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Opposition-Misleading-Farmers-on-Agri-Bills

एएबी समाचार ।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह का कहना है कि नए कृषि कानूनों के माध्यम से लाए गए अधिनियम के अनुसार अनुबंध समझौता भूमि के बजाय फसलों के लिए होगा । उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को इस बारे में गुमराह किया जा रहा है। बिल के तहत अनुबंध किसानों के फसल की कीमत पाने के लिए है उनकी जमीन के लिए नहीं बल्कि नया कानून किसान की जमीन की खरीद फरोख्त या बंधक बना कर रखने पर रोक लगता हैकानून में कहीं भी उल्लेख नहीं है की न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म किया जायेगा

Congress Misleading Farmers : किसानो के मामलों में दुष्प्रचार कर रही है कांग्रेस 

मोदी सरकार द्वारा लाए गए किसानों से संबंधित कानूनों के समर्थन में और कांग्रेस पार्टी द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार के खिलाफ अपने लोकसभा क्षेत्र से एक अभियान की शुरूआत करते हुए, डॉ.जितेन्द्र सिंह सीमावर्ती गांवों और कठुआ एवं उधमपुर जिलों के अन्य क्षेत्रों के पार्टी कार्यकर्ताओं, सरपंचों तथा बीडीसी अध्यक्षों को संबोधित कर रहे थे।  

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 डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, विडंबना यह है कि जब आम किसान संतुष्ट है और उसे इन कानूनों को लेकर कोई आशंका नहीं है, तो कुछ राजनीतिक रूप से प्रेरित स्वार्थी तत्व, जिन्हें खेती के बारे में कोई ज्ञान नहीं है या जिनकी खेती में कोई भागीदारी नहीं है, किसानों को गुमराह कर इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
 

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उन्होंने कहा कि यह भारत के कृषक समुदाय और बड़े पैमाने पर आम लोगों के हित में होगाकि सभी समान विचारधारा वाले लोग बाहर निकलें और स्वार्थी तत्वों द्वारा शुरू किए गए दुष्प्रचार एवं दुर्भावनापूर्ण अभियान का विरोध करें।
 

Agri Bill Prohibit Sale of Farmers Land: पूंजीपति नहीं खरीद सकेंगे किसानो की जमीन 

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पूछा कि जब यह विधेयक किसानों की जमीन की बिक्री करने, उसे पट्टे पर देने या बंधक रखने पर प्रतिबंध लगाता है, तो कुछ पूंजीपतियों द्वारा किसानों की जमीन लेने, जैसाकि आरोप लगाया जा रहा है, का सवाल कहां है? उन्होंने कहा कि इस विधेयक में साफ़ कहा गया है कि समझौता फसलों के लिए होगा, न कि भूमि के लिए।
 

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इसके अलावा, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि किसानों के साथ अनुबंध समझौता निर्धारित मूल्य पाने के लिए है । इतना ही नहीं, नया अधिनियम किसानों को बिना किसी दंड के किसी भी समय अनुबंध से हटने का भी प्रावधान करता है।
 

MSP SYSTEM WILL REMAIN INTACT: न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान रहेगा बरकरार

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने विपक्ष पर काल्पनिक मुद्दे, जिनका इस कानून में कोई जिक्र नहीं है, उठाकर विवाद पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, इस बात का कहीं भी उल्लेख नहीं है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का प्रावधान किसी भी समय समाप्त किया जाएगा । फिर भी, कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य लोग मासूम किसानों के मन में गलत भय पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
 

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने अपने पार्टी के साथियों से यह अपील की कि वे हर गांव में एक-एक किसान तक पहुंचें और उन्हें उनके खिलाफ रची जा रही बड़ी साजिश के बारे में समझएं। उन्होंने कहा कि यह कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई व्यापक कल्याणकारी पहलों का लाभ उठाने में कृषक समुदाय को सक्षम बनायेगा ।

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एएबी समाचार । राजस्व मंत्री  ने एनआईसी द्वारा निर्मित स्पैरो एप का शुभारंभ करते हुए बताया कि प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार के गोपनीय प्रतिवेदन अब ऑनलाईन भरे जायेंगे। यह व्यवस्था वर्ष 2019-20 की अवधि के प्रतिवेदन से लागू होगी। इस व्यवस्था से लगभग 900 अधिकारी लाभांवित होंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में केवल भारतीय प्रशासनिक सेवा और डिप्टी कलेक्टर संवर्ग के अधिकारियों के गोपनीय प्रतिवेदन ही ऑनलाईन भरे जाते हैं।
राजस्व मंत्री ने बताया कि अभी तक तहसीलदार और नायब तहसीलदार के गोपनीय प्रतिवेदन मैन्युअली भरे जाने से समय पर प्राप्त नहीं हो पाते थे। इस कारण इन अधिकारियों की पदोन्नति एवं क्रमोन्नति आदि में काफी विलम्ब होता था। उन्होंने कहा कि अब इन अधिकारियों के गोपनीय प्रतिवेदन मैन्युअली भरे जाने की व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त किया जा रहा है।
राजस्व मंत्री ने बताया कि ई-फाइलिंग सिस्टम के लिए एन.आई.सी. द्वारा तैयार पोर्टल यू.आर.एलOnline CR submission. के माध्यम से प्रतिवेदन भरे जायेंगे। गोपनीय प्रतिवेदन के प्रारूप एवं चैनल में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इसके तहत केवल आवेदक द्वारा स्व-मूल्यांकन फाइल करने, प्रतिवेदक अधिकारी एवं समीक्षक अधिकारी तथा उसके बाद स्वीकारकर्ता अधिकारी के मतांकन की व्यवस्था ऑन लाईन रहेगी। ई-फाइलिंग प्रक्रिया के संबंध में इस संवर्ग के अधिकारियों का प्रशिक्षण शीघ्र ही आयोजित किया जायेगा।
राजस्व मंत्री   ने बताया कि प्रत्येक स्तर पर निर्धारित समय-सीमा के भीतर स्व-मूल्यांकन, मतांकन, समीक्षा आदि अनिवार्य रूप से मतांकित कर दिये जायें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 एवं 19-20 के लिए स्व-मूल्यांकन की प्रस्तुति 30 अप्रैल, प्रतिवेदक अधिकारी के मतांकन की अवधि 15 मई 2020, समीक्षक अधिकारी के मतांकन की अवधि 31 मई एवं स्वीकारकर्ता प्राधिकारी के मतांकन की अवधि 15 जून 2020 तक की जा सकेगी।



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एएबी समाचार । मप्र में अब आबादी भूमि का ड्रोन पद्धति से सीमांकन किया जायेगा। इससे आबादी क्षेत्रों के भी नक्शे तैयार हो सकेंगे। पूरे प्रदेश के 55000 गांवों के आबादी सर्वे का काम होगा। प्रदेश की राजस्व मंत्री  ने बताया आबादी क्षेत्रों के नक्शे नहीं होने से सीमांकन विवाद हो जाते हैं व शासकीय भूमि पर अतिक्रमण भी हो जाता है। नई व्यवस्था से इस परिपाटी पर रोक लग सकेगी ।
 हाल ही में राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में भारत सरकार के सर्वे ऑफ इण्डिया एवं राजस्व विभाग के बीच आबादी क्षेत्र सर्वे एवं सीमांकन कन्टीन्यूसली ऑपरेटिंग रिफिरेंस स्टेशन (कोर्स) पद्धति लागू करने हेतु एमओयू साईन किये गये।
राजस्व मंत्री  के मुताबिक  वर्तमान में खड़ी फसल होने पर, बरसात के समय चाँदा पत्थर नहीं मिलने एवं कुशल चैनमेनों के अभाव के कारण सीमांकन में काफी असुविधा होती थी। साल के तीन महीने ही सीमांकन हो पाता था। इसलिए राजस्व विभाग अत्याधुनिक कोर्स पद्धति की शुरूआत करने जा रहा है। इसके लिए आज भारत सरकार के सर्वे ऑफ इण्डिया के साथ एमओयू साईन किया गया। उन्होंने बताया कि कोर्स के पायलेट प्रोजेक्ट की शुरूआत छिन्दवाड़ा जिले से की जायेगी।

