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एएबी समाचार । प्रदेश के मदिरा प्रेमियों की लिए अच्छी खबर है । केंद्र  व प्रदेश की सरकारों ने उनके कंठ को तर करने की रास्ते खोले दिए हैं । प्रदेश सरकारों ने केंद्र सरकार द्वारा लाल ,हरे और नारंगी रगों की वर्गीकरण में बंटे जिलों की हिसाब से मदिरा व भांग की दुकाने खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है । राज्य शासन ने प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मदिरा एवं भांग दुकानों के संचालन की जोनवार वर्गीकृत जिलों में नई व्यवस्था 5 मई से लागू की है।
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प्रदेश में मदिरा एवं भांग दुकाने भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाइड लाइन के अनुसार खोले जाने के लिए आबकारी आयुक्त द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टर को परिपत्र जारी किया गया है।
नई व्यवस्था के मुताबिक प्रदेश में रेड जोन में आने वाले भोपाल, इंदौर एवं उज्जैन जिलों में मदिरा एवं भांग की समस्त दुकानें आगामी आदेश तक बंद रहेंगी। रेड जोन के अन्य जिलों जबलपुर, धार, बड़वानी, पूर्वी निमाड़(खण्डवा), देवास एवं ग्वालियर जिलों के मुख्यालय की शहरी क्षेत्रों की दुकानों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों की मदिरा एवं भांग की दुकानें संचालित की जाएंगी। 
ऑरेंज जोन के अंतर्गत आने वाले खरगौन, रायसेन, होशंगाबाद, रतलाम, आगर-मालवा, मंदसौर, सागर, शाजापुर, छिन्दवाड़ा, अलीराजपुर, टीकमगढ़, शहडोल, श्योपुर, डिण्डौरी, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, विदिशा, मुरैना एवं रीवा के कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर शेष मदिरा एवं भांग दुकानें संचालित की जाएंगी। ग्रीन जोन के अंतर्गत आने वाले जिलों की सभी मदिरा एवं भांग दुकानों का संचालन प्रारंभ किया जाएगा।
सभी लायसेंसियों को निर्देशित किया गया है कि वे दुकानों पर गृह मंत्रालय, भारत सरकार तथा वाणिज्यिक कर विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी एसओपी और दो गज की दूरी का पालन भी सुनिश्चित करें।
आबकारी आयुक्त द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि दुकानों का संचालन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही किया जा सकेगा। मदिरा दुकानों से सभी तरह की शासकीय औपचारिकताएँ पूर्ण कराई जाएंगी तथा दुकानों के संचालन के लिए लायसेंसधारी और उनके कर्मचारियों को ही पास जारी किए जाएंगे। मदिरा भंडार गृहों को भी अनुमति जारी करने के संबंध में कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं।

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एएबी समाचार । नगरीय निकाय चुनाव में दोषसिद्ध/सजायाफ्ता अपराधी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इस संबंध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम एवं मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम में प्रावधान किये गये हैं। उप सचिव राज्य निर्वाचन आयोग अरुण परमार ने जानकारी दी है कि भारतीय दण्ड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के अधीन दण्डनीय किसी अपराध में दोषसिद्ध ठहराया गया हो, तो वह दण्डादेश भुगतने के बाद उसके छोड़े जाने से 6 वर्ष की अवधि तक नगरीय निकाय चुनाव नहीं लड़ सकता। 
मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति के किन्हीं उपबंधों के या जमाखोरी अथवा मुनाफाखोरी के निवारण का अथवा खाद्य या औषधि के अपमिश्रण के निवारण का उपबंध करने वाली किसी विधि के किन्हीं उपबंधों के उल्लंघन के लिये सिद्धदोष ठहराया गया हो, तो वह दण्डादेश भुगतने के बाद उसके छोड़े जाने से 6 वर्ष की अवधि तक नगरीय निकाय चुनाव नहीं लड़ सकता। भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति अभक्ति के कारण सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी की सेवा से पदच्युति से 5 वर्ष तक चुनाव लड़ने की पात्रता नहीं रहेगी।
