AAB FILM DESK I अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के जन्मदिन के मौके पर बालीवुड द्वारा हिंसा की प्रतीक "वार" नामक फिल्म रिलीज़ करना समाज के एकतबके को  रास नहीं आ रहा है। उनका मानना है कि छुट्टियों के दिनों को कमाई में बदलने की  सनक के चलते बॉलीवुड  को गांधी का "मनसा, वाचा कर्मणा" का पाठ भी याद नहीं रहा।
इस मुद्दा "आल  अबाउट बिजनेस" ने सागर के नागरिकों से चर्चा कर उनकी राय जानी। सिविल लाईन क्षेत्र के मेडिकल स्टोर के संचालक हित अग्रवाल का कहना है कि गांधी जयंती के मौके पर हिंसा का भाव जगाने वाली फिल्म रिलीज़ करने का बॉलीवुड का फैसला पैसे कमाने को सबसे ज्यादा महत्व देने की सोच का नतीजा है I वहीं युवा कंप्यूटर विशेषज्ञ दीपेन्द्र सिंह ठाकुर का मानना है विश्व अहिंसा दिवस पर वार अर्थात युद्ध जैसी फ़िल्म रिलीज करना बॉलीवुड द्वारा बापूजी को अनुचित श्रद्धांजलि  है Iकुछ ऐसे ही विचार ग्राफ़िक डिज़ाइनर अभिजीत सिंह के हैं उनका कहना है बॉलीवुड के लिए हिंसा व सेक्स परम प्रिय है इसके लालच के आगे सारे सामाजिक सरोकार उनके लिए बेमानी लगते हैं I अहिंसा दिवस पर हिंसा को प्रचारित करने के बॉलीवुड की सोच पर मकरोनिया निवासी सौरभ अग्रवाल कहते है अजीब समावेश है "अहिंसा  के पुजारी के जन्मदिवस पर  (युद्ध) 'वार ' फिल्म का अवतरण ...लगता है देश बदल रहा है "
उल्लेखनीय है फिल्म "वार " २ अक्टूबर को देश भर में रिलीज़ हो रही है .  इस साल की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'वॉर' का सिनेमा प्रेमी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस फिल्म में हिंदी सिनेमा के दो बड़े एक्शन हीरो ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ नजर आने वाले हैं। दोनों के बीच रिश्ता तो गुरु-चेले का होगा लेकिन बदलते हालात में दोनों एक-दूसरे के जान के दुश्मन बनते दिखाई देते हैं।

Share To:

All About Business

Post A Comment: