दिसंबर 2023

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AAB NEWS
/ यदि आप हमेशा त्वचा की देखभाल करना चाहते हैं लेकिन इसके लिए कठिन और लम्बी से विधि अपनाने का आपका मन नहीं है तो कुछ आसान और कम समय लेने वाले तरीके भी बाज़ार में मौजूद हैं। 

कभी-कभी, आप तुरंत चमक चाहते हैं और त्वचा को पानीदार और नम करना चाहते हैं तो इसके  लिए भारत में कुछ बेहतरीन फेस शीट मास्क ब्रांड आज़माए जा सकते हैं। ये अति पतली चादरें पोषक तत्वों के ऐसे मिश्रण में भिगोई जाती हैं जो जादुई असर दिखाती हैं और आपकी त्वचा में समा जाती हैं।

फेस शीट मास्क क्या है?

 
फेस शीट मास्क चेहरे के आकार के ही शीट फैब्रिक होते हैं
जिन्हें सीरम नामक पोषक तत्व के घोल में खूब भिगोया जाता है। शीट कई सामग्रियों जैसे कागज, फाइबर और जैल से बनी होती है। ये शीट मास्क, पेस्ट-प्रकार के फेशियल मास्क से भिन्न होते हैं, जिनमें आपको किसी भी त्वचा देखभाल उत्पादों को लगाने के बाद पेस्ट को धोने के बजाय केवल अतिरिक्त सीरम लगाने, हटाने या थपथपाने की आवश्यकता होती है। शीट मास्क अक्सर केवल एक बार उपयोग किए जाते हैं और अलग से पैक किए जाते हैं, जिससे वे उपयोग में कम समय लेने वाले और आसान हो जाते हैं।

त्वचा के लिए फेस शीट मास्क के क्या फायदे हैं?

 
फेस शीट मास्क, त्वचा के  निखार के मामले में तुरंत असर दिखाते हैं। पेस्ट-प्रकार के फेस मास्क की तुलना में, सीरम विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है और त्वचा को शुष्क नहीं होने देता है। आपके चेहरे पर लगी चादर सीरम को आपकी त्वचा में थोड़ी देर तक घुसने देती है। कुछ चादरें आपकी त्वचा को चमकदार और मजबूत बनाने का दावा करती हैं। सामान्य तौर पर, शीट मास्क स्पा या सैलून में जाने की तुलना में कम महंगे होते हैं, और फेस शीट मास्क आपकी त्वचा पर तुरंत चमकदार बनाते हैं। 

भारत में 5 सर्वश्रेष्ठ फेस शीट मास्क ब्रांड 
 
यदि चेहरे की चमक के लिए सैलून और स्पा में समय और पैसा खर्च करने से बचना चाहते हैं , तो कुदरती चमक के लिए फेस शीट मास्क का उपयोग करना आपके लिए आदर्श साबित होगा। आप खुद ही भारत में उपलब्ध इन बेहतरीन माने जाने वाले इन 5 फेस शीट मास्क ब्रांडों की जाँच करें!

1. फेस शॉप ग्लो मास्क शीट (Face Shop Glow Mask Sheet)


फेस शॉप ग्लो मास्क शीट
(Face Shop Glow Mask Sheet)- 10 फेस शीट मास्क का एक सेट है जो आपकी त्वचा को पानीदार (Hydrate) बनाये रखता है और पोषण देता है। प्रत्येक मास्क में बांस, कमल और ककड़ी जैसे प्राकृतिक घटक होते हैं, जो आपकी त्वचा को पोषण और कंडीशन करते हैं जिससे यह चिकनी और चमकदार हो जाती है। 

मास्क में प्राकृतिक घटक होते हैं जो महीन रेखाओं और झुर्रियों की मौजूदगी को कम करने में मदद करते हैं और त्वचा की रंगत और बनावट को भी निखारते हैं। मास्क आपकी त्वचा को भी चमकदार बनाते हैं, जिससे वह अधिक जवान और चमकदार दिखाई देती है। मास्क को लगाना और हटाना आसान है और इसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है।

2. मिनिसो- वी बेयर बियर्स कंप्रेस्ड फेशियल मास्क शीट 

(Miniso-We bare Wears Compressed Facial Mask Sheet)