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एएबी समाचार । नगर निगम सागर  अगर मार्च महीने के अंत तक नालियों के उपचार का शत-प्रतिशत  इंतज़ाम नहीं कर पाई तो उसे हर महीने ५ लाख रुपए का आर्थिक दंड भरना होगा । इतना ही जुर्माना अपशिष्ट उपचार संयंत्र शुरू नहीं कर पाने पर भी भरना होगा । इस सिलसिले में  आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास  पी. नरहरि ने प्रदेश की अन्य सभी  नगरीय निकाय के अधिकारियों को भी निर्देश जारी कर दिये हैं।
 राष्ट्रीय हरित पंचाट के मुताबिक मप्र  में ठोस अपशिष्ट निवारण संयंत्र शुरू करने की अंतिम समय सीमा 31 मार्च 2020  तय की है । इस सिलसिले में  आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास  पी. नरहरि ने सभी नगरीय निकाय के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये हैं। उन्होंने कहा है कि अपशिष्ट उपचार संयंत्र  प्रारंभ होने तक सभी नालियों एवं सीवरेज उत्पन्न करने वाले स्त्रोतों का स्थानीय उपचार करें। ऐसा नहीं कर पाने पर प्रति नाली हर माह ५ लाख व अपशिष्ट उपचार संयंत्र शुरू नहीं हो पाने पर ५ लाख रु प्रति माह जुर्माना भरना होगा।
सीवरेज का उपचार नहीं करने पर लगेगा जुर्माना
सीवरेज का समय पर उपचार नहीं करने पर गंगा नदी के प्रकरण में जारी निर्देशानुसार क्षतिपूर्ति देनी होगी। स्थानीय उपचार नहीं करने पर प्रति नाली प्रतिमाह 5 लाख रूपये और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एस.टी.पी.) नहीं प्रारंभ होने पर प्रति एस.टी.पी. प्रतिमाह 5 लाख रूपये के अर्थदण्ड का प्रावधान है। एन.जी.टी. के आदेशानुसार एस.टी.पी. प्रारंभ होने की तिथि 31 मार्च 2021 है।
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एएबी  समाचार, भोपाल । राज्य शासन ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली पंचायत राज संस्थाओं को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत करने के लिए 31 जनवरी 2020 तक ऑनलाईन प्रविष्टियाँ आमंत्रित की है। संस्थाएं वेबसाइट के माध्यम से प्रविष्टि प्रस्तुत कर सकते है।
आयुक्त पंचायत-राज संदीप यादव ने बताया कि राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में 24 अपैल को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इसमें उत्कृष्ट कार्य करने वाली पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा है।
नामांकन निर्धारित ऑनलाईन प्रपत्र में है :- मूल्याँकन वर्ष 2018-19 के आधार पर होगा। आवेदन की श्रेणियाँ दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार (DDUPSP)- सामान्य और विषयात्मक श्रेणी के लिए तीनों स्तर की पंचायतों को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार (NDRGGSP)- ग्राम पंचायतों को ग्राम सभा के उत्कृष्ट कार्य निष्पादन, ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार (GPDP)- ग्राम पंचायत को, बाल- हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार (CFGPA) ग्राम पंचायत को दिया जाएगा।
आयुक्त श्री यादव ने बताया कि सभी जिला और जनपद पंचायतों से कहा गया है कि पाँचवी अनुसूची (PESA) क्षेत्र की जनपद पंचायतें और ग्राम पंचायतें आनुपातिक रूप से अधिक संख्या में अपने नामांकन प्रस्तुत कर सकते हैं। एक जिले से 2 जनपद पंचायतों एवं 2 ग्राम पंचायतों से अधिक नामांकन अग्रेषित न किये जाएं।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिले के नामांकनों की सतत मॉनिटरिंग करेंगे। जिला पंचायत को प्रमाण-पत्र के साथ 50 लाख, जनपद पंचायत को प्रमाण-पत्र के साथ राशि रू. 25 लाख एवं ग्राम पंचायतों को उनकी जनसंख्या के अनुसार प्रमाण-पत्र के साथ राशि 5 लाख से 15 लाख तक पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है।