AAB NEWS/जैसे-जैसे बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय देश के सबसे प्रतीक्षित समुद्री आयोजन- ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट- 2023 (Global Maritime India Summit-2023) की तैयारी कर रहा है, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग (पीएसडब्ल्यू) और आयुष सर्बानंद सोनोवाल ने मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री श्रीपाद वाई. नाइक के साथ आज मुंबई में मीडिया को इसकी जानकारी दी। Global Maritime India Summit-2023, 17 से 19 अक्टूबर तक एमएमआरडीए ग्राउंड, बीकेसी, मुंबई में आयोजित किया जाएगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, केंद्रीय पीएसडब्ल्यू मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री के "एक पृथ्वी, एक परिवार एक भविष्य" के दृष्टिकोण के अनुरूप, Global Maritime India Summit-2023 के प्रत्येक सत्र को वैश्विक समुद्री मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।"



श्री सोनोवाल ने कहा, “Global Maritime India Summit-2023 प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' दृष्टिकोण के साथ जुड़ा हुआ है और सार्वजनिक निजी भागीदारी के लिए अवसरों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करता है, जिसमें 15 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता के साथ पूरे क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश के अवसरों की पहले से ही पहचान की गई है।”

श्री सोनोवाल ने कहा, "हमारा दृष्टिकोण नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, हरित बंदरगाहों के विकास को बढ़ावा देना, टिकाऊ बुनियादी ढांचे, क्रूज पर्यटन और समुद्री उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए वैश्विक निवेश आकर्षित करना है।"



इस अवसर पर Global Maritime India Summit-2023 पर "नेविगेटिंग एक्सीलेंस: इंडियाज मैरीटाइम सेक्टर" शीर्षक से एक पुस्तिका जारी की गई।

गौरतलब है कि ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 का तीसरा संस्करण पैमाने और भागीदारी के मामले में 2016 और 2021 में आयोजित पिछले दो शिखर सम्मेलनों की तुलना में बहुत बड़ा और अधिक समावेशी होने जा रहा है।

Global Maritime India Summit-2023 में 70 से अधिक देशों की भागीदारी की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन में संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, आर्मेनिया, इटली, श्रीलंका, तुर्कमेनिस्तान, बेलारूस, बांग्लादेश और मेडागास्कर के कई वरिष्ठ मंत्री भाग लेंगे। 
 
शिखर सम्मेलन 250 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं और सीईओ की मेजबानी करेगा, इसके अलावा 20 से अधिक विषयगत सत्र आयोजित करेगा, जिसमें 7 अंतर्राष्ट्रीय गोलमेज़ और 13 से अधिक क्षेत्रीय और राज्यों की चर्चाएं शामिल हैं। 
 
बिम्सटेक देशों, चाबहार और आईएनएसटीसी (इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर), अफ्रीका, इंडो पैसिफिक, यूरोप और नए लॉन्च किए गए आईएमईसी (भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर) में क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा की योजना है।



सचिव, एमओपीएसडब्ल्यू श्री टी.के.रामचंद्रन ने आयोजन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “Global Maritime India Summit-2023 बंदरगाहों, जहाज निर्माण, जलमार्ग और समुद्री शिक्षा जैसे विविध समुद्री क्षेत्रों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए एक विस्तृत कैनवास प्रदान करता है। 
 
शिखर सम्मेलन ने कई फोकस क्षेत्रों की पहचान की है, जिनमें भविष्य के बंदरगाह, डीकार्बोनाइजेशन, तटीय शिपिंग और अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी), जहाज निर्माण, मरम्मत और पुनर्चक्रण, वित्त, बीमा और मध्यस्थता, नवाचार और प्रौद्योगिकी, समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा और समुद्री पर्यटन शामिल हैं।”

मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री राजीव जलोटा भी उपस्थित थे।
AAB NEWS/ केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रोगियों की देखभाल की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने और उपलब्ध नवीनतम नैदानिक और चिकित्सीय तौर-तरीकों का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), क्वांटम और अन्य नई प्रौद्योगिकियों के साथ चिकित्सा विज्ञान के छात्र (मेडिकोज) को कुशल बनाने का प्रस्ताव दिया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह बेंगलुरु के रमैया मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अकादमी (भारत) के 63वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।



