2019
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एएबी समाचार । दूरसंचार सचिव और डिजिटल संचार आयोग के अध्‍यक्ष अंशु प्रकाश ने कहा कि देश में फोनों की संख्‍या 100 की आबादी के पीछे 242 मोबाइल हो गई है और मोबाइल हैंडसेट रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने का जरिया बन चुका है। इसलिए मोबाइल को एक प्रणाली के साथ सुरक्षित करना समय की मांग है। 

अंतर्राष्‍ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आईएमईआई) मोबाइल फोन की एक अनेखी पहचान है। ½ सिम कार्ड के साथ एक फोन ½ आईएमईआई नंबर के साथ प्रोग्राम किया हुआ होता है। आईएमईआई प्रोग्राम किया हुआ होने के कारण कुछ अपराधी आईएमईआई संख्‍या को दोबारा प्रोग्राम कर लेते हैं, जिसके परिणामस्‍वरूप उसी आईएमईआई संख्‍या के साथ अनेक उपकरणों की आईएमईआई की क्‍लोनिंग हो जाती है। आज की तारीख में नेटवर्क में क्‍लोन/डुप्‍लीकेट आईएमईआई हैंडसेट के अनेक मामले हैं।

यदि ऐसे आईएमईआई को ब्‍लॉक कर दिया जाए, तो समान आईएमईआई के साथ हैंडसेट होने के कारण बड़ी संख्‍या में मोबाइल फोन ब्‍लॉक हो जाएंगे, जिससे अनेक ग्राहकों को असुविधा होगी। अत: नेटवर्क से डुप्‍लीकेट/फर्जी आईएमईआई मोबाइल फोनों को हटाने की आवश्‍यकता है। तदानुसार केन्‍द्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर (सीईआईआर) प्रणाली नाम की इस परियोजना को दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट की दोबारा प्रोग्रामिंक सहित सुरक्षा, चोरी और अन्‍य चिंताओं को दूर करने के लिए हाथ में लिया है।

 केन्‍द्रीय संचार, विधि और न्‍याय तथा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि मोबाइल सुरक्षा हमारी राष्‍ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए, क्‍योंकि मोबाइल हैंडसेट हर प्रकार के ऑनलाइन कार्यों के लिए एक महत्‍वपूर्ण उपकरण बन गया है। श्री प्रसाद दिल्‍ली के ग्राहकों के लिए ‘केन्‍द्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर (सीईआईआर)’ नाम के एक वेब पोर्टल की शुरुआत करने के बाद  नई दिल्‍ली में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

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एएबी समाचार । प्रदेश में वर्ष 2018-19 की एक वर्ष की अवधि में 4428 औद्योगिक इकाईयों में 928 करोड़ 26 लाख यूनिट बिजली की रिकॉर्ड खपत दर्ज की गई है। ऊर्जा मंत्री  प्रियव्रत सिंह ने बताया है कि यह पिछले 3 वर्षों की तुलना में सर्वाधिक खपत है। इस तरह औद्योगिक इकाईयों को गत वर्ष की तुलना में 18 फीसदी अधिक बिजली प्रदाय की गई।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्ष 2015-16 में 3682 उच्च दाब औद्योगिक उपभोक्ताओं को 745 करोड़ 42 लाख यूनिट, वर्ष 2016-17 में 3869 उपभोक्ताओं को 707 करोड़ 26 लाख यूनिट, वर्ष 2017-18 में 4128 उपभोक्ताओं को 785 करोड़ 82 लाख यूनिट बिजली सप्लाई की गई।

