अक्टूबर 2023

 

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AAB NEWS/
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 'भारत में सड़क दुर्घटनाएँ-2022' पर वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की है। यह रिपोर्ट एशिया प्रशांत सड़क दुर्घटना डेटा (एपीआरएडी) आधार परियोजना के अंतर्गत एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी) द्वारा प्रदान किए गए मानकीकृत प्रारूपों में कैलेंडर वर्ष के आधार पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभागों से प्राप्त डेटा/जानकारी पर आधारित है।

 

  कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान हुए सड़क हादसे 


रिपोर्ट के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) द्वारा कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 1,68,491 लोगों ने जान गंवाई और 4,43,366 लोग घायल हो गए। पिछले वर्ष की तुलना में दुर्घटनाओं में 11.9 प्रतिशत, मृत्यु में 9.4 प्रतिशत और चोटों में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट इन दुर्घटनाओं में योगदान देने वाले कारकों का समाधान करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की तात्कालिकता पर बल देती है, जिसमें तेज गति, लापरवाही से गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना और यातायात नियमों का अनुपालन न करना शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार यह महत्वपूर्ण है कि हम प्रवर्तन तंत्र को मजबूत करें, ड्राइवर शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाएं और सड़कों और वाहनों की स्थिति में सुधार करने में निवेश करें।

मंत्रालय सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए मजबूत उपाय कार्यान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्रालय सड़क उपयोगकर्ता व्यवहार, सड़क बुनियादी ढांचे, वाहन मानकों, यातायात नियमों को लागू करने और दुर्घटना की रोकथाम में प्रौद्योगिकी की भूमिका जैसे विभिन्न पहलुओं पर भी कार्य कर रहा है। 

चूँकि सड़क दुर्घटनाएँ प्रकृति में बहु-कारणीय होती हैं, इसलिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों दोनों की सभी एजेंसियों के ठोस प्रयासों के माध्यम से समस्याओं को कम करने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता होती है। 

मंत्रालय ने विभिन्न अन्य संबंधित संगठनों के साथ-साथ हितधारकों के साथ मिलकर शिक्षा, इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों), प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल सहित सभी 4ई पर ध्यान केंद्रित करते हुए सड़क सुरक्षा के मुद्दे का समाधान करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है।

इसके अलावा, मंत्रालय आधुनिक परिवहन प्रणालियों के कार्यान्वयन, सड़क सुरक्षा ऑडिट और वैश्विक सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसी पहलों में सक्रिय रूप से शामिल है। सड़क दुर्घटनाओं से निपटने के लिए वास्तविक समय डेटा विश्लेषण और स्वचालित वाहन निरीक्षण केंद्रों के लिए इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ई-डीएआर) जैसी पहल भी चल रही हैं।

"भारत में सड़क दुर्घटनाएँ-2022" प्रकाशन सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और हितधारकों के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य करता है। यह सड़क दुर्घटनाओं के विभिन्न पहलुओं, उनके कारणों, स्थानों और सड़क उपयोगकर्ताओं की विभिन्न श्रेणियों पर उनके प्रभावों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। रिपोर्ट उभरते रुझानों, चुनौतियों और मंत्रालय की सड़क सुरक्षा पहलों का भी उल्लेख करती है।

 AAB NEWS/ केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज हैदराबाद में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को "मुक्त" करने से स्टार्टअप में तेजी आई है। 

के परिणामस्वरूप, बहुत ही कम समय में लगभग चार वर्षों में, स्पेस स्टार्टअप्स की संख्या मात्र एक अंक से बढ़कर 150 से अधिक हो गई है, जिसमें "स्काईरूट" जैसे स्टार्टअप प्रमुख उद्यमियों के रूप में परिवर्तित हो चुके हैं।

हैदराबाद में 60,000 वर्ग फुट के परिसर में स्काईरूट की सबसे बड़ी रॉकेट फैक्ट्री का दौरा करने के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट न केवल भारत की उत्कृष्ट प्रतिभा और वैज्ञानिक कौशल का बेहतरीन उदाहरण है, बल्कि यह हम सभी के लिए यह संदेश भी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने से पहले भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए खोलने की संभावनाएं निष्क्रिय पड़ी थीं।

"स्काईरूट एयरोस्पेस" पहला अंतरिक्ष स्टार्टअप था जिसने तीन साल पहले अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्यमियों  लिए खोल दिए जाने के बाद पिछले साल श्रीहरिकोटा में इसरो स्टेशन से एक निजी रॉकेट लॉन्च किया था। 