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महिलाओं के लिए MINISO वी बेयर बियर्स कंप्रेस्ड फेशियल मास्क शीट आपकी त्वचा को निखारने के लिए एक अच्छा विकल्प है। ये कंप्रेस्ड फेशियल मास्क (Compressed Facial Masks) प्राकृतिक सामग्रियों से बने होते हैं और इनका मकसद  त्वचा को जरूरी नमी और पोषण प्रदान करना होता है। इनमें शुकुन देने वाले  इत्र और हर्बल अर्क भी मिलाए जाते हैं, जो चेहरे को निखारने में मदद करते हैं। इनका उपयोग करना आसान है और इन्हें पर्स या जेब में रखा जा सकता है।

4.गार्नियर स्किन नेचुरल्स फेस मास्क सेट 

(Garnier Skin Naturals Face Mask Seta)

 
गार्नियर स्किन नेचुरल्स फेस मास्क सेट चमकदार त्वचा पाने का एक तेज और आसान तरीका है। इस बंडल में दो फेस मास्क शामिल हैं: एक हाइड्रा (Hydra) बम सीरम मास्क जो हाइड्रेट(पानीदार) करता है, छिद्रों को छोटा करता है, और आपकी त्वचा की चमक में सुधार करता है
दूसरा है एक ब्लैक सीरम मास्क जो त्वचा की (रंगत) Tone को उज्ज्वल और सपाट  करने में मदद करता है। ये मास्क, जिनमें प्राकृतिक घटक शामिल हैं, आपकी त्वचा को मुलायम, रेशमी और पुनर्जीवित महसूस कराते हैं। किट में पांच मास्क शामिल हैं, जो आपको घर पर एक शांतिपूर्ण स्पा का अनुभव देते हैं।

5. टोनिमोली आईएम रियल शीट मास्क  
     TonyMoly I'm Real  Mask 

 
टोनीमोली आई एम रियल शीट मास्क के साथ अपनी त्वचा को संतुष्टि का स्पर्श दें, जो न केवल त्वचा को पानीदार (Hydrate) करता है, बल्कि आराम भी देता है और चमक भी देता है। तीन-परत वाली लुगदी शीट चाय के पेड़, गुलाब, कैक्टस, तरबूज, नारियल और चावल जैसे पोषक तत्वों से भरपूर तत्वों से लबरेज रहती है, जो सुस्त और थकी हुई त्वचा को तरोताज़ा करके पूरी तरह से बदल देती है।  यह तीन अलग-अलग रूपों में आता है: पानी, सूक्ष्म-इमल्शन, और मलाईदार लोशन। रेफ्रिजरेटर में कुछ मिनट बिताने से आपकी त्वचा काफी ठंडी और तनाव रहित  हो जाएगी।

फेस शीट मास्क का उपयोग कैसे करें? (How To Use Face Sheet Mask)

 
इसका उपयोग अत्यंत सरल है! इसे साफ चेहरे पर लगाएं, बीस से तीस मिनट के लिए उसी अवस्था में छोड़ दें, फिर हटा दें और अपने चेहरे की तुरंत आयी चमक का आनंद लें। आप इसे जब भी और जहां चाहें उपयोग कर सकते हैं। जब आप व्यस्त होते हैं और आपके पास आराम करने के लिए  समय नहीं होता है, तो ऐसे हालात में  शीट मास्क आदर्श होते हैं क्योंकि आप इनका उपयोग सफाई, खाना पकाने, पढ़ने या टीवी देखने के दौरान कर सकते हैं। अच्छी खबर यह है कि इसे लगाने के बाद आपको इसे धोना नहीं पड़ेगा!
 

