• # Rera Act Reward Scheme :रेरा प्राधिकरण को अपंजीकृत कोलोनिजरों व एजेंटों की जानकारी देने वालों को मिलेगा इनाम


     एबीबी समाचार / मप्र में " रेरा " अधिनियम  को प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने आवासीय परियोजनाओं के मालिकों ,मध्यस्थों व अभिकर्ताओं  पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है I सागर शहर में भी हर दिन किसी न किसी नई कॉलोनी के निर्माण की जानकारी लुभावने सौगातों व छूट के वायदों के साथ विज्ञापनों के रूप में सामने आ रहीं हैं I घर खरीदने में किसी भी प्रकार की धोखा- धडी होने की हालत में पीड़ित रेरा की शरण में जा सकते हैं I इस काम में रेरा प्राधिकरण ने आम जनता का सहयोग लेना भी शुरू किया है I इस सिलसिले में प्राधिकरण ने अपने व्हाट्सएप नंबर ,ईमेल का पता व कार्यालय के पते की आम जनता को जारी की है ताकि लोग इन माध्यमों से उनके शहर में सक्रिय अपंजीकृत आवासीय कॉलोनियों के निर्माता, अभिकर्ता (एजेंट)  व मध्यस्थ (ब्रोकर ) की जानकारी रेरा प्राधिकरण को दी जा सके I
    रेरा यानि भू -सम्पदा विनियामक प्राधिकरण ( रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ) के मुताबिक प्रदेश में अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की जानकारी प्राप्त करने के लिए भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने पुरस्कार योजना लागू की है। यह योजना 31 दिसम्बर 2019 तक जारी रहेगी। योजना के तहत अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की जानकारी देने वाले आम आदमी को पुरस्कृत किया जायेगा। जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा। जानकारी सही होने पर कॉलोनी और एजेंट पर रेरा की धारा-59 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। अपंजीकृत प्रोजेक्ट की जानकारी देने पर 1400 रुपये तथा अंपजीकृत एजेंट की जानकारी देने पर 700 रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा। प्रदेश के पंजीकृत प्रोजेक्ट की जानकारी रेरा की वेबसाइट www.rera.mp.gov.in पर प्रदर्शित की गई है। प्राधिकरण द्वारा ऐसे प्रकरणों में अभी तक दो करोड़ रूपये से अधिक जुर्माना किया जा चुका है।
    अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की जानकारी वाट्सएप नम्बर- 8989880123, ई-मेल आईडी- [email protected]] दूरभाष नम्बर- 0755-2557955 और डाक से सचिव (रेरा), रेरा भवन, मेन रोड नं.-1 भोपाल (म.प्र.) 462016 पते पर दी जा सकती है।
     प्रदेश में रेरा एक्ट लागू होने के बाद आवासीय योजनाओं  तथा सम्पत्ति की  बिक्री के काम में लगे सभी अभिकर्ताओं और मध्यस्थों  को रेरा में पंजीयन कराना जरूरी हो गया है। ऐसा न करने पर प्रतिदिन 10 हजार रूपये जुर्माना देना होगा। अभी तक करीब 2३८६  परियोजनाओं का ही रेरा में पंजीयन हुआ है, जो अपेक्षाकृत कम हैं।
    प्रदेश में रेरा एक्ट लागू होने के बाद आवासीय योजनाओं  तथा सम्पत्ति की  बिक्री के काम में लगे सभी अभिकर्ताओं और मध्यस्थों  को रेरा में पंजीयन कराना जरूरी हो गया है। ऐसा न करने पर प्रतिदिन 10 हजार रूपये जुर्माना देना होगा। अभी तक करीब 2३८६  परियोजनाओं का ही रेरा में पंजीयन हुआ है, जो अपेक्षाकृत कम हैं।

    रेरा एक्ट के प्रावधान

    मई 2017 में प्रदेश में रेरा एक्ट के लागू होने के बाद से रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा बदलाव आया है। आवासीय प्रोजेक्ट के लिये पंजीयन कराने के अलावा हर तीन माह में प्रोजेक्ट का प्रगति प्रतिवेदन देना अनिवार्य हो गया है। रेरा एक्ट मूलतः आवंटी केन्द्रित है। समय पर प्रोजेक्ट को पूरा न करने पर अब आवंटितों को मुआवजा भी देना पड़ेगा।