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एएबी समाचार । ऊर्जा मंत्री  प्रियव्रत सिंह ने कहा है कि ऊर्जा विभाग द्वारा किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं के साथ ही उद्योगों को भी सहूलियत दी गयी है। उन्होंने बताया कि नये उच्चदाब कनेक्शनों को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत, अधिकतम एक रुपये प्रति यूनिट की छूट 5 वर्ष तक देने का निर्णय लिया गया है। विद्यमान निम्नदाब उपभोक्ता द्वारा उच्चदाब कनेक्शन में परिवर्तन करवाने पर ऊर्जा प्रभार में एक रुपये प्रति यूनिट की छूट दी गयी है।
मंत्री श्री सिंह ने बताया है कि रात की  अवधि में (रात 10 से सुबह 6 बजे तक) बिजली खपत पर ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट दी गयी है। ग्रामीण फीडरों पर जुड़े उच्चदाब औद्योगिक उपभोक्तओं को न्यूनतम खपत में 20 प्रतिशत और नियत प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट दी गयी है।
   व्यापार की सहूलियत के लिए    
व्यापार की सहूलियत के लिए उच्चदाब संयोजन के लिए ऑनलाइन आवेदन और ऑनलाइन भुगतान पर कनेक्शन देने की सुविधा दी गयी है। उद्योगों को मात्र 2 दस्तावेजों, पहचान-पत्र और मालिकाना/कब्जे के प्रमाण-पत्र के आधार पर नवीन बिजली कनेक्शन की सुविधा दी गयी है। तैंतीस के.व्ही. तक के बिजली कनेक्शनों के लिए बिजली निरीक्षक से आपूर्ति चालू करने की अनुमति  की बाध्यता को समाप्त कर निजी चार्टर्ड बिजली सुरक्षा इंजीनियर की सहायता से स्व-प्रमाणन की सुविधा दी गयी है। अग्रिम भुगतान पर एक प्रतिशत की छूट दी गयी है। बिजली कम्पनियों के मोबाईल एप एवं पोर्टल के माध्यम से भी उपभोक्ता सेवा उपलब्ध करवायी गयी है।

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एएबी समाचार । स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने प्रगत शैक्षिक शिक्षा महाविद्यालय में राज्य स्तरीय कहानी उत्सव का शुभारंभ के मौके पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों में कहानी के प्रति लगाव कम हो रहा है। बच्चे अपना समय मोबाइल पर वीडियोगेम खेलने अथवा टी.वी. देखने में व्यर्थ गंवा रहे हैं। उन्होंनेकहा कि  कहानियाँ भारतीय संस्कृति एवं परम्परा का अभिन्न अंग रही हैं। कहानी के माध्यम से घर के बुजुर्ग बच्चों को नैतिक शिक्षा एवं ज्ञान से परिचित कराते थे। उन्होंने  बच्चों का कहानियों के प्रति लगाव जीवंत रखने के लिये स्कूलों में कहानी उत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर बच्चों एवं शिक्षकों ने रोचक एवं शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाईं।
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि कहानी के माध्यम से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ती है, किताब पढ़ने की आदत विकसित होती है। उन्होंने कहा कि कहानी के माध्यम से मिला ज्ञान और शिक्षा जिन्दगी भर याद रहती है। उन्होंने पंचतंत्र, कछुआ-खरगोश की कहानी, अकबर-बीरबल आदि रोचक कहानियों के माध्यम से मिली शिक्षा का जिक्र किया। स्कूल शिक्षा मंत्री ने बच्चों को एक कहानी सुनाकर जीवन में सकारात्मक  रवैया रखते हुए आगे बढ़ने की बात कही।  स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि कहानी के माध्यम से बच्चे शिक्षकों के करीब आते हैं और अपनी जिज्ञासा को उनके सामने खुलकर रखते हैं। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि स्कूल में पारिवारिक वातावरण निर्मित करें ताकि बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि और लालसा पैदा हो।
उप सचिव श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा 'पढ़े भारत-बढ़े भारत' योजना में कहानी की कला को शिक्षण प्रविधि का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिये राज्य स्तरीय कहानी उत्सव प्रारंभ किया गया। इसमें कक्षा पाँचवी से 8वीं तक के विद्यार्थी तथा शिक्षक शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय आयोजन में प्रथम पाँच बच्चों एवं प्रथम तीन शिक्षकों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। समस्त सहभागियों को सहभागिता प्रमाण-पत्र दिया जायेगा।



