किसी भी योजना का विरोध होने का अंदेशा है क्योंकि इन प्लेटफार्मों ने अक्सर राजनीतिक रूप से संवेदनशील लेकिन प्रासंगिक विषयों पर फिल्मों और वृत्तचित्रों का निर्माण करने के लिए चुना है। 

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Innovatation-Saffron-bowl-of-India-extends-to-the-North-East-केसर-की-खुशबू-अब-सिक्किम-से-भी-उड़ेगी

एएबी समाचार ।
केसर के राष्ट्रीय मिशन का मानना है कि केसर का कटोरा जो अभी तक कश्मीर तक ही सीमित था अब उसका जल्द ही भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र तक विस्तार हो सकता है। केसर के बीजों से निकले पौधे कश्मीर से सिक्किम ले जाए गए और उन्हें वहां रोपा गया। ये पौधे पूर्वोत्तर राज्य के दक्षिण भाग में स्थित यांगयांग में फल-फूल रहे हैं।

मिशन की मुताबिक केसर का उत्पादन लंबे समय से केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में एक सीमित भौगोलिक क्षेत्र तक ही सीमित रहा है। भारत में पंपोर क्षेत्र को आमतौर पर कश्मीर के केसर के कटोरे के रूप में जाना जाता है। इसका केसर के उत्पादन में मुख्य योगदान है। इसके बाद बडगाम, श्रीनगर और किश्तवाड़ जिलों का स्थान हैं । 

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 केसर पारंपरिक रूप से प्रसिद्ध कश्मीरी व्यंजनों के साथ जुड़ा हुआ है। इसके औषधीय गुणों को कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा माना जाता था। क्योंकि केसर की खेती कश्मीर के कुछ विशिष्ट क्षेत्रों तक सीमित रही इसलिए इसका उत्पादन भी सीमित ही रहा। हालांकि नेशनल मिशन ऑन केसर ने इसकी खेती को बेहतर बनाने के लिए कई उपायों पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन ये उपाय अभी तक विशिष्ट क्षेत्रों तक ही सीमित थे।

 नॉर्थ ईस्ट सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एप्लिकेशन एंड रीच (एनईसीटीएआर), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त निकाय है। इसने गुणवत्ता और उच्चतर प्रमात्रा के साथ, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में केसर उगाने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक पायलट परियोजना में मदद की है।

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  सिक्किम सेंट्रल यूनिवर्सिटी के बॉटनी और हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट ने सिक्किम के यांगयांग की मिट्टी और उसके वास्तविक पीएच स्थितियों को समझने के लिए परीक्षण किए । इसने पाया कि यहां की मिट्टी कश्मीर के केसर उगाने वाले स्थानों के समान ही है।
 
विभाग ने कश्मीर से केसर के बीज/कॉर्म खरीदे और इन्हें यांगयांग लाया गया एक केसर उत्पादक को नियोजित किया गया और उसे इस विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ पूरी उत्पादन प्रक्रिया की देखभाल के लिए रखा गया। सितंबर और अक्टूबर के दौरान कॉर्म की सिंचाई की गई, जिससे समय पर कॉर्म अंकुरित हुआ और इस पर बहुत अच्छे फूल आए। पंपोर (कश्मीर) और यांगयांग (सिक्किम) के बीच जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियां समान होने से केसर की नमूना खेती सफल हुई।
 
इस परियोजना में फसल कटाई के बाद के प्रबंधन और मूल्य संवर्धन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया ताकि केसर की गुणवत्तायुक्त सुखाई हो और कटाई के बाद अच्छी केसर की प्राप्ति हो तभी इसके उत्पादन में सुधार होगा। इसके अलावा, मृदा परीक्षण, गुणवत्ता, प्रमात्रा, और संभावित मूल्यवर्धन सहित सभी मानकों के विस्तृत विश्लेषण किए गए। इस परियोजना के तत्काल परिणाम और एक्सट्रपलेशन का सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के साथ-साथ पूर्वोत्तरे क्षेत्र के अन्य भागों में भी उपयोग करने की योजना है ।
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Admission-Alert-Sainik-Schools

एएबी समाचार।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) 23 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में फैले 33 सैनिक विद्यालयों में छठी और नौवीं कक्षा के लिए प्रवेश के लिए 10 जनवरी, 2021 (रविवार) को अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा-2021 (एआईएसएसईई) का आयोजन करेगी।

 20 अक्टूबर, 2020 से शुरू होने वाले ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 19 नवंबर, 2020 को बंद हो जाएगी। उम्मीदवारों को वेबसाइट पर पंजीकरण करने के बाद अपने आवेदन जमा करने होंगे। 

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विस्तृत जानकारी बुलेटिन एनटीए की साइट- पर भी उपलब्ध है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 से, ओबीसी-एनसीएल श्रेणी के लिए प्रवेश में आरक्षण प्रारंभ किया गया है। सभी 33 सैनिक विद्यालयों में कक्षा 6 में प्रवेश के लिए अब छात्रा उम्मीदवार भी पात्र हैं।

