#Gandhi Jayanti : गाँधी जयंती से खादी से बने उत्पादों पर मिलेगी २० से ४० फीसदी तक की छूट ...
एबीबी समाचार / महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के मद्देनजर खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग (केवीआईसी) पहली बार गांधी टोपी एवं गांधी धोती पर 40 प्रतिशत की छूट दे रही है। इसी तरह सभी ग्रामोद्योग उत्पादों पर 20 प्रतिशत छूट दी जाएगी जो 2 अक्टूबर से प्रभावी होगी और यह 40 दिनों के लिए मान्य होगी।
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर नई दिल्ली में केवीआईसी के नए उत्पादों को बाज़ार में उतारने के साथ-साथ एक विशेष बिक्री अभियान भी शुरू किया। उन्होंने बांस से बनी 700 एमएल और 900 एमएल की क्षमता वाली बोतल को बाज़ार में उतरा है । यह बोतल त्रिपुरा स्थित एक संगठन द्वारा बनाई गई है। इसे प्लास्टिक की बोतलों का सटीक प्रतिस्थापन या विकल्प माना जा रहा है क्योंकि यह प्राकृतिक, किफायती, आकर्षक और सर्वाधिक पर्यावरण अनुकूल है। उन्होंने लाडली द्वारा तैयार किफायती सैनिटरी नैपकिन के साथ-साथ एक नए साबुन और कच्ची घानी सरसों तेल को भी लॉन्च किया।
राष्ट्रपिता को स्मरण करते हुए गडकरी ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग गांधीजी के हृदय के बहुत करीब थे। उन्होंने कहा कि गांधीवादी अर्थशास्त्र में अधिकतम लोगों की भागीदारी के साथ अधिकतम उत्पादन पर जोर दिया जाता है और भारत सरकार उनके सपनों को साकार करने के लिए पूरी तन्मयता के साथ काम कर रही है। उन्हों ने खादी उत्पादों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया, ताकि उन्हें युवाओं के लिए और ज्यादा आकर्षक बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि मंत्रालय और केवीआईसी इस संबंध में प्रख्यात डिजाइनरों के साथ सहयोग कर रहे हैं।
गडकरी ने पर्यावरण अनुकूल, किफायती और स्वास्थ्य तथा पर्यावरण के लिए बेहतर माने जाने वाले नए उत्पादों को विकसित करने में केवीआईसी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वर्ष खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) 13 अक्टूबर, 2018 को एक ही दिन में 1.25 करोड़ रुपये की बिक्री करने के स्वयं के रिकॉर्ड को तोड़ देगा।
केवीआईसी के अध्यक्ष विनय सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी ग्रामोद्योगों के पुनरुत्थान में जुटा हुआ है। उन्होंने बताया कि केवीआईसी का वार्षिक कारोबार लगभग 3,000 करोड़ रुपये है और इसे आने वाले वर्षों में बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।