एएबी समाचार / प्रदेश में खरीफ की 149.35 लाख हेक्टेयर फसल में से 60.52 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ है। इससे लगभग 55.36 लाख किसान प्रभावित हुए हैं। प्रदेश की लगभग 11 हजार किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। लगभग 18 हजार 604 बिजली के खंबे और ट्रांन्सफार्मर तथा 1.2 लाख मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। मुख्य सचिव एस.आर
मोहन्ती की अध्यक्षता में मंत्रालय में संपन्न अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय
दल की बैठक में अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रदेश को हुई क्षति के लिये राष्ट्रीय
आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) से 6 हजार 621 करोड़ रूपये की सहायता उपलब्ध
कराने का अनुरोध किया गया है।
संयुक्त सचिव केन्द्रीय गृह मंत्रालय एस.के.शाही के नेतृत्व में आये अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल ने प्रदेश के 15 जिलों का भ्रमण कर आज राज्य शासन के अधिकारियों के साथ मंत्रालय में बैठक की। केन्द्रीय दल को अवगत कराया गया कि प्रदेश में एक जून से 30 सितम्बर तक की अवधि में 1348.3 एम.एम. वर्षा हुई, जो सामान्य से 43 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के 20 जिले अतिवृष्टि से प्रभावित हैं। भारी बारिश के कारण लगभग 75 हजार लोगों को राहत शिविरों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर लाना पड़ा और लगभग 289 राहत शिविर संचालित किये गये।
बैठक में बताया गया कि स्कूल शिक्षा तथा आदिम जाति कार्य विभाग के 19 हजार 958 और महिला-बाल विकास के 17 हजार 106 भवन तथा ग्रामीण विकास की 2 हजार 923 जल प्रदाय से संबंधित 2 हजार 398 संरचनाओं को नुकसान हुआ है। इसके साथ स्वास्थ्य, जल संसाधन विभाग के भवन भी प्रभावित हुए हैं। क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत के लिए 2285.88 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। इसी क्रम में फसलों को हुए नुकसान के लिए 3 हजार 742 करोड़, क्षतिग्रस्त मकानों और जानमाल के नुकसान की भरपाई के लिए 579 करोड़ 96 लाख तथा आपदा राहत आदि के लिए 13 करोड़ 44 लाख रूपये की सहायता की केन्द्र से मांग गई है।
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