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WHATSAPP-USERS-TOO-CAN-DO-UPI-PAYEMENTS-भारतीय-राष्ट्रीय-भुगतान-निगम-ने-दी-अनुमति

एएबी समाचार ।
त्वरित सन्देश प्रेषक एप -व्हाट्सऐप (WhatsApp) काफी मशक्कत के बाद आखिरकार भारत में अपनी भुगतान सेवा शुरु करने की मंजूरी मिल गई है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने भारत में WhatsApp Payments को शर्ताबद्ध इजाजत दे दी है । शर्त के मुताबिक व्हाट्स एप शुरूआती तौर पर केवल दो करोड़ उपयोग कर्ताओं के साथ इस भुगतान सेवा को चला सकता है । बाद में वह धीरे -धीरे उपयोग कर्ताओं की इस संख्या को चरणबद्ध तरीके से बढ़ा सकेगा ।
 
 
जानकारी के मुताबिक भारत में व्हाट्सऐप के उपयोग कर्ताओं की संख्या 40 करोड़ से अधिक है । व्हाट्स एप अपने चुनिंदा उपयोग कर्ताओं को जल्द ही WhatsApp पर भुगतान का विकल्प उपलब्ध करने जा रहा है । एकीकृत भुगतान अंतराप्रष्ठ (UPI-Unique Payment Interface) के क्षेत्र में सेवाएँ देने की WhatsApp को मंजूरी मिलने से इस क्षेत्र में पहले से ही काम कर रही कंपनियों -गूगल पे (GooglePay), फोन पे (PhonePay), पेटीएम (PayTM) और जियो पे (JioPay) को कड़ी टक्कर मिलेगी।
 
इसकी खास वजह यह है कि भुगतान के लिए लोगों को अलग से ऐप मोबाइल में संस्थापित नहीं करना पड़ेगा । कंपनी पिछले दो साल से भारत में WhatsApp Pay की परीक्षण कर रही है । व्हाट्सऐप को सिर्फ भारत सरकार की ओर से अनुमति मिलने की बात जोह रही थी । कई हजार उपयोग करता पहले से ही बीटा वर्जन पर WhatsApp Pay का इस्तेमाल कर रहे हैं। 
 
तृतीय पक्षीय सेवा प्रदाता के ऐप के लिए लेनदेन की सीमा तय

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने व्हाट्सऐप को हरी झंडी देने के साथ ही तृतीय पक्षीय सेवा प्रदाता के ऐप के लिए UPI लेनदेन की सीमा तय कर दी है, जो 1 जनवरी, 2021 से लागू होगी। नए नियम के मुताबिक एक तृतीय पक्षीय सेवा प्रदाता के ऐप UPI लेनदेन का अधिकतम 30% के बराबर ही राशि का अंतरण कर सकेगी । उदाहरण के लिए यदि कुल UPI लेनदेन 100 है तो कोई एक तृतीय पक्षीय सेवा प्रदाता ऐप जैसे WhatsApp Pay, पेटीएम, गूगल और जियो पे एक महीने में 30% यानी 30 लेनदेन ही कर सकती है। यह फैसला भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने एकीकृत भुगतान अंतराप्रष्ठ (UPI-Unique Payment Interface) पर किसी एक ऐप के एकाधिकार से बचाने के लिए लिया गया है।
 
ऐसे बनाएं WhatsApp Pay अकाउंट
 
- WhatsApp को खोलें और पटल पर ऊपर दाहिने में दिए गए तीन बिन्दुओं वाले चिन्ह पर जाएं।

- वहां दिए गए भुगतान के विकल्प पर जाएं और भुगतान का तरीका चुने पर टैप करें। यहां आपको विभिन्न बैंकों के विकल्प मिलेंगे।
 
- बैंक का नाम चयन करने के बाद बैंक से लिंक आपके मोबाइल नंबर का सत्यापन होगा। इसके लिए SMS के जरिये सत्यापित करने के विकल्प पर टैप करें । यह सुनिश्चित कर लें कि आपका व्हाट्सऐप नंबर और बैंक खाते से जुड़ा नंबर समान हो।
 

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- जैसे ही सत्यापन को पूरा करने के बाद आपको भुगतान का समायोजन पूरा करना होगा। इसके लिए आपको UPI पिन बनानी होगी जैसे कि दूसरे भुगतान ऐप में होता है।
इस तरह करें लेनदेन
 
- WhatsApp Pay से लेनदेन करने के लिए जिस व्यक्ति को पैसे भेजने हैं, उसका चैट खोलें और अटैचमेंट के प्रतीक पर टैप करें।
 
- इसके बाद Payment पर टैप करें और जितनी धनराशी भेजना है, प्रविष्ट करें।
 
- इसके बाद UPI डालें, भुगतान हो जाएगा और इसका पुष्टि सन्देश मिल जाएगा।
 
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