सितंबर 2023

 AAB NEWS/ केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘Rising India: Amrit Kaal of Unprecedented Growth’ विषय पर PHD Chamber of Commerce and Industry के 118वें वार्षिक सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।

 

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत में आयोजित G20 बैठक के बाद ना केवल व्यापार और उद्योग बल्कि पूरे देश में हर क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। 

उन्होंने कहा कि G20 और चंद्रयान की सफलता, मिशन आदित्य और लोक सभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, इन चारों घटनाओं ने पूरे देश में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। 

उन्होंने कहा कि आज का ये कार्यक्रम अमृतकाल की शुरूआत के समय हो रहा है। आज़ादी से अब तक देश ने 75 सालों की यात्रा की है और हर क्षेत्र में इन 75 वर्षों में देश ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। 

श्री शाह ने कहा कि इन 75 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि रही कि लोकतंत्र की जड़ें गहरी करने में हमें एक देश के नाते सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखाया है कि नीति के मामले में गवर्नमेंट एक अनवरत प्रक्रिया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान कहा था कि पिछले 75 वर्षों की उपलब्धियों के गौरवगान के साथ-साथ हमें 2047 में आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने पर देश कहां होगा, इसके लक्ष्य भी तय करने हैं और उन्हें सिद्ध भी करना है। 

उन्होंने कहा कि इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने 75 से 100 वर्षों की इस यात्रा को अमृतकाल कहा है जो संकल्प लेने और उसे सिद्धि में परिवर्तित करने का समय है। श्री शाह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी के सपनों के भारत का निर्माण करना चाहते हैं कि जब देश की आज़ादी की शताब्दी हो तब भारत हर क्षेत्र में दुनिया में सबसे आगे हो। 

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा, सबसे अधिक आबादी वाला और सबसे अधिक इंजीनियर्स, डॉक्टर्स, टेक्नोक्रेट्स वाला देश भारत है। यहां लोकतंत्र भी है, टीमवर्क भी है और अब मोदी जी के नेतृत्व में नीति निर्धारण भी बहुत अच्छे से हो रहा है।

श्री अमित शाह ने कहा कि PHD Chamber of Commerce and Industry आने वाले वर्षों में देश के ट्रेड और इंडस्ट्री की दिशा और दशा को निर्धारित करने में निर्णायक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम की थीम इस समय के अनुसार बहुत उपयुक्त है। 

PHD Chamber of Commerce and Industry देशभर के छोटे-बड़े डेढ़ लाख से अधिक उद्योगों का प्रतिनिधित्व करता है और एक प्रकार से Voice of Industry and Trade के रूप में इसे जाना भी जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लक्ष्य रखा है कि 2047 में भारत संपूर्ण विकसित राष्ट्र हो, 2026 में भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की हो और 2027 में हम 5वें से तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन जाएं। 

इन तीनों लक्ष्यों को सिद्ध करने में इंडस्ट्री की बहुत बड़ी भूमिका है। ट्रेड और इंडस्ट्री एक प्रकार से देश की इकोनॉमी का हृदय होता है जहां से पूरी अर्थव्यवस्था को ऊर्जा मिलती है। मोदी जी की नीतियों से आए बदलाव के कारण आज हर जगह India’s Moment की बात होती है और पूरे विश्व में भारत को 'वाइब्रेंट स्पॉट' के रूप में जाना जाता है। उन्होने कहा कि पिछली तिमाही में हमारी अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी और मुद्रास्फीति को भी 40 महीनों के न्यूनतम स्तर पर मेंटेन करने में हम सफल रहे हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पूरी दुनिया को दिए गए वसुधैव कुटुंबकम के सूत्र के अनुरूप भारत हर क्षेत्र में वैश्विक समस्याओं को हल करने में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। आज आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, सोलर अलायंस, ग्रीन एनर्जी आदि सभी क्षेत्रों में दुनिया भारत की ओऱ देख रही है और हमारे कई इनीशिएटिव्स आज पूरी दुनिया का मार्गदर्शन कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले 9 वर्षों में हर क्षेत्र में भारत को बदलने का प्रयास किया है और सफल भी हुए हैं। मोदी जी ने पिछले 9 वर्षों में देश के अर्थतंत्र को एक नई दिशा और मज़बूती देने का काम किया है। 