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एएबी समाचार । सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने बताया है कि मध्यप्रदेश राज्य तिलहन उत्पादक सहकारी संघ तथा मध्यप्रदेश राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के कर्मचारियों के संविलियन की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है।
तिलहन संघ के 753 सेवायुक्तों का संविलियन विभिन्न विभागों में किये जाने के पश्चात शेष बचे 184 सेवायुक्तों का संविलियन विभिन्न सहकारी बैंकों में कर दिया गया है। इसी प्रकार जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के 830 कर्मचारियों तथा मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक के 116 कर्मचारियों का संविलियन कर दिया गया है।
मध्यप्रदेश राज्य तिलहन उत्पादक सहकारी संघ को वर्ष 2013 में परिसमापन में लाया गया था। शासन द्वारा सेवायुक्तों के जीवन-यापन की समस्या को देखते हुए संविलियन योजना बनाई गई थी। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक तथा 38 जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के परिसमापन में आ जाने से इनके कर्मचारियों के लिये भी संविलियन योजना शासन द्वारा लागू की गई।

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एएबी समाचार । खनिज साधन मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बीते एक वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया है कि प्रदेश में नई रेत नीति लागू होने से खनिज राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। केवल 43 जिलों में रेत नीलामी में प्राप्त निविदाओं में कुल 1400 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा, जो पूर्ववर्ती सरकार को मात्र 240 करोड़ का प्राप्त होता था। 
मंत्री  जायसवाल ने बताया कि नये रेत नियम-2019 अंतर्गत कुल 43 जिला समूह के लिये रेत खदानों के संचालन के लिये निविदाएँ जारी की गई थीं। इसका सरकारी आरक्षित मूल्य लगभग 475 करोड़ रुपये रखा गया था जिसके, विरुद्ध मात्र 36 जिलों के लिये खोले गये प्राप्त वित्तीय प्रस्तावों में कुल 1400 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। 
मुख्य खनिज की सफलतापूर्वक नीलामी प्रक्रिया पूर्ण होने पर प्रदेश को लगभग 6,331 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होना अनुमानित है। कुछ जिला समूह के लिये नियत ऑफसेट प्राइज की तुलना में 6 गुना से भी अधिक के वित्तीय प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। होशंगाबाद जिले के लिये ऑफसेट प्राइज में 100 करोड़ रुपये के विरुद्ध 217 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। नई नीति में निविदाकार रेत खदानों की नीलामी में कार्यवाही को ऑनलाइन लाइव देख पा रहे हैं।
खनिज साधन विभाग द्वारा प्रदेश के 8 क्षेत्रों में खनिजों का पूर्वेक्षण/खोज कार्य किया जा रहा है। इसमें जिला दमोह, धार और सतना में खनिज चूना पत्थर तथा जिला डिण्डोरी में खनिज बॉक्साइट, लेटेराइट एवं जिला मंदसौर में लेटेराइट का सर्वेक्षण/पूर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है। इन क्षेत्रों में खनिज का भण्डारण प्रमाणित होने पर नियमानुसार ई-ऑक्शन प्रक्रिया से खनिज ब्लॉक की नीलामी की जाएगी। प्रदेश में उपलब्ध खनिज सम्पदा का पता लगाने एवं पूर्वेक्षण कार्य के लिये एनएमडीसी, एमओआईएल, एमईसीएल से एमओयू साइन किया गया है।

