अक्टूबर 2020

Mandatory-jute-material-packaging-for-sugar-and-foodgrains

एएबी समाचार ।
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने जूट उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से खाद्यान्‍नों की शत-प्रतिशत  और  चीनी की 20 फीसदी पैकिंग  अनिवार्य रूप से विविध प्रकार के जूट बोरों में  किए जाने को मंजूरी दी है।

 सरकार ने जूट पैकिंग सामग्री अधिनियम, 1987 के तहत अनिवार्य रूप से पैकिंग किए जाने के इस मानक को विस्‍तारित करते हुए कहा है कि इस कदम से चीनी को विविध प्रकार के जूट बोरों में पैक किए जाने के निर्णय से जूट उद्योग को काफी बल मिलेगा ।


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 इसके अलावा, यह भी अनिवार्य किया गया है कि खाद्यान्‍नों की पैकिंग के लिए शुरू में 10 प्रतिशत जूट बोरों की खरीद जीईएम पोर्टल पर रिवर्स ऑक्शन के जरिए होगी। इससे भी धीरे-धीरे इनकी कीमतों में वृद्धि होगी। अगर जूट पैकिंग सामग्री की आपूर्ति में कोई कमी अथवा व्‍यवधान आता है अथवा किसी तरह की कोई प्रतिकूल स्थिति पैदा होती है तो कपड़ा मंत्रालय अन्‍य संबद्ध मंत्रालयों के साथ मिलकर उपबंधों में छूट दे सकता है और खाद्यान्‍नों की अधिकतम 30 प्रतिशत पैकिंग किए जाने का निर्णय ले सकता है।

 जूट क्षेत्र पर लगभग 3.7 लाख श्रमिक और कई लाख किसान परिवारों की आजीविका निर्भर है जिसे देखते हुए सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए काफी संगठित प्रयास कर रही है। जिसमें कच्‍चे जूट के उत्‍पादन और मात्रा को बढ़ाना, जूट सेक्‍टर का विविधीकरण करना और जूट उत्‍पादों की सतत मांग को बढ़ावा देना आदि शामिल है।      


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 देश की पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों को होगा विशेष फायदा
 

सरकार की इस अनुमति से देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर खासकर पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, आंध्र प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा के किसानों तथा श्रमिकों को लाभ मिलेगा। जूट सामग्री (पैकिंग सामग्री में अनिवार्यत: इस्‍तेमाल,1987, जेपीएम अधिनियम) के तहत कुछ विशेष सामग्रियों की पैकिंग के लिए जूट के अनिवार्य इस्‍तेमाल की बात कही गई है ।

 यह इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों के कल्‍याण के लिए किया गया है और मौजूदा प्रस्‍ताव में पैकिंग के जो मानक तय किए गए हैं उनसे भी देश में कच्‍चे जूट के घरेलू इस्‍तेमाल और जूट पैकिंग सामग्री को बढ़ावा मिलेगा। इससे देश को आत्‍मनिर्भर भारत की दिशा में ले जाने में मदद मिलेगी।

 जूट उद्योग मुख्‍यत: सरकारी क्षेत्र पर निर्भर है और प्रतिवर्ष खाद्यान्‍नों की पैकिंग के लिए सरकार 7500 करोड़ रुपये से अधिक कीमत के जूट बोरों की खरीद करती है। यह जूट क्षेत्र की मांग को जारी रखने और इस क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों और किसानों की आजीविका को सहारा देने की दिशा में एक कदम है।


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 जूट क्षेत्र को दी गई अन्‍य प्रकार की सहायता:

 
 सरकार ने कच्‍चे जूट की उत्‍पादकता और गुणवत्‍ता में सुधार लाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम जूट आईसीएआरई को डिजाइन किया है । इसके तहत सरकार विभिन्‍न प्रकार की कृषि पद्धतियों को उपलब्‍ध कराकर दो लाख जूट किसानों की मदद कर रही है । 

जिसमें बीजों को जमीन में पंक्तियों में बुवाई, व्‍हील-होइंग और नेल-वीडर्स का इस्‍तेमाल करके खरपतवार का प्रबंधन करना और गुणवत्‍ता युक्‍त प्रमाणित बीजों का वितरण करना तथा सूक्ष्‍म जीवों की मदद से कच्‍चे जूट को सड़ाने की प्रक्रिया शामिल है ।  सरकार के इन मध्‍यवर्ती प्रयासों से कच्‍चे जूट की गुणवत्ता और उत्‍पादन में काफी इजाफा हुआ है और जूट किसानों की आमदनी बढ़कर 10,000 रुपये प्रति हेक्‍टेयर हो गई है।

