जनवरी 2021

Broadband-Service-Providers-New-bait-तेज-रफ़्तार-इन्टरनेट-के-साथ-मुफ्त-दिखा-रहे-है-ओटीटी -चैनल्स

एएबी समाचार ।
भारत में तेज रफ़्तार इन्टरनेट सेवा देने वाली कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा तेज होती जा रही है । अधिक अधिक  से ग्राहकों को लुभाने के लिए कम्पनियाँ आये दिन नए नए ऑफर लेकर आ रहीं हैं । इसी सिलसिले में जियो और एयरटेल कंपनियों ने अपने ब्रॉडबैंड इन्टरनेट के ग्राहकों के लिए ओटीटी प्लेटफार्म पर उपलब्ध मनोरंजन के चैनलस की सदस्यता मुफ्त बांटना शुरू की । अब इसी खेल में इन्टरनेट के बाज़ार में एक नया नाम सामने आ गया है -अर्जुन ब्रॉडबैंड ।


यह भी पढ़ें : पुलिस-राजनीति-जुर्म के नापाक रिश्तों को बेनकाब करती है यह फिल्म

अर्जुन ब्राडबैंड के ग्राहकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी। अब वो भी जियो और एयरटेल के नेटवर्क के जैसे ओटीटी प्लेटफार्म पर मनोरंजक कार्यक्रमों का लुत्फ उठा सकेंगें। अर्जुन ब्राडबैंड ने भी अपने ब्राडबैंड प्लान के साथ ओटीटी सेवाओं को शुरू कर दिया है। अब अर्जुन ब्राडबैंड के सिल्वर प्लान (849 के मासिक) के ग्राहकों को 50एमबीपीस की गति वाले असीमित इंटरनेट के साथ ओटीटी प्लेटफार्म पर मौजूद Voot Select, SonyLIV Special, ZEE5 Premium, Eros Now Epicon, Shemaroo   चैनल्स का मुफ्त सब्सिक्रिप्सन मिलेगा। अर्जुन -मप्र व छत्तीसगढ़ में काम कर रहे ब्राडबेैड सेवा प्रदाताओं में लीडिंग प्लेयर है।

अर्जुन ब्राडबैंड तेजी से अपना नेटवर्क विस्तार कर रहा है और प्रदेश के शहरों में सेवाओं के विस्तार के लिए सहयोगी भी बना रहा है। कई बड़े कार्पोरेट ग्राहक-Yes Bank , Tata Projects, Gyan Sagar,Nesecure,Centrum,Quess Corp,Shagun,Railtel Corporation,St Josephs School- अर्जुन ब्राडबैंड की क्वालिटी सेवाओं का लाभ ले रहें हैं। 


यह भी पढ़ें : Govt Advisory to Private TV Channel- फैंटेसी खेलों के विज्ञापनों का न दे बढ़ावा

 

अर्जुन ब्राडबैंड के नए सिल्वर प्लान में 50Mbps Unlimited broadband के (Rs 849 per month ) साथ ओटीटी प्लेटफार्म पर Voot Select, SonyLIV Special, ZEE5 Premium, Eros Now Epicon, Shemaroo    चैनल्स का मुफ्त सब्सिक्रिप्सन मिलेगा।

FTTH - फाईबर टू होम के जरिए हमारे मौजूदा 20, 40 और 100 एमबीपीएस के असीमित प्लान भी आकर्षक कीमत पर उपलब्ध है।

यह भी पढ़ें : Govt Advisory to Private TV Channel- फैंटेसी खेलों के विज्ञापनों का न दे बढ़ावा

51st-International-Film-Festival-1970-के-दशक-में-फिल्मों-में-नई-तकनीक-का-आगाज-हुआ-था-राहुल-रवैल

एएबी समाचार ।
फिल्म निर्माता राहुल रवैल ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव-आईएफएफआई के 51वें संस्करण में आज वर्चुअल वार्तालाप के दौरान बताया कि हिंदी सिनेमा के इतिहास में 1970 के दशक में नए विचारों, नए प्रयोगों और एक्शन फिल्मों की एक नई शैली का प्रवाह देखा गया। यह समय ऐसा था जिसे गैर-पारंपरिक फिल्मों के लिए स्वर्णिम वर्ष कहा जाता है, क्यूंकि इसी दौरान भारतीय सिनेमा में नई तकनीक का आगाज भी हुआ था। उन्होंने आईएफएफआई में आज 50, 60 और 70 के दशक में बनने वाली फिल्मों के निर्माण पर चर्चा की, राहुल रवैल ने बीते दौर में हिंदी फिल्म उद्योग के विकास की अद्भुत यात्रा के बारे में वर्चुअल रूप से भाग लेने वाले प्रतिनिधियों से चर्चा की। 