एक साल में 2226 करोड़ 85 लाख खनिज राजस्व

मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 2226 करोड़ 85 लाख का राजस्व संग्रहण किया गया है। पिछले साल वर्ष इसी अवधि में संग्रहीत खनिज राजस्व की तुलना में यह 34 करोड़ 35 लाख अधिक है। जिला खनिज प्रतिष्ठान में इस वित्तीय वर्ष में नवम्बर तक 495 करोड़ से अधिक और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास में 34 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 
इस दौरान खनिजों के अवैध उत्खनन के 1330, अवैध परिवहन के 8294 और अवैध भण्डारण के 531 प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई। अवैध उत्खनन से 5 करोड़ 27 लाख 51 हजार रुपये, अवैध परिवहन से 24 करोड़ 12 लाख 20 हजार रुपये और अवैध भण्डारण से एक करोड़ 36 लाख 55 हजार रुपये के अर्थदण्ड की वसूली की गई।

बंदर हीरा खदान 30.05 प्रतिशत अधिक बोली पर हुई नीलाम

इस वित्तीय वर्ष में तृतीय चरण की नीलामी के लिये 13 खनिज खण्डों का चिन्हांकन कर चूना पत्थर की 5, स्वर्ण धातु की 2, आधारभूत खनिजों की 3, हीरा खनिज तथा ग्रेफाइट और बॉक्साइट खनिज के एक-एक ब्लॉक की ई-नीलामी के लिये राज्य एनआईटी प्रकाशित की गई। निविदा विज्ञप्ति में बंदर डायमण्ड ब्लॉक तहसील बक्सवाहा जिला छतरपुर के लिये एसेल माइनिंग एण्ड इण्डस्ट्रीज द्वारा 30.05 प्रतिशत उच्चतम बोली प्राप्त होने पर नियमानुसार अधिमानी बोलीदार घोषित किया गया। इस खदान से सम्पूर्ण पट्टा अवधि में 23 हजार 506 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा।

बड़े पैमाने पर खनिजों की खोज जारी

एमईसीएल नागपुर द्वारा सतना जिले के जमोड़ी महन्ना, घुंघचिहाई तथा नौबस्ता-कोलार्ड ब्लॉक में चूना पत्थर एवं खनिज के लिये जी-2 स्तर का पूर्वेक्षण कार्य किया गया है। नेशनल मिनरल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन हैदराबाद द्वारा प्रदेश के पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, सीधी, दमोह, जबलपुर एवं कटनी जिलों के 24 क्षेत्रों में हीरा एवं आयरन खनिज के लिये पूर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है।
 मैंगनीज ओर इण्डिया लिमिटेड, नागपुर द्वारा बालाघाट, छिन्दवाड़ा और जबलपुर जिले में मैंगनीज खनिज की खोज के लिये पूर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा मैंगनीज ओर इण्डिया लिमिटेड नागपुर से प्रदेश में उपलब्ध खनिज भण्डारों का पता लगाने के लिये पूर्वेक्षण कार्यों की गति को बढ़ाने के लिये एमओयू भी किया जा रहा है।

नई रेत नीति में ई-टेण्डर प्रक्रिया

मध्यप्रदेश रेत नियम-2019 में रेत खनिज के निवर्तन के लिये जिलेवार रेत खदानों के समूह बनाकर ई-टेण्डर की प्रक्रिया लागू की गई है। इस प्रक्रिया से राज्य शासन को अधिकतम राजस्व की प्राप्ति होगी। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम में भी संशोधन किये गये हैं। विधि विभाग से परीक्षण के बाद नये नियमों को अधिसूचित कर दिया जायेगा।

नर्मदा नदी में मशीनों से रेत उत्खनन पर रोक

मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम-2019 के प्रावधानों में नर्मदा नदी में रेत खनिज का उत्खनन मशीनों से नहीं किया जा सकेगा। अन्य नदियों में रेत खनिज उत्खनन में मशीन का उपयोग करने की अनुमति पर्यावरण स्वीकृति के आधार पर दिये जाने का प्रावधान किया गया है। संबंधित ग्राम पंचायतों को इससे प्राप्त होने वाली राशि में भी वृद्धि के प्रावधान किये गये हैं।

