एएबी समाचार /       हिन्दू संस्कृति  कि एक खास पहचान उसका उत्सवधर्मी होना है . मौसम, तिथियों,  सामाजिक व धार्मिक रिति-रिवाजों के तानेबाने में बुने ये त्यौहार भारतीय जीवन शैली में रोमांच ,नयेपन व सामाजिक सरोकारों व आपसी मेल-जोल  को जीवंत बनाये रहते हैं.करवाचौथ भी ऐसे ही त्योहारों में से एक है जो खास तौर पर पति-पत्नी के आपसी प्रेम  के अटूट बंधनों का प्रतीक माना जाता है .
       लेकिन जहाँ पहले ये त्यौहार महज मानवीय रिश्ते -नातों ,प्रेम और समर्पण की चासनी में पगे  रहते थे  वहीँ सैटेलाइट टीवी और  फिल्मों की कि कहानियों का हिस्सा बनते ही इन  त्यौहार में को कुछ इस अंदाज़ में पेश किया गया के ये त्यौहार बाज़ार में तेज़ी लाने के उपायों में तब्दील होते जा रहे हैं .हर साल इन त्यौहारों के आने से पहले   मीडिया में उस साल विशेष के लिए त्यौहार का बेहद ख़ास बताने वाली ख़बरें आने लगतीं हैं . जिससे लोग त्यौहारों को मनाने के पहले बाज़ार में जाकर जमकर खरीदारी कर सकें .
      इस साल भी ज्योतिषियों के अनुसार रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहिणी का योग होने से मार्कण्डेय और सत्याभामा योग इस करवा चौथ पर बन रहा है.70 साल बाद करवा चौथ पर ऐसा  शुभ संयोग बन रहा है. इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग होना करवा चौथ को अधिक मंगलकारी बना रहा है.इस योग के चलते करवाचौथ इस बार पहली बार व्रत रखने वाली युवतियों व नवविवाहिताओं के लिए बेहद लाभकारी व फलदायी बताया जा रहा है .
सागर का बाज़ार भी करवाचौथ त्यौहार की खरीदी के लिए सज चुका है .बाज़ार में पूजा सामग्री की दुकानें खासतौर पर - तीन बत्ती से लेकर मस्जिद के बीच फूटपाथ पर लग चुकीं हैं . इन पर महिलाओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है .
पूजन सामग्री के अलावा अपनी प्रियतमा को मनपसंद तौहफा देने को बेचैन खरीददारों के लिए बाज़ार में नई -नई डिजाइन की साडीयों व श्रृंगार सामग्री से बाज़ार उफन रहा है . नए बाज़ार में साडियों के विक्रेता 
अनुष्का साड़ी स्टोर के संचालक विपिन सुखवानी बताते हैं कि इस समय महिलाओं में फ्रिल झालर ,फैंसी किनारी के साथ साथ बाहुबली की नायिका देवसेना द्वारा पहनी गयी डिजाईन की साड़ी "देवसेना " की खूब मांग बनी हुए है . वहीँ शगुन क्लॉथ के मालिक मुकेश के मुताबिक साडीयों में शहर की महिलाओं  में लाल मेहरून लहंगा साड़ी, जैवनिया प्रिंटेड रेशम व सूती साडीयाँ भी काफी पसंद की जा रहीं हैं . जबकि नया बाज़ार में स्थित न्यू कान्हा साडी स्टोर के मालिक मनोज संगतानी  का कहना है कि " बाज़ार में एक बार फिर बनारसी साडीयों का चलन आ रहा है . लेकिन इस बार की ख़ास बात है कि जो बनारसी साडीयां बजा में आयीं है वो महंगी नहीं हैं . इनकी कीमतें ४०० रुपए से शुरू हो रही हैं  इनके बारे में दूसरी ख़ास बात है इनको ड्राई क्लीन नहीं करना पड़ेगा इनको घर में ही हाथ से धोया जा सकता है और ये काफी टिकाऊ भी हैं .
वहीँ बाज़ार में  करीब सालों से फूटपाथ पर ठेला लगाने वाले ४० वर्षीय मुहम्मद असरफ का कहना है इस बार चूड़ियों और कंगन के एक से बढ़कर एक डिजाईन आयीं हैं जो दाम से भी किफायतीं है .ये शहर व गाँव दोनों ही जगह से आने वाली लड़कियों को काफी पसंद  आ रही  हैं I यहीं फूटपाथ पर कंधे पर लटकाने वाले  फैंसी बैग की दूकान लगाने वाले  आशिफ का कहना है की बाज़ार इस बार थोड़े देर से उठा हैं लेकिन काफी उम्मीद जगाने वाला है . आसिफ के पास उपलब्ध बैग के कीमत १०० रूपए से १००० रुपए तक की है लेकिन बनावट व मजबूती के हिसाब से ये महगें से महगें बैग को टक्कर देते लग रहे हैं .
करवाचौथ के त्यौहार पर महिलाओं में विशेष श्रृंगार करने का भी चलन बढ़ा है जिस के चलते ब्यूटी पार्लर में त्यौहार के दिन खासी गहमा -गहमी बनी रहती है . सिविल लाइन स्थित एक ब्यूटी पार्लर संचालिका के मुताबिक करवाचौथ की दिन उनके यहाँ  मेकअप  करने आने वाली युवतियों की संख्या १०० के पार भी चली जाती है .

करवा चौथ का त्योहार 17 अक्टूबर (गुरुवार) को पड़ रहा है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद अपना व्रत तोड़ती हैं. माना जाता है कि इस दिन अगर सुहागिन स्त्रियां उपवास रखें तो उनके पति की उम्र लंबी होती है और उनका गृहस्थ जीवन सुखी रहता है. ये व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है जिसे चांद निकलने तक रखा जाता है.

करवाचौथ व्रत की पूजा विधि -सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं. सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें पानी पीएं और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें.
-करवाचौथ में महिलाएं पूरे दिन जल-अन्न कुछ ग्रहण नहीं करतीं फिर शाम के समय चांद को देखने के बाद दर्शन कर व्रत खोलती हैं.
-पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवे रखें.-एक थाली में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं.-पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरु कर देनी चाहिए. इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर पूजा करती हैं.-पूजन के समय करवा चौथ कथा जरूर सुनें या सुनाएं.
-चांद को छलनी से देखने के बाद अर्घ्य देकर चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए.
-चांद को देखने के बाद पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए.
-इस दिन बहुएं अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रूपये आदि देकर उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लेती हैं.

 

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