 हाल ही में भारत जूट निगम ने वाणिज्यिक आधार पर 10,000 क्विंटल प्रमाणित बीजों के वितरण के लिए राष्ट्रीय बीज निगम के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए हैं । तकनीकी उन्‍नयन और प्रमाणित बीजों के वितरण से जूट फसलों की गुणवत्ता और उत्‍पादकता में बढ़ोतरी होगी और इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।

 जूट सेक्‍टर के विविधीकरण को बढ़ावा देने के मद्देनजर राष्‍ट्रीय जूट बोर्ड ने राष्‍ट्रीय डिजाइन संस्‍थान के साथ एक समझौता किया है और इसी के अनुरूप गांधी नगर में एक जूट डिजाइन प्रकोष्‍ठ खोला गया है। इसके अलावा, विभिन्‍न राज्‍य सरकारों खासकर पूर्वोत्तर क्षेत्र में जूट जियो टेक्‍सटाइल्‍स और एग्रो टेक्‍सटाइल्‍स को बढ़ावा दिया गया है। इसमें सड़क परिवहन और जल संसाधन मंत्रालय की भी सहभागिता है। 

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 जूट सेक्‍टर में मांग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बांग्‍लादेश और नेपाल से जूट वस्‍तुओं के आयात पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई है और यह 5 जनवरी, 2017 से प्रभावी है। जूट क्षेत्र में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दिसम्‍बर, 2016 में जूट स्‍मार्ट ई- कार्यक्रम की पहल की है जिसमें बी-टी विल किस्‍म के टाट के बोरों की खरीद के लिए सरकारी एजेंसियों ने एक समन्वित प्‍लेटफॉर्म उपलब्‍ध कराया है।

 इसके अलावा, भारत जूट निगम न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य और वाणिज्यिक अभियानों के तहत जूट की ऑनलाइन खरीद के लिए जूट किसानों को 100 प्रतिशत धनराशि हस्‍तांतरित कर रहा है । 

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Unlock-Extended-till-30-Nov-2020-राज्य-खोल-सकते-हैं-स्कूल-कोचिंग-संस्थान

एएबी समाचार ।  गृह मंत्रालय ने गतिविधियों को फिर से खोलने (Unlock) के लिए 30 सितम्बर को जारी दिशानिर्देशों को 30 नवम्बर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया है । कुछ गतिविधियों को दोबारा पूरी तरह से खोलने में कोविड संक्रमण फैलने का काफी जोखिम है। ऐसे में राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को उन्हें फिर से खोलने के संबंध में खुद फैसले लेने की इजाजत दी गई है। राज्य इस संबंध में अपने आकलन और जरूरी मानक संचालन प्रक्रिया को देखते हुए फैसला कर सकते हैं। इन गतिविधियों में स्कूल, कोचिंग संस्थान, रिसर्च छात्रों के लिए राज्य और निजी विश्वविद्यालय खोलने , साथ ही किसी एक जगह पर 100 से ज्यादा लोगों को शामिल होने जैसे फैसले शामिल हैं।

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  • कंटेनमेंट जोन के बाहर खुलने वाली गतिविधियां

 

गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन से संबंधित दिशानिर्देश 24 मार्च 2020 को पहली बार जारी किए गए थे, उस वक्त से अभी तक कंटेनमेंट जोन के बाहर लगातार धीरे-धीरे गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की छूट दी जा रही है। अब तक ज्यादातर गतिविधियों को फिर से खोलने की अनुमति मिल चुकी है। लेकिन ऐसी गतिविधियां जिसमें ज्यादा लोगों को एक जगह पर एकत्र होने की संभावना है, उन्हें चालू करने के लिए कुछ पाबंदियां अभी भी लगी हुई हैं। इन गतिविधियों को करने के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन करना जरूरी है। इन गतिविधियों में मेट्रो रेल, शॉपिंग मॉल, होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिलिटी सेवाएं, धार्मिक स्थल, योग और दूसरे प्रशिक्षण संस्थान, जिम, सिनेमा हाल, इंटरटेनमेंट पार्क आदि शामिल हैं।

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  • गृह मंत्रालय द्वारा 30 सितम्बर-2020 को जारी किए गएआखिरी दिशानिर्देश के बाद निम्नलिखित गतिविधियों को कुछ पाबंदियों के साथ खोलने की इजाजत दी गई थी:
    • गृहमंत्रालय की इजाजत के बाद यात्रियों के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा 

    • खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए तरणताल का इस्तेमाल
     
    • बिजनेस मीटिंग के लिए प्रदर्शनी हाल को खोलना
     
    • सिनेमा/थिएटर/मल्टीप्लेक्स को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलना
     
    • सामाजिक/शैक्षणिक/खेल/मनोरंजन/संस्कृति/धार्मिक/राजनीतिक कार्यक्रम सहित दूसरी सभाएं, जो बंद जगहों पर आयोजित की जाती है। लेकिन सभागार की 50 फीसदी से ज्यादा क्षमता का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। साथ ही किसी भी सूरत में अधिकतम 200 व्यक्तियों को ही आयोजनों में शामिल किया जा सकेगा।

 

इन गतिविधियों के संबंध में आगे कोई फैसला, परिस्थितियों के आकलन के बाद किया जाएगा।

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  • कोविड-19 संक्रमण  - उचित व्यवहार जरूरी

 

गतिविधियों को फिर से खोलने का मकसद यह है कि हम आगे की ओर बढ़े, लेकिन इसका यह कतई मतलब नही है कि महामारी खत्म हो गई है। ऐसे में प्रत्येक नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि कोविड से बचाव के लिए वह अपनी दिनचर्या में उचित व्यवहार करे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 से बचने के लिए 8 अक्टूबर 2020 को उचित व्यवहार अपनाने के लिए तीन मंत्र दिए थे। जो कि ये हैं:

 

  1. मास्क को उचित तरीके से पहने
  2. हाथ को बार-बार धो ले
  3. हमेंशा छह फुट की सुरक्षित दूरी बनाकर रखे

 

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  • गतिविधियों के फिर से खुलने (Unlock) के फैसले को तभी सफलता मिलेगी, जब देश का प्रत्येक नागरिक अनुशासन के साथ अपनी जिम्मेदारियों को समझे। ऐसा करने से महामारी के खतरे को कम किया जा सकता है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में पहले से ही राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव और प्रशासकों को सलाह दी है, कि वह ऐसे कदम उठाएं, जिससे कोविड-19 से निपटने के लिए लोग उचित व्यवहार करे। साथ ही वह जमीनी स्तर पर ऐसे कदम उठाए, जिससे लोग मास्क पहने, हाथों की सफाई नियमित अंतराल पर करें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

 

  • कोविड-19 प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देश

 

  • कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए लोग उचित व्यवहार करें, इसके लिए जारी राष्ट्रीय दिशा निर्देश पूरे देश में पहले की तरह लागू रहेंगे।

 

कंटेनमेंट जोन में 30 नवंबर 2020 तक सख्ती से लागू रहेगा लॉकडाउन

 

  • कंटेनमेंट जोन में 30 नवंबर 2020 तक सख्ती से लॉकडाउन को लागू किया जाएगा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सलाह के आधार पर जिला प्रशासन कंटेनमेंट जोन का निर्धारण कर सकेगा। कंटेनमेंट जोन बनाने का उद्देश्य संक्रमण की चेन को तोड़ना है। इसके लिए सख्त कदम उठाए जाए। इस दौरान कंटेनमेंट जोन में केवल जरूरी गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी।
  •  
  • कंटेनमेंट जोन के अंदर सख्ती के साथ सीमा निर्धारण किया जाय, साथ ही वहां केवल जरूरी गतिविधियों को चालू रखने की केवल अनुमति दी जाएगी। कंटेनमेंट जोन को चिन्हित कर उसकी जानकारी राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश के जिलाधिकारी की वेबसाइट पर डाली जाएगी। साथ ही उसकी सूचना स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से भी साझा की जाय।

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कंटेनमेंट जोन के बाहर राज्य नहीं लगाएं लॉकडाउन

  •  
  • राज्य/केंद्रशासित प्रदेश कंटेनमेंट जोन को छोड़कर स्थानीय स्तर पर (राज्य/जिला/सब-डिविजन/शहर/ग्रामीण स्तर) केंद्र सरकार से सलाह किए बिना लॉकडाउन नहीं कर सकेंगे।

 

अंतरराज्यीय और राज्य के अंदर आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं

  • किसी भी व्यक्ति या वस्तु का राज्य के अंदर और एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। इस तरह के आवागमन के लिए अलग से किसी भी तरह की अनुमति/स्वीकृति/ई-परमिट लेने की जरूरत नहीं होगी।

 

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अतिसंवेदनशील लोगों की सुरक्षा

अतिसंवेदनशील व्यक्तियों यानी 65 वर्ष की उम्र से अधिक उम्र के व्यक्तियों, पहले से ही अन्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष की उम्र से कम आयु वाले बच्चों को जरूरी आवश्यकताओं एवं स्वास्थ्य संबंधी जरूरत के अतिरिक्त, घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है।