 25 करोड़ निवेश कर उद्योग लगाने पर बिना नीलामी मिलेंगे पट्टे

प्रदेश में 25 करोड़ का निवेश कर उद्योग स्थापित करने के इच्छुक आवेदकों को अनुसूची-5 के उत्खनन पट्टे नीलामी के बिना आवंटित किये जायेंगे। अनुसूची-5 की 31 गौण खनिज खदानों के आवंटन में गति लाने, खनिज के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने एवं रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम-1996 में जरूरी संशोधन किये गये हैं। इन संशोधन संबंधी अधिसूचना जनवरी के प्रथम सप्ताह में जारी की जायेगी।

एम सेंड को बढ़ावा देगी सरकार

खनिज नियमों में संशोधन कर पत्थर को बारीक पीसकर एम सेंड बनाने की लीज स्वीकृत करने का भी प्रावधान किया गया है। लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिये रॉयल्टी दर 25 रुपये प्रति घन मीटर तय की गई है। ग्रेनाइट जैसे आकारीय पत्थर की खदानों में खनिज ब्लॉक में उत्पादन के दौरान प्राप्त वेस्ट मेटेरियल से गिट्टी एवं बोल्डर बनाकर विक्रय करने का प्रावधान किया गया है। इसकी रॉयल्टी दर 120 रुपये प्रति घनमीटर रखी गई है। किसानों को शासकीय तालाब, बाँध, नहर, जल-निकाय और जल-संरचनाओं से निकलने वाली गाद का भूमि सुधार के लिये नि:शुल्क उपयोग करने की छूट देने का भी प्रावधान किया गया है।
 रायल्टी से छूट
नई रेत नीति में किसानों के निजी मकान निर्माण सुधार, कुओं, शौचालयों का निर्माण, अनुसूचित जाति, जनजाति, अनुवांशिक कुम्हारों को मिट्टी, रेत के लिये प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास योजना में रायल्टी से छूट रखी गई है।

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एएबी समाचार । गुड न्यूज़ फिल्में आपको वैसे तो आपको कई बड़े स्टार देखने को मिलेंगे जो फिल्म को और खास बनाते हैं। किरदारों की  बात करें तो उसमें आपको अक्षय कुमार (Akshay Kumar), करीना कपूर (Kareena Kapoor Khan) खान दलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh), कियारा आडवाणी (Kiara Advani) आदि देखने को मिलेगी । फिल्म समीक्षकों की अनुमानों के मुताबिक  फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने वाली है।
 
फिल्मो के शौकीनों को पता होगा अक्षय कुमार की इस साल की यह चौथी फिल्में जो बॉक्स ऑफिस पर दस्तक  दे ने जा रही है। इससे पहले उनकी तीन फिल्में आ चुकी है इसमें केसरी जिसने 150 करोड़ से अधिक का बॉक्स ऑफिस कमाई  की थी । दूसरी मिशन मंगल फिल्म जिसने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 200 करोड़ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था यही नहीं बल्कि बॉक्स ऑफिस जबरदस्त सफल साबित हुई। हाल ही में अक्षय कुमार की तीसरी फिल्म हाउसफुल 4 रिलीज होती जिस ने बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ से अधिक का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था। अक्षय कुमार की इस फिल्म को भी दर्शकों  की ओर से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही  हैं अब केवल यह देखना बाकी है कि फिर बॉक्स ऑफिस पर कितने करोड़ कमाने  में सफल हो पाती है। आपको क्या लगता है गुड न्यूज़ फिल्म 200 करोड़ का आंकड़ा पार करने में सफल हो पाएगी ? कमेंट करके बताएं।
 
गुड न्यूज़ फिल्म को बनाने में तकरीबन 80 करोड की लागत आई है। गुड न्यूज़ फिल्म को भारतीय  बॉक्स ऑफिस पर लगभग 4000 सिनेमाघरों  में  दिखाया  जाएगा। इतनी अधिक परदे  मिलने के बाद ऐसा लग रहा  है कि फिल्म जल्दी ही बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड से अधिक आंकड़ा पार कर दी 