विशेष रूप से युवा पेशेवरों में निरंतर कौशल निर्माण पर जोर देते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह, जो एक प्रसिद्ध मधुमेह विशेषज्ञ और मेडिसिन के प्रोफेसर भी हैं, ने कहा कि भारत ने प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रोग निरोधी और एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में नेतृत्व किया है। 
 
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अकादमी (एनएएमएस) जैसे पेशेवर चिकित्सा निकाय और सरकार देश के सभी नागरिकों को रोग निरोधी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए एक साथ आगे आकर कार्य कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि “जहां भी हम रोगी की देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं, हम कम से कम नई तकनीक के माध्यम से बीमारियों की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और मुझे लगता है कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अकादमी (एनएएमएस) रोग निरोधी चिकित्सकों की सेवाएं ले सकता है, जो विशुद्ध रूप से रोग निरोधी चिकित्सा क्षेत्र में विशेषज्ञ हों। 
 
यदि हम ऐसा कर पाते हैं तो हम न केवल चिकित्सा अथवा चिकित्सकीय देखभाल क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेंगे, बल्कि वास्तव में उस विशाल युवा वर्ग की ऊर्जा को संरक्षित करते हुए राष्ट्रीय जिम्मेदारी को निभाएंगे, जो India@2047 का वास्तुकार बनने जा रहा है।”

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले 9 वर्षों ने भारत को कम लागत में चिकित्सा सुविधा के गंतव्य के रूप में बदला है और यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कार्यभार संभालने के बाद से कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सुधारों और सक्षम प्रावधानों को कार्य रूप में लाया गया है।

उन्होंने कहा, ''पहले भारत को शायद ही किसी रोग निरोधी स्वास्थ्य देखभाल के लिए जाना जाता था, लेकिन आज भारत को दुनिया के टीकाकरण केंद्र के रूप में पहचाना जाता है, जिसने डीएनए कोविड वैक्सीन, दुनिया का पहला इंट्रा-नेजल कोविड वैक्सीन, भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित टीका, सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए "सीईआरवीएवीएसी" और विभिन्न बीमारियों के लिए कई अन्य टीकों का उत्पादन किया है।




डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में 145 मेडिकल कॉलेज से यह संख्या बढ़कर 260 हो गई है, इसके अलावा एम्स ने 19 शैक्षणिक सत्र शुरू कर दिए हैं। 
 
एमबीबीएस यूजी सीटों की संख्या वर्ष 2014 में 51,348 से बढ़कर 91,927 हो गई है, जो 79% की वृद्धि है। पीजी सीटों की संख्या भी वर्ष 2014 में 31,185 सीटों से 93 फीसदी बढ़कर 60,202 सीटें हो गई हैं।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत अब तक की दुनिया की सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य बीमा योजना है और इसकी संकल्पना का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। उन्होंने कहा कि यह संभवत: दुनिया की एकमात्र स्वास्थ्य बीमा योजना है जो पहले से मौजूद बीमारी के लिए भी बीमा कवर लेने का विकल्प प्रदान करती है।




डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि लोगों की उम्र बढ़ने से भारत को अमृतकाल के दौरान द्विध्रुवीय चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा, “70 प्रतिशत से अधिक आबादी 40 वर्ष से कम आयु की है। एक ओर, युवा आयु वर्ग में जनसंख्या का एक बड़ा प्रतिशत है, और दूसरी ओर, हमारे पास बुजुर्ग आबादी की बढ़ती संख्या है। इस प्रकार, हमारे सामने बीमारियों को फैलने से रोकने के साथ-साथ अक्षमता की जांच करने की दोहरी चुनौती है।”

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत ने स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, हाल ही में चन्द्रयान-3 के प्रक्षेपण, क्वांटम प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है। नई दिल्ली में सबसे सफल जी 20 शिखर सम्मेलन के मौके पर घोषित अंतर्राष्ट्रीय जैव ईंधन गठबंधन का चिकित्सा बिरादरी पर भी बहुत बड़ा असर पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘इसने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को दुनिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ नेताओं में से एक या संभवतः विश्व के सर्वश्रेष्ठ नेता के रूप में स्थापित किया है।’



विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि चंद्रयान-3 और भारत की वैक्सीन की कहानी पिछले चार-पांच वर्षों में भारत की बड़ी सफलता की कहानियां हैं।

“हमारे पास सब कुछ था, लेकिन हम संभवतः एक सक्षम वातावरण के होने का इंतजार कर रहे थे। यह अनुकूल वातावरण नीति निर्माताओं के स्तर से, राजनीतिक नेतृत्व के स्तर से आना चाहिए और यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद से हुआ।”

उन्होंने कहा, "ऐसे देश में जहां 40 वर्ष से कम आयु की 70 प्रतिशत आबादी है और आज के युवा India@2047 के प्रमुख नागरिक बनने जा रहे हैं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हमारी अर्थव्यवस्था के लिए निर्धारित विकास की अपेक्षित दर को प्राप्त करने में रोग निरोधी स्वास्थ्य देखभाल और व्यापक स्तर पर सामूहिक स्वास्थ्य जांच मदद करेगी।”
AAB NEWS/  केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि उच्च तकनीक वाले चिकित्सा उपकरणों के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बीच, भारत बहुत कम लागत पर दुनिया के शीर्ष पांच स्वास्थ्य सेवा निर्माताओं में से एक के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि भारत जीवन रक्षक उच्च जोखिम वाले चिकित्सा उपकरणों का निर्माण कर रहा है, लेकिन इनकी लागत दूसरों के मुकाबले बहुत कम है।
 
डॉ. जितेन्द्र सिंह नई दिल्ली में कंसोर्टियम ऑफ एक्रेडिटिड हेल्थकेयर (सीएएचओ) द्वारा आयोजित 8वें काहोटेक, वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी सम्मेलन में उद्घाटन भाषण दे रहे थे।
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डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि चिकित्सा उपकरणों को देश के एक उभरता क्षेत्र माना जाता है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार भारत को इनका विनिर्माण केन्द्र बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि भारत चिकित्सा प्रौद्योगिकी और उपकरणों का वैश्विक केंद्र बनने के लिए तैयार है। इसका वर्तमान बाजार आकार 11 बिलियन डॉलर (लगभग, 90,000 करोड़ रुपये) है, जिसके 2050 तक बढ़कर 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि 1.5 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी से हमें यह उम्मीद है कि अगले 25 साल में भारत की यह बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 10-12 प्रतिशत हो जाएगी।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने चिकित्सा उपकरणों की पहचान एक प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में की है और सरकार स्वदेशी विनिर्माण इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति 2023 और चिकित्सा उपकरणों के लिए निर्यात-संवर्धन परिषद की स्थापना का उद्देश्य भारत को चिकित्सा उपकरण विनिर्माण का केंद्र बनाना है। इसके अलावा, ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड सेटअप और चिकित्सा उपकरण पार्क योजना को बढ़ावा देने के लिए स्वचालित मार्ग के तहत शत-प्रतिशत एफडीआई अनुसंधान और विनिर्माण को उत्प्रेरित करने का काम करता है। उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से देश में उन 43 महत्वपूर्ण सक्रिय दवा सामग्रियों (एपीआई) का उत्पादन किया जा रहा है, जो पहले विदेश से आयात की जाती थी।
केन्द्र सरकार हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश राज्यों में 4 चिकित्सा उपकरण पार्कों की स्थापना करने में सहायता प्रदान कर रही है। चिकित्सा उपकरणों के लिए पीएलआई योजना के तहत, अब तक, 1,206 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश के साथ कुल 26 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है
इसमें से अब तक 714 करोड़ रुपये का निवेश हासिल कर लिया गया है। इन 26 परियोजनाओं में से 14 परियोजनाएं, 37 उत्पादों का उत्पादन शुरु हो गया है और उच्च चिकित्सा उपकरणों का घरेलू विनिर्माण शुरू हो गया है जिसमें लाइनर एक्सीलेटर एमआरआई, स्कैन, सीटी-स्कैन, मैमोग्राम, सी-आर्म, एमआरआई कॉइल्स, हाई एंड एक्स-रे ट्यूब आदि शामिल हैं।
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डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नॉलॉजी तिरूवनंतपुरम द्वारा विकसित कृत्रिम हृदय वाल्व, हाइड्रोसिफ़लस शंट, ऑक्सीजनेटर और ड्रग एल्यूटिंग इंट्रा यूटरिन उपकरण जैसी तकनीकों का निर्माण केवल अमेरिका, जापान, ब्राजील और चीन में ही किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि स्वदेश निर्मित विश्वस्तरीय चिकित्सा उपकरण भारतीय मरीजों को उनके आयातित उपकरणों की तुलना में लगभग एक-चौथाई से एक-तिहाई मूल्यों पर उपलब्ध हो रहे हैं, जो चिकित्सा उपकरणों के साथ-साथ चिकित्सा प्रबंधन में देश के आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर दृष्टिकोण को दर्शाता है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर-सीईईआरआई (केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान), पिलानी द्वारा व्यावसायिक उपयोग के लिए विकसित उच्च शक्ति वाला मैग्नेट्रॉन ऑन्कोलॉजिस्ट के लिए 2 मिलीमीटर व्यास के ब्रेन ट्यूमर का इलाज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण तकनीक है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने 1 अगस्त, 2023 को नई दिल्ली में भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित, किफायती, हल्का, अल्ट्राफास्ट, हाई फील्ड (1.5 टेस्ला), अगली पीढ़ी के मैगनेटिक रिजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैनर लॉन्च किया था।
स्वदेशी एमआरआई स्कैनर से आम आदमी के लिए एमआरआई स्कैनिंग की लागत काफी कम होने की उम्मीद है, जिससे उच्च लागत वाले एमआरआई स्कैन तक व्यापक पहुंच हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, अंतरराष्ट्रीय बाजार से एमआरआई स्कैनर को खरीदने में होने वाले पूंजी निवेश में काफी कमी होने से बहुत सारी विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
दुनिया की लगभग 70% आबादी के पास एमआरआई नैदानिक पद्धति तक कोई पहुंच नहीं है। इसका कारण निषेधात्मक रूप से उच्च पूंजीगत लागत है जो भारत जैसे विकासशील देशों में एक बड़ी समस्या है। 
 