सबसे अच्छा फेस शीट मास्क कैसे चुनें? How to Pick One Of The Best Mask)

 
सर्वोत्तम फेस शीट मास्क चुनने के लिए,सबसे पहले खुद से ही सवाल कीजिये  किस मकसद के लिए आप इसे खरीद रहे हैं? साथ ही आपकी त्वचा का प्रकार और आपके शीट मास्क में मौजूद पदार्थ कैसे हैं ?  प्रभावी शीट मास्क में ऐसे रसायन होने चाहिए जो आपकी त्वचा की जरूरत को पूरा करें, जैसे जलयोजन के लिए हयालूरोनिक एसिड या एंटी-एजिंग के लिए एंटीऑक्सिडेंट। ऐसे मास्क की तलाश करें जो आपकी त्वचा पर अच्छी तरह से चिपक जाएं और बहुत जल्दी सूखें भी नहीं। अप्रभावी मास्क में सक्रिय तत्व अपर्याप्त हो सकते हैं या जलन हो सकती है। यदि मास्क से तुरंत रिएक्शन  होती है तो ऐसे मास्क का उपयोग करने से बचें।

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S/  अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (ISO,International Sugar Organization) ने अपनी 63वीं परिषद बैठक में घोषणा की कि भारत वर्ष 2024 के लिए संगठन का अध्यक्ष होगा। इस संगठन का मुख्यालय लंदन में है। वैश्विक चीनी क्षेत्र का नेतृत्व करना देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह इस क्षेत्र में देश के बढ़ते कद को दर्शाता है। 

आईएसओ (International Sugar Organization) परिषद बैठक में भाग लेते हुए भारत के खाद्य सचिव श्री संजीव चोपड़ा ने कहा कि भारत 2024 में आईएसओ की अपनी अध्यक्षता की अवधि के दौरान सभी सदस्य देशों से समर्थन और सहयोग चाहता है और गन्ने की खेती, चीनी तथा इथेनॉल उत्पादन में अधिक टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने और उप-उत्पादों के बेहतर उपयोग के लिए सभी सदस्य देशों को एक साथ लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है।

भारत दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता और दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश रहा है। वैश्विक चीनी खपत में लगभग 15 प्रतिशत हिस्सेदारी और चीनी के लगभग 20 प्रतिशत उत्पादन के साथ, भारतीय चीनी रुझान वैश्विक बाजारों को बहुत प्रभावित करते हैं। यह अग्रणी स्थिति भारत को अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (
International Sugar Organisation) का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त राष्ट्र बनाती है, जो चीनी और संबंधित उत्पादों पर शीर्ष अंतरराष्ट्रीय निकाय है। इसके लगभग 90 देश सदस्य हैं।

चीनी बाजार में विश्व के पश्चिमी गोलार्ध में ब्राजील तो पूर्वी गोलार्ध में भारत अग्रणी है। अब, अमेरिका और ब्राजील के बाद इथेनॉल उत्पादन में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश होने के नाते भारत ने हरित ऊर्जा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और घरेलू बाजार में अधिशेष चीनी की चुनौतियों को जीवाश्म ईंधन आयात के समाधान में बदलने की क्षमता दिखाई है और इसे सीओपी 26 लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक उपकरण के रूप में पेश किया है। 

यह उल्लेखनीय है कि भारत में इथेनॉल मिश्रण प्रतिशत 2019-20 में 5 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 12 प्रतिशत हो गया है, जबकि इसी अवधि के दौरान उत्पादन 173 करोड़ लीटर से बढ़कर 500 करोड़ लीटर से अधिक हो गया है।

भारतीय चीनी उद्योग ने पूरे व्यापार मॉडल को टिकाऊ और लाभदायक दोनों बनाने के लिए इसके आधुनिकीकरण और विस्तार के साथ-साथ अतिरिक्त राजस्व धाराओं का सृजन करने के लिए अपने सह-उत्पादों की क्षमता के दोहन हेतु विविधीकरण में एक लंबा सफर तय किया है। 

इसने कोविड महामारी के दौरान अपनी मिलों का संचालन करके अपनी मजबूती साबित की है, जबकि देश लॉकडाउन का सामना कर रहा था और देश में मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैंड सैनिटाइज़र का उत्पादन करके आगे बढ़ रहा था।

भारत को अपने किसानों के लिए उच्चतम गन्ना मूल्य का भुगतानकर्ता होने का एक अनूठा गौरव प्राप्त है और अब भी यह बिना किसी सरकारी वित्तीय सहायता के आत्मनिर्भर तरीके से काम करने और लाभ कमाने में पर्याप्त रूप से सक्षम है। सरकार और चीनी उद्योग के बीच तालमेल ने भारतीय चीनी उद्योग को फिर से जीवंत करना और देश में हरित ऊर्जा में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में बदलना संभव बना दिया है। 