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एएबी  समाचार। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने वर्ष 2019 के लिए नारी शक्ति पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्रति वर्ष उन व्यक्तियों, समूहों एवं संस्थानों को दिया जाता है, जो महिला सशक्तिकरण, विशेषकर कमजोर और हाशिए पर पड़ी या अधिकार विहीन महिलाओं के हित में असाधारण योगदान करने के लिए दिया जाता है।
    8 मार्च, 2020 को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लगभग 40 ‘नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
    इससे जुड़े पात्रता मानदंडों और दिशा-निर्देशों का विवरण पोर्टल (यहाँ क्लिक करें ) पर उपलब्ध है। आवेदनों/नामांकनों को अवश्‍य ही पोर्टल पर ऑनलाइन प्रस्तुत किया जाना चाहिए, ताकि उन पर विचार किया जा सके। आवेदन/नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 7 जनवरी, 2020 है।
   महिला और बाल विकास मंत्रालय ही महिलाओं के कल्याण से जुड़ा नोडल या प्रमुख मंत्रालय है। यह महिला सशक्ति‍करण के क्षेत्र में प्रख्यात संगठनों और संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली विशिष्ट सेवाओं के लिए उन्‍हें नारी शक्ति पुरस्कार के साथ सम्मानित करते हुए हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाता रहा है।
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एएबी समाचार । प्रदेश में विद्युत प्रदाय संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिए डायल 100 की तर्ज पर केन्द्रीयकृत काल सेन्टर 1912 शुरू किया गया है। भोपाल, जबलपुर और इंदौर में काल सेन्टर सेवा में कार्यरत डेस्क की संख्या बढ़ाई गई है। काल सेन्टर में दर्ज शिकायतों के निराकरण पर  निरंतर नजर रखी  जाती है।
ऊर्जा मंत्री  प्रियव्रत सिंह ने बताया है कि जनवरी 2019 से अब तक विद्युत प्रदाय संबंधी लगभग 32 लाख शिकायतें प्राप्त हुईं। सभी शिकायतों का निराकरण समय पर किया गया। निराकरण की औसत अवधि एक घंटा 32 मिनिट पाई गई। यह अवधि विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित मापदंड से बहुत कम है।
निर्धारित मापदंड के अनुसार सामान्य कारणों से विद्युत व्यवधान पर शहरी क्षेत्र के लिये अधिकतम 5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र के लिये 24 घंटे तय किये हैं। आपूर्ति बंद होने  की स्थिति में शहरी क्षेत्र में अधिकतम 12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 3 दिन का समय दिया गया है।

शिकायत निराकरण की  प्रतिपुष्टि

शिकायतों के निराकरण के बाद उपभोक्ताओं से फीडबैक लेने का काम भी शुरू किया गया है। तीनों शिकायत केन्द्रों  से प्रति कम्पनी प्रतिदिन 500 शिकायतकर्ताओं से सम्पर्क कर उनकी सन्तुष्टि की जाँच की जाती है। एक अगस्त, 2019 से अब तक एक लाख 70 हजार से अधिक उपभोक्ताओं से प्रतिपुष्टि की गयी है।  इनका उपभोक्ता सन्तुष्टि प्रतिशत 91.73 आंका गया। असन्तुष्ट उपभोक्ताओं से मैदानी अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत सम्पर्क कर उनकी समस्या का निराकरण कर उन्हें संतुष्ट किये जाने का प्रयास किया जाता है।

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एएबी समाचार,नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट 'स्वदेश दर्शन योजना ' (Swadesh Darshan yojna) में बदलाव को मंजूरी दे दी. सरकार ने 'स्वदेश दर्शन स्कीम' को और ज्यादा प्रभावशाली बनाने का फैसला किया है. अब तक इस योजना  को 6 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी और अब इसमें 650 करोड़ रुपये सरकार और देगी.

