एएबी समाचार,नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट 'स्वदेश दर्शन योजना ' (Swadesh Darshan yojna) में बदलाव को मंजूरी दे दी. सरकार ने 'स्वदेश दर्शन स्कीम' को और ज्यादा प्रभावशाली बनाने का फैसला किया है. अब तक इस योजना को 6 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी और अब इसमें 650 करोड़ रुपये सरकार और देगी.
'स्वदेश दर्शन योजना ' के तहत अलग-अलग विषयों पर एकीकृत पर्यटन गलियारे बनाने की योजना है. गौरतलब है कि साल 2015 में 'स्वदेश दर्शन योजना ' शुरू हुई थी और अब तक इस योजना को 6 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है. इस योजना के तहत अब तक 15 गलियारे विकसित की गई है और 79 योजनाओं को मंजूरी दी गई है.
क्या है स्वदेश दर्शन गलियारा ?
Swadesh Darshan yojna भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी एक ऐसी योजना है जिसके जरिये पर्यटन स्थल की मूलभूत सुविधा में सुधार करना है. स्वदेश दर्शन योजना की शुरुआत भारतीय पर्यटन मंत्रालय ने साल 2015 में की थी.
क्या है स्वदेश दर्शन गलियारा ?
Swadesh Darshan yojna भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी एक ऐसी योजना है जिसके जरिये पर्यटन स्थल की मूलभूत सुविधा में सुधार करना है. स्वदेश दर्शन योजना की शुरुआत भारतीय पर्यटन मंत्रालय ने साल 2015 में की थी.
इस योजना के अंतर्गत दो योजना को भी शामिल किया गया था इस में पहली प्रसाद योजना है यानी तीर्थयात्रा कायाकल्प एवं आध्यात्मिक सवर्धन अभियान जिसका मकसद सभी धर्मो के तीर्थधामों को सुविधा उपलब्ध कराना है. दूसरी योजना विषय पर आधारित पर्यटन गलियारे के एकीकृत विकास के लिए है. यह योजनाए केंद्र सरकार के नेतृत्व में बेहतर तरीके से देश के विरासत शहरों को विकसित करने के लिए और ज्यादा से ज्यादातर पर्यटकों को हासिल करने के लिए बनाई गयी है.
15 गलियारों की हुई पहचान
योजना के तहत 15 गलियारों के विकास हेतु पहचान की गई है. जो निम्न हैं: बौद्ध गलियारा , हिमालय गलियारा, तटीय गलियारा, कृष्णा गलियारा, रेगिस्तानी गलियारा, पूर्वोत्तर भारत गलियारा, आदिवासी गलियारा, परिस्थितिकी गलियारा , वन्यजीव गलियारा, ग्रामीण गलियारा, आध्यात्मिक गलियारा, रामायण गलियारा, विरासत गलियारा, सूफी गलियारा, तीरथंकर गलियारा.
स्वदेश दर्शन योजना की विशेषताएं-
>> योजना के हिस्से के तौर पर देश भर में संरचनात्मक विकास के लिए विषय आधारित पर्यटन गलियारों की पहचान की जाएगी.
15 गलियारों की हुई पहचान
योजना के तहत 15 गलियारों के विकास हेतु पहचान की गई है. जो निम्न हैं: बौद्ध गलियारा , हिमालय गलियारा, तटीय गलियारा, कृष्णा गलियारा, रेगिस्तानी गलियारा, पूर्वोत्तर भारत गलियारा, आदिवासी गलियारा, परिस्थितिकी गलियारा , वन्यजीव गलियारा, ग्रामीण गलियारा, आध्यात्मिक गलियारा, रामायण गलियारा, विरासत गलियारा, सूफी गलियारा, तीरथंकर गलियारा.
स्वदेश दर्शन योजना की विशेषताएं-
>> योजना के हिस्से के तौर पर देश भर में संरचनात्मक विकास के लिए विषय आधारित पर्यटन गलियारों की पहचान की जाएगी.
> विषय आधारित पर्यटन गलियारों (टीबीटीसी) को धर्म, संस्कृति, जातीयता , स्थान आदि जैसे विशेष विषयों पर बने पर्यटन गलियारा के तौर पर परिभाषित किया जाता है.
>> टीबीटीसी एक राज्य में भी हो सकता है या यह एक ऐसा क्षेत्रीय गलियारा हो सकता है जिसमें एक से अधिक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश आते हों.
स्वदेश दर्शन योजना के लक्ष्य->> पहचान किये गए विषयाधारित गलियारा में बुनियादी ढाँचे का एकीकृत विकास करना.
>> विविध विषयाधारित गलियारे के साथ पूरा पर्यटन अनुभव प्रदान करना.
>> गरीबों के हित में पर्यटन के दृष्टिकोण और समुदाय आधारित विकास को अनुसरण करना.
>> स्थानीय समुदायों के बीच आय के स्त्रोतों में वृद्धी, जीवन स्तर एवं क्षेत्र के समग्र विकास की तौर पर पर्यटन के महत्व के बारे में बताते हुए उनमें जागरूकता पैदा करना है.
>> पहचाने गए क्षेत्रों में आजीविका उत्पन्न करने के लिए स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, भोजन आदि को बढ़ावा देना है.
>> रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास में इसके प्रत्यक्ष और गुणात्मक प्रभाव के लिए अर्जित पर्यटन क्षमता को बढ़ाना है.
>> विविध विषयाधारित गलियारे के साथ पूरा पर्यटन अनुभव प्रदान करना.
>> गरीबों के हित में पर्यटन के दृष्टिकोण और समुदाय आधारित विकास को अनुसरण करना.
>> स्थानीय समुदायों के बीच आय के स्त्रोतों में वृद्धी, जीवन स्तर एवं क्षेत्र के समग्र विकास की तौर पर पर्यटन के महत्व के बारे में बताते हुए उनमें जागरूकता पैदा करना है.
>> पहचाने गए क्षेत्रों में आजीविका उत्पन्न करने के लिए स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, भोजन आदि को बढ़ावा देना है.
>> रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास में इसके प्रत्यक्ष और गुणात्मक प्रभाव के लिए अर्जित पर्यटन क्षमता को बढ़ाना है.
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