किसानों के लंबित गन्ना बकाये का युग अब बीते जमाने की बात हो गई है। पिछले सीजन 2022-23 के 98 प्रतिशत से अधिक गन्ना बकाया का भुगतान पहले ही किया जा चुका है और पिछले गन्ना मौसम के 99.9 प्रतिशत से अधिक गन्ना बकाया का भुगतान हो चुका है। इस प्रकार, भारत में गन्ना बकाया लंबित राशि अब तक के सबसे निचले स्तर पर है।

भारत ने न केवल किसानों और उद्योग का ध्यान रखकर बल्कि उपभोक्ताओं को भी आगो रखकर मिसाल कायम की है। घरेलू चीनी खुदरा कीमतें सुसंगत और स्थिर हैं। जहां वैश्विक कीमतें एक वर्ष में लगभग 40 प्रतिशत बढ़ जाती हैं वहीं भारत चीनी उद्योग पर अतिरिक्त बोझ डाले बिना पिछले साल से 5 प्रतिशत की वृद्धि के भीतर चीनी की कीमतों को नियंत्रित करने में सक्षम रहा है।

तकनीकी पक्ष पर भी, राष्ट्रीय चीनी संस्थान, कानपुर ने अपना विस्तार किया है और इस क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए इंडोनेशिया, नाइजीरिया, मिस्र, फिजी आदि सहित कई देशों के साथ सहयोग कर रहा है।

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 कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने समुद्र के रास्ते नीदरलैंड को केले की पहली परीक्षण खेप के निर्यात की सुविधा प्रदान की

  • अनुमान के मुताबिक, भारत अगले 5 वर्षों में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के केले का निर्यात करने में सक्षम हो सकता है और इससे 25,000 से अधिक किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है

AAB NEWS/ 


वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) ने ताजे फलों के निर्यात की संभावनाओं को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए, नीदरलैंड को आईएनआई फार्म्स द्वारा समुद्री मार्ग से ताज़े केलों की पहली परीक्षण खेप के निर्यात की सुविधा प्रदान की है।

नीदरलैंड के लिए केले के एक कंटेनर की पहली निर्यात खेप को कल (9 नवंबर, 2023) कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के अध्यक्ष श्री अभिषेक देव ने महाराष्ट्र के बारामती से झंडी दिखाकर रवाना किया।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) ने केले की परीक्षण खेप के लिए तकनीकी सहायता के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान (सीआईएसएच), लखनऊ का सहयोग लिया है, जबकि आईएनआई फार्म्स ने यूरोप में विपणन और वितरण के लिए डेल मोंटे और लॉजिस्टिक्स के लिए मेर्स्क के साथ साझेदारी की है।

यूरोप में केले की परीक्षण खेप कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण-पंजीकृत 'आईएनआई फार्म्स' द्वारा किया गया था, जो भारत से फलों और सब्जियों का एक शीर्ष निर्यातक है और उनकी उपज दुनिया भर के 35 से अधिक देशों में निर्यात की जा रही है। 

पिछले दो वर्षों में, फर्म ने यूरोपीय बाजार के कड़े मानकों को पूरा करने के लिए केले की गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए व्यापक प्रयास किए हैं। आईएनआई फार्म्स ने एग्रोस्टार समूह के हिस्से के रूप में किसानों के साथ सीधे काम करके केले के लिए एक मूल्य श्रृंखला भी स्थापित की है।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष ने कार्यक्रम के दौरान उल्लेख किया कि नीदरलैंड को केले का निर्यात शुरू होने से केलों के मूल्य में वृद्धि होगी और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यह परीक्षण खेप भारतीय केले के लिए यूरोपीय बाजार की महत्वपूर्ण निर्यात क्षमता में वृद्धि करेगा।

वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने में लंबी दूरी का बाजार और ऊंची लागत की बाधाएं सामने आई थीं। केले की पहली परीक्षण खेप के निर्यात से गुणवत्ता वाले फलों के निर्यात को सुनिश्चित करके भारतीय निर्यातकों और यूरोपीय संघ (ईयू) के आयातकों के बीच क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी।

विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश होने के बावजूद, वैश्विक बाजार में भारत का केले के निर्यात का हिस्सा वर्तमान में केवल एक प्रतिशत ही है, भले ही विश्व के 35.36 मिलियन मीट्रिक टन केले उत्पादन में देश की हिस्सेदारी 26.45 प्रतिशत है। भारत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में, 176 मिलियन अमरीकी डालर के केले का निर्यात किया, जिसकी मात्रा 0.36 मिलियन मीट्रिक टन के बराबर है।

यूरोपीय बाजार में पहली परीक्षण खेप के साथ, यह अनुमान लगाया गया है कि भारत अगले पांच वर्षों में एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के केले का निर्यात करने में सक्षम हो सकता है। 

इससे 25,000 से अधिक किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है और आपूर्ति श्रृंखला में 10,000 से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष रूप से ग्रामीण आजीविका का सृजन हो सकता है और अप्रत्यक्ष रूप से खेतों में 50,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकता है।

भारतीय केले के प्रमुख निर्यात स्थलों में ईरान, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, उज्बेकिस्तान, सऊदी अरब, नेपाल, कतर, कुवैत, बहरीन, अफगानिस्तान और मालदीव शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, जर्मनी, चीन, नीदरलैंड, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों में निर्यात के प्रचुर अवसर हैं।

चूंकि भारत पिछले 15 वर्षों से मध्य पूर्व के साथ केले के व्यापार में बड़ी भूमिका निभा रहा है, इसलिए अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2024 में केले का निर्यात 303 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक हो जाएगा।

केला आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश राज्यों में उगाई जाने वाली एक प्रमुख बागवानी फसल है। आंध्र प्रदेश सबसे बड़ा केला उत्पादक राज्य है, इसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश हैं। ये पांच राज्य वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत के केला उत्पादन में सामूहिक रूप से लगभग 67 प्रतिशत का योगदान देते हैं।

अन्य राज्य जो केले का उत्पादन करते हैं उनमें गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मिजोरम और त्रिपुरा शामिल हैं।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में वृद्धि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए की गई विभिन्न पहलों, जैसे विभिन्न देशों में बी-2-बी प्रदर्शनियों का आयोजन करना और उत्पाद-विशिष्ट और सामान्य विपणन अभियानों के माध्यम से नए संभावित बाजारों की खोज करना, प्राकृतिक, जैविक और भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग वाले कृषि उत्पादों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी के साथ का परिणाम है।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ताजे फलों और सब्जियों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है और उसने महत्वपूर्ण निर्यात क्षमता वाले अन्य फलों के लिए समुद्री प्रोटोकॉल विकसित करने की पहल की है।

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नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि व्यवस्थित दृष्टिकोण के माध्यम से विभिन्न हवाई-अड्डों पर भीड़ को कम किया गया। उन्होंने आज नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित किया। 

इस दौरान श्री सिंधिया ने हवाई-अड्डों पर भीड़ कम करने के लिए उठाए जा रहे व्यापक उपायों की जानकारी दी। ये उपाय पिछले त्योहारी मौसम के दौरान सामने आई चुनौतियों को देखते हुए उठाए गए हैं और इसका उद्देश्य सभी यात्रियों के लिए एक सुगम और कुशल यात्रा अनुभव सुनिश्चित करना है। 

इस अवसर पर नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल डॉ. विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत) और मंत्रालय में सचिव श्री वुमलुनमंग वुअल्नम भी उपस्थित थे।


मंत्री ने बताया कि पिछले साल त्योहारी मौसम/सर्दियों- 2022 के दौरान प्रमुख हवाईअड्डों पर भीड़ की समस्या देखी गई थी। यह चिंता का कारण बन गई थी क्योंकि, यात्रियों को विभिन्न संपर्क स्थलों पर यात्रा संबंधित प्रक्रियाओं के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा था।

केंद्रीय मंत्री ने दिसंबर, 2022 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के लिए व्यक्तिगत रूप से दिल्ली हवाईअड्डे का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने हवाईअड्डे की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के साथ बुनियादी ढांचे में जरूरी विकास के निर्देश दिए थे।