 'स्वदेश दर्शन योजना ' के तहत अलग-अलग विषयों पर एकीकृत  पर्यटन गलियारे  बनाने की योजना है. गौरतलब है  कि साल 2015 में 'स्वदेश दर्शन योजना ' शुरू हुई थी और अब तक इस योजना  को 6 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है. इस योजना के तहत अब तक 15 गलियारे विकसित की गई है और 79 योजनाओं को मंजूरी दी गई है.

क्या है स्वदेश दर्शन
गलियारा ?
Swadesh Darshan yojna भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी एक ऐसी योजना  है जिसके जरिये पर्यटन स्थल की मूलभूत सुविधा में सुधार करना है. स्वदेश दर्शन योजना  की शुरुआत  भारतीय पर्यटन मंत्रालय ने साल 2015 में की थी.

इस योजना के अंतर्गत दो योजना को भी शामिल किया गया था इस में पहली प्रसाद योजना है यानी तीर्थयात्रा कायाकल्प एवं आध्यात्मिक सवर्धन अभियान  जिसका मकसद  सभी धर्मो के तीर्थधामों को सुविधा उपलब्ध कराना है. दूसरी योजना विषय पर आधारित पर्यटन गलियारे  के एकीकृत विकास के लिए है. यह योजनाए केंद्र सरकार के नेतृत्व में बेहतर तरीके से देश के विरासत  शहरों  को विकसित करने के लिए और ज्यादा से ज्यादातर पर्यटकों को हासिल करने के लिए बनाई गयी है.

15 गलियारों की हुई पहचान
योजना के तहत 15 गलियारों के विकास हेतु पहचान की गई है. जो निम्न हैं: बौद्ध गलियारा , हिमालय
गलियारा, तटीय गलियारा, कृष्णा गलियारा, रेगिस्तानी गलियारा, पूर्वोत्तर भारत गलियारा, आदिवासी गलियारा, परिस्थितिकी गलियारा , वन्यजीव गलियारा, ग्रामीण गलियारा, आध्यात्मिक गलियारा, रामायण गलियारा, विरासत गलियारा, सूफी गलियारा, तीरथंकर गलियारा

स्वदेश दर्शन योजना की विशेषताएं-
>> योजना के हिस्से के तौर पर देश भर में संरचनात्मक विकास के लिए विषय आधारित पर्यटन
गलियारों  की पहचान की जाएगी. 

> विषय आधारित पर्यटन गलियारों  (टीबीटीसी) को धर्म, संस्कृति, जातीयता , स्थान आदि जैसे विशेष विषयों पर बने पर्यटन गलियारा के तौर पर परिभाषित किया जाता है.
>> टीबीटीसी एक राज्य में भी हो सकता है या यह एक ऐसा क्षेत्रीय
गलियारा हो सकता है जिसमें एक से अधिक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश आते हों.

स्वदेश दर्शन योजना के लक्ष्य->> पहचान किये गए विषयाधारित गलियारा में बुनियादी ढाँचे  का एकीकृत  विकास करना.
>> विविध विषयाधारित  गलियारे  के साथ पूरा पर्यटन अनुभव प्रदान करना.
>> गरीबों के हित में पर्यटन के दृष्टिकोण और समुदाय आधारित विकास  को अनुसरण   करना.
>> स्थानीय समुदायों   के बीच आय के स्त्रोतों में वृद्धी, जीवन स्तर एवं क्षेत्र के समग्र विकास की तौर पर पर्यटन के महत्व के बारे में बताते हुए उनमें जागरूकता पैदा करना है.
>> पहचाने गए क्षेत्रों में आजीविका उत्पन्न करने के लिए स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, भोजन आदि को बढ़ावा देना है.
>> रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास में इसके प्रत्यक्ष  और गुणात्मक  प्रभाव के लिए अर्जित पर्यटन क्षमता को बढ़ाना है.