आईआईटी से उत्तीर्ण दो प्रमुख विशेषज्ञों पवन और भरत के नेतृत्व में अत्याधुनिक तकनीक के साथ भारत की सबसे बड़ी रॉकेट विकास सुविधा स्थापित की गयी है। यह मांग पर आधारित लागत के अनुरूप रॉकेट विकसित करने की क्षमता रखता है।

अमृतकाल और प्रधानमंत्री के "इंडिया@2047" के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में अंतरिक्ष क्षेत्र के साथ कुछ ऐसे क्षेत्रों से आने वाले है जिनकी संभावनाएं अभी नहीं खोजी गई हैं

 उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान देने जा रही है जब स्वतंत्र भारत अपना 100वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा तो वह दुनिया का अग्रणी राष्ट्र होगा।

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व के कारण पिछले 9 वर्षों में देश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के हर क्षेत्र में तेजी से उन्नति की है"

स्काईरूट एक ही छत के नीचे भारत की सबसे बड़ी निजी रॉकेट विकास सुविधा है

डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्काईरूट के विक्रम-1 कक्षीय रॉकेट का भी अनावरण किया। भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक और मील का पत्थर है। आशा है कि विक्रम-1 भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि देश ने 2020 में एक ऐतिहासिक सुधार के अंतर्गत अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्यमियों के लिए खोल दिया था।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट की सफलता भारत की उन विशाल युवा प्रतिभाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, जो विशेष रूप से अंतरिक्ष, बायोटेक, कृषि और ऊर्जा सहित नए और उभरते क्षेत्रों में अपने स्टार्टअप उद्यम स्थापित करने की इच्छुक हैं।"

मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को देश की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षमताओं के लिए वैश्विक पहचान बनाने में सक्षम किया है और आज हमारे स्टार्टअप की बहुत मांग है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो के पहले अध्यक्ष और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक जनक डॉ. विक्रम साराभाई न इसरो को "राष्ट्रीय स्तर पर" सार्थक भूमिका निभाने र बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के नौ वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत की युवा प्रतिभाओं को नये आयाम और संभावनाओं को नये पंख दिये। यह इसरो की राष्ट्रीय स्तर पर सार्थक भूमिका निभाने की पुष्टि भी करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत क अंतरिक्ष मिशन मानव संसाधन  कौशल पर आधारित लागत के अनुरूप डिज़ाइन किए गए हैं

उन्होंने कहा कि "अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन" वैज्ञानिक अनुसंधान में एक बड़े सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रारूप के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा और हमें नये क्षेत्रों में नवीन अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले चुनिंदा विकसित देशों की श्रेणी में शामिल कर देगा

उन्होंने कहा कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) बजट में पांच वर्षों में 50,000 करोड़, रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा 70 प्रतिशत से अधिक यानी 36,000 करोड़ रुपये गैर-सरकारी स्रोतों, उद्योगों, जनहितैषियों  घरेलू तथा बाहरी स्रोतों स आने का अनुमान है

AAB NEWS

AAB NEWS/
15बी परियोजना के अंतर्गत बनने वाला यार्ड 12706 (इम्फाल) मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में तैयार किया गया है। इस आधुनिक और रडार से बच निकलने में सक्षम निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत को 20 अक्टूबर, 2023 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। 
 
यह परियोजना कोलकाता श्रेणी (परियोजना 15ए) की आगे की सफलता है और इस तरह के विध्वंसक जहाज पिछले दशक में कमीशन किए गए थे। इम्फाल को भारतीय नौसेना के अपने पूर्ववर्ती जहाजों विशाखापत्तनम और मोर्मुगाओ के अनुसरण में पिछले दो वर्षों में कमीशन किया गया है।

विध्वंसक जहाज इम्फाल को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा तैयार किया गया है और मुंबई स्थित मेसर्स मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने इसका निर्माण किया है। यह युद्धपोत स्वदेशी जहाज निर्माण की पहचान है और यह विश्व के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत युद्धपोतों में से एक है। 
 
यह 7,400 टन के भार विस्थापन और 164 मीटर की कुल लंबाई की क्षमता के साथ ही एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत भी है। इम्फाल एक शक्तिशाली एवं बहुउद्देश्यीय जहाज है, जो सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जहाज-रोधी मिसाइलों सहित अत्याधुनिक हथियारों और टॉरपीडो सहित अत्याधुनिक हथियारों तथा सेंसरों से सुसज्जित है। 
 