इसके साथ ही, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई जैसे अन्य प्रमुख हवाईअड्डा संचालकों को भी यात्री प्रसंस्करण में बाधाओं की पहचान करने और बढ़ती यात्री मांगों को पूरा करने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का निर्देश दिया गया, जिससे आगामी त्योहारी मौसम और यात्रियों की अधिक संख्या के दौरान ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।

इसके बाद सितंबर, 2023 में 10 और हवाईअड्डों की पहचान की गई, जहां हवाईअड्डा परिचालकों को जहां भी आवश्यकता हो, अपनी क्षमता बढ़ाकर भविष्य में भीड़ को कम करने के लिए सक्रिय उपाय करने के लिए जागरूक किया गया। भीड़भाड़ के कारणों की पहचान करने के साथ इसे दूर करने की कार्य योजना तैयार की गई और उसे कार्यान्वित किया गया।
 

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इन बाधाओं को दूर करने और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता में सुधार करने के लिए कई उपाय किए गए हैं, जिनका सारांश निम्नलिखित है:

1. दिल्ली, मुंबई और अन्य हवाईअड्डों पर वेटिंग लाउन्ज, रिटेल आउटलेट्स, ऑफिस    की जगह को हटा कर दिया गया है, जिससे वहां अधिक यात्री बुनियादी सुविधाओं को समायोजित करने के लिए जगह बनाई जा सके।

2. यात्रियों को प्रतीक्षा समय के बारे में सूचित करने के लिए प्रवेश और पुलिस नाका स्थलों पर प्रतीक्षा समय स्क्रीन लगाई गई हैं।

3. अतिरिक्त प्रवेश द्वार/लेनें खोल दी गई हैं।

4. हवाईअड्डे परिचालकों ने स्वचालित प्रवेश की सुविधा के लिए प्रवेश द्वारों पर 2डी बार कोड स्कैनर लगाए और एयरलाइन्स को सलाह दी गई कि वे यात्रियों को जारी किए गए टिकटों पर बार कोड सुनिश्चित करें, जिससे यात्रियों के सुचारू प्रवेश की सुविधा के लिए इसे बार कोड स्कैनर द्वारा पढ़ा जा सके।

5. यात्रियों की सहायता के लिए सहायक कर्मियों की तैनाती की गई है।

6. प्रवेश और सुरक्षा जांच क्षेत्र, दोनों पर प्रतीक्षा क्षेत्र बढ़ा दिया गया है।

7. हवाईअड्डा परिचालकों को जगह की उपलब्धता के अनुरूप खुद बैग ड्रॉप सुविधा स्थापित करने की सलाह दी गई है।

8. एयरलाइन्स को सभी चेक-इन/बैगेज ड्रॉप काउंटरों पर पर्याप्त कर्मियों तैनात करने की सलाह दी गई है।

9. हवाई जहाज पर सवार होने से पहले सुरक्षा जांच स्थलों पर एक्स-रे मशीनों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है।

10. हवाईअड्डे के पारगमन को निर्बाध बनाने के लिए यात्रियों को रियल टाइम पर अपडेट प्रदान करने के लिए सोशल मीडिया मंचों का उपयोग।

11. सुगम यात्रा अनुभव के लिए हवाईअड्डों पर चरणबद्ध तरीके से डिजी यात्रा शुरू की गई है।

12. भीड़ कम करने के उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए हवाईअड्डा परिचालकों, एयरलाइन्स और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के स्तर पर दैनिक आधार पर निगरानी।

 

इसके अलावा श्री सिंधिया ने बताया कि आव्रजन काउंटरों पर 100 फीसदी कर्मचारी सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय/आव्रजन ब्यूरो से संपर्क किया गया है। इसके अलावा क्षमता में बढ़ोतरी करके संबंधित हवाईअड्डों पर स्वीकृत संख्या को बढ़ाने के लिए सीआईएसएफ की तैनाती बढ़ाने के संबंध में गृह मंत्रालय/सीआईएसएफ को भी सक्रिय रूप से तैयार किया गया है। 