वर्तमान में देश में लगभग 350 मशीनों की वार्षिक मांग है, लेकिन फ्लैगशिप आयुष्मान भारत पहल सहित सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुंच और समावेशिता की अनेक पहलों के कारण, इनकी वार्षिक मांग 2030 तक दोगुनी से अधिक होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि भारत स्वदेशी रूप से विकसित पहला एमआरआई स्कैनर उपलब्ध कराकर इनमें से कई समस्याओं का समाधान करेगा, क्योंकि यह मशीन पहले से उपलब्ध मशीनों की तुलना में बहुत किफायती है। 
उन्होंने कहा कि यह ग्लोबल साउथ में अन्य देशों के साथ इस सफलता को साझा करने की संभावनाओं का प्रस्ताव भी करता है, जिससे उन्हें सस्ती और भरोसेमंद चिकित्सा इमेजिंग समाधानों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
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डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) की मदद से पैनेसिया मेडिकल टेक्नोलॉजिज प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर ने पिछले वर्ष भारत का पहला सबसे उन्नत और अभिनव एसबीआरटी सक्षम लीनियर एक्सीलरेटर (लिनाक), सिद्धार्थ द्वितीय लांच किया, जो 3डीसीआरटी, वीएमएटी, आईएमआरटी, एसबीआरटी और एसआरएस जैसे उपचार के तौर-तरीकों को करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि यह विश्व का ऐसा तीसरा ब्रांड है जो दो बड़ी वैश्विक कंपनियों ब्रिटेन और जापान के अलावा बाजार के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया' के मंत्र और 'मेड फॉर द वर्ल्ड' के अनुरूप इस मशीन को दुनिया के कई देशों में निर्यात किया जा सकता है, क्योंकि कंपनी को पहले ही यूएस एफडीए की मंजूरी मिल चुकी है।
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि सरकार ने दवा, चिकित्सा उपकरणों और प्रसाधन सामग्री विधेयक 2023 का नवीनतम मसौदा परिपत्रित किया है, जिसमें एक प्रावधान है जो सरकार को अधिसूचना द्वारा किसी भी दवा की ऑनलाइन बिक्री या वितरण को विनियमित करने, प्रतिबंधित करने या प्रतिबंधित करने की अनुमति देता है।
उन्होंने कहा, "40 वर्ष से कम आयु के 70% आबादी वाले देश में और आज के युवा India@2047 के प्रमुख नागरिक बनने जा रहे हैं, निवारक स्वास्थ्य देखभाल और व्यापक जन स्क्रीनिंग हमारी अर्थव्यवस्था को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित विकास की अपेक्षित दर को प्राप्त करने में मदद करेगी।

 AAB NEWS/ केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘Rising India: Amrit Kaal of Unprecedented Growth’ विषय पर PHD Chamber of Commerce and Industry के 118वें वार्षिक सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।

 

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत में आयोजित G20 बैठक के बाद ना केवल व्यापार और उद्योग बल्कि पूरे देश में हर क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। 

उन्होंने कहा कि G20 और चंद्रयान की सफलता, मिशन आदित्य और लोक सभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, इन चारों घटनाओं ने पूरे देश में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। 

उन्होंने कहा कि आज का ये कार्यक्रम अमृतकाल की शुरूआत के समय हो रहा है। आज़ादी से अब तक देश ने 75 सालों की यात्रा की है और हर क्षेत्र में इन 75 वर्षों में देश ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। 

श्री शाह ने कहा कि इन 75 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि रही कि लोकतंत्र की जड़ें गहरी करने में हमें एक देश के नाते सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखाया है कि नीति के मामले में गवर्नमेंट एक अनवरत प्रक्रिया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान कहा था कि पिछले 75 वर्षों की उपलब्धियों के गौरवगान के साथ-साथ हमें 2047 में आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने पर देश कहां होगा, इसके लक्ष्य भी तय करने हैं और उन्हें सिद्ध भी करना है। 

उन्होंने कहा कि इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने 75 से 100 वर्षों की इस यात्रा को अमृतकाल कहा है जो संकल्प लेने और उसे सिद्धि में परिवर्तित करने का समय है। श्री शाह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी के सपनों के भारत का निर्माण करना चाहते हैं कि जब देश की आज़ादी की शताब्दी हो तब भारत हर क्षेत्र में दुनिया में सबसे आगे हो। 

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा, सबसे अधिक आबादी वाला और सबसे अधिक इंजीनियर्स, डॉक्टर्स, टेक्नोक्रेट्स वाला देश भारत है। यहां लोकतंत्र भी है, टीमवर्क भी है और अब मोदी जी के नेतृत्व में नीति निर्धारण भी बहुत अच्छे से हो रहा है।

श्री अमित शाह ने कहा कि PHD Chamber of Commerce and Industry आने वाले वर्षों में देश के ट्रेड और इंडस्ट्री की दिशा और दशा को निर्धारित करने में निर्णायक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम की थीम इस समय के अनुसार बहुत उपयुक्त है। 

PHD Chamber of Commerce and Industry देशभर के छोटे-बड़े डेढ़ लाख से अधिक उद्योगों का प्रतिनिधित्व करता है और एक प्रकार से Voice of Industry and Trade के रूप में इसे जाना भी जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लक्ष्य रखा है कि 2047 में भारत संपूर्ण विकसित राष्ट्र हो, 2026 में भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की हो और 2027 में हम 5वें से तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन जाएं। 

