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एएबी समाचार/   एक महत्वपूर्ण घोषणा में, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा पर यूनेस्को के 2003 के कन्वेंशन की अंतर सरकारी समिति ने फ्रांस के पेरिस में 13 से 18 दिसंबर तक आयोजित हो रहे 16 वें सत्र में 'कोलकाता में दुर्गा पूजा' को अपनी 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया है।  समिति ने दुर्गा पूजा की उस पहल की प्रशंसा की है, जिसके जरिए हाशिए पर रहने वाले समूहों, व्यक्तियों के साथ-साथ महिलाओं को भागीदारी और सुरक्षा मिलती है।

 UNESCO On Durga Pooja

केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने एक ट्वीट में कहा कि यह हमारी समृद्ध विरासत, संस्कृति, रीति-रिवाजों और प्रथाओं के संगम की मान्यता है। इसके साथ ही स्त्री देवत्व और नारीत्व की भावना का उत्सव भी है।

 

दुर्गा पूजा न केवल स्त्री देवत्व का उत्सव है, बल्कि नृत्य, संगीत, शिल्प, अनुष्ठानों, प्रथाओं, पाक परंपराओं और सांस्कृतिक पहलुओं की एक उत्कृष्ट अभिव्यक्ति है। यह त्योहार जाति, पंथ और आर्थिक वर्गों की सीमाओं से परे होकर लोगों को एक साथ जोड़ता है।

कोलकाता की दुर्गा पूजा को शामिल होने के बाद, भारत की अब 14 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत मानवता के आईसीएच की प्रतिष्ठित यूनेस्को प्रतिनिधि सूची में शामिल हो गए हैं। हाल के वर्षों में, जिन आईसीएच को शामिल किया गया है, उनमें कुंभ मेला (2017 में ), योग ( 2016 में ) शामिल हैं। भारत 2003 के यूनेस्को कन्वेंशन का एक हस्ताक्षरकर्ता है, जिसका उद्देश्य परंपराओं और सजीव अभिव्यक्ति के साथ-साथ अमूर्त विरासत की रक्षा करना है।

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का अर्थ है प्रथाओं, प्रतिनिधित्व, अभिव्यक्ति, ज्ञान, कौशल - साथ ही उपकरण , वस्तुओं, कलाकृतियों और उनसे जुड़े सांस्कृतिक स्थल, जिन्हें समुदाय, समूह और कुछ मामलों में व्यक्ति अपनी सांस्कृतिक विरासत के एक हिस्से के रूप में पहचाने जाते हैं। इसके अलावा, इसका महत्व केवल सांस्कृतिक अभिव्यक्ति में ही नहीं है, बल्कि ज्ञान और कौशल की समृद्धि है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित होती है।

UNESCO-Heritage-Site-हड़प्पा-युग-का-शहर-धोलावीरा-विश्व-धरोहर-स्थल-घोषित

एएबी समाचार ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में हड़प्पा युग के शहर, धोलावीरा को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यहां अवश्य जाना चाहिए, विशेषकर उन लोगों को जो इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व में दिलचस्पी रखते हैं। 

यूनेस्को द्वारा किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट की श्रृंखला में कहा;

"इस समाचार से बहुत प्रसन्नता हुई। 

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धोलावीरा एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र था और हमारे अतीत के साथ हमारे सबसे महत्वपूर्ण संपर्कों में एक है। यहां जरूर जाना चाहिए, विशेषकर उन लोगों को जो इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व में रुचि रखते हैं। 

मैं अपने विद्य़ार्थी जीवन के दिनों में पहली बार धोलावीरा गया था और मैं उस स्थान से मंत्रमुग्ध हो गया था।  

गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे धोलावीरा में विरासत संरक्षण और जीर्णोद्धार से संबंधित पहलुओं पर काम करने का अवसर मिला। हमारी टीम ने वहां पर्यटन के अनुकूल बुनियादी ढांचा बनाने के लिए भी काम किया था।" 

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