NEW 26AS Form will deter Tax evaders-करदाता को पुराने लेनदेन भी याद कराएगा नया आईटीआर
एएबी समाचार । इस साल से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सालाना आयकर विवरणिका प्रपत्र में अहम् बदलाव किये हैं जिससे से जाने -अनजाने अपनी विवरणिका में वित्तीय लेन-देन को छिपाने वाले करदाताओं को मुश्किलें आने वाली हैं । जबकि अपने वित्तीय लेन-देन को नवीनतम रखने वाले ईमानदार करदाताओं को अपना विवरणिका दाखिल करते समय मदद मिलेगी ।
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NEW 26AS Form : चेहरा विहीन मददगार
सरकार द्वारा लाया गया नया फॉर्म 26एएस अपना आयकर रिटर्न जल्दी और सही ढंग से ई-फाइल करने में करदाताओं का अद्रश्य ‘फेसलेस (व्यक्तिगत उपस्थिति बगैर) मददगार’ है। इस आकलन वर्ष से करदाताओं को एक नया एवं बेहतर प्रपत्र 26एएस प्राप्त होगा जिसमें करदाताओं के वित्तीय लेन-देन के बारे में कुछ अतिरिक्त विवरण होंगे, जैसा कि विभिन्न श्रेणियों में वित्तीय लेन-देन विवरण (SFT-Statement Of Financial Transaction ) में दर्शाया गया है। इस नए फॉर्म 26एएस में उन लेन-देन की जानकारी भी होगी जो वित्त वर्ष 2015-16 तक वार्षिक सूचना विवरणिका (एआईआर) में प्राप्त होते थे।
NEW 26AS Form : पारदर्शिता व जवाबदेही लायेगा
यह बताया गया है कि इन उल्लेखित वित्तीय लेनदेन विवरण (SFT) को दर्ज करने वालों से आयकर विभाग को प्राप्त हो रही जानकारियों को अब स्वैच्छिक अनुपालन, कर जवाबदेही और विवरणिका की ई-फाइलिंग में आसानी के लिए फॉर्म 26एएस के भाग ई में दर्शाया जा रहा है । इससे इनका उपयोग करदाता सही-सही कर देनदारी की गणना करके अपना आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने में कर सकें । इसके अलावा, इससे कर प्रशासन में और भी अधिक पारदर्शिता एवं जवाबदेही आएगी।
NEW 26AS Form : करदाताओं को प्रमुख वित्तीय लेनदेन याद कराएगा
इस सुधार से पहले तक फॉर्म 26एएस में किसी पैनकार्ड (स्थायी खाता संख्या) से संबंधित स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह के बारे में जानकारियां होती थीं । इसके अलावा, इसमें कुछ अतिरिक्त जानकारियां भी होती थीं जिनमें भुगतान किए गए अन्य करों, रिफंड और स्रोत पर कर कटौती (TDS-Tax Deduction at Source) डिफॉल्ट का विवरण भी शामिल था । लेकिन अब से करदाताओं को अपने सभी प्रमुख वित्तीय लेन-देन को याद करने की जरूरत नहीं होगी क्यों ऐसा सारा विविरण पहले से ही आयकर विवरणिका के एसएफटी में उल्लेखित होगा, ताकि आईटीआर दाखिल करते समय सुविधा के लिए उनके पास तैयार संगणक उपलब्ध हो।
NEW 26AS Form :उच्च मूल्य के वित्तीय लेनदेन का लेखा जोखा रखेगा
यह भी आगे बताया गया है कि उच्च मूल्य वाले वित्तीय लेन-देन करने वाले व्यक्तियों के मामले में आयकर विभाग को वित्त वर्ष 2016 से ही आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 285बीए के तहत ‘निर्दिष्ट व्यक्तियों’ जैसे कि बैंकों, म्यूचुअल फंडों, बॉन्ड जारी करने वाले संस्थानों और रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार इत्यादि से उन व्यक्तियों द्वारा की गई नकद जमा/बचत बैंक खातों से निकासी, अचल संपत्ति की बिक्री/खरीद, सावधि जमा, क्रेडिट कार्ड से भुगतान, शेयरों, डिबेंचरों, विदेशी मुद्रा, म्यूचुअल फंड की खरीद, शेयरों के बायबैक, वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए नकद भुगतान, आदि के बारे में जानकारियां प्राप्त होती थीं । अब से विभिन्न एसएफटी के तहत इस तरह की सभी जानकारियां नए फॉर्म 26एएस में दर्शाई जाएंगी।
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यह बताया गया है कि अब से किसी भी करदाता के लिए फॉर्म 26एएस के भाग ई में विभिन्न विवरण, जैसे कि किस तरह का लेन-देन, एसएफटी दर्ज करने वाले (फाइलर) का नाम, लेन-देन की तारीख, एकल/संयुक्त पक्ष द्वारा लेन-देन, लेन-देन करने वाले पक्षों की संख्या, धनराशि, भुगतान का तरीका और टिप्पणी, इत्यादि को दर्शाया जाएगा।