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AAB NEWS/ संयुक्त राष्ट्र के डब्ल्यूएचओ और एफएओ द्वारा 188 सदस्य देशों के साथ बनाई गई एक अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता मानक-निर्धारण निकाय, कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (सीएसी) ने इटली के रोम में आयोजित अपने 46वें सत्र के दौरान श्रीअन्न पर भारत के मानकों की प्रशंसा की है और श्रीअन्न के लिए वैश्विक मानकों के विकास के लिए उसके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

भारत ने 8 गुणवत्ता मानकों को निर्दिष्ट करते हुए 15 प्रकार के श्रीअन्न के लिए एक व्यापक समूह मानक तैयार किया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय बैठक में जोरदार सराहना मिली। कोडेक्स के पास वर्तमान में ज्वार और बाजरे के लिए मानक हैं।

भारत के लिए दालों के मामले में, विशेष रूप से फिंगर बाजरा, बार्नयार्ड बाजरा, कोडो बाजरा, प्रोसो बाजरा और लिटिल बाजरे के समूह मानकों के रूप में श्रीअन्न के लिए वैश्विक मानकों के विकास के लिए एक प्रस्ताव रखा। रोम में एफएओ मुख्यालय में सत्र में सर्वसम्मति से प्रस्ताव का समर्थन किया गया, जिसमें यूरोपीय संघ (ईयू) सहित 161 सदस्य देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल को बधाई दी, जो 2023 को अंतर्राष्ट्रीय श्रीअन्न वर्ष के रूप में मनाए जाने के साथ ही संपन्न हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने श्रीअन्न को आम आदमी की पसंद बनाने में अहम भूमिका निभाई है। भारत का प्रस्ताव दुनिया भर में श्रीअन्न और इसके लाभों को उजागर करने में मानक स्थापित करेगा।

एफएसएसएआई के सीईओ श्री जी. कमला वर्धन राव के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने न केवल इस बात पर विचार करते हुए कि 2023 को "अंतर्राष्ट्रीय श्रीअन्न वर्ष" घोषित किया गया है, श्रीअन्न के लिए अंतरराष्ट्रीय समूह मानकों का प्रस्ताव देने के साथ-साथ इन उत्पादों में बढ़ते अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भी प्रतिबिंबित किया था।

एफएसएसएआई के सीईओ श्री जी. कमला वर्धन राव ने कोडेक्स के अध्यक्ष श्री स्टीव वेर्ने को श्रीअन्न के मानकों पर पुस्तक भेंट की

सीएसी द्वारा प्रस्ताव का समर्थन करने के साथ, भारत द्वारा अब परियोजना दस्तावेजों को प्रस्तुत करने और मसौदा मानकों के विकास पर काम शुरू किया जाएगा। एफएसएसएआई द्वारा 15 प्रकार के श्रीअन्न के लिए बनाए गए समूह मानक, जो 8 गुणवत्ता मापदंडों को निर्दिष्ट करते हैं, यानी नमी की मात्रा, यूरिक एसिड सामग्री, बाहरी पदार्थ, अन्य खाद्य अनाज, दोष, घुन वाले अनाज और अपरिपक्व और सिकुड़े हुए अनाज की अधिकतम सीमा, वैश्विक मानकों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में कार्य करेंगे। श्रीअन्न के लिए समूह मानक बनाते समय ज्वार और बाजरे के लिए मौजूदा कोडेक्स मानकों की भी समीक्षा की जाएगी।

वर्तमान सत्र कोडेक्स एलिमेंटेरियस आयोग की 60वीं वर्षगांठ है। भारत 1964 से इसका सदस्य रहा है। भारत ने अब तक विभिन्न कोडेक्स मानकों/पाठों और दिशानिर्देशों से संबंधित 12 ईडब्ल्यूजी की अध्यक्षता और 28 ईडब्ल्यूजी की सह-अध्यक्षता की है। भारत द्वारा प्रस्तावित महत्वपूर्ण मानकों में भिंडी, बीडब्ल्यूजी काली मिर्च, बैंगन, सूखे और निर्जलित लहसुन, सूखे या निर्जलित मिर्च और लाल शिमला मिर्च, ताजा खजूर, आम की चटनी, मिर्च सॉस, वेयर आलू और गैर-खुदरा कंटेनरों के लिए लेबलिंग संबंधी आवश्यकताओं के लिए मानक शामिल हैं।

Export-Grows-लगातार-बढ़-रहा-है-कृषि-एवं-प्रसंस्कृत-खाद्य-उत्पादों-का-निर्यात

एएबी समाचार
  कृषि उत्पाद के निर्यात पर अत्य़धिक जोर देते हुए, भारत ने मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की उसी अवधि की तुलना में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में करीब 15 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।

वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय द्वारा जारी त्वरित अनुमानों के अनुसार, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के उत्पादों के कुल  निर्यात में अप्रैल-अक्टूबर 2021 के दौरान पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में अमरीकी डॉलर के रूप में 14.7 प्रतिशत वृद्धि हुई।

एपीईडीए के उत्पादों का कुल निर्यात अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 10,157 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढकर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 11,651 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

निर्यातों में यह वृद्धि कोविड-19 के प्रतिबंधों के वाबजूद हुई है। कृषि उत्पादों के निर्यातों में इस वृद्धि को देश के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात पर जोर देते हुए किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में देखा जा रहा है।

मौजूदा वित्त वर्ष के प्रथम सात माह के दौरान कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में यह महत्वपूर्ण वृद्धि पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में निर्यात में वृद्धि की निरंतरता है।

चावल के निर्यात में 10.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, जो अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 4777.35 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 5278.95 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

 

त्वरित अनुमानों के अनुसार, ताजे फलों एवं सब्जियों के निर्यात में अमरीकी डॉलर के रूप में 11.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, जबकि मोटे अनाजों से तैयार तथा विभिन्न प्रसंस्कृत सामग्रियों जैसे प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में 29 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-अक्टूबर 2020-21 में, ताजे फलों एवं सब्जियों का 1374.59 मिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात किया गया था, जो अप्रैल-अक्टूबर 2021-22 में बढ़कर 1534.05 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

 

भारत ने मौजूदा वित्त वर्ष (2021-22) के प्रथम सात महीने में अन्य मोटे अनाज के निर्यात में 85.4 प्रतिशत की ऊंची छलांग लगाई, जबकि मांस, दूध एवं कुक्कुट उत्पादों के निर्यात में 15.6 प्रतिशत वृद्धि हुई।

 

अन्य मोटे अनाज का निर्यात अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 274.98 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 509.77 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया और मांस, दूध एवं कुक्कुट उत्पादों का निर्यात अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 1978.6 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 2286.32 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

 

अप्रैल-अक्टूबर 2021 में काजू के निर्यात में 29.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, क्योंकि अप्रैल-अक्टूबर 2020 में काजू का निर्यात 205.29 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 265.27 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

 

वाणिज्य मंत्रालय के तहत कार्यरत एपीईडीए द्वारा की गई पहलों से एक ऐसे समय में देश को इस मील के पत्थर तक पहुंचने में मदद मिली है, जब कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर आने के बाद लागू किए गए प्रतिबंधों के कारण अधिकांश व्यापारिक गतिविधियों को काफी झटका लगा।  

 

एपीईडीए के अध्यक्ष डॉ. एम अंगामुतु ने कहा, हम पूर्वी, उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों तथा पर्वतीय राज्यों से निर्यात के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर जोर दे रहे हैं, जहां पहले इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त नहीं था।

 