इन तीनों लक्ष्यों को सिद्ध करने में इंडस्ट्री की बहुत बड़ी भूमिका है। ट्रेड और इंडस्ट्री एक प्रकार से देश की इकोनॉमी का हृदय होता है जहां से पूरी अर्थव्यवस्था को ऊर्जा मिलती है। मोदी जी की नीतियों से आए बदलाव के कारण आज हर जगह India’s Moment की बात होती है और पूरे विश्व में भारत को 'वाइब्रेंट स्पॉट' के रूप में जाना जाता है। उन्होने कहा कि पिछली तिमाही में हमारी अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी और मुद्रास्फीति को भी 40 महीनों के न्यूनतम स्तर पर मेंटेन करने में हम सफल रहे हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पूरी दुनिया को दिए गए वसुधैव कुटुंबकम के सूत्र के अनुरूप भारत हर क्षेत्र में वैश्विक समस्याओं को हल करने में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। आज आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, सोलर अलायंस, ग्रीन एनर्जी आदि सभी क्षेत्रों में दुनिया भारत की ओऱ देख रही है और हमारे कई इनीशिएटिव्स आज पूरी दुनिया का मार्गदर्शन कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले 9 वर्षों में हर क्षेत्र में भारत को बदलने का प्रयास किया है और सफल भी हुए हैं। मोदी जी ने पिछले 9 वर्षों में देश के अर्थतंत्र को एक नई दिशा और मज़बूती देने का काम किया है। 

 

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के ये 9 साल Promise, Performance और परिणाम के रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि 2014 में किए गए वादों को पूरा करने के लिए पुरूषार्थ किया गया जिसका हमें बहुत अच्छा परिणाम मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत 10 साल तक विश्व की 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था रहा और मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 9 सालों में इस stagnation को खत्म कर हम 11वें से 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गए हैं और 2027 तक हम दुनिया की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए हमारा GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 6.1 प्रतिशत है और इसे हासिल करने के साथ ही भारत G20 में सबसे अधिक ग्रोथ रेट वाला देश बन जाएगा। श्री शाह ने कहा कि 14 सेक्टर्स में PLI Scheme ने Make in India के स्वप्न को साकार किया है। आज पूरे विश्व के लिए उत्पादन के क्षेत्र में भारत lucrative destination बना हुआ है और विश्व की सभी कंपनियां भारत में आना चाहती हैं जो हमारे लिए बहुत सारे मौकों का सृजन करता है।

श्री अमित शाह ने कहा कि 2004 से 2014 के कालखंड में कहा जाता था कि देश को पॉलिसी पैरालिसिस हो गया है लेकिन हमने पिछले 9 सालों में कई नीतियों का निर्माण किया है, और, इसी का परिणाम है कि हमारे GDP को 2.03 ट्रिलियन से 3.75 ट्रिलियन तक पहुंचाने में हमें सफलता मिली है। 2013-14 में प्रति व्यक्ति आय 68,000 रूपए थी, जो 2022-23 में बढ़कर 1,80,000 रूपए हो गई है। 

2014 में Capital Expenditure 3.9 लाख करोड़ रूपए था, जिसे 2023 में मोदी सरकार ने बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रूपए तक पहुंचाने का काम किया है। हम Federal Structure में रहरहे हैं और जब तक Team India का concept ना हो तब तक इस देश का सर्वांगीण विकास हो ही नहीं सकता। 

  • उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने Team India के concept को बढ़ावा दिया और भारत सरकार द्वारा राज्यों को आवंटित राशि, जो 2004 से 2014 के बीच 30 लाख करोड़ रूपए थी, 2014 से 2023 के 9 वर्षों में 100 लाख करोड़ रूपए तक बढ़ाने का काम किया। 

  • 2004 से 2014 के बीच टैक्स संग्रह 19 लाख करोड़ रूपए था, जो 2014 से 2023 के 9 वर्षों में जो बढ़कर 70 लाख करोड़ रूपए हो गया है। 

  • देश में आज़ादी के बाद 70 सालों में 74 हवाई अड्डे बने थे, आज 148 हवाई अड्डे बन चुके हैं और ऑपरेशनल हैं। 

  • 2004 से 2014 के बीच 610 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई गई, लेकिन पिछले 9 सालों में 6,565 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम हुआ है। 

  • 2014 तक देश में कुल राष्ट्रीय राजमार्ग 91,000 किलोमीटर थे, लेकिन पिछले 9 वर्षों में हमने 50,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया है। देश में इंटरनेट के बिना आज इंडस्ट्री की कल्पना भी नहीं हो सकती है, पहले cost per GB इंटरनेट 270 रुपए था, जो आज 10 रूपए per GB की दर पर उपलब्ध है। 

