Off Track : बुंदेलखंड के देवलचौरी में शीत ऋतु में रामलीला मंचन की अनूठी परंपरा

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एएबी समाचार। भारत देश में दुशहरा  पर्व के समय रामलीला का आयोजन कोई नई बात नहीं है पर मप्र के बुंदेलखंड अंचल के गाँव देवलचौरी में ख़ास शीत ऋतु में ही रामलीला मंचन की  सौ साल से भी पहले से चली आ रही परंपरा अपने आप में देश की अनूठी मिसाल बनती नजर आ रही है । गांव के तिवारी परिवार द्वारा शुरू किया गया  रामलीला के इस आयोजन को देखने की लिए हर साल  आसपास के गांव के अलावा शहर से भी हजारों लोग पहुंचते  हैं।
 देवालचौरी गाँव के एक युवा मधुर तिवारी ने बताया की रामलीला के इस आयोजन की एक और बड़ी खूबी इस मंचन में किरदार निभाने के लिए कोई जाति बंधन नहीं होता है । रामलीला में रावण के जैसा अहम किरदार भी  गांव के चौकीदार (कोटवार) वीरन चढ़ार निभाते हैं जो अशिक्षित होने के बावजूद भी बिना रुके एक स्वर में संस्कृत मन्त्रों का  उच्चारण करते हैं। इस रामलीला के  सभी किरदार गांव के लोग निभाते हैं। उन्होंने बताया की  रामलीला की शुरुआत से समापन के दिन तक सिर्फ आयोजन स्थल ही नहीं आस पास के गाँव में भी भक्ति भाव का माहौल बना रहता है ।
रामलीला में मुख्य किरदार राम- जयदीप तिवारी, लक्ष्मण ऋषभ गौतम, सीता प्रशांत गौतम, विश्वामित्र रवींद्र तिवारी, वाणासुर प्रभु तिवारी, व्यासगादी पर मुकुल तिवारी और चंद्रेश तिवारी, इसके अलावा स्वयंबर में राजाओं का किरदार निभाने वालों में नीरज तिवारी, मनहरण तिवारी, हरिराम विश्वकर्मा, दयाराम सेन, मुरारी पटेल, नरेश पटेल, सरवन चढ़ार, हीरा पटेल निभाए ।
- इनका रहा विशेष योगदान
मनमोहन तिवारी, डॉ. महेश तिवारी, मनोज तिवारी, सरपंच मयंक तिवारी सहित तिवारी परिवार के अन्य लोग व गांव के लोगों का सहयोग रहा।
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