 

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के ये 9 साल Promise, Performance और परिणाम के रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि 2014 में किए गए वादों को पूरा करने के लिए पुरूषार्थ किया गया जिसका हमें बहुत अच्छा परिणाम मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत 10 साल तक विश्व की 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था रहा और मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 9 सालों में इस stagnation को खत्म कर हम 11वें से 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गए हैं और 2027 तक हम दुनिया की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए हमारा GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 6.1 प्रतिशत है और इसे हासिल करने के साथ ही भारत G20 में सबसे अधिक ग्रोथ रेट वाला देश बन जाएगा। श्री शाह ने कहा कि 14 सेक्टर्स में PLI Scheme ने Make in India के स्वप्न को साकार किया है। आज पूरे विश्व के लिए उत्पादन के क्षेत्र में भारत lucrative destination बना हुआ है और विश्व की सभी कंपनियां भारत में आना चाहती हैं जो हमारे लिए बहुत सारे मौकों का सृजन करता है।

श्री अमित शाह ने कहा कि 2004 से 2014 के कालखंड में कहा जाता था कि देश को पॉलिसी पैरालिसिस हो गया है लेकिन हमने पिछले 9 सालों में कई नीतियों का निर्माण किया है, और, इसी का परिणाम है कि हमारे GDP को 2.03 ट्रिलियन से 3.75 ट्रिलियन तक पहुंचाने में हमें सफलता मिली है। 2013-14 में प्रति व्यक्ति आय 68,000 रूपए थी, जो 2022-23 में बढ़कर 1,80,000 रूपए हो गई है। 

2014 में Capital Expenditure 3.9 लाख करोड़ रूपए था, जिसे 2023 में मोदी सरकार ने बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रूपए तक पहुंचाने का काम किया है। हम Federal Structure में रहरहे हैं और जब तक Team India का concept ना हो तब तक इस देश का सर्वांगीण विकास हो ही नहीं सकता। 

  • उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने Team India के concept को बढ़ावा दिया और भारत सरकार द्वारा राज्यों को आवंटित राशि, जो 2004 से 2014 के बीच 30 लाख करोड़ रूपए थी, 2014 से 2023 के 9 वर्षों में 100 लाख करोड़ रूपए तक बढ़ाने का काम किया। 

  • 2004 से 2014 के बीच टैक्स संग्रह 19 लाख करोड़ रूपए था, जो 2014 से 2023 के 9 वर्षों में जो बढ़कर 70 लाख करोड़ रूपए हो गया है। 

  • देश में आज़ादी के बाद 70 सालों में 74 हवाई अड्डे बने थे, आज 148 हवाई अड्डे बन चुके हैं और ऑपरेशनल हैं। 

  • 2004 से 2014 के बीच 610 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई गई, लेकिन पिछले 9 सालों में 6,565 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम हुआ है। 

  • 2014 तक देश में कुल राष्ट्रीय राजमार्ग 91,000 किलोमीटर थे, लेकिन पिछले 9 वर्षों में हमने 50,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया है। देश में इंटरनेट के बिना आज इंडस्ट्री की कल्पना भी नहीं हो सकती है, पहले cost per GB इंटरनेट 270 रुपए था, जो आज 10 रूपए per GB की दर पर उपलब्ध है। 

  • देश में 2014 में यूनिकॉर्न स्टार्टअप 4 थे, आज 115 यूनिकॉर्न स्टार्टअप के साथ भारत विश्व में प्रमुख स्थान पर खड़ा है। 2014 में स्टार्टअप 350 थे, आज एक लाख से अधिक स्टार्टअप हमारे अर्थतंत्र को गति दे रहे हैं। 

  • 2004 से 2014 तक देश में FDI 45 बिलियन डॉलर था, जो 85 बिलियन डॉलर को पार कर गया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारा खिलौनों का एक्सपोर्ट 96 मिलियन डॉलर था, उसे 2022 में 326 मिलियन डॉलर तक पहुंचाने का काम मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि कोई मान नहीं सकता था कि GST कभी लागू हो सकता है, लेकिन हमारा GST लागू करने का सपना साकार हुआ और टीम इंडिया के अप्रोच के कारण जीएसटी काउंसिल में एक ही निर्णय वोटिंग से हुआ है, बाकी सारे निर्णय unanimously, irrespective of party politics हुए हैं। 

