• Street Vendors Welfare Scheme Extended Upto Villages In MP-शहरी -ग्रामीण पथ व्यवसायियों को मिलेगा दस हजार तक का कर्ज

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    एएबी समाचार । प्रदेश सरकार ने ग्रामीण पथ विक्रेताओं को भी शहरी पथ विक्रेता योजना (Street Vendors Welfare Scheme) से जोड़े जाने का फैसला लिया है । जिससे वो भी बैंक से 10 हजार रूपये कर्ज ले सकेंगे। पथ विक्रेताओं को राजगार ज़माने के बैंक से मिलने वाले कर्ज की गांरटी राज्य सरकार लेगी । पथ विक्रेताओं को रोजगार शुरू करने के लिये कार्यशील पूँजी के रूप में उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आत्म-निर्भर स्व-निधि की घोषणा की गयी है । केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा ब्याज अनुदान दिया जायेगा।

    Street Vendors Welfare Scheme : पंजीयन शुरू

    प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में सबसे पहले गरीबों की शहरी पथ विक्रेता योजना को लागू कर पंजीयन की प्रक्रिया शहरी असंगठित कामगार पोर्टल के माध्यम से शुरू की गई । पोर्टल पर अब तक 8 लाख से अधिक पथ विक्रेताओं का पंजीयन हो चुका है। पंजीकृत वेंडर्स के दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है ।

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    Street Vendors Welfare Scheme : एक हजार करोड़ से ज्यादा बंटेगा कर्ज

    मध्यप्रदेश में एक हजार करोड़ से अधिक ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना सभी 378 नगरीय निकायों में लागू की जा रही है। योजना में उन्ही पथ विक्रेताओं को शामिल किया जा रहा है , जो 24 मार्च, 2020 से पूर्व से शहरी क्षेत्रों में पथ विक्रेता का कार्य करते हैं । इसके लिए उनके पास निकाय का टाउन वेंडिंग सर्टिफिकेट और पहचान-पत्र होना जरूरी है । ऐसे पथ विक्रेता, जो कोरोना महामारी के कारण अपने स्थान को छोड़कर चले गये हैं और वे पुन: लौटते हैं, तो उन्हें भी इस योजना के लाभ की पात्रता होगी ।

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    Street Vendors Welfare Scheme : एकीकृत पोर्टल शुरू

    मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने जून माह में ही मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल का शुभारंभ कर पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ करवाई। उनकी अध्यक्षता में सम्पन्न राज्य-स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में पथ विक्रेताओं के लिये प्रधानमंत्री आत्म-निर्भर स्वनिधि योजना के बैंकवार लक्ष्य निर्धारण और क्रियान्वयन की प्रक्रिया सुनिश्चित की गई है।

    Street Vendors Welfare Scheme : पंजीकृत पथ व्यवसायियों में ४० फीसदी महिलाएं

    योजना के क्रियान्वयन के लिये नगरीय विकास एवं आवास विभाग में राज्य-स्तरीय समिति का गठन किया गया है। पंजीकृत पथ व्यवसाइयों में 62 प्रतिशत पुरुष और 38 प्रतिशत महिलाएँ हैं । जबकि पंजीकृत पथ विक्रेताओं में से लगभग 28.36 प्रतिशत सब्जी, 10.27 प्रतिशत कपड़े, 7.23 प्रतिशत फल और 6.84 प्रतिशत खाने-पीने की वस्तुओं का व्यवसाय करते हैं।

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