अपने सिनेमाई सफर को याद करते हुए फिल्म-निर्माता राहुल रवैल ने कहा कि, “उन्होंने 60 के दशक के अंत से फिल्म जगत में काम करना शुरू कर दिया था और दिग्गज राज कपूर के सहायक के रूप में अपना करियर प्रारंभ किया। उन्होंने बताया कि, के. आसिफ और महमूद जैसे कलाकारों ने 60 के दशक में शानदार सेटों के साथ फिल्में बनाईं, इसके बाद 70 के दशक में बाबूराम ईशारा की फिल्म 'चेतना' की लोकेशन पर हुई शूटिंग 25 से 30 दिनों में ही पूरी कर ली गई, जिससे हिंदी सिनेमा में एक क्रांति की शुरुआत हुई और उन दिनों ये बात बेहद असाधारण थी”।
 
राहुल रवैल ने कहा कि, विजय आनंद की 'जॉनी मेरा नाम' का जिक्र किया जिसमें देव-आनंद मुख्य अभिनेता थे। उस फिल्म ने भी 70 के दौर में एक्शन-ओरिएंटेड, बड़े प्लॉट वाली फिल्मों के एक नए रूप को जन्म दिया। जिस समय हिंदी फिल्म-उद्योग में कारोबार तेजी से बढ़ रहा था तब 70 के दशक में फिल्म जंजीर में अमिताभ बच्चन द्वारा निभाए गए किरदार के रूप में एक 'अपरंपरागत नायक' देखा गया था। इसने 'एंग्री यंग मैन’ की छवि को दर्शकों के सामने रखा और फिर एक नया ब्रांड स्थापित हुआ। 
 
 
राहुल रवैल ने बताया कि, 1973 में नासिर हुसैन की फिल्म ‘यादों की बारात’ आई, जिससे एक बेहतरीन स्क्रिप्ट के साथ सलीम-जावेद की जोड़ी का आगमन हुआ। राज कपूर ने 'बॉबी’ के ज़रिये ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया को पेश किया, इस फिल्म ने भी एक नया चलन शुरू किया। उन्होंने कहा कि, "ये फिल्में एक बदलाव ला रही थीं और फिल्म बनाने के पूरे तालमेल में इजाफा कर रही थीं।"
 
 ऋषि कपूर को याद करते हुए श्री रवैल कहते हैं, उन दिनों वह कम उम्र के अभिनेता थे। फिल्म स्टार जीतेन्द्र भी हिंदी सिनेमा की दुनिया में एक नई अपील और नई शैली के साथ बड़े पर्दे पर सामने आए। वर्चुअल वार्तालाप के इस मौके पर राहुल रवैल ने फिल्म दीवार को भी याद किया - यह शानदार ढंग से बनाई गई एक फिल्म थी जो यश चोपड़ा को उस दौर में महान ऊंचाइयों पर ले गई। यश चोपड़ा त्रिशूल जैसी और भी यादगार फिल्मों के साथ आगे बढ़े। 
 

श्री रवैल ने याद करते हुए बताया कि, “उन दिनों फिल्मी सितारों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हुआ करती थी। हर अभिनेता एक-दूसरे से बढ़-चढ़ कर काम कर रहा था, लेकिन कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं होती थी।" एक मज़ेदार घटना को याद करते हुए उन्होंने बताया कि, एक बार तीन धुरंधर अभिनेता राज कपूर, देव आनंद और दिलीप कुमार किसी रेस्तरां में मिले, वे एक-दूसरे के पास आए और गुज़रे दिनों तथा एक-दूसरे की फिल्मों के बारे में अंतरंग दोस्तों की तरह बातें करने लगे।

श्री रवैल ने एक और दिलचस्प किस्सा सुनाया कि, किस प्रकार से महान सचिन देव बर्मन ने बड़ी विनम्रता से कहा था कि, 'लैला मजनू' के लिए संगीत देना उनके लिए सही नहीं है और इस काम के लिए उन्होंने मदन मोहन की सिफारिश की। एक शानदार फिल्म बनाने के लिए संगीत निर्देशक, महान गायक और गीतकार निर्देशक के साथ बैठकर कहानी को जानेंगे और अभिनेता भी इसमें सहयोग करेंगे, जिन्हें लिप-सिंक करना है। 