 

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विकसित साझा सोच की राजनीतिक संस्कृति के कारण अप्रैल, 2023 में जीएसटी संग्रह 1.87 लाख करोड़ रूपए तक पहुंचा है और मासिक औसत 1.69 लाख करोड़ रूपए है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 309 अरब डालर था, आज 593 अरब डॉलर है। 

उन्होंने कहा कि आज हमारा एक्सपोर्ट बढ़ा है, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी ट्रेड और इंडस्ट्री के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए 39000 से ज्यादा कंप्लायंस को कई कानूनों के तहत समाप्त कर दिया गया है और 3400 लीगल प्रोविजंस को क्रिमिनल से सिविल बनाने का काम केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। 

उन्होंने कहा कि ट्रेड और इंडस्ट्री के लिए देश में इससे अच्छा माहौल हो ही नहीं सकता। श्री शाह ने कहा कि 2013-14 में देश में 127 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे, जो 2022 में बढ़कर 12735 करोड़ हो गए। पूरी दुनिया के रियल टाइम डिजिटल भुगतान में अकेले भारत का हिस्सा 40% है। 

2014 में भारत में 50 करोड़ लोग ऐसे थे, जिनके परिवार में एक भी बैंक अकाउंट नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी ने इन सभी को बैंक अकाउंट देकर आज 50 करोड लोगों को देश के अर्थतंत्र के साथ जोड़ने का काम किया है। 

उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर की ओऱ देखें तो 

  • पहले 11 किलोमीटर रोड एक दिन में बनता था, अब 37 किलोमीटर बनता है। वंदे भारत ने हमारी रेल यात्रा का पूरा कांसेप्ट चेंज कर दिया है, 

  • पहले 3 शहरों में मेट्रो थी, अब 27 शहरों में है, 10 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल्‍स सड़क पर हैं, 

  • भारतनेट, जो पहले 30000 किलोमीटर बिछाई गई थी, अब 6,20,000 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाकर हर पंचायत को ऑप्टिकल फाइबर देने का काम मोदी जी ने किया है। 

  • इंटरनेट कनेक्शन में पिछले 8 सालों में 230% की दर से वृद्धि हुई है और 2027 तक नॉर्थईस्ट के आठों राज्यों की राजधानियां रेल, रोड और हवाई मार्ग से देश के साथ जुड़ जाएंगी।

श्री अमित शाह ने कहा कि हमने लैंड पोर्ट अथॉरिटी को भी पुनर्जीवित किया है और आज हमारे सभी पड़ोसी देशों के साथ इसके माध्यम से 42,000 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ है। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक ऐसी स्थिति थी जब इस देश को पॉलिसी पैरालिसिस हो गया था। 

उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कई नीतियां बनाईं। नेशनल पॉलिसी ऑन इलेक्ट्रॉनिक्स, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, जीएसटी, डिजिटल इंडिया, उड़ान योजना, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, न्यू एजुकेशन पॉलिसी आदि। 

उन्होंने कहा कि मोदी जी द्वारा लाई गयी नई शिक्षा नीति अगले 10 सालों में भारत को विश्व के सभी विद्यार्थियों के लिए सबसे अच्छे डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करेगी। श्री शाह ने कहा कि आजादी के बाद यह पहली ऐसी शिक्षा नीति है जिसका किसी ने विरोध नहीं किया है। 

इंडियन स्पेस पॉलिसी के अंदर आमूल-चूल परिवर्तन किया है, ड्रोन पॉलिसी बनाई, आयुष्मान भारत के माध्यम से पूरे हेल्थ स्ट्रक्चर में हमने आमूलचूल परिवर्तन किया है, स्मार्ट सिटी पॉलिसी के माध्यम से हमारे अर्बन सेक्टर को स्ट्रैंथ देने का काम किया है