  • देश में 2014 में यूनिकॉर्न स्टार्टअप 4 थे, आज 115 यूनिकॉर्न स्टार्टअप के साथ भारत विश्व में प्रमुख स्थान पर खड़ा है। 2014 में स्टार्टअप 350 थे, आज एक लाख से अधिक स्टार्टअप हमारे अर्थतंत्र को गति दे रहे हैं। 

  • 2004 से 2014 तक देश में FDI 45 बिलियन डॉलर था, जो 85 बिलियन डॉलर को पार कर गया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारा खिलौनों का एक्सपोर्ट 96 मिलियन डॉलर था, उसे 2022 में 326 मिलियन डॉलर तक पहुंचाने का काम मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि कोई मान नहीं सकता था कि GST कभी लागू हो सकता है, लेकिन हमारा GST लागू करने का सपना साकार हुआ और टीम इंडिया के अप्रोच के कारण जीएसटी काउंसिल में एक ही निर्णय वोटिंग से हुआ है, बाकी सारे निर्णय unanimously, irrespective of party politics हुए हैं। 

 

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विकसित साझा सोच की राजनीतिक संस्कृति के कारण अप्रैल, 2023 में जीएसटी संग्रह 1.87 लाख करोड़ रूपए तक पहुंचा है और मासिक औसत 1.69 लाख करोड़ रूपए है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 309 अरब डालर था, आज 593 अरब डॉलर है। 

उन्होंने कहा कि आज हमारा एक्सपोर्ट बढ़ा है, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी ट्रेड और इंडस्ट्री के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए 39000 से ज्यादा कंप्लायंस को कई कानूनों के तहत समाप्त कर दिया गया है और 3400 लीगल प्रोविजंस को क्रिमिनल से सिविल बनाने का काम केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। 

उन्होंने कहा कि ट्रेड और इंडस्ट्री के लिए देश में इससे अच्छा माहौल हो ही नहीं सकता। श्री शाह ने कहा कि 2013-14 में देश में 127 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे, जो 2022 में बढ़कर 12735 करोड़ हो गए। पूरी दुनिया के रियल टाइम डिजिटल भुगतान में अकेले भारत का हिस्सा 40% है। 

2014 में भारत में 50 करोड़ लोग ऐसे थे, जिनके परिवार में एक भी बैंक अकाउंट नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी ने इन सभी को बैंक अकाउंट देकर आज 50 करोड लोगों को देश के अर्थतंत्र के साथ जोड़ने का काम किया है। 

उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर की ओऱ देखें तो 

  • पहले 11 किलोमीटर रोड एक दिन में बनता था, अब 37 किलोमीटर बनता है। वंदे भारत ने हमारी रेल यात्रा का पूरा कांसेप्ट चेंज कर दिया है, 

  • पहले 3 शहरों में मेट्रो थी, अब 27 शहरों में है, 10 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल्‍स सड़क पर हैं, 

  • भारतनेट, जो पहले 30000 किलोमीटर बिछाई गई थी, अब 6,20,000 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाकर हर पंचायत को ऑप्टिकल फाइबर देने का काम मोदी जी ने किया है। 

  • इंटरनेट कनेक्शन में पिछले 8 सालों में 230% की दर से वृद्धि हुई है और 2027 तक नॉर्थईस्ट के आठों राज्यों की राजधानियां रेल, रोड और हवाई मार्ग से देश के साथ जुड़ जाएंगी।

श्री अमित शाह ने कहा कि हमने लैंड पोर्ट अथॉरिटी को भी पुनर्जीवित किया है और आज हमारे सभी पड़ोसी देशों के साथ इसके माध्यम से 42,000 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ है। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक ऐसी स्थिति थी जब इस देश को पॉलिसी पैरालिसिस हो गया था। 

उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कई नीतियां बनाईं। नेशनल पॉलिसी ऑन इलेक्ट्रॉनिक्स, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, जीएसटी, डिजिटल इंडिया, उड़ान योजना, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, न्यू एजुकेशन पॉलिसी आदि। 

उन्होंने कहा कि मोदी जी द्वारा लाई गयी नई शिक्षा नीति अगले 10 सालों में भारत को विश्व के सभी विद्यार्थियों के लिए सबसे अच्छे डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करेगी। श्री शाह ने कहा कि आजादी के बाद यह पहली ऐसी शिक्षा नीति है जिसका किसी ने विरोध नहीं किया है। 

