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एएबी समाचार । प्रदेश सरकार ने नए साल के लिए प्रस्तावित आबकारी नीति के जरिये प्रदेश के पर्यटन स्थलों को अंगूर से बनी शराब से गुलज़ार करने का रास्ता साफ़ कर दिया है । मात्र १० हजार रूपए  सालाना के नजराने पर पर्यटन स्थलों पर 'वाइन' के विक्रय केंद्र खोले जा सकेंगे । इसके अलावा अब विदेशी मदिरा का प्रदाय ऑनलाइन भी हो सकेगा ।
प्रदेश में वर्ष 2020-21 के लिये प्रस्तावित आबकारी व्यवस्था में राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से 2544 देशी मदिरा दुकानों और 1061 विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन पूर्व वर्ष के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ किया जाएगा। दुकानों का निष्पादन ई-टेंडर सह-नीलामी प्रक्रिया से होगा। प्रस्तावित व्यवस्था में देशी और विदेशी मदिरा की उप दुकानें नहीं खोली जायेंगी। प्रदेश में वर्ष 2020-21 में देशी और विदेशी मदिरा की उप-दुकानें (SUB SHOPS) नहीं खोली जाएंगी। 
प्रदेश के अंगूर उत्पादन किसानों की आय में वृद्धि करने और अंगूर की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंगूर से बनाई जा रही वाईन के प्रचार-प्रसार के लिये पर्यटन स्थलों पर 15 नये विक्रय केंद्र  खोले जाएंगे। इन विक्रय केन्द्रों  की फीस मात्र 10,000 रूपये वार्षिक होगी।
 प्रदेश के चार बड़े महानगर वाले जिले इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में दुकानों के 2-2 समूह बनाए जायेंगे। इन समूहों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की देशी-विदेशी मदिरा की दुकानें शामिल होंगी। शेष 12 नगर निगम वाले जिलों में दुकानों का एक समूह बनाया जाकर निष्पादन की कार्यवाही ई-टेंडर सह-नीलामी प्रक्रिया से होगी। शेष 36 जिलों में वर्ष 2019-20 में प्रचलित मदिरा दुकानों के यथास्थित एकल समूहों के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि कर आरक्षित मूल्य निधारित किया जाएगा। इन दुकानों का निष्पादन वर्ष 2019-20 में प्रचलित व्यवस्था के अनुसार अर्थात नवीनीकरण/लॉटरी/ई-टेंडर (CLOSE BID AND AUCTION) के माध्यम से किया जाएगा।
विदेशी मदिरा के प्रदाय को ऑनलाइन किया जाएगा। मदिरा के व्यवसाय पर प्रभावी नियंत्रण रखने के उद्देश्य से प्रत्येक बोतल में बारकोड लगाये जाने के अतिरिक्त बोतल की निगरानी की व्यव्स्था का प्रयास किया जाएगा। वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति में प्रक्रियात्मक सरलताएं भी सम्मिलित हैं।
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