यह भी पढ़ें : Govt Advisory to Private TV Channel- फैंटेसी खेलों के विज्ञापनों का न दे बढ़ावा


फिल्म-निर्माता राहुल रवैल ने एक और महान फिल्म, एल. वी. प्रसाद की 'एक दूजे के लिए’ का भी ज़िक्र किया, जिसमें एक ऐसी प्रेम कहानी सामने लाई गई थी, “जहां नायक हिंदी नहीं बोल पाता था और केवल तमिल बोलता था जबकि नायिका केवल हिंदी में बात कर सकती थी, उसे तमिल नहीं आती थी”। उन्होंने कहा कि, "लोग आविष्कार कर रहे थे और विभिन्न प्रकार के नये-नये काम कर रहे थे"। दर्शकों को अलग - अलग प्रकार की नई फिल्मों का भी अनुभव हो रहा था। यह 80 के दशक में किया गया जब ज़्यादातर नए लोग सिनेमा में आए, हालांकि पुराने धुरंधर अभी भी वहां थे। 
 
80 के दशक में सुभाष घई और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे दिग्गजों का आना देखा गया। जब उस वक़्त रवैल ने फिल्म अर्जुन को बनाया, तो एक नया चलन शुरू किया गया, जहां पर किसी कहानी को नहीं, बल्कि चरित्र को तवज्जो दी गई। राहुल रवैल ने उस याद को साझा करते हुआ बताया कि, जावेद अख्तर ने 8 घंटे में ही 'अर्जुन' की पटकथा लिखी थी। रवैल ने खलनायक की भूमिका के लिए लोकप्रिय अमजद खान को भी एक हास्य भूमिका में प्रस्तुत करने का। हालांकि कई लोग उनके इस फैसले के बारे में उलझन में थे, लेकिन राहुल रवैल ने अपने गुरु राज कपूर की सलाह को याद रखा कि 'एक महान स्क्रिप्ट हमेशा काम करेगी' और इसके साथ चलते चलो। 

अंत में, राहुल रवैल ने कहा कि, 70 और 80 का दशक वह दौर था जब भारतीय फिल्म उद्योग बहुत आगे बढ़ गया था और यह अभी भी बढ़ रहा है।

 

Central-Govt-Launches-Digital-Calender-Diary-ऐप-मुफ्त-है-और-11-भाषाओं-में-उपलब्ध

एएबी समाचार ।
   भारत सरकार ने  प्रधानमंत्री की "डिजिटल इंडिया" की परिकल्पफना के अनुरूप डिजिटल कैलेंडर लांच किया  है कैलेंडर ऐप गूगल प्ले स्टोर और आईओएस ऐप स्टोर दोनों पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। ऐप को ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन, सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। यह एप्लिकेशन वर्तमान में हिंदी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है, और इसे जल्द ही 11 अन्य भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा। किसी भी स्मार्ट फोन पर एक बटन क्लिक कर इस केलिन्डर तक पहुंचा जा सकता है।

यह भी पढ़ें : Jeevan Praman Patra- Submission Date Extended

केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भारत सरकार के डिजिटल कैलेंडर और डायरी को लॉन्‍च करते हुए बताया कि इससे पहले भारत सरकार के दीवार पर टांगने वाले कैलेंडर की देश में पंचायत स्तर तक पहुंच थी, इस ऐप के रूप में कैलेंडर का डिजिटल अवतार दुनिया भर में किसी के लिए भी उपलब्ध होगा।  नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित समारोह में श्री जावडेकर ने एक बटन दबाने के साथ ही कैलेंडर और डायरी के एंड्रॉयड और आईओएस मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत की।

Digital Calender- "ऐप मुफ्त है और 11 भाषाओं में उपलब्ध

इस अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि अतीत में दीवारों पर सुशोभित होने वाला सरकारी कैलेंडर अब मोबाइल फोन को सुशोभित करेगा। ऐप की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए श्री जावडेकर ने कहा कि "ऐप मुफ्त है और 15 जनवरी, 2021 से 11 भाषाओं में उपलब्ध होगा। ऐप हर साल एक नए कैलेंडर की आवश्यकता को खत्म  कर देगा"। उन्होंने आगे कहा "हर महीना एक विषय-वस्तु और एक संदेश लिए हुए होगा और एक प्रसिद्ध भारतीय हस्ती की जानकारी देगा। ऐप लोगों को विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के शुरू होने का घटनाक्रम भी बताएगा”।