स्वदेशी विध्वंसक पोत इम्फाल एक कंबाइंड गैस एंड गैस (सीओजीएजी) प्रपल्शन सेट द्वारा संचालित होता है, जिसमें चार गैस टर्बाइन शामिल हैं और यह जहाज 30 समुद्री मील (56 किलोमीटर/घंटा) से अधिक गति प्राप्त करने में सक्षम है।

इम्फाल में लगभग 75 प्रतिशत उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (बीईएल, बैंगलोर), ब्रह्मोस सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें (ब्रह्मोस एयरोस्पेस, नई दिल्ली) स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर (लार्सन एंड टुब्रो, मुंबई), पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर (लार्सन एंड टुब्रो, मुंबई) और 76 मिलीमीटर सुपर रैपिड गन माउंट (बीएचईएल, हरिद्वार) शामिल हैं।

इंफाल की आधारशिला 19 मई, 2017 को रखी गई थी और इस जहाज को 20 अप्रैल, 2019 को समुद्र में उतारा गया था। यह युद्धपोत 28 अप्रैल, 2023 को अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हुआ था और तब से अभी तक यह बंदरगाह तथा समुद्र में परीक्षणों की एक व्यापक श्रृंखला से गुजर चुका है। 
 
इसे केवल छह महीने की रिकॉर्ड समय सीमा के भीतर नौसेना को सौंप दिया गया है। इम्फाल के निर्माण और उसके परीक्षणों में लगा समय किसी भी स्वदेशी विध्वंसक जहाज के लिए सबसे कम है।

इंफाल को शीघ्रता से सौंपा जाना भारत सरकार और भारतीय नौसेना द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में दिए जा रहे प्रोत्साहन की पुष्टि करता है। इस विध्वंसक जहाज का नौसेना में शामिल होना बड़ी संख्या में हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयासों के प्रति एक सम्मान है और इससे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री क्षमता में बढ़ोतरी होगी।

AAB NEWS / केन्द्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज कृष, ट्रिश और बाल्टिबॉय (केटीबी)-भारत हैं हम का ट्रेलर लॉन्च किया, जो केन्द्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और ग्राफिटी स्टूडियो द्वारा निर्मित दो सीज़न वाली एक एनिमेटेड सीरीज़ है। इस सीरीज़ में 11-11  मिनट के 52 एपिसोड हैं, जिनमें वर्ष 1500 से 1947 तक के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कहानियां शामिल हैं। इस सीरीज़ की मेजबानी प्रतिष्ठित एनिमेटेड पात्रों कृष, ट्रिश और बाल्टिबॉय द्वारा की गई है। इस सीरीज़ का निर्माण ग्राफिटी स्टूडियोज के मुंजाल श्रॉफ और तिलकराज शेट्टी की सह-निर्माता जोड़ी ने किया है।


 

इस अवसर श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह सीरीज़ युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम के उन गुमनाम, लेकिन महत्वपूर्ण योगदान करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में शिक्षित करने का एक प्रयास है जिन्हें अतीत की शिक्षा प्रणाली ने भुला दिया था और उनका पर्याप्त उल्लेख नहीं किया गया था।

इसके साथ ही यह सीरीज़ उन लोगों की कहानी सामने लाकर युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का प्रयास कर रही है जिनके योगदान ने आधुनिक भारत को आकार प्रदान दिया है। यह सीरीज़ विदेशी भाषाओं सहित कई भाषाओं में रिलीज होगी, जो भाषा की बाधाओं को पार कर इन सेनानियों की कहानियों को पूरी दुनिया के दर्शकों तक पहुंचाएगी।

श्री ठाकुर ने कहा कि दूरदर्शन, नेटफ्लिक्स और अमेज़ॅन प्राइम एक ही समय में इस एनिमेटेड सीरीज़ का प्रसारण करेंगे। यह  ऐसा प्रयास है, जो इससे पहले कभी नहीं किया गया है। इस सी‍रीज़  में एक प्रमुख केंद्र बिंदु विदेशी उपनिवेशवादियों के खिलाफ किए गए संघर्ष में महिलाओं और जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को दर्शाना है।

उन्होंने यह घोषणा की कि यह सीरीज़ अगले सत्र के दौरान सभी सांसदों को दिखाई जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पंच प्रण को दोहराते हुए उन्होंने लोगों से राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए कहा कि जहां स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया, वहीं आज के युवाओं को भी अमृतकाल से स्वर्णिमकाल तक इस देश को ले जाने में अपना पूरा योगदान देना होगा।

सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि मंत्रालय के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है कि वह पहली बार एक ऐसी एनिमेटेड सीरीज़ शुरू कर रहा है, जिसका उद्देश्य सामान्य रूप से भारत के लोगों और विशेष रूप से देश के बच्चों पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक व्यय निकाय, केंद्रीय संचार ब्यूरो, राजस्व अर्जित करने के क्षेत्र में शामिल हो रहा है।

श्री मुंजाल श्रोल ने दर्शकों को बताया कि इस सीरीज़ का निर्माण करने में एक हजार से अधिक लोगों ने योगदान दिया है। इसमें की गई कारीगरी के पैमाने के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि जहां एक सामान्य एनीमेशन शो में लगभग 40 पृष्ठभूमि वाले 25 से 30 पात्र होते हैं, वहीं भारत हैं हम के एक एपिसोड में औसतन 50 पृष्ठभूमि वाले 50 से 100 पात्र हैं।



केटीबी-भारत हैं हम के बारे में जानकारी

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भारत के बच्चों में हमारे गौरवशाली स्वतंत्रता संग्राम और देश भर के उन असंख्य नायकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अभियान शुरू करने का निर्णय लिया, जिन्होंने हमारे देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।

प्रत्येक एपिसोड में लोकप्रिय पात्र कृष, ट्रिश और बाल्टिबॉय (केटीबी) होंगे, जो प्रशंसित केटीबी मूवी सीरीज़ से पहले से ही काफी लोकप्रिय है, इन गुमनाम नायकों की कहानियों को उजागर करने वाले संवाद शुरू करेंगे।

भारत के स्वतंत्रता संघर्ष की विविधता को अपनाते हुए  यह श्रृंखला विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजरेगी, जिसमें हिमाचल प्रदेश, बंगाल, पंजाब, केरल और उससे आगे के स्वतंत्रता सेनानियों को शामिल किया जाएगा। केन्‍द्रीय संचार ब्यूरो और ग्राफिटी स्टूडियो द्वारा निर्मित यह सीरीज़ विश्वास और एकता की एक टेपेस्ट्री है जो धार्मिक बाधाओं को पार करते हुए  देश के विश्वास और मान्यताओं को एकजुट करती है।

रानी अब्बक्का, तिलका मांझी, तिरोत सिंह, पीर अली, तात्या टोपे, कोतवाल धन सिंह, कुँवर सिंह (80 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी), रानी चेन्नम्मा, टिकेंद्र जीत सिंह और अन्य ऐसी ही अनगिनत शहीद वीर हस्तियों को इस एनिमेटेड उत्कृष्ट कृति के माध्यम से इतिहास में अपना उचित स्थान मिलेंगा।

इस सीरीज़ का प्रतिभाशाली मुंजाल श्रॉफ और तिलक शेट्टी ने निर्माण किया, जिसके सीज़न-1 में 26 मनोरम एपिसोड शामिल होंगे और प्रत्येक एपिसोड में 11 मिनट की एनिमेटेड कहानी होगी।

इस सीरीज़ का निर्माण निम्नलिखित 12 भाषाओं में किया जा रहा है :

हिन्दी (मास्टर), तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, असमिया, उड़िया और अंग्रेजी।

इस सीरीज़ को निम्नलिखित अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में भी डब किया जाएगा :

फ़्रेंच, स्पैनिश, रूसी, अरबी, चीनी, जापानी और कोरियाई।

चैनल

सीजन

प्रसारण शुरू

प्रसारण समापन

दूरदर्शन

सीज़न 1

रविवार, 15 अक्टूबर 2023

रविवार, 7 जनवरी 2024

सीज़न 2

रविवार, 28 जनवरी 2024

रविवार, 21 अप्रैल 2024

 

ओटीटी पर, यह सीरीज़ एक ऐतिहासिक लॉन्च का गवाह बनेगी, क्योंकि पहली बार एक सीरीज़ दो सबसे बड़े ओटीटी प्लेटफार्मों- नेटफ्लिक्स और अमेज़ॅन प्राइम वीडियो पर समानांतर रूप से लॉन्च की जाएगी, और इसे विश्व स्तर पर 12 भारतीय और 7 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में रिलीज़ किया जाएगा।

प्लैटफ़ॉर्म

सीजन

लॉन्‍च की तारीख

क्षेत्र

नेटफ्लिक्‍स

सीज़न 1

रविवार, 15 अक्टूबर 2023

विश्‍व भर

सीज़न 2

रविवार 28 जनवरी 2024

अमेज़न
प्राइम वीडियो

सीज़न 1

रविवार 15 अक्टूबर 2023

विश्‍व भर

सीज़न 2

रविवार 28 जनवरी 2024