एपीईडीए की ओर से कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न देशों में बी2बी प्रदर्शनियां आयोजित करने, उत्पाद विशेष के माध्यम से नए संभावित बाजारों की तलाश करने और सामान्य विपणन अभियानों में भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी जैसी अनेक पहलों से कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में वृद्धि हुई है।

 

एपीईडीए ने अमरीका के साथ हस्तशिल्प सहित संयुक्त अरब अमीरात तथा भौगोलिक संकेतकों वाले उत्पादों के साथ कृषि एवं खाद्य उत्पादों पर क्रेता-विक्रेता की वर्चुअल बैठकों का आयोजन करके भारत में पंजीकृत भौगोलिक संकेतकों (जीआई) वाले उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम भी उठाए हैं। एपीईडीए निर्यात की गई प्रमुख क़ृषि सामग्रिय़ों के जीआई उत्पादों के प्रचार के लिए संभावित आयातक देशों के साथ वर्चुअल तौर पर क्रेता-विक्रेता बैठकों के संचालन की लगातार पहल कर रहा है।  

 

निर्यात वाले उत्पादों के निर्बाध गुणवत्ता प्रमाणन सुनिश्चित करने के क्रम में, एपीईडीए ने अनेक उत्पादों तथा निर्यातकों के लिए परीक्षण की सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से देशभर में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता दी है।

 

एपीईडीए निर्यात परीक्षण तथा अवशेष निगरानी योजनाओं के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के उन्नयन एवं सशक्तिकरण सहायता करता है। एपीईडीए कृषि उत्पादों के निर्यात पर जोर देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, गुणवत्ता में सुधार और बाजार के विकास के क्रम में वित्तीय सहायता योजनाओं के तहत सहायता भी प्रदान करता है।

 

एपीईडीए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में निर्यातकों की भागीदारी आयोजित करता है, जो निर्यातकों को वैश्विक बाजार में अपने खाद्य उत्पादों को बेचने के लिए एक मंच प्रदान करता है। एपीईडीए कृषि निर्यातों को बढ़ावा देने के लिए आहार, ऑर्गेनिक वर्ल्ड कांग्रेस, बायोफैच इंडिया आदि जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम भी आयोजित करता है।

 

एपीईडीए अंतर्राष्ट्रीय बाजार की गुणवत्ता संबंधी जरूरतों को पूरा करने के क्रम में बागवानी के उत्पादों के लिए पैक-हाउसों के पंजीकरण की भी पहल करता है। यूरोपीय संघ और गैर-यूरोपीय देशों के लिए गुणवत्ता सुनिश्चित करने के क्रम में मूंगफली की शेलिंग तथा ग्रेडिंग और प्रोसेसिंग यूनिटों के लिए निर्यात इकाइयों का पंजीकरण भी करता है।

 

एपीईडीए वैश्विक खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मांस प्रसंस्करण संयंत्रों एवं बूचड़खानों का पंजीकरण करता है। अन्य प्रमुख पहलों में स्थान का पता लगाने की प्रणालियों को विकसित करना तथा कार्यान्वित करना शामिल है, जो आयातक देशों के लिए खाद्य सुरक्षा तथा गुणवत्ता अनुपालन सुनिश्चित करता है। निर्यात पर जोर देने के लिए, एपीईडीए विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विश्लेषणात्मक सूचना, बाजार पहुंच सूचना तैयार करके निर्यातकों को भेजता है तथा व्यापार संबंधी पूछताछ का समाधान करता है।

 

भारत के निर्यात का तुलनात्मक विवरणः एपीईडीए उत्पाद

उत्पाद शीर्ष

अप्रैल-अक्टूबर,

2020-21

अप्रैल-अक्टूबर

2021-22

प्रतिशत परिवर्तन ( अप्रैल-अक्टूबर,2021)