 

यह भी पढ़ें : केसर की खुशबू अब सिक्किम से भी उड़ेगी 

 

ऐप के डायरी फीचर के बारे में सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि "डायरी फीचर की वजह से कैलेंडर अन्य डिजिटल कैलेंडर ऐप की तुलना में अधिक आधुनिक, अधिक विशेषताओं वाला और आसान है"।


भारत सरकार के कैलेंडर एप्लिकेशन में निम्नलिखित विशेषताएं हैं:

i.          भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और प्रकाशनों की नवीनतम जानकारी

ii.         आधिकारिक छुट्टियां और विभिन्न महत्वपूर्ण तिथियां।

iii.        हमारे देश की महान हस्तियों के प्रेरणादायक और प्रेरक संदेश।

iv.        नोट्स डिजिटल रूप से लेने का प्रावधान जिन्हें अत्याधुनिक सुरक्षा और गोपनीयता उपायों के साथ संग्रहित किया जाएगा

v.         महत्वपूर्ण कार्यों और कार्यक्रमों के लिए बैठक का निर्धारण और याद दिलाने की प्रक्रिया का प्रावधान।

vi.        आने वाले दिनों में दृष्टि बाधित दिव्यांगजनों के लिए प्रधानमंत्री के "सुगम्य भारत अभियान" के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सुगम्यदता विशेषताएं।

 एप्लिकेशन गूगल प्लेत स्टोबरलिंक से एंड्रॉयड उपकरणों पर डाउनलोड की जा सकती है।

डिजिटल कैलेंडर डाउनलोड करने यहाँ क्लिक करें -GOI Calender-Androide

आईओएस उपकरणों पर ऐप को निम्न से डाउनलोड किया जा सकता है 

IOS के लिए GOI Calender

यह भी पढ़ें : दुपहिया सवार लगा सकते हैं कम भार के हेलमेट

 

Toycathon-2021-to-Make-India-Self-reliant-in-toy-Industry

एएबी समाचार ।
केंद्र सरकार के मुताबिक भारत 80 प्रतिशत खिलौनों का आयात करता है  इस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार स्वदेशी खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। इसी सिलसिले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी ने संयुक्त रूप से टॉयकाथॉन-2021 का शुभारंभ किया। इस टॉयकाथॉन का उद्देश्य भारतीय मूल्य प्रणाली पर आधारित अभिनव खिलौनों की अवधारणा विकसित करना है, जो बच्चों के बीच सकारात्मक व्यवहार तथा अच्छे मूल्यों को विकसित करेगा।
 
सचिव श्री प्रवीण कुमार, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे और शिक्षा मंत्रालय में मुख्य नवाचार अधिकारी डॉ. अभय जेरे भी टॉयकाथॉन-2021 (Toycathon-2021) के शुभारम्भ में मौजूद थे। दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने इस अवसर पर संयुक्त रूप से टॉयकाथॉन पोर्टल का भी लोकार्पण किया।
 
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री पोखरियाल ने कहा कि, भारत को वैश्विक खिलौना निर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए टॉयकाथॉन का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, भारत में खिलौना बाजार आर्थिक आधार पर लगभग एक अरब अमेरिकी डॉलर का है, लेकिन दुर्भाग्य से 80 प्रतिशत खिलौने भारत में आयात किए जाते हैं। 
यह भी पढ़ें : Jeevan Praman Patra- Submission Date Extended
श्री निशंक ने कहा कि,टॉयकाथॉन की शुरुआत वास्तव में सरकार द्वारा घरेलू खिलौना उद्योग और स्थानीय निर्माताओं के लिए एक इकोसिस्टम बनाने के लिए एक प्रयास है, साथ ही इसके माध्यम से अप्रयुक्त संसाधनों और इसकी क्षमताओं का दोहन करने की कोशिश की जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 5 ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण का भी ज़िक्र किया। शिक्षा मंत्री ने भारतीय खिलौना बाजार की विशाल क्षमता पर विचार करते हुए, सभी से खिलौना उद्योग में भारत को 'आत्मनिर्भर' बनाने का आह्वान किया। 
उन्होंने यह भी कहा कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 प्राथमिक शिक्षा के प्रारंभ से ही सीखने में नवाचार और शोध पर जोर देती है। श्री निशंक ने कहा कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्य के साथ ही टॉयकाथॉन का लक्ष्य देश भर के 33 करोड़ छात्रों को नवीन कौशल से जोड़ने का है।
 प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए स्मृति ज़ुबिन ईरानी ने कहा कि, भारत 80 प्रतिशत खिलौनों का आयात करता है और सरकार इस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि, शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से ही छात्रों का देश के सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के संकायों के लिए मार्ग प्रशस्त होता है, छात्रों का आह्वान करके टॉयकाथॉन के ज़रिये 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने की दिशा में कदम बढ़ाये जायेंगे।
 इस पहल की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, "यह पहली बार है, जब स्कूली बच्चे विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए भी नवाचार, डिजाइन और संकल्पना वाले खिलौने बनाएंगे"। श्रीमती ईरानी ने बताया कि, टॉयकाथॉन में भाग लेने वाले छात्रों और संकाय सदस्यों को 50 लाख रुपये तक के पुरस्कार दिये जाएंगे। 
उन्होंने कहा कि, वाणिज्य मंत्रालय और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने खिलौना निर्माण उद्योग की सुरक्षा के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। इसे प्रतिस्पर्धी बनाने तथा खिलौनों के बारे में रासायनिक रूप से हानिकारक नहीं होने के संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए जो भी विशेष उपाय हैं, वे सभी शिक्षा मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा अपनाएंगे।