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एएबी  समाचार  । मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गणतंत्र दिवस पर अपने संदेश में कहा है कि मध्यप्रदेश में उद्योग चलाना और लगाना आसान बनाने के लिये जल्दी ही मध्यप्रदेश एक नया कानून बनाएगा। इसमें सभी तरह की अनुमतियाँ अधिकतम सात दिनों में मिलेंगी। सात दिन में अनुमतियाँ न मिलने पर उसे अनुमति मान लिया जाएगा। इससे ऐसी आर्थिक गतिविधियाँ बढाने में मदद मिलेगी, जिनमें रोजगार का सृजन होता है। नए उद्योगों में प्रदेश के युवाओं के लिए 70 प्रतिशत रोजगार को अनिवार्य किया गया है। रियल एस्टेट सेक्टर में रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए इसमें लगने वाली 27 अनुमतियों की संख्या को घटाकर पाँच कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इंदौर में गणंतत्र दिवस समारोह में ध्वजारोहण किया और पारंपरिक परेड की सलामी ली।
अजजा प्लान पुन: लागू कराने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अनुसूचित जनजाति प्लान बनाने की प्रथा को खत्म कर दिया है। इससे इन क्षेत्रों के विकास में लगने वाली राशि के आंकलन का काम कठिन हो गया है। अब भारत सरकार से चर्चा कर इसे पुन: लागू कराने का प्रयास होगा। उन्होने कहा कि जीएसटी के कारण भारत सरकार से पिछले एक साल में राज्य को मिलने वाली राशि में कमी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी के सपने को साकार करने के लिए विजन-टू-डिलीवरी रोडमैप 2020-25 बनाया गया है। वर्ष 2025 तक मध्यप्रदेश को देश के सर्वश्रेष्ठ प्रदेशों में एक बनाना सरकार का लक्ष्य है।
किसानों की ऋण माफी
खेती को लाभकारी बनाने की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि एक साल में लगभग 20 लाख किसानों के ऋण माफ किए जा चुके हैं। इसमें 2 लाख रुपये तक के कालातीत फसल ऋण और 50 हजार रुपये तक के चालू फसल ऋण हमने माफ किए हैं। ऋण माफी का दूसरा चरण अब शुरू हो गया है। जिसमें एक लाख रुपये तक के चालू फसल ऋण और 2 लाख रुपये तक के कालातीत फसल ऋण के बचे किसानों के ऋण माफी का काम किया जा रहा है।
भंडारण क्षमता की नई योजना ‘भविष्य’
प्रदेश में भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नई योजना ‘भविष्य’ शुरू करने का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 30 लाख टन भण्डारण की अतिरिक्त क्षमता का निर्माण करने की योजना है। प्रदेश की सिंचाई क्षमता को 60 लाख हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 हॉर्स पावर तक के स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के बिजली बिल आधे किए जा चुके हैं। हमने इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू कर दी है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के एक करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संभागीय मुख्यालयों में स्थित आईटीआई संस्थानों को मेगा आईटीआई में परिवर्तित किया जायेगा। प्रत्येक गाँव को सड़क, बिजली और ब्राडबैंड यानि इंटरनेट सुविधा से जोडा जायेगा। उन्होने कहा कि 40 लाख आवासहीन परिवारों के लिये आवास की व्यवस्था की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पानी के अधिकार को लेकर कानून बनाने का काम शुरू हो गया है। इसी प्रकार एक हजार गौशाला बनाने का काम शुरू किया गया है। गौशाला को चारा- भूसा का रोजाना मिलने वाला अनुदान तीन रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति गोवंश कर दिया गया है
शिक्षा की गुणवत्ता बढाने गठित होगी शिक्षाविदों की परिषद
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सेक्टर बहुत बड़ी चुनौती है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिये करीब 21 हजार शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। प्राथमिक शाला शिक्षकों की भर्ती का काम भी शुरू हो चुका है। गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए राज्य स्तर पर प्रसिद्ध शिक्षाविदों को लेकर परिषद का गठन किया जायेगा, जिसके सुझावों पर समयबद्ध तरीके से काम होगा। उन्होने कहा कि पिछले दो सत्रों में सात नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए जा चुके हैं और छह अन्य कॉलेजों की स्वीरकृति की कार्यवाही जारी है।
 कमल नाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना से साढ़े बारह लाख कर्मचारी और पेंशनर लाभान्वित होंगे। कर्मचारियों की सालों से लंबित समस्याओं को हल करने के लिए कर्मचारी आयोग की स्थापना भी की गई है। सरकारी सेवाएँ नागरिकों के घर पहुँचाने की शुरूआत इन्दौर शहर से कर दी गई है।
जारी रहेगा 'शुद्ध के लिये युद्ध' अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'शुद्ध के लिये युद्ध' अभियान निरंतर जारी है। अमानक दवाइयों, नकली खाद, बीज, कीटनाशक का उत्पादन और बिक्री करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। उन्होने कहा कि ईमानदार और काम करने वाली सरकार को अपने काम गिनाने की जरूरत नहीं होना चाहिए। सरकार के काम स्वयं बोलने चाहिये । उन्होने शासन, प्रशासन और लोगों की बेहतरी के कामों में भी जन-सहयोग की अपेक्षा की।