रुपए करोड

अमरीकी डॉलर

रुपए करोड

अमरीकी डॉलर

अमरीकी डॉलर

फल और सब्जियां

10300.11

1374.59

11367.76

1534.05

11.6

मोटे अनाज तथा विविध प्रसंस्कृत सामग्रियां

7262

972.71

9293.89

1254.71

29.0

मांस, दूध एवं कुक्कुट उत्पाद

14748.51

1978.6

16933.47

2286.32

15.6

चावल

35753.96

4777.35

39096.62

5278.95

10.5

अन्य मोटे अनाज

2046.08

274.98

3773.07

509.77

85.4

काजू

1535.23

205.29

1966.41

265.27

29.2

खाद्य तेल

4277.89

573.14

3867.43

522.31

-8.9

कुल

75924

10157

86299

11651

14.7

स्रोतः डीजीसीआईएस, अप्रैल-अक्टूबर, 2021 के लिए त्वरित अनुमान


Coronavirus doesn't spread through chickens
एएबी समाचार
दुनिया भर में कोविड-19 महामारी के फैलने के माध्यमों के बारे में लगातार तरह-तरह की बातें सामने आती रहतीं हैं । हाल ही में सोशल मीडिया व कुछ अख़बारों में मुर्गे -मुर्गियों के जरिये कोरोना फैलने सम्बन्धी ख़बरों के आने से चिकन खाने वालों की बिरादरी में हडकंप मंच गया । लेकिन प्रदेश के पशु-पालन विभाग ने मुर्गे -मुर्गियों से कोरोना फैलने की बात को निराधार व  गलत बताए जाने की बाद से चिकन खाने  की शौकीनों को कुछ रहत मिलती नजर आ रही  है ।

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पशुपालन विभाग ने दावा

पशुपालन विभाग ने दावा  किया है कि मुर्गियों से कोरोना फैलने की बात निराधार और तथ्यों से परे है। पशुपालन विभाग ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की भी राय ली है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के आधार पर स्पष्ट किया गया है कि कुक्कुट उत्पादों से किसी भी प्रकार से कोरोना नहीं फैलता है ।मुर्गे -मुर्गियों से कोरोना  फैलने की खबर पूरी तरह भ्रामक और आधारहीन है तथा कुक्कुट उत्पादों का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है।

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चिकन-प्रोटीन से भरपूर सस्ता खाद्य पदार्थ

संचालक पशुपालन डॉ. आर.के. रोकड़े ने बताया कि भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने भी सभी राज्यों के सचिवों को पत्र के जरिये सूचित किया है कि मुर्गी पालन से मनुष्यों में कोरोना का संक्रमण नहीं होता तथा वर्तमान में इनका सेवन न केवल सुरक्षित है बल्कि यह प्रोटीन से भरपूर सस्ता खाद्य पदार्थ है जो मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

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सरकार द्वारा  कुक्कुट उत्पादों चेतावनी-पत्र जारी नहीं

डॉ. रोकड़े ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने अपने पत्र के जरिये स्पष्ट किया है कि कुक्कुट उत्पादों का उपयोग नहीं करने तथा मुर्गी पालन फार्म को शीघ्र बंद करने जैसे कोई दिशा-निर्देश या चेतावनी-पत्र जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कुछ  वायरल खबरों  में उल्लिखित भोपाल, ग्वालियर, देवास, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, बड़नगर, सीहोर, बड़वानी और महू में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुक्कुट के किसी भी प्रकार के नमूने नहीं लिये गये हैं।

 

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कुक्कुट उत्पादों के कोरोना संक्रमण होने संकेत विश्व में कहीं भी नहीं

उन्होंने कहा कि कुक्कुट उत्पादों का उपयोग पूरी तरह से सुरक्षित है तथा इनसे अभी तक किसी भी प्रकार के कोरोना संक्रमण होने का कोई संकेत विश्व में कहीं भी नहीं मिला है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि उपयोगकर्ता अफवाहों से सतर्क रहें। वर्तमान में चिकन तथा अंडों का उपयोग पूर्णत: सुरक्षित है।

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