मार्च 2021

 

Career-Opportunity-घुड़सवारी-में-भविष्य-तलाश-रहे-युवक-अप्रैल-माह-में-पहुंचे-मेरठ-उत्तर-प्रदेश

एएबी समाचार ।
घुड़सवारी के  क्षेत्र में अपना  भविष्य बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है । अभ्यर्थी इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में अप्रैल माह में होने वाली खुली भर्ती में हिस्सा ले सकते हैं ।

  1. घुड़सवारी के लिए योग्य स्पोर्टस कैडैट्स की दिनांक 13 अप्रैल 2021 को सुबह 7 बजे से आर.वी.सी सेंटर एवं कॉलेज, मैरठ कैंट में खुली भर्ती का आयोजन किया गया है।
  2. योग्यता:-

(i)    आयु: -13 अप्रैल 2021 को 08 से 14 वर्ष होनी चाहिए (13 अप्रैल 2007 और 13 अप्रैल 2013 के बीच जन्म) ।

(ii)    शिक्षा: -किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से चौथी कक्षा पास।

(iii)   मेडिकल फिटनेस:- चिकित्सा अधिकारी और सेना के स्पोर्ट्स मेडिसिन केंद्र के विशेषज्ञ द्वारा मेडिकल फिटनेस परीक्षा।

(iv)   अपने शरीर के किसी भी भाग पर किसी भी प्रकार के स्थायी TATTOOवाले उम्मीदवारों का चयन नहीं किया जाएगा।

(v)    संदिग्ध मामलों में उम्र के सत्यापन के लिए कलाई का एक्स-रे (बोन मैरो टेस्ट) आयोजित किया जाएगा।

 

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  1. च्छुक उम्मीदवार निम्नलखित दस्तावेज की मूल एवं सत्यापित प्रतिलिपि साथ लाएं :-     

      (i)    जन्म प्रमाण पत्र (जन्म/मृत्यु पंजीयक अधिकारी द्वारा जारी) ।

            (ii)    आधार कार्ड।

            (iii)   मूल निवास प्रमाण पत्र (SDM/तहसीलदार द्वारा जारी)

            (iv)   शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र / अंकतालिका (मूल प्रति)।

(v)    चरित्र प्रमाण पत्र।

            (vi)      जाति प्रमाण पत्र (SDM/तहसीलदार द्वारा जारी)।

            (vii)   अगर घुड़सवारी में कोई प्रमाण पत्र हो, तो उसकी मूल प्रति।

            (viii)  दस खुद की पासपोर्ट साइज रंगीन फोटोग्राफ।

            (ix)   घुड़सवारी परीक्षा के लिए सभी अभ्यर्थी स्पोर्ट्स किट साथ लाएं।   

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  1. चयनित उम्मीदवारों को दसवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा, मुफ्त बोडिंग और ठहरने, रहने, आवास, बीमा, चिकित्सा सुविधा और घुड़सवारी का गहन प्रशिक्षण(Scientific Coaching) दिया जाएगा। कक्षा 10 और 17 ½ वर्ष की आयु पूरी होने पर, कैडेटों के लिए भारतीय सेना में र्निधारित नियमों के अनुसार नामांकन के लिए चयन प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य है।
  2. कोविड-19 एहतियाती उपाय – सभी उम्मीदवार रैली के लिए रिपोर्ट करते समय मास्क और दस्ताने पहनेगें तथा आरटी-पीसीआर / रैपिड एंटीजन नेगेटिव सर्टिफिकेट और “नो रिस्क सर्टिफिकेट” प्रस्तुत करेगें।
  1. अधिक जानकारी के लिए - संपर्क करें :-

 अफसर कमांडिंग -  बॉयज स्पोर्ट्स कंपनी,  आर.वी.सी. सेंटर एवं कॉलेज,

                            मैरठ कैंट – 250001    संपर्क करें - 7599960029

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Admission-Alert-केंद्रीय-विद्यालय-की-प्रथम-कक्षा-में-प्रवेश-एक-अप्रैल-से

एएबी समाचार ।
शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 के लिए केंद्रीय विद्यालय की प्रथम कक्षा में एडमिशन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 1 अप्रैल 2021 से शुरू होगा जबकि दूसरी कक्षा और इससे ऊपर की कक्षाओं के लिए पंजीकरण ऑफलाइन मोड में 8 अप्रैल 2021 से शुरू किए जाएंगे।

पहली क्लास के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 1 अप्रैल 2021 को सुबह 10:00 बजे से शुरू होगा और 19 अप्रैल 2021 को शाम 7:00 बजे बंद होगा। एडमिशन के लिए अधिक जानकारी  वेबसाइट पर या एंड्रॉइड मोबाइल ऐप के जरिए भी प्राप्त की जा सकती है।

शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 के लिए प्रथम कक्षा मेंकेवीएस ऑनलाइन एडमिशन हेतु ऐप डाउनलोड और इंस्टॉल करने के लिए निर्देश और आधिकारिक एंड्रॉइड मोबाइल ऐप  और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होंगे।

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दूसरी कक्षा और इससे ऊपर की कक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन सीटों की उपलब्धता के आधार पर 08.04.2021 को सुबह 8 बजे से 15.04.2021 को शाम 4 बजे तक ऑफलाइन मोड में मंगाए जाएंगे।

ग्यारहवीं कक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म्स,केवीएस (एचक्यू) की वेबसाइट KV पर उपलब्ध 2021-2022 में एडमिशन के लिए तय शेड्यूल, के अनुसार विद्यालय की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं।

सभी कक्षाओं के लिए आयु की गणना 31.03.2021 तक की जाएगी। सीटों का आरक्षण वेबसाइट KV  पर उपलब्ध केवीएस एडमिशन दिशानिर्देश के अनुसार होगा।

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कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, केवीएस सभी अभिभावकों से अनुरोध है कि वह सक्षम प्राधिकारी (केंद्र/राज्य/स्थानीय) द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।

वर्तमान में, केंद्रीय विद्यालय संगठन 1247 केवी की श्रृंखला चला रहा है।

Self-Regulation is Must For OTT Platform-स्व-नियमन  निकाय में नहीं रहेगा सरकार का नुमाइंदा

एएबी समाचार ।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ऑल्ट बालाजी, हॉटस्टार, एमेजॉन प्राइम, नेटफ्लिक्स, जियो, ज़ी5, वायाकॉम 18, शेमारू, एमएक्स प्लेयर आदि सहित विभिन्न ओटीटी प्लेटफार्मों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।

इस उद्योग के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने जिक्र किया कि सरकार ने अतीत में ओटीटी कंपनियों के साथ कई दौर की बातचीत की है और स्व-नियमन की जरूरत पर बल दिया है।

श्री जावडेकर ने कहा कि उन्हें सिनेमा और टीवी उद्योग के प्रतिनिधियों ने कहा है कि जहां उनके लिए नियमन मौजूद हैं, वहीं ओटीटी उद्योग के लिए कोई नियमन नहीं है। इस प्रकार यह निर्णय लिया गया कि सरकार ओटीटी कंपनियों के लिए प्रगतिशील संस्थागत तंत्र लेकर आएगी और स्व-नियमन के विचार के साथ उनके लिए एक बराबरी की जमीन विकसित करेगी। मंत्री महोदय ने सराहना की कि कई ओटीटी प्लेटफार्मों ने इन नियमों का स्वागत किया है।

इस उद्योग के प्रतिनिधियों को नियमों के प्रावधानों के बारे में सूचित करते हुए श्री जावडेकर ने कहा कि उन्हें केवल जानकारी का खुलासा करने की आवश्यकता है, उन्हें मंत्रालय के साथ किसी भी प्रकार का पंजीकरण करने की कोई जरूरत नहीं है। मंत्री महोदय ने कहा कि इसके लिए एक फॉर्म जल्द ही तैयार हो जाएगा। इसके अलावा, ये नियम सेंसरशिप के किसी भी रूप के बजाय विषय वस्तु के आत्म वर्गीकरण पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं। इसके अलावा ओटीटी प्लेटफार्मों से उम्मीद की जाती है कि वे एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र विकसित करेंगे।

अफवाहों को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस स्व-नियमन निकाय में कोई भी सदस्य सरकार द्वारा नियुक्त नहीं किया जाएगा।

इन नियमों के अंतर्गत सरकार की शक्ति पर बात करते हुए माननीय मंत्री ने बताया कि जो शिकायतें स्व-नियमन के स्तर पर अनसुलझी रहेंगी उन्हें देखने के लिए सरकार अंतर विभागीय समिति बनाएगी।

इस उद्योग के प्रतिनिधियों ने नए नियमों का स्वागत किया और अपनी अधिकांश चिंताओं को दूर करने के लिए मंत्री महोदय का शुक्रिया अदा किया। अंत में श्री जावडेकर ने कहा कि उनका मंत्रालय इस उद्योग के किसी भी प्रश्न या स्पष्टीकरण के लिए हमेशा तैयार है।



MP-will-again-top-in-wheat-procurement-आत्म-निर्भर-मध्यप्रदेश-के-निर्माण-में-कृषि-क्षेत्र-की-अहम-भूमिका-मुख्यमंत्री