इसके अलावा हवाईअड्डा परिचालकों को आव्रजन/उत्प्रवासन काउंटरों और सुरक्षा मशीनों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए भी कहा गया है। इसके साथ ही बीओआई और सीआईएसएफ से इस उन्नत बुनियादी ढांचे को संचालित करने के लिए अपने कर्मियों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।

मंत्री ने कहा कि डिजी यात्रा 13 हवाईअड्डों पर शुरू की गई है। इसकी शुरुआत के बाद से 91 लाख से अधिक यात्रियों ने हवाईअड्डों के माध्यम से यात्रा करने के लिए डिजी यात्रा की सुविधा का लाभ उठाया है। 

इसके अलावा साल 2024 के दौरान 14 और हवाईअड्डों यानी चेन्नई, भुवनेश्वर, कोयंबटूर, डाबोलिम, मोपा गोवा, इंदौर, बागडोगरा, चंडीगढ़, रांची, नागपुर, पटना, रायपुर, श्रीनगर और विशाखापत्तनम पर डिजी यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी।  इसके बाद चरणबद्ध तरीके से सभी हवाईअड्डों पर डिजी यात्रा की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

मंत्री हवाईअड्डों पर भीड़ कम करने के लिए चिन्हित हवाईअड्डा परिचालकों और बीसीएएस के साथ साप्ताहिक आधार पर शमन उपायों की समीक्षा कर रहे हैं और प्रमुख हवाईअड्डों पर विकास के तहत महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की प्रगति की निगरानी भी कर रहे हैं।

श्री सिंधिया ने बताया कि दिल्ली हवाईअड्डे के अत्याधुनिक टर्मिनल-1 बिल्डिंग पर चौथे रनवे और ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे की शुरुआत, बेंगलुरु हवाई अड्डे पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परिचालन के साथ नए टी2 टर्मिनल की शुरुआत, हैदराबाद हवाईअड्डे पर विस्तारित टर्मिनल बिल्डिंग हवाईअड्डा, मुंबई हवाईअड्डे पर 3 और सुरक्षा लेन जोड़कर पूर्व-आरोहण सुरक्षा जांच क्षेत्र का पुनर्गठन, जल्द ही लखनऊ हवाई अड्डे पर नया टर्मिनल भवन पूरा किया जाएगा। 

इसकी आशा की जाती है कि ये हवाईअड्डे अधिक संख्या में यात्रियों को कुशलतापूर्वक संभालने में सक्षम होंगे और यात्रियों के लिए आरामदायक व बाधा मुक्त यात्रा सुनिश्चित करेंगे।

आने वाले दिनों में गुवाहाटी और पटना हवाईअड्डों पर बढ़ी हुई क्षमता वाले नए टर्मिनल भवनों को संचालित किया जाएगा, जिससे इन हवाईअड्डों पर यात्री प्रबंधन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। नोएडा (जेवर) और नवी मुंबई हवाईअड्डों पर नए हरित क्षेत्र हवाईअड्डों का परिचालन इनके क्रमश: निकटवर्ती दिल्ली और मुंबई हवाईअड्डों की क्षमताओं की बढ़ोतरी में सहायक होगा।

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फ्रेंकोइस बेटेनकोर्ट मेयर्स 100 बिलियन डॉलर की संपत्ति अर्जित करने वाली पहली महिला बन गयीं हैं , जो  फ्रांस (France) के फैलते  फैशन (Fashion( और सौंदर्य प्रसाधन (Beauty Products) उद्योगों के लिए एक और मील का पत्थर है।

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, गुरुवार को उनकी संपत्ति बढ़कर 100.1 अरब डॉलर हो गई। यह अहम् पल  तब आया जब उनके दादा द्वारा स्थापित सौंदर्य उत्पादों के साम्राज्य "लोरियल एसए"(Loreal) के शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए।

सौंदर्य और फैशन (Beauty and Fashion) तेजी से पैसा कमाने का सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक बनता जा रहा है।

 

