No Junk Foods in School Campus :स्कूलों की कैंटीन में नहीं बिक सकेंगे अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ
एएबी समाचार,नई दिल्ली । खाद्य क्षेत्र का नियामक-भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) स्कूल कैंटीन और स्कूल परिसर के 50 मीटर के दायरे में अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ के विज्ञापन और बिक्री पर रोक लगाने के लिए अगले दो महीने में नियमनों को अंतिम रूप दे सकता है. FSSAI के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पवन कुमार अग्रवाल ने सोमवार को यह जानकारी दी.
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने नवंबर में 'खाद्य सुरक्षा और मानक (स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार) नियमन 2019' का मसौदा जारी किया था. नियमनों के इस मसौदे पर संबंद्ध पक्षों से 30 दिन के भीतर टिप्पणियां देने को कहा गया था ।
अग्रवाल ने कहा, 'हमें विभिन्न अंशधारकों से टिप्पणियां मिली हैं और हम अब इन सुझावों को संकलित कर रहे हैं. एक तकनीकी समिति इन सिफारिशों पर गौर करेगी.' उन्होंने कहा कि नियमों को अंतिम रूप देने में लगभग 1-2 महीने लगेंगे और फिर अंतिम मंजूरी के लिए इन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा जाएगा.
सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार को बढ़ावा देने के लिए कदम इस प्रकार के मसौदा नियमों में, FSSAI ने कहा था, 'जिन खाद्य पदार्थों में वसा, नमक और चीनी (HFSS) अधिक मात्रा में पाया जाता है, उन्हें स्कूल कैंटीन, स्कूल परिसर या छात्रावास की रसोई या फिर स्कूल के 50 मीटर के दायरे में बच्चों को नहीं बेचा जा सकता है.' FSSAI ने प्रस्तावित किया है कि स्कूली बच्चों के बीच सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार को बढ़ावा देने के लिए स्कूल अधिकारियों को एक व्यापक कार्यक्रम अपनाना होगा.
विद्यालय परिसर को सुरक्षित और स्वस्थ भोजन, स्थानीय और मौसमी भोजन और निर्दिष्ट मानकों के अनुसार भोजन की बर्बादी रोकने की बात को ध्यान में रखते हुए 'सही खाएं विद्यालय ' के रूप में तब्दील करना चाहिए.
मसौदा में कहा गया है, 'बाजार छोड़कर स्कूलों में स्वास्थप्रद भोजन का समर्थन करने के लिए खाद्य व्यापार परिचालकों (FBO) को लोगो, ब्रांड नाम, पोस्टर, पाठ्य पुस्तक आवरण आदि के माध्यम से स्कूल परिसर में कहीं भी कम पोषण वाले खाद्य पदार्थों को नहीं बेचना है.' मसौदे में यह भी कहा गया है कि छात्रों को सुरक्षित, स्वस्थ और स्वास्थ्यकर भोजन परोसा जाता है इस बात को सुनिश्चित करने के लिए स्कूल परिसर की नियमित रूप से निरीक्षण किया जाना चाहिये.
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने नवंबर में 'खाद्य सुरक्षा और मानक (स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार) नियमन 2019' का मसौदा जारी किया था. नियमनों के इस मसौदे पर संबंद्ध पक्षों से 30 दिन के भीतर टिप्पणियां देने को कहा गया था ।
अग्रवाल ने कहा, 'हमें विभिन्न अंशधारकों से टिप्पणियां मिली हैं और हम अब इन सुझावों को संकलित कर रहे हैं. एक तकनीकी समिति इन सिफारिशों पर गौर करेगी.' उन्होंने कहा कि नियमों को अंतिम रूप देने में लगभग 1-2 महीने लगेंगे और फिर अंतिम मंजूरी के लिए इन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा जाएगा.
सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार को बढ़ावा देने के लिए कदम इस प्रकार के मसौदा नियमों में, FSSAI ने कहा था, 'जिन खाद्य पदार्थों में वसा, नमक और चीनी (HFSS) अधिक मात्रा में पाया जाता है, उन्हें स्कूल कैंटीन, स्कूल परिसर या छात्रावास की रसोई या फिर स्कूल के 50 मीटर के दायरे में बच्चों को नहीं बेचा जा सकता है.' FSSAI ने प्रस्तावित किया है कि स्कूली बच्चों के बीच सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार को बढ़ावा देने के लिए स्कूल अधिकारियों को एक व्यापक कार्यक्रम अपनाना होगा.
विद्यालय परिसर को सुरक्षित और स्वस्थ भोजन, स्थानीय और मौसमी भोजन और निर्दिष्ट मानकों के अनुसार भोजन की बर्बादी रोकने की बात को ध्यान में रखते हुए 'सही खाएं विद्यालय ' के रूप में तब्दील करना चाहिए.
मसौदा में कहा गया है, 'बाजार छोड़कर स्कूलों में स्वास्थप्रद भोजन का समर्थन करने के लिए खाद्य व्यापार परिचालकों (FBO) को लोगो, ब्रांड नाम, पोस्टर, पाठ्य पुस्तक आवरण आदि के माध्यम से स्कूल परिसर में कहीं भी कम पोषण वाले खाद्य पदार्थों को नहीं बेचना है.' मसौदे में यह भी कहा गया है कि छात्रों को सुरक्षित, स्वस्थ और स्वास्थ्यकर भोजन परोसा जाता है इस बात को सुनिश्चित करने के लिए स्कूल परिसर की नियमित रूप से निरीक्षण किया जाना चाहिये.