आरोग्य सेतु का उपयोग

  • आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप्लिकेशन के उपयोग को प्रोत्साहित करना जारी रहेगा।
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Pradhanmantri Kusum Yojna-

एएबी समाचार।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री  कुसुम योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाली वेबसाइट के चंगुल में न फंसने के लिए देश के किसानों को सचेत किया है । कुसुम योजना के  तहत कृषि पंपों के सौरीकरण के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया   जाता है । केंद्र सरकार को ऐसी सूचना मिली है कि  योजना के शुभारंभ के बाद, कुछ वेबसाइटों ने पीएम-कुसुम योजना के लिए पंजीकरण पोर्टल होने का दावा किया है। ऐसी वेबसाइटें आम जनता को धोखा दे रही हैं और फर्जी पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से उनसे रुपये तथा जानकारी एकत्रित कर रही है ।
 

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Pradhanmantri Kusum Yojna : योजना का लाभ लेने पंजीकरण का प्रावधान नहीं

केंद्र सरकार के मुताबिक (www.pmkusumyojana.co.in and www.punjabsolarpumps.com) ने अवैध रूप से पीएम-कुसुम योजना के लिए पंजीकरण पोर्टल का दावा किया है। अतः फिर से सभी संभावित लाभार्थियों और आम जनता को सलाह दी जाती है कि इन वेबसाइटों पर रुपया या जानकारी जमा करने से बचें। इसके अलावा, समाचार पत्रों को भी डिजिटल या प्रिंट प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित करने से पहले सरकारी योजनाओं के लिए पंजीकरण पोर्टल होने का दावा करने वाली वेबसाइटों की प्रामाणिकता की जांच करने की सलाह दी जाती है ।
 

Pradhanmantri Kusum Yojna :  फर्जी  हैं पंजीकरण को जरूरी बताने वाली वेबसाइट

MNRE अपनी किसी भी वेबसाइट के माध्यम से योजना के तहत लाभार्थियों को पंजीकृत नहीं करता है और इसलिए योजना के लिए MNRE की पंजीकरण वेबसाइट होने का दावा करने वाली कोई भी वेबसाइट भ्रामक और धोखाधड़ी है। किसी भी संदिग्ध धोखाधड़ी वाली वेबसाइट, यदि किसी के द्वारा देखी गई हो, तो उसे MNRE को तुरंत सूचित करने का कष्ट करें 

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Pradhanmantri Kusum Yojna : योजना के तहत पम्पों के सौरीकरण के लिए मिलता है अनुदान

गौरतलब है कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (प्रधानमंत्री-कुसुम) योजना लागू किया गया है जिसके तहत कृषि पंपों के सौरीकरण के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। इस योजना को राज्य सरकार के विभागों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है जिसमें किसानों को केवल बाकी का 40 प्रतिशत ही विभाग को जमा करवाना होता है। इन विभागों का विवरण MNRE की असली वेबसाइट पर उपलब्ध है।

योजना में भागीदारी के लिए पात्रता और कार्यान्वयन प्रक्रिया से संबंधित जानकारी MNRE की वेबसाइट  पर उपलब्ध है। इच्छुक लोग MNRE की वेबसाइट पर जा सकते हैं या टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर 1800-180-3333 पर कॉल कर सकते हैं।

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NCB-Screw-Up-Drug-Racket-बालाजी-टेलीफिल्म्स-का-चपरासी-गिरफ्तार

एएबी समाचार । 
 केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक भारत के महानगर विभिन्न वर्जित सामानों के लिए प्रमुख गंतव्य के रूप में काम करते हैं । एनसीबी ने तालमेल बैठाकर मुंबई और शेष भारत के साथ इसके सम्‍पर्कों में कार्रवाई करते हुए विभिन्न प्रकार का सामान जब्‍त किया और गिरफ्तारियां की, जो मादक पदार्थों की आपूर्ति श्रृंखला के लिए कठिनाइयां पैदा कर रही हैं ।

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एनसीबी मादक पदार्थों की तस्‍करी करने वालों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है। मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अभियानों में, एनसीबी ने मादक पदार्थों के तस्करों की कार्य प्रणाली और उनके ठौर-ठिकानों की पहचान कर उनके छिपने के संभावित ठिकानों पर नियमित छापेमारी कर रही है।