कमर्शियल कोल माइनिंग ने हमारे संसाधनों के एक्सप्लोरेशन के लिए कई संभावनाएं खोली हैं, ग्रीन इंडिया राष्ट्रीय मिशन आज पूरे विश्व को आकर्षित कर रहा है और स्वच्छ भारत के माध्यम से देश में लगभग 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर हमने देश के स्वास्थ्य में बहुत बड़ा सुधार करने का काम किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि विश्व के अर्थतंत्र को अगले 25 साल प्रभावित करने वाले सभी क्षेत्रों में आज भारत में अपनी जगह बना ली है। विश्व के अर्थ तंत्र को अगले 25 साल तक ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल, सोलर एनर्जी, डिफेंस, ड्रोन, अंतरिक्ष, माइनिंग और ग्रीन फ्यूल एथेनॉल जैसे क्षेत्र प्रभावित करने वाले हैं। 

मोदी सरकार ने पिछले 9 वर्षों में इन सभी क्षेत्रों में भारत में सफलता के साथ आज हमारा आधार तैयार करने का काम किया है और अब इन सभी क्षेत्रों में परफॉर्म कर हमें विश्व में अपनी जगह बनानी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक विजन के साथ आने वाले 25 साल तक विश्व के अर्थतंत्र को प्रभावित करने वाले सभी क्षेत्रों में भारत में एक मज़बूत नींव डालने का काम किया है। 

श्री शाह ने कहा कि आने वाले 25 साल हमारे ट्रेड और इंडस्ट्री के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। भारत की इंडस्ट्री के लिए साइज और स्केल दोनों को बदलने का समय आ गया है और इस दिशा में पीएचडी चैंबर को इस इनीशिएटिव की दिशा में सोचना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि हमारी कंपनियों को मल्टीनेशनल बनने की दिशा में काम करना होगा और अब भारत की कंपनियां मल्टीनेशनल बनें, यह समय की मांग है। इसके साथ ही R&D के लिए हमें इन्वेस्टमेंट भी बढ़ाना होगा। 

आज हम दाल उत्पादन में पहले स्थान पर हैं, दूध उत्पादन में दुनिया में पहले स्थान पर हैं, जूट उत्पादन में पहले स्थान पर हैं और सबसे ज्यादा रेल इंजन बनाने का कोई देश है तो भारत है। 

  • इसके अलावा मोबाइल हैंडसेट उत्पादन में आज हम दुनिया में दूसरे नंबर पर है, 
  • सीमेंट उत्पादन में दूसरे नंबर पर हैं, 
  • स्टील में दूसरे नंबर पर है, 
  • कॉटन में दूसरे नंबर पर है और 
  • चाय के उत्पादन में भी हम दूसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं। 
  • स्टार्टअप और मोटर व्‍हीकल्‍स में हम तीसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं, 

यह बताता है कि अगर हम ठान लेते हैं तो हम कर भी लेते हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि हमारी बैंकिंग सेक्टर को बहुत अच्छे तरीके से NPA से हमने बाहर निकाला है। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए 9000 करोड़ रूपए का क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने टीम इंडिया का एप्रोच बनाया है, इसका मतलब भारत सरकार और राज्य सरकार नहीं है। 

टीम इंडिया का मतलब देश का हर किसान और हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी इंडस्ट्री मिलकर ही टीम इंडिया बनती है, और, तब जाकर 2047 में हम अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे। आज अमृतकाल की शुरुआत है, समय है संकल्प लेने का और संकल्प से सिद्धि का रोड मैप बनाने का, इसीलिए यही समय है, सही समय है।

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AAB NEWS/
नीति आयोग ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ), जिनेवा के सहयोग से भारत में वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) 2023 के अनावरण का उत्सव मनाया। भारत ने 132 अर्थव्यवस्थाओं में से 40वां स्थान बरकरार रखा है। इसके साथ देश ने कई नवाचार मापदंडों में निरंतर प्रगति की है। इस तरह, भारत जो पहले 2015 में 81वें स्थान पर था, वह इस उल्लेखनीय उपलब्धि के जरिये आगे बढ़ा है।

जीआईआई 2023 के लॉन्च में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी सहित प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें नीति आयोग के सदस्य (एस एंड टी) डॉ. वी.के. सारस्वत; नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री बीवीआर सुब्रमण्यम; डब्ल्यूआईपीओ के महानिदेशक श्री डेरेन टैंग; जीआईआई के सह-संपादक और अर्थशास्त्र तथा सांख्यिकी प्रभाग के प्रमुख डॉ. साचा वुन्श-विंसेंट; भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु के निदेशक प्रोफेसर ऋषिकेश कृष्णन; तथा प्रौद्योगिकी, नवाचार व अनुसंधान पर सीआईआई राष्ट्रीय समिति के सह-अध्यक्ष तथा जीई इंडिया प्रौद्योगिकी केंद्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आलोक नंदा शामिल थे।