एएबी समाचार ।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक  मध्यप्रदेश के किसानों की मेहनत रंग लाएगी और गेहूँ उपार्जन में प्रदेश पुन: देश में अव्वल होगा। उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसानों को राज्य सरकार हरसंभव मदद कर रही है। रबी विपणन 2021-22 में किसानों की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिये पुख्ता इंतजाम किये जा चुके हैं, जिससे किसानों को अपनी उपज का विक्रय करने में कठिनाई का सामना न करना पड़े।

इस वर्ष भी ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन

किसानों की सहूलियत के लिये इस बार भी ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की व्यवस्था की गई है। पोर्टल पर अभी तक 21 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। पंजीयन का कार्य प्रदेश के 3518 केन्द्रों पर किया गया है। साथ ही गिरदावरी किसान एप, कॉमन सर्विस सेंटर और कियोस्क केन्द्रों पर भी किसानों को पंजीयन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। उपार्जन व्यवस्थाओं में यह प्रयास भी किया गया कि कोई भी किसान पंजीयन से वंचित न रहे।

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कुल 4500 केन्द्रों पर होगी गेहूँ खरीदी

अधिकृत जानकारी के अनुसार वर्ष २०२१ के लिए प्रदेश के 4500 खरीदी केन्द्रों पर गेहूँ उपार्जन का कार्य किया जाएगा। खरीदी कार्य में स्व-सहायता समूहों, एफपीयू और एफपीसी को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी के साथ उसके भंडारण और परिवहन की पुख्ता व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। उपार्जन केन्द्रों पर गेहूँ खरीदी का कार्य मार्च माह से शुरू किया जाएगा। इसके लिये तय किया गया है कि इंदौर और उज्जैन में 22 मार्च से और शेष अन्य जिलों में एक अप्रैल से गेहूँ उपार्जन शुरू किया जाएगा। इस वर्ष लगभग एक करोड़ 25 लाख मीट्रिक टन गेहूँ और 20 लाख मीट्रिक टन दलहन एवं तिलहन उपार्जन का अनुमान है। उपार्जित स्कन्धों के शीघ्र परिवहन एवं भंडार की व्यवस्थाएँ भी सुनिश्चित की जा रही हैं।

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गेहूँ उपार्जन में प्रदेश का कीर्तिमान किसानों की बदौलत

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जन का जो इतिहास रचा गया, उसके मूल में किसानों की कड़ी मेहनत है। प्रदेश के किसानों ने मध्यप्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा भी हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के इतिहास में समर्थन मूल्य पर हुई रिकार्ड खरीदी में सरकार द्वारा की गई चाक-चौबंद व्यवस्थाओं ने भी उत्प्रेरक की भूमिका निभाई।

कृषि क्षेत्र में किये गये हैं अनेक नवाचार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में कृषि क्षेत्र की अहम भूमिका है। कृषि क्षेत्र में आत्म-निर्भरता के लिये प्रदेश के किसानों के हित में खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने के लिये अनेक नवाचार किये गये हैं। राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि कृषि का उत्पादन बढ़े, उत्पादन की लागत कम हो और किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के दौरान किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान की पर्याप्त क्षतिपूर्ति हो सके, इसके लिये प्रावधानों में संशोधन भी किया गया है।

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खाद, बीज के साथ सिंचाई और बिजली की व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए सिंचाई के लिये पानी और बिजली की व्यवस्थाएँ की गई हैं। कोरोना काल में जब सभी गतिविधियाँ प्राय: बंद हो रही थी, उस समय विभिन्न योजनाओं में ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रूप से जल-संरचनाओं का निर्माण करवाया गया। इससे जहाँ एक ओर स्थानीय लोगों को कोरोना काल में रोजगार मिला, वहीं दूसरी ओर भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी होने से किसानों को सिंचाई के लिये पानी की सहज उपलब्धता भी सुनिश्चित हुई। प्रदेश में बड़ी एवं लघु सिंचाई योजनाओं पर भी युद्ध स्तर पर कार्य हुआ, जिसका लाभ किसानों को मिला।

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना

किसानों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना भी शुरू की गई। इस योजना में अब तक 57 लाख 50 हजार से अधिक पात्र किसानों को दो-दो हजार के मान से लगभग 1150 करोड़ रूपये का भुगतान ऑनलाईन किया गया है। इसके अलावा किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ भी प्रतिवर्ष प्रति किसान 6 हजार रूपये पूर्व से प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि खाद, बीज और कीटनाशक दवाओं के नाम से किसानों के साथ छल करने वाले व्यवसायियों पर भी कड़ी कार्यवाहियाँ की गई हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रदेश में नकली खाद, बीज और दवाओं का विक्रय न हो।