Challenge Covid-19 Competition : कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने दीजिये अपने रचनात्मक सुझाव
एएबी समाचार । विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान – भारत (एनआईएफ) ने नवाचारी नागरिकों को अपने चैलेंज कोविड-19 कॉम्पीटिशन (सी3) में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।
सभी इच्छुक नवाचारियों का कोरोना को फैलने से रोकने जैसी समस्याओं अथवा मसलों के समाधान के लिए अपने मौलिक रचनात्मक विचारों और नवाचारों के साथ इस प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए स्वागत है।
सभी इच्छुक नवाचारियों का कोरोना को फैलने से रोकने जैसी समस्याओं अथवा मसलों के समाधान के लिए अपने मौलिक रचनात्मक विचारों और नवाचारों के साथ इस प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए स्वागत है।
ऐसे नवाचारों में इस बीमारी के फैलने की रफ्तार को धीमा करने या और फैलने से रोकने संबंधी सरकार के प्रयासों को पूर्णता प्रदान करने वाले विचार,हाथों, शरीर, घरेलू वस्तुओं और घरों, सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ बनाने जैसी गतिविधियों को ज्यादा रोचक और प्रभावी बना सकने वाले विचार,लोगों विशेषकर अकेले रहने वाले बुजुर्गों तकआवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं वितरण करने के लिए विचार, आवश्यक वस्तुओं और घर से बाहर जाने की जरूरत कम करने वाली सेवाओं की घर-घर आपूर्ति के लिए विचार शामिल हैं।
विशेषकर लॉकडाउन के दौरान, घरों में मौजूद लोगों की उपयोगी भागीदारी, पोषण और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु स्वस्थ भोजन के लिए विचार,जबकि कच्चे माल की आपूर्ति सीमित हो, स्वास्थ्य कर्मियों के क्षमता निर्माण के लिए पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) और त्वरित नैदानिक परीक्षण सुविधाएं, कोरोना के पश्चात कार्यान्वयन के लिए सम्पर्करहित उपकरणों पर पुनर्विचार करने, कोविड -19 के दौरान जनसंख्या के अलग-अलग खंडों की अलग-अलग जरूरतों जैसे अलग-अलग लोगों, दिव्यांगों, विशेष आवश्यकता वाले और मानसिक विकलांगजनों की विविध जरूरतों के लिए भी विचार आमंत्रित किए गए।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, "एनआईएफ एक अनूठा संस्थान है,जो नागरिकों द्वारा संचालित समावेशी और मूलभूत नवाचारों की जांच करने और उन्हें सुगम बनाने पर प्रबल रूप से ध्यान देता और अनुभव रखता है। इस पहल से केवल जागरूकता ही उत्पन्न नहीं होगी, अपितु समाधान उपलब्ध और कार्यान्वित कराने में समाज के भिन्न-भिन्न पृष्ठभूमि वाले विविध वर्गों की निकट भागीदारी भी संभव होगी। "
चुने गए प्रौद्योगिकीय विचारों और नवाचारों के विकास और प्रसार में सहायता प्रदान की जाएगी। विचारों और नवाचारों के विवरण व्यक्तियों के सम्पूर्ण विवरण (नाम, आयु, शिक्षा, व्यवसाय, पता, दूरभाष संख्या, ईमेल) और विचार/नवाचार के बारे में जानकारी (फोटो और वीडियो सहित, यदि कोई हो तो) सहित [email protected] और [email protected] पर भेजे जा सकते हैं। 31 मार्च 2020 को घोषित सी3 के लिए अगली अधिसूचना तक निरंतर आधार पर प्रविष्टियां स्वीकार की जाएंगी।
विशेषकर लॉकडाउन के दौरान, घरों में मौजूद लोगों की उपयोगी भागीदारी, पोषण और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु स्वस्थ भोजन के लिए विचार,जबकि कच्चे माल की आपूर्ति सीमित हो, स्वास्थ्य कर्मियों के क्षमता निर्माण के लिए पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) और त्वरित नैदानिक परीक्षण सुविधाएं, कोरोना के पश्चात कार्यान्वयन के लिए सम्पर्करहित उपकरणों पर पुनर्विचार करने, कोविड -19 के दौरान जनसंख्या के अलग-अलग खंडों की अलग-अलग जरूरतों जैसे अलग-अलग लोगों, दिव्यांगों, विशेष आवश्यकता वाले और मानसिक विकलांगजनों की विविध जरूरतों के लिए भी विचार आमंत्रित किए गए।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, "एनआईएफ एक अनूठा संस्थान है,जो नागरिकों द्वारा संचालित समावेशी और मूलभूत नवाचारों की जांच करने और उन्हें सुगम बनाने पर प्रबल रूप से ध्यान देता और अनुभव रखता है। इस पहल से केवल जागरूकता ही उत्पन्न नहीं होगी, अपितु समाधान उपलब्ध और कार्यान्वित कराने में समाज के भिन्न-भिन्न पृष्ठभूमि वाले विविध वर्गों की निकट भागीदारी भी संभव होगी। "
चुने गए प्रौद्योगिकीय विचारों और नवाचारों के विकास और प्रसार में सहायता प्रदान की जाएगी। विचारों और नवाचारों के विवरण व्यक्तियों के सम्पूर्ण विवरण (नाम, आयु, शिक्षा, व्यवसाय, पता, दूरभाष संख्या, ईमेल) और विचार/नवाचार के बारे में जानकारी (फोटो और वीडियो सहित, यदि कोई हो तो) सहित [email protected] और [email protected] पर भेजे जा सकते हैं। 31 मार्च 2020 को घोषित सी3 के लिए अगली अधिसूचना तक निरंतर आधार पर प्रविष्टियां स्वीकार की जाएंगी।