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एएबी समाचार । मुख्यमंत्री कमल नाथ से वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम दावोस की वार्षिक बैठक के दूसरे दिन विश्व के नामी उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी, स्वागत क्षेत्र, पर्यटन के नए क्षेत्रों में निवेश पर चर्चा की। निवेशकों ने कमल नाथ के नेतृत्व और दूरदृष्टि में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश जल्दी ही इकॉनोमिक फोर्स के रूप में नजर आएगा।
 मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश को भण्डारण का हब बनाया जाएगा। मध्यप्रदेश देश के केन्द्र में स्थित है, इसलिए निकट भविष्य में  लाजिस्टिक हब के रूप में विकसित होगा। इससे प्रदेश के भण्डारण हब बनने में भी सहयोग मिलेगा। उन्होंने लाजिस्टिक और भण्डारण क्षेत्र में सक्रिय निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
हेवलेट पैकार्ड इंटरप्राइज डिवीजन के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री एंटोनियो नेरी, प्रॉक्टर एण्ड गैंबल के एशिया पैसिफिक, मध्य पूर्व अफ्रीका के अध्यक्ष श्री मगेश्वरन सुरंजन, विप्रो के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अबीदाली नीमचवाला, इमरटिस् एयरलाइंस चेयरमेन और सीईओ श्री अहमद बिन सईद अली मख्तूम, वीपीएस  हेल्थ केयर ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. शमशीर वयलिल, 2000 वॉट स्मार्ट सिटी के संस्थापक श्री एंड्रेस बिलकर्ट ने मुख्यमंत्री से वन-टू-वन चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने हेवलेट पैकार्ड इंटरप्राइज डिवीजन के अध्यक्ष और सीईओ श्री एंटोनियो नेरी से डाटा सेंटर स्थापित करके, हार्डवेयर निर्माण और आईटी पार्क स्थापित करने से जुड़े विषयों पर चर्चा की।
मध्यप्रदेश में कम्प्यूटर हार्डवेयर निर्माण और आईटी पार्क में होने वाले आईटी ऑपरेशन के संबंध में बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आईटी क्षेत्र में  निवेश के लिए सर्वाधिक अनुकूल वातावरण है क्योंकि शांति होने के साथ-साथ यहाँ प्रतिभाशाली युवा आईटी प्रोफेशनल बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं।
विप्रो लिमिटेड के सीईओ अबीदाली नीमचवाला ने मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ से मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी सेवा इकाइयों और पार्क स्थापित करने की नई संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने श्री कमल नाथ के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कहा कि प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश की संभावनाएँ बनी हैं। इंटर कॉन्टिनेटल होट्ल्स ग्रुप (आईएचजी) के अध्यक्ष श्री पेट्रिक सिस्सकाऊ और सीईओ श्री केतवार ने प्रदेश में स्वागत उद्योग की संभावनाएँ रेखांकित करते हुए निवेश की इच्छा जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन-स्थलों पर विश्व-स्तरीय रिजार्ट स्थापित करने, वन्य-जीव पर्यटन और हेरिटेज होटल्स के निर्माण में निवेश करने के संबंध में चर्चा की।

