• New Launching-नौसेना को मिला तीसरा स्वदेशी विध्वंसक पोत -इम्फाल

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    15बी परियोजना के अंतर्गत बनने वाला यार्ड 12706 (इम्फाल) मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में तैयार किया गया है। इस आधुनिक और रडार से बच निकलने में सक्षम निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत को 20 अक्टूबर, 2023 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। 
     
    यह परियोजना कोलकाता श्रेणी (परियोजना 15ए) की आगे की सफलता है और इस तरह के विध्वंसक जहाज पिछले दशक में कमीशन किए गए थे। इम्फाल को भारतीय नौसेना के अपने पूर्ववर्ती जहाजों विशाखापत्तनम और मोर्मुगाओ के अनुसरण में पिछले दो वर्षों में कमीशन किया गया है।

    विध्वंसक जहाज इम्फाल को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा तैयार किया गया है और मुंबई स्थित मेसर्स मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने इसका निर्माण किया है। यह युद्धपोत स्वदेशी जहाज निर्माण की पहचान है और यह विश्व के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत युद्धपोतों में से एक है। 
     
    यह 7,400 टन के भार विस्थापन और 164 मीटर की कुल लंबाई की क्षमता के साथ ही एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत भी है। इम्फाल एक शक्तिशाली एवं बहुउद्देश्यीय जहाज है, जो सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जहाज-रोधी मिसाइलों सहित अत्याधुनिक हथियारों और टॉरपीडो सहित अत्याधुनिक हथियारों तथा सेंसरों से सुसज्जित है। 
     
    स्वदेशी विध्वंसक पोत इम्फाल एक कंबाइंड गैस एंड गैस (सीओजीएजी) प्रपल्शन सेट द्वारा संचालित होता है, जिसमें चार गैस टर्बाइन शामिल हैं और यह जहाज 30 समुद्री मील (56 किलोमीटर/घंटा) से अधिक गति प्राप्त करने में सक्षम है।

    इम्फाल में लगभग 75 प्रतिशत उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (बीईएल, बैंगलोर), ब्रह्मोस सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें (ब्रह्मोस एयरोस्पेस, नई दिल्ली) स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर (लार्सन एंड टुब्रो, मुंबई), पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर (लार्सन एंड टुब्रो, मुंबई) और 76 मिलीमीटर सुपर रैपिड गन माउंट (बीएचईएल, हरिद्वार) शामिल हैं।

    इंफाल की आधारशिला 19 मई, 2017 को रखी गई थी और इस जहाज को 20 अप्रैल, 2019 को समुद्र में उतारा गया था। यह युद्धपोत 28 अप्रैल, 2023 को अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हुआ था और तब से अभी तक यह बंदरगाह तथा समुद्र में परीक्षणों की एक व्यापक श्रृंखला से गुजर चुका है। 
     
    इसे केवल छह महीने की रिकॉर्ड समय सीमा के भीतर नौसेना को सौंप दिया गया है। इम्फाल के निर्माण और उसके परीक्षणों में लगा समय किसी भी स्वदेशी विध्वंसक जहाज के लिए सबसे कम है।

    इंफाल को शीघ्रता से सौंपा जाना भारत सरकार और भारतीय नौसेना द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में दिए जा रहे प्रोत्साहन की पुष्टि करता है। इस विध्वंसक जहाज का नौसेना में शामिल होना बड़ी संख्या में हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयासों के प्रति एक सम्मान है और इससे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री क्षमता में बढ़ोतरी होगी।