Namaste Orchcha : विदेशी -बुन्देली संगीत के जुगलबंदी नजर आयेगी ओरछा समारोह में
एएबी समाचार । 'नमस्ते ओरछा'' महोत्सव 6 मार्च को ओरछा (जिला निवाड़ी) में भगवान श्रीराम के अयोध्या से ओरछा आगमन की कथा से शुरू होगा। इस ऐतिहासिक गाथा को थ्री-डी मैपिंग से जहाँगीर महल की दीवारों पर दिखाया जाएगा। इसके साथ ही शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियों के बीच यहाँ विदेशी संगीतज्ञों के साथ बुंदेली गायक सुर-ताल मिलाते दिखाई देंगे। पहले दिन के कार्यक्रम का समापन बुंदेली व्यंजनों के जायके से किया जायेगा। पूरी ओरछा नगरी को रामराजा मंदिर के रंग में रंगने की कवायद शुरू की गई है।
महोत्सव का खाका तैयार
तीन दिवसीय ओरछा महोत्सव का खाका तैयार कर लिया गया है। देश-विदेश से आने वाले प्रतिनिधियों को तीन दिन में यहाँ की संस्कृति, संगीत, पर्यावरण, भोजन आदि हर चीज से रू-ब-रू कराने की कोशिश की जा रही है। देश-विदेश से आने वाले हर क्षेत्र के प्रतिनिधियों को ओरछा में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जा सके, इस बात को ध्यान में रखकर पूरा कार्यक्रम तैयार किया गया है।
महोत्सव की उद्घाटन समारोह में संध्या समूह का नृत्य , क्लिंटन का संगीत प्रदर्शन , बुंदेली कलाकारों तिपन्या के साथ संतूर-वादन का कार्यक्रम होगा। दूसरे दिन 7 मार्च की शाम कंचना घाट पर बेतवा नदी की महा-आरती होगी। यहाँ पर प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायिका शुभा मुद्गल का गायन होगा। इसके साथ ही शास्त्रीय नृत्यांगना अदिति मंगलदास नृत्य प्रस्तुति देंगी। इसके बाद कल्पवृक्ष के पास आयोजित संगीत कार्यक्रम में इण्डियन ओशन ग्रुप, मृग्या, स्वनन किरकिरे के गायन के साथ ही फ्रेंच गायक मनु चाव एवं बुंदेली कलाकार कालू राम की जुगलबंदी का आनंद लोग उठायेंगे।
आसमान से निहारेंगे ओरछा की सुंदरता
कार्यक्रम में आने वाले देशी-विदेशी मेहमानों को यहाँ के प्राकृतिक वातावरण से रू-ब-रू कराने के लिये प्राकृतिक पदयात्रा , योग, हेरिटेज साइकिलिंग एवं फोटोग्राफी जैसे कार्यक्रम रखे गये हैं। दूसरे दिन सुबह से सभी प्रतिनिधियों को वन परिक्षेत्र एवं बेतवा नदी के बीच ले जाकर ये कार्यक्रम कराये जायेंगे। इसके साथ ही, ओरछा की ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक सुंदरता का आसमानी मंजर दिखाने के लिये गर्म हवा से उडनेवाले गुब्बारे से पर्यटकों को भ्रमण कराया जायेगा।
ओरछा में ई-रिक्शा
'नमस्ते ओरछा'' महोत्सव में आने वाले प्रतिनिधियों को हर जगह ले जाने के लिये प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है। यहाँ का वातावरण किसी प्रकार से प्रदूषित न हो, इसके लिये डीजल-पेट्रोल वाहनों का कम उपयोग किया जायेगा। इसके लिये प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर ई-रिक्शा की व्यवस्था की जा रही है।
माँ बेतवा की महा-आरती
महोत्सव में राज्य सरकार बेतवा के महत्व को सभी लोगों के बीच ले जाने का प्रयास करेगी। महोत्सव में 7 मार्च की शाम को सभी प्रतिनिधियों कंचना घाट पर बेतवा की महा-आरती में शामिल होंगे। यहीं पर शुभा मुद्गल का गायन होगा। इसके बाद लगभग 500 वर्ष पुराने कल्पवृक्ष को भी दिखाया जायेगा तथा कल्पवृक्ष के पास संगीत कार्यक्रम होगा।
खुलेंगे विकास के द्वार
ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक संसाधनों से लबरेज ओरछा को महोत्सव के लिये तैयार किये जा रहे संसाधनों का समुचित लाभ मिले, इसके लिये सरकार फिल्म, विवाह ,पर्यटन सहित अन्य ऐसे ही उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित कर रही है। इसके साथ, तमाम अधिकारियों की 7 मार्च की दोपहर में सभा होगी। इसमें इन्हें ओरछा में आकर निवेश करने के लिये प्रेरित किया जायेगा। आठ मार्च की शाम बुंदेली भोजन के हाट के साथ 'नमस्ते ओरछा'' महोत्सव का समापन होगा।