डॉ. साचा वुन्श-विंसेंट ने अपने विस्तृत संबोधन में जीआईआई की वैश्विक रैंकिंग में देश को लगातार आगे बढ़ाने के लिए भारत, विशेष रूप से नीति आयोग की सराहना की। उन्होंने भारत की अनुकरणीय डेटा-संचालित नवाचार प्रगति और राष्ट्रीय स्तर की पहल पर प्रकाश डाला। 

मध्यम आय वाले देशों में, प्रभावी नीतियों और समन्वय के बल पर पिछले पांच वर्षों में भारत की लगातार नवाचार वृद्धि सबसे अलग है। उन्होंने कहा कि भारत एक रोमांचकारी भविष्य की नवाचार यात्रा के लिए "स्वीट स्पॉट" है, जो विशेष रूप से अपने सक्षम, उच्च शिक्षित, उद्यमशील मेधा वाले और बौद्धिक संपदा से ओतप्रोत युवाओं पर आधारित है।

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जीआईआई 2023 की मुख्य विशेषताएं:

1. भारत का सतत उदय: जीआईआई में भारत की सतत प्रगति, 2015 में अपनी 81वीं रैंक से लेकर वर्तमान 40वीं स्थिति को बरकरार रखना, नवाचार के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह उर्ध्वगामी उदय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा समर्थित आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के अनुरूप है, जो नवाचार के माध्यम से आत्मनिर्भरता और हर स्थिति में कायम रहने वाली संरचना पर जोर देती है।

2. समकक्षों के बीच नेतृत्वकारी भूमिका: भारत 37 निम्न-मध्यम-आय समूह अर्थव्यवस्थाओं के बीच अग्रणी बनकर उभरा है। वह नवाचार के संबंध में मध्य और दक्षिणी एशिया की 10 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ऊपर है।

3. सतत नवाचार उत्कृष्टता: भारत ने अपने विकास के स्तर के संबंध में अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए सबको प्रभावित किया है। वह लगातार 13वें वर्ष "नवाचार उपलब्धिकर्ता" के रूप में अपनी स्थिति पर कायम है।

4. क्षमता और फोकस क्षेत्र: भारत बाजार परिष्कार (इनपुट पिलर) और ज्ञान व प्रौद्योगिकी आउटपुट (आउटपुट पिलर) श्रेणियों में सर्वोच्च स्थान पर है। इसे अवसंरचना और संस्थानों के पिलर (इनपुट पिलरों) में शीर्ष 10 में शुमार किया जाता है।

5. शीर्ष क्रम वाला संकेतक: भारत ने "घरेलू बाजार पैमाने, बीएन पीपीपी" संकेतक में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसके अलावा, भारत को छह अतिरिक्त संकेतकों में शीर्ष 10 में स्थान दिया गया है, जो "आईसीटी सेवा निर्यात, कुल व्यापार", "प्राप्त उद्यम पूंजी, मूल्य, सकल घरेलू उत्पाद", "स्टार्टअप और स्केलअप के लिए वित्त", "घरेलू उद्योग विविधीकरण", "यूनिकॉर्न मूल्यांकन, सकल घरेलू उत्पाद", और "अमूर्त संपत्ति तीव्रता, शीर्ष 15" हैं।

6. नवाचार आउटपुट: भारत नवाचार आउटपुट में 35वें स्थान पर है, जो पिछले वर्ष से सुधार दर्शाता है।

7. विज्ञान और इंजीनियरिंग में उच्च स्नातक: भारत ने 2021 में विज्ञान और इंजीनियरिंग में कुल तृतीयक स्नातकों में से 34 प्रतिशत की हिस्सेदारी दर्ज की है, जो इस संकेतक में 11वें स्थान पर है।

8. स्टार्टअप वित्त मान्यता: स्टार्टअप और स्केलअप के लिए भारत का वित्त इस श्रेणी में 9वें स्थान पर है, जबकि वेंचर कैपिटल प्रदर्शन के सिलसिले में उसे छठवां स्थान प्राप्त है, भले पिछले वर्ष की तुलना में यह थोड़ा कम है।

