केंद्र सरकार ने रबी की बम्पर पैदावार होने के अनुमानित आंकड़े जारी किये ....
एबीबी न्यूज़ / नई दिल्ली / इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान सितंबर के माध्य तक कुल वर्षा लम्बी अवधि के औसत (एलपीए) की तुलना में 4 प्रतिशत अधिक आंकी गई है। कृषि वर्ष 2019-20 के लिए ज्यादातर फसलों की पैदावार उनके सामान्य उत्पादन की तुलना में अधिक दर्ज की गई है। हालांकि, राज्यों से प्राप्त होने वाली और ज्यादा जानकारियों के आधार पर इन अनुमानों में संशोधन किया जाएगा।
वर्ष 2019-20 (केवल खरीफ) के लिए प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन 140.57 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। वर्ष 2019-20 के दौरान कुल पैदावार पिछले पांच वर्षों (2013-14 से लेकर 2017-18 तक) में दर्ज किए गए औसत खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 8.44 मिलियन टन अधिक है।
वर्ष 2019-20 के दौरान खरीफ चावल का कुल उत्पादन 100.35 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। यह पिछले पांच वर्षों के 93.55 मिलियन टन के औसत उत्पादन से 6.80 मिलियन टन अधिक है।
वर्ष 2019-20 के दौरान खरीफ सीजन के पोषक तत्वों/मोटे अनाजों का कुल उत्पादन 32.00 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। यह वर्ष 2018-19 के 30.99 मिलियन टन के उत्पादन की तुलना में 1.01 मिलियन टन अधिक है।
वर्ष 2019-20 के दौरान खरीफ दलहन का कुल उत्पादन 8.23 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। यह पिछले पांच वर्षों के 7.23 मिलियन टन के औसत उत्पादन से 1.00 मिलियन टन अधिक है।
वर्ष 2019-20 के दौरान खरीफ तिलहन का कुल उत्पादन 22.39 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। यह वर्ष 2018-19 के 21.28 मिलियन टन के उत्पादन की तुलना में 1.11 मिलियन टन अधिक है। इतना ही नहीं, वर्ष 2019-20 के दौरान तिलहन उत्पादन इसके औसत उत्पादन से भी 2.17 मिलियन टन ज्यादा है।
वर्ष 2019-20 के दौरान कुल गन्ना उत्पादन 377.77 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। वर्ष 2019-20 के दौरान गन्ना उत्पादन 349.78 मिलियन टन के औसत गन्ना उत्पादन से 27.99 मिलियन टन अधिक है।
वर्ष 2019-20 के दौरान कपास उत्पादन 32.27 मिलियन गांठें (प्रत्येक 170 किलो) होने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2018-19 के 28.71 मिलियन गांठों के उत्पादन की तुलना में 3.56 मिलियन गांठें अधिक है। इसी तरह वर्ष 2019-20 के दौरान जूट एवं मेस्ता का उत्पादन 9.96 मिलियन गांठें (प्रत्येक 180 किलो) होने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2018-19 में हुए उत्पादन की तुलना में ज्यादा है।