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Ajivika Mission- महापौर ने किया महिला स्व-सहायता समूह के जूस केंद्र का उद्घाटन

AAB NEWS
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन नगर निगम की दीनदयाल अंत्योदय योजना अंतर्गत गठित ज्ञान प्रयाग स्व सहायता समूह द्वारा संचालित किये जाने वाले जूस सेंटर का शुभारंभ सोमवार को महापौर संगीता तिवारी द्वारा किया गया

तिली मार्ग पर संजय ड्राइव की पास स्थित इस जूस सेंटर को स्व सहायता समूह की महिलायें संचालित करेंगी जिस पर सभी प्रकार के फलों का जूस एवं फल विक्रय हेतु उपलब्ध रहेंगे। 

इस मौके पर एम.आई.सी.सदस्य अनूप उर्मिल, सिटी मिशन मैनेजर विक्रम जैन, सामुदायिक संगठक कल्पना श्रीवास्तव, पूजा श्रीवास्तव एवं स्व सहायता समूह की महिलायें उपस्थित रहीं।


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एएबी समाचार । नगरीय निकाय चुनाव में दोषसिद्ध/सजायाफ्ता अपराधी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इस संबंध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम एवं मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम में प्रावधान किये गये हैं। उप सचिव राज्य निर्वाचन आयोग अरुण परमार ने जानकारी दी है कि भारतीय दण्ड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के अधीन दण्डनीय किसी अपराध में दोषसिद्ध ठहराया गया हो, तो वह दण्डादेश भुगतने के बाद उसके छोड़े जाने से 6 वर्ष की अवधि तक नगरीय निकाय चुनाव नहीं लड़ सकता। 
मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति के किन्हीं उपबंधों के या जमाखोरी अथवा मुनाफाखोरी के निवारण का अथवा खाद्य या औषधि के अपमिश्रण के निवारण का उपबंध करने वाली किसी विधि के किन्हीं उपबंधों के उल्लंघन के लिये सिद्धदोष ठहराया गया हो, तो वह दण्डादेश भुगतने के बाद उसके छोड़े जाने से 6 वर्ष की अवधि तक नगरीय निकाय चुनाव नहीं लड़ सकता। भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति अभक्ति के कारण सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी की सेवा से पदच्युति से 5 वर्ष तक चुनाव लड़ने की पात्रता नहीं रहेगी।
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एएबी समाचार । नगर निगम सागर  अगर मार्च महीने के अंत तक नालियों के उपचार का शत-प्रतिशत  इंतज़ाम नहीं कर पाई तो उसे हर महीने ५ लाख रुपए का आर्थिक दंड भरना होगा । इतना ही जुर्माना अपशिष्ट उपचार संयंत्र शुरू नहीं कर पाने पर भी भरना होगा । इस सिलसिले में  आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास  पी. नरहरि ने प्रदेश की अन्य सभी  नगरीय निकाय के अधिकारियों को भी निर्देश जारी कर दिये हैं।
 राष्ट्रीय हरित पंचाट के मुताबिक मप्र  में ठोस अपशिष्ट निवारण संयंत्र शुरू करने की अंतिम समय सीमा 31 मार्च 2020  तय की है । इस सिलसिले में  आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास  पी. नरहरि ने सभी नगरीय निकाय के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये हैं। उन्होंने कहा है कि अपशिष्ट उपचार संयंत्र  प्रारंभ होने तक सभी नालियों एवं सीवरेज उत्पन्न करने वाले स्त्रोतों का स्थानीय उपचार करें। ऐसा नहीं कर पाने पर प्रति नाली हर माह ५ लाख व अपशिष्ट उपचार संयंत्र शुरू नहीं हो पाने पर ५ लाख रु प्रति माह जुर्माना भरना होगा।
सीवरेज का उपचार नहीं करने पर लगेगा जुर्माना
सीवरेज का समय पर उपचार नहीं करने पर गंगा नदी के प्रकरण में जारी निर्देशानुसार क्षतिपूर्ति देनी होगी। स्थानीय उपचार नहीं करने पर प्रति नाली प्रतिमाह 5 लाख रूपये और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एस.टी.पी.) नहीं प्रारंभ होने पर प्रति एस.टी.पी. प्रतिमाह 5 लाख रूपये के अर्थदण्ड का प्रावधान है। एन.जी.टी. के आदेशानुसार एस.टी.पी. प्रारंभ होने की तिथि 31 मार्च 2021 है।