9. विविध घरेलू उद्योग: भारत घरेलू उद्योग विविधीकरण में वृद्धि दर्शाता है। पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 0.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस तरह सूचकांक में वह 10वें स्थान पर है।

10. पेटेंट और उल्लेखनीय दस्तावेज़: भारत मूल रूप से पेटेंट में पर्याप्त वृद्धि दर्शाता है और वैश्विक स्तर पर 28वें स्थान पर है। इसके अतिरिक्त, इसने 2022 में उपयुक्त दस्तावेज़ एच-इंडेक्स में 20वीं रैंक हासिल की।

11. यूनिकॉर्न मूल्यांकन: भारत का यूनिकॉर्न मूल्यांकन 2023 में सकल घरेलू उत्पाद का 5.04 प्रतिशत है, जो इस संकेतक में 9वां स्थान हासिल करता है।

12. हाई-टेक विनिर्माण: हाई-टेक विनिर्माण ने 2019 में कुल विनिर्माण उत्पादन में 34.23 प्रतिशत का योगदान दिया। इस श्रेणी में भारत 35वें स्थान पर है।

13. अमूर्त संपदा सघनता: भारत ने अमूर्त संपदा सघनता में प्रभावशाली 8वां स्थान हासिल किया, और 2023 में 210.907 अरब अमरीकी डालर का वैश्विक ब्रांड मूल्य कायम रखा। इस तरह वह विश्व स्तर पर 31वें स्थान पर है।

14. सांस्कृतिक और रचनात्मक निर्यात: भारत की सांस्कृतिक और रचनात्मक सेवाओं का निर्यात 2021 में बढ़ गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21.4 प्रतिशत अधिक है और उसने इस गतिशील सेक्टर में 18वां स्थान हासिल किया है।

भारत में वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023 के जरिये देश की नवाचार के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता और वैश्विक नवाचार में उसकी नेतृत्वकारी भूमिका की मिसाल पेश की गई है। चूंकि भारत लगातार अपेक्षाओं से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और विभिन्न संकेतकों में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहा है, यह आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, लचीलेपन को बढ़ावा देने और नवाचार के माध्यम से आत्मनिर्भरता को अपनाने के लिए तैयार है।

AAB NEWS/केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि 2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाने के प्रधानमंत्री के विजन को हासिल करने के लिए निर्माण क्षेत्र में हरित पहल की जाएगी।



नई दिल्ली में आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश को स्वच्छ और कचरा मुक्त बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चल रहे स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े में राष्ट्रीय राजमार्गों, सड़क किनारे सुविधाओं, ढाबों, टोल प्लाजा सहित 13000 स्थानों पर सफाई अभियान सहित कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है और लगभग 7000 स्थानों पर काम पूरा हो चुका है।

श्री गडकरी ने कहा कि दैनिक आधार पर उत्पन्न होने वाले ठोस कचरे का निपटान देश भर के शहरी क्षेत्रों के समक्ष एक प्रमुख पर्यावरणीय चुनौती है। उन्होंने कहा कि लगभग 10000 हेक्टेयर भूमि डंप साइट बन चुकी है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय शहरी ठोस अपशिष्ट का उपयोग राजमार्ग निर्माण में करने के समाधानों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और दूरदर्शी नेतृत्व के माध्यम से कचरे से कंचन बनाना संभव है।




देश में वैकल्पिक जैव ईंधन के बारे में चर्चा करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि वह इथेनॉल अर्थव्यवस्था बनाने के प्रबल समर्थक रहे हैं और कृषि विकास को 6 प्रतिशत तक बढ़ावा देने के लिए इथेनॉल के बड़े पैमाने पर उपयोग पर जोर दे रहे हैं। 
 
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य इथेनॉल अर्थव्यवस्था को 2 लाख करोड़ रुपये की बनाना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दुनिया के पहले बीएस-6 कॉम्प्लायंट फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड वाहन के लॉन्च के साथ फ्लेक्स इंजन 100 प्रतिशत इथेनॉल पर काम करेगा और अर्थव्यवस्था के लिए बचत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पानीपत में आईओसीएल संयंत्र चावल के भूसे जैसे कृषि अपशिष्ट को इथेनॉल और बायोबिटुमेन में परिवर्तित करता है।



श्री गडकरी ने कