• #Iconic Amitabh Bachchan : अदाकारी की दुनिया के शहंशाह..


    एएबी समाचार/  फिल्मों की दुनिया में एक" ...हिन्दुस्तानी" के रूप में अभिनय के सफर की शुरूआत करने वाले अमिताभ बच्चन अपनी बेहतरीन अदाकारी,जानदार संवाद अदायगी व मित्रवत व्यवहार की दम पर इस महायात्रा में वजीर भी बने और शहंशाह भी बने, स्मगलर भी बने और पुलिस वाले भी बने, बेटा भी बने और पिता व दादा भी बने और विजय तो न जाने कितनी बार बने, फिल्मों के रूपहले पर्दे पर उन्होंने  तरह-तरह की भूमिकाएं निभाईं लेकिन हकीकत में लोगों को दिलों पर उनकी एक ही भूमिका राज कर रही है वह है उनकी सुपरस्टार व सदाबहार अभिनेता की छवि। अदाकारी की दम पर फिल्मों की सपनीली दुनिया में वो आसमान मे छाए रहे और लेकिन हकीकत की दुनिया मे उन्होंने अपनी गगनचुंबी शौहरत के बावजूद ”कौन बनेगा करोडपति“ जैसे दुनियावी कार्यक्रम में आम लोगों के बीच से आए प्रतिभागियों के साथ जिस सहजता से  रिश्ता जोड़ा उसे देखकर तो लोग दंग रह गए । अब शायद ही कोई यह मानने को तैयार न हो कि अमिताभ बच्चन एक अच्छे अदाकार ही नहीं एक बेहतरीन शख्सियत के मालिक भी है। 
        11 अक्टूबर को अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर पूरी दुनिया में लोग किसी न किसी रूप मे उनके बारे मे न केवल उनका जिक्र करते हैं बल्कि अपने अपने यादों समुंदर में उनकी फिल्मों के दृश्यों व प्रसंग रूपी हीरे-मोती की ढूंढ निकाल लाने के लिए डुबकियां लगाते रहते हैं। सागर में भी अमिताभ बच्चन के चाहने वालों की कमी नहीं है। इस मौके पर सागर वासी भी इस महान अदाकार के बारे में अपनी दिल की बात जुबां पर आने से रोक नहीं पाए। 

    पुरवयाउ निवासी युवा रंगकर्मी शुभांगनी अमिताभ बच्चन का नाम सुनकर वो एकदम से अलग ही दुनिया मे पहुंच जाती है। वो कहतीं हैं ”अमर अकबर एंथनी“ फिल्म के एंथनी को देखने के साथ ही वो अमिताभ बच्चन के अभिनय की मुरीद हो गई। वो ये मानती है कि भले ही उन्होंने बच्चन जी कि ज्यादातर फिल्में ”ब्लैक एंड व्हाइट टीवी“ पर देखीं लेकिन उन्होंने मुझे रंगकर्म की रंगीन दुनिया मे आने के लिए प्रेरित किया। ”पा,भूतनाथ, बागवान व दीवार जैसी फिल्में बताती हैं  कि अमित जी का  "अदाकारी मे जबरदस्त उतार-चढ़ाव व बदलाव लाने मे उनका" कोई मुकाबला नहीं है। हम जैसे कलाकार उम्र भर उनको देखकर सीखते रहेंगें।
    दमोह निवासी अक्षय दीक्षित का कहना है कि अमित जी का जीवन युवाओं को सिखाता है कि कठिनाईयों के दौर मे हौसला नहीं खोना चाहिए जिस प्रकार अमित जी अपनी भारी आवाज के कारण रेडियों के लिए ठुकराए जाने व सात हिंदुस्तानी सहित शुरूआती करीब एक दर्जन फिल्मों के असफल हो जाने के बाद भी संघर्ष करते रहे और अंततः सफल हुए। उनका पायलट बनने का बचपन का सपना टूटा लेकिन हौसला रखा तो नियति ने उन्हें अभिनय के क्षेत्र मे सदी का महानायक बना दिया। जीवन के सफर मे 77 साल गुजारने के बाद आज भी वो जिस उर्जा व उत्साह से अपनी जिंदगी जी रहे हैं वो लोगों के लिए एक मिसाल है। 
    सिविल लाइन्स के निवासी ,रंग थियेटर फोरम के निर्देशक मनीष बोहरे भी अमिताभ बच्चन को सदी का महानायक मानते हैं वो कहते हैं कि अमित जी महानयक होने के साथ-साथ महान इंसान भी हैं। वो उदीयमान कलाकारों के लिए हमेशा मार्गदर्शन देते रहते हैं। अमित जी ने अच्छे समय का भी आनंद लिया है और कठिनाईयों से भरे समय को भी धैर्य के साथ जिया है। जिस उम्र मे लोग रिटायर होकर थककर बैठ जाते हैं उस उम्र से भी आगे जाकर वह जिस उत्साह व जीवंतता से वो अपनी असल जिंदगी का किरदार निभा रहे हैं उसे देखकर उनकी ही एक फिल्म अग्निपथ का एक संवाद याद आता है जो उनकी जीवन पर बिलकुल सही बैठता लगता है-तू न थकेगा का...अग्निपथ..अग्निपथ...अग्निपथ।