   टॉयकाथॉन 2021 क्या है : 

'आत्मनिर्भर भारत' बनाने की राह में एक बड़ा कदम उठाते हुए शिक्षा मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी), वस्त्र मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने मिलकर संयुक्त रूप से टॉयकाथॉन-2021 (Toycathon-2021) को शुरू किया है।
यह एक विशेष प्रकार का हैकाथॉन है, जिसमें स्कूल और कॉलेजों के छात्रों तथा शिक्षकों, डिज़ाइन विशेषज्ञों, खिलौना विशेषज्ञों और स्टार्टअप्स एक साथ मिलकर नये विचारों को साझा करने का काम करेंगे। इसके ज़रिये भारतीय संस्कृति और लोकाचार, स्थानीय लोककथाओं तथा नायकों एवं भारतीय मूल्य प्रणालियों पर आधारित खिलौनों और खेलों को विकसित किया जायेगा। इतना ही नहीं, इससे भारत को खिलौनों और खेलों के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी साथ ही यह हमारे बच्चों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में परिकल्पित भारतीय संस्कृति के सदाचार संबंधी विचार तथा मूल्यों को समझने में भी मदद करेगा।
Toycathon-2021 टॉयकाथॉन नौ विषयों पर आधारित है- भारतीय संस्कृति, इतिहास, भारत और सांस्कृतिक मूल्यों का ज्ञान; सीखना, अध्ययन और स्कूली शिक्षा; सामाजिक तथा मानवीय मूल्य; व्यवसाय एवं विशिष्ट क्षेत्र; वातावरण; दिव्यांग; फिटनेस और खेल; इन सबके अलावा रचनात्मक एवं तार्किक सोच तथा पारंपरिक भारतीय खिलौनों को फिर से तैयार/पुन: डिजाइन करना।
Toycathon-2021 - टॉयकाथॉन में तीन स्तर होंगे- जूनियर स्तर पर, वरिष्ठ स्तर पर और स्टार्ट अप स्तर पर। इसमें स्‍टार्टअप और खिलौना विशेषज्ञों के अलावा स्‍कूलों, कॉलेजों तथा विश्‍वविद्यालयों के छात्रों एवं शिक्षकों को भागीदारी की अनुमति होगी। अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए प्रतिभागियों के पास दो विकल्प होंगे; वे या तो प्रकाशित माध्यम से किसी खिलौने को और बेहतर बनाने के लिए अपने विचार प्रस्तुत कर सकते हैं या फिर खिलौना बनाने की नई संकल्पना की श्रेणी में अपनी प्रस्तुति दे सकते हैं। यह सबसे बेहतरीन समय है, जब हम अपनी भारतीय संस्कृति, परंपरा और विरासत तथा प्राचीन भारत की कहानियों एवं लोगों की मान्यताओं के प्रदर्शन के आधार पर प्रतिभाशाली रचनात्मक दिमागों का उपयोग कर रहे हैं।
Toycathon-2021 (टॉयकाथॉन-2021) में भाग लेने के लिए, कृपया https://toycathon.mic.gov.in देखें। प्रस्ताव 5 जनवरी से 20 जनवरी 2021 तक ऑनलाइन जमा किये जा सकते हैं।