इंडियन स्पेस पॉलिसी के अंदर आमूल-चूल परिवर्तन किया है, ड्रोन पॉलिसी बनाई, आयुष्मान भारत के माध्यम से पूरे हेल्थ स्ट्रक्चर में हमने आमूलचूल परिवर्तन किया है, स्मार्ट सिटी पॉलिसी के माध्यम से हमारे अर्बन सेक्टर को स्ट्रैंथ देने का काम किया है

कमर्शियल कोल माइनिंग ने हमारे संसाधनों के एक्सप्लोरेशन के लिए कई संभावनाएं खोली हैं, ग्रीन इंडिया राष्ट्रीय मिशन आज पूरे विश्व को आकर्षित कर रहा है और स्वच्छ भारत के माध्यम से देश में लगभग 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर हमने देश के स्वास्थ्य में बहुत बड़ा सुधार करने का काम किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि विश्व के अर्थतंत्र को अगले 25 साल प्रभावित करने वाले सभी क्षेत्रों में आज भारत में अपनी जगह बना ली है। विश्व के अर्थ तंत्र को अगले 25 साल तक ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल, सोलर एनर्जी, डिफेंस, ड्रोन, अंतरिक्ष, माइनिंग और ग्रीन फ्यूल एथेनॉल जैसे क्षेत्र प्रभावित करने वाले हैं। 

मोदी सरकार ने पिछले 9 वर्षों में इन सभी क्षेत्रों में भारत में सफलता के साथ आज हमारा आधार तैयार करने का काम किया है और अब इन सभी क्षेत्रों में परफॉर्म कर हमें विश्व में अपनी जगह बनानी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक विजन के साथ आने वाले 25 साल तक विश्व के अर्थतंत्र को प्रभावित करने वाले सभी क्षेत्रों में भारत में एक मज़बूत नींव डालने का काम किया है। 

श्री शाह ने कहा कि आने वाले 25 साल हमारे ट्रेड और इंडस्ट्री के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। भारत की इंडस्ट्री के लिए साइज और स्केल दोनों को बदलने का समय आ गया है और इस दिशा में पीएचडी चैंबर को इस इनीशिएटिव की दिशा में सोचना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि हमारी कंपनियों को मल्टीनेशनल बनने की दिशा में काम करना होगा और अब भारत की कंपनियां मल्टीनेशनल बनें, यह समय की मांग है। इसके साथ ही R&D के लिए हमें इन्वेस्टमेंट भी बढ़ाना होगा। 

आज हम दाल उत्पादन में पहले स्थान पर हैं, दूध उत्पादन में दुनिया में पहले स्थान पर हैं, जूट उत्पादन में पहले स्थान पर हैं और सबसे ज्यादा रेल इंजन बनाने का कोई देश है तो भारत है। 

  • इसके अलावा मोबाइल हैंडसेट उत्पादन में आज हम दुनिया में दूसरे नंबर पर है, 
  • सीमेंट उत्पादन में दूसरे नंबर पर हैं, 
  • स्टील में दूसरे नंबर पर है, 
  • कॉटन में दूसरे नंबर पर है और 
  • चाय के उत्पादन में भी हम दूसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं। 
  • स्टार्टअप और मोटर व्‍हीकल्‍स में हम तीसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं, 

यह बताता है कि अगर हम ठान लेते हैं तो हम कर भी लेते हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि हमारी बैंकिंग सेक्टर को बहुत अच्छे तरीके से NPA से हमने बाहर निकाला है। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए 9000 करोड़ रूपए का क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने टीम इंडिया का एप्रोच बनाया है, इसका मतलब भारत सरकार और राज्य सरकार नहीं है। 

टीम इंडिया का मतलब देश का हर किसान और हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी इंडस्ट्री मिलकर ही टीम इंडिया बनती है, और, तब जाकर 2047 में हम अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे। आज अमृतकाल की शुरुआत है, समय है संकल्प लेने का और संकल्प से सिद्धि का रोड मैप बनाने का, इसीलिए यही समय है, सही समय है।