AAB NEWS/ संयुक्त राष्ट्र के डब्ल्यूएचओ और एफएओ द्वारा 188 सदस्य देशों के साथ बनाई गई एक अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता मानक-निर्धारण निकाय, कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (सीएसी) ने इटली के रोम में आयोजित अपने 46वें सत्र के दौरान श्रीअन्न पर भारत के मानकों की प्रशंसा की है और श्रीअन्न के लिए वैश्विक मानकों के विकास के लिए उसके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

भारत ने 8 गुणवत्ता मानकों को निर्दिष्ट करते हुए 15 प्रकार के श्रीअन्न के लिए एक व्यापक समूह मानक तैयार किया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय बैठक में जोरदार सराहना मिली। कोडेक्स के पास वर्तमान में ज्वार और बाजरे के लिए मानक हैं।

भारत के लिए दालों के मामले में, विशेष रूप से फिंगर बाजरा, बार्नयार्ड बाजरा, कोडो बाजरा, प्रोसो बाजरा और लिटिल बाजरे के समूह मानकों के रूप में श्रीअन्न के लिए वैश्विक मानकों के विकास के लिए एक प्रस्ताव रखा। रोम में एफएओ मुख्यालय में सत्र में सर्वसम्मति से प्रस्ताव का समर्थन किया गया, जिसमें यूरोपीय संघ (ईयू) सहित 161 सदस्य देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल को बधाई दी, जो 2023 को अंतर्राष्ट्रीय श्रीअन्न वर्ष के रूप में मनाए जाने के साथ ही संपन्न हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने श्रीअन्न को आम आदमी की पसंद बनाने में अहम भूमिका निभाई है। भारत का प्रस्ताव दुनिया भर में श्रीअन्न और इसके लाभों को उजागर करने में मानक स्थापित करेगा।

एफएसएसएआई के सीईओ श्री जी. कमला वर्धन राव के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने न केवल इस बात पर विचार करते हुए कि 2023 को "अंतर्राष्ट्रीय श्रीअन्न वर्ष" घोषित किया गया है, श्रीअन्न के लिए अंतरराष्ट्रीय समूह मानकों का प्रस्ताव देने के साथ-साथ इन उत्पादों में बढ़ते अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भी प्रतिबिंबित किया था।

एफएसएसएआई के सीईओ श्री जी. कमला वर्धन राव ने कोडेक्स के अध्यक्ष श्री स्टीव वेर्ने को श्रीअन्न के मानकों पर पुस्तक भेंट की

सीएसी द्वारा प्रस्ताव का समर्थन करने के साथ, भारत द्वारा अब परियोजना दस्तावेजों को प्रस्तुत करने और मसौदा मानकों के विकास पर काम शुरू किया जाएगा। एफएसएसएआई द्वारा 15 प्रकार के श्रीअन्न के लिए बनाए गए समूह मानक, जो 8 गुणवत्ता मापदंडों को निर्दिष्ट करते हैं, यानी नमी की मात्रा, यूरिक एसिड सामग्री, बाहरी पदार्थ, अन्य खाद्य अनाज, दोष, घुन वाले अनाज और अपरिपक्व और सिकुड़े हुए अनाज की अधिकतम सीमा, वैश्विक मानकों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में कार्य करेंगे। श्रीअन्न के लिए समूह मानक बनाते समय ज्वार और बाजरे के लिए मौजूदा कोडेक्स मानकों की भी समीक्षा की जाएगी।

वर्तमान सत्र कोडेक्स एलिमेंटेरियस आयोग की 60वीं वर्षगांठ है। भारत 1964 से इसका सदस्य रहा है। भारत ने अब तक विभिन्न कोडेक्स मानकों/पाठों और दिशानिर्देशों से संबंधित 12 ईडब्ल्यूजी की अध्यक्षता और 28 ईडब्ल्यूजी की सह-अध्यक्षता की है। भारत द्वारा प्रस्तावित महत्वपूर्ण मानकों में भिंडी, बीडब्ल्यूजी काली मिर्च, बैंगन, सूखे और निर्जलित लहसुन, सूखे या निर्जलित मिर्च और लाल शिमला मिर्च, ताजा खजूर, आम की चटनी, मिर्च सॉस, वेयर आलू और गैर-खुदरा कंटेनरों के लिए लेबलिंग संबंधी आवश्यकताओं के लिए मानक शामिल हैं।