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एएबी समाचार । सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को सम्मानित किया जाना चाहिये। यह वर्तमान और भविष्य में समाचार जगत को मजबूत बनाने के लिये जरूरी है।  यह विचार जनसम्पर्क मंत्री  पी.सी. शर्मा माधवराव सप्रे स्मृति समाचार-पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान के राज्य-स्तरीय पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में कही । मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि उन्होंने सप्रे संग्रहालय द्वारा पत्रकारिता के इतिहास को संजोए रखने की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना की। श्री शर्मा ने संग्रहालय को डिजिटाइजेशन के लिए सहयोग स्वरूप 5 लाख रुपये देने की घोषणा की। 
 पूर्व केन्द्रीय मंत्री  सुरेश पचौरी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। समारोह में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के पत्रकारिता की विभिन्न विधाओं के पत्रकारों को सम्मानित किया गया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी ने कहा कि सप्रे संग्रहालय की पूरी यात्रा संघर्षपूर्ण रही। इस संस्था ने देश भर में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि जिन्हें पुरस्कार मिले हैं, नि:संदेह उनके कार्यों से समाज लाभान्वित हो रहा है। जिन विभूतियों की स्मृति में पुरस्कारों की स्थापना की गई है, उनके कार्य भी नई पीढ़ी को प्रेरणा देते हैं। संग्रहालय के संस्थापक-संयोजक श्री विजयदत्त श्रीधर ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी।
सम्मानित व्यक्तित्व
 पत्रकारिता की शिक्षा में दीर्घ योगदान के लिए माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव डा. श्रीकांत सिंह को सम्मानित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान कमाल, रमेश तिवारी, सर्वदमन पाठक, महेश दीक्षित और मुकुन्द प्रसाद मिश्र को  'हुक्मचंद नारद पुरस्कार’ प्रदान  किया गया। संतोष कुमार शुक्ल लोक संप्रेषण पुरस्कार - अखिल कुमार नामदेव,माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार - पंकज मुकाती, लाल बलदेव सिंह पुरस्कार -  रश्मि खरे, जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी पुरस्कार -  विकास वर्मा, झाबरमल्ल शर्मा पुरस्कार-  संजीव कुमार शर्मा, रामेश्वर गुरु पुरस्कार- महेश सोनी, के.पी. नारायणन पुरस्कार- डा. ऋतु पाण्डेय शर्मा, राजेन्द्र नूतन पुरस्कार- विनोद त्रिपाठी, गंगाप्रसाद ठाकुर पुरस्कार-आसिफ इकबाल (रायपुर), जगत पाठक पुरस्कार -  सुशील पाण्डेय, सुरेश खरे पुरस्कार-  कृष्णमोहन झा, आरोग्य सुधा पुरस्कार-पुष्पेन्द्र सिंह तथा होमई व्यारावाला पुरस्कार- होमेन्द्र सुन्दर देशमुख को प्रदान किया गया।



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एएबी समाचार, भोपाल । परिवहन एवं राजस्व मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत ने परिवहन अधिकारियों से कहा है कि वह बिना किसी डर के परिवहन माफिया के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करें। श्री राजपूत आज प्रशासन अकादमी में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों, निरीक्षकों और फ्लाईंग स्क्वाड की बैठक में राजस्व वसूली की समीक्षा कर रहे थे।
'वन टाइम सेटलमेंट'' योजना में 90 प्रतिशत तक छूट

मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि 'वन टाइम सेटलमेंट'' योजना के अंतर्गत छूट का लाभ लेकर वाहन मालिकों को टैक्स भरने का अवसर दिया गया है। इसमें टैक्स में 90 प्रतिशत तक छूट दिये जाने का प्रावधान है। उन्होंने अधिकारियों को इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये। इस योजना से आम जनता एवं सरकार दोनों ही लाभान्वित हो सकेंगे
 श्री राजपूत ने माफिया की चर्चा करते हुए कहा कि परिवहन विभाग में संगठित माफिया द्वारा अनेक अनियमितताएँ किये जाने की शिकायतें मिल रही थीं, जिनके द्वारा चेक-पोस्टों पर 500-500 अवैध गाड़ियों की निकासी कराने की जानकारी भी प्राप्त हो रही थी। यार्डों में खड़ी गाड़ियों पर करोड़ों का बकाया टैक्स भुगतान नहीं किये जाने की बात मेरे संज्ञान में आई है। श्री राजपूत ने बड़ी संख्या में बहुत-सी वाल्वो ए.सी. बस मालिक द्वारा विभिन्न त्यौहारों पर यात्रियों से निर्धारित किराये से अधिक की राशि वसूल किये जाने तथा रेत और अन्य प्रकार की सामग्री की ओवर-लोडिंग पर भी रोक लगाना बहुत जरूरी है।

31 मार्च तक बकाया 1700 करोड़ परिवहन राजस्व वसूली के निर्देश
राजस्व वसूली में पीछे रहे अधिकारियों की जिलेवार समीक्षा करते हुए परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि वर्ष 2019-20 में राजस्व वसूली का लक्ष्य 4 हजार करोड़ निर्धारित है। इसमें से अभी तक 2211 करोड़ राजस्व के रूप में प्राप्त हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अगले ढाई माह में अर्थात 31 मार्च तक 1689 करोड़ रूपये की बकाया वसूली की जाना सुनिश्चित करे। इसके लिये पूरा परिवहन अमला स्वयं नाकों पर उपस्थित रहें। उन्होंने राजस्व वसूली में श्योपुर एवं शिवपुरी जिले के परिवहन अमले की सराहना की जो प्रदेश में अभी तक राजस्व वसूली में प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर है।

चिन्हित वाहन मालिकों पर सबसे पहले कार्यवाही
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि सबसे पहले चिन्हित वाहन मालिकों पर कार्यवाही करें, जिनसे बड़ी राशि की वसूली की जाना है। उन्होंने कहा कि इसके लिये एक विशेष दल गठित करें। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी अपने क्षेत्र में अच्छा कार्य करेंगे, उन्हे 26 जनवरी को पुरस्कृत किया जायेगा। साथ ही, काम के प्रति लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही भी की जायेगी। श्री राजपूत ने कहा कि राजस्व वसूली की रिपोर्ट के आधार पर गोपनीय चरित्रावली में मूल्यांकन दर्ज किया जाएगा।


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एएबी समाचार । प्रदेश में वर्ष 2018-19 की एक वर्ष की अवधि में 4428 औद्योगिक इकाईयों में 928 करोड़ 26 लाख यूनिट बिजली की रिकॉर्ड खपत दर्ज की गई है। ऊर्जा मंत्री  प्रियव्रत सिंह ने बताया है कि यह पिछले 3 वर्षों की तुलना में सर्वाधिक खपत है। इस तरह औद्योगिक इकाईयों को गत वर्ष की तुलना में 18 फीसदी अधिक बिजली प्रदाय की गई।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्ष 2015-16 में 3682 उच्च दाब औद्योगिक उपभोक्ताओं को 745 करोड़ 42 लाख यूनिट, वर्ष 2016-17 में 3869 उपभोक्ताओं को 707 करोड़ 26 लाख यूनिट, वर्ष 2017-18 में 4128 उपभोक्ताओं को 785 करोड़ 82 लाख यूनिट बिजली सप्लाई की गई।