इसी सिलसिले में नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो ने के कार्रवाई में अंधेरी वेस्ट इलाके में बालाजी टेलीफिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड में चपरासी/रनर के रूप में कार्यरत प्रदीप राजाराम साहनी को 70 ग्राम मेफेड्रोन के साथ गिरफ्तार किया था । प्रदीप ने खुलासा किया था कि वह अंधेरी और जुहू क्षेत्र में विभिन्न व्यक्तियों को मेफेड्रोन की आपूर्ति करता था । प्रदीप राजाराम साहनी के वितरण नेटवर्क की आगे जांच की जा रही है।

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मादक पदार्थों के वितरण नेटवर्क पर एक और कार्रवाई करते हुए, एनसीबी ने एक नाइजीरियाई नागरिक उका एमेका @ गॉडविन को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से 04 ग्राम कोकीन बरामद की गई थी।

जब्त मादक पदार्थ दक्षिण अमेरिकी देश से उत्पन्न हुई है और मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले पर संदेह है कि वह के पाली हिल एरिया, बांद्रा, अंधेरी, जुहू और खार क्षेत्र में वर्जित माल पहुंचाता था। आगे के सम्‍पर्कों की जांच चल रही है।

ऐसी ही एक अन्य कार्रवाई में  विशिष्ट जानकारी के आधार पर, एनसीबी एमजेडयू की टीम ने सोमवार को वसई, पालघर के एम. अहमद से 1 किलोग्राम कोकीन और 2 किलोग्राम पी.सी.पी. (फेंसीक्‍लाइडिन) बरामद किया । 

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पूछताछ के दौरान, एम. अहमद ने खुलासा किया कि वर्जित सामान को आगे बेचने के लिए एस. के. सौरभ ने उसे दिया था । एनसीबी की टीम ने खुफिया जानकारी एकत्र की और मैन्युअल खुफिया और तकनीकी निगरानी के आधार पर, एसके सौरभ को वसई, पालघर से मंगलवार को हिरासत में ले लिया । एस. के. सौरभ से लगातार पूछताछ के बाद बुधवार को उसकी दुकान / गोदाम से 29.300 किलोग्राम एमडीए बरामद की गई। एस. के. सौरभ ने आगे खुलासा किया कि मादक पदार्थ ए. खानीवाडेकर और आर. खानीवाडेकर के हैं।

खानीवाडेकर को पकड़ लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है । पूछताछ के दौरान, उसने खुलासा किया कि उसका भाई आर. खानीवाडेकर डीआरआई मामले में 483 किलोग्राम एफिड्रिन का आरोपी है और जमानत पर है। डीआरआई के छापे से पहले, उन्होंने वर्जित माल को एस. के. सौरभ की दुकान / गोदाम में स्थानांतरित कर दिया था और एस. के. सौरभ ने शिफ्टिंग करते समय उस बरामद किए गए उपरोक्त वर्जित सामान को निकाल लिया था।

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एनसीबी जम्मू की क्षेत्रीय इकाई ने  सितम्बर 2019 को बैन टोल प्लाजा, नगरोटा, जम्मू में 55 पैकेटों में छिपाई गई लगभग 56.4 किलोग्राम चरस की जब्ती को प्रभावित किया और दिल्ली के एम. गुप्ता, ए. गंभीर और सोनिया को गिरफ्तार कर लिया । 

एनसीबी ने 1,91,000/-रुपये और एक्सयूवी 500 एसयूवी को भी जब्‍त कर लिया, जिसका इस्तेमाल वर्जित माल को छिपाने और इधर-उधर लाने-ले जाने के लिए किया जाता था । चरस मुंबई की किस्मत में थी । परिचालन इकाई और जम्मू क्षेत्रीय इकाई की एक संयुक्त कार्रवाई में, 56 किलोग्राम चरस मामले (15.09.2020 को जम्मू में जब्त) के प्रमुख संदिग्ध, यानी फारुक चांदबादशाह शेख (उम्र लगभग 40 वर्ष) सुपुत्र चांदबादशाह शेख, निवासी टीए- 5, मुसा मेंशन जोपड़पट्टी टैंक पकड़ी रोड बायकुला पश्चिम, हाफीजअली बहादुरखान रोड (एम.एन.वी37) खांड मुंबई शहर 400011 के नजदीक मुंबई-पुणे राजमार्ग से उसके एक सहयोगी कुर्बान अली सुपुत्र मोहम्मद दाउद निवासी मकान संख्‍या 1933 मुस्तफा राजा गली, बासनी, नागौर, राजस्थान के साथ पकड़ लिया गया।

आगे पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि वे मुंबई के एक मामले में भी शामिल थे, जिसमें उनके सहयोगियों से 6 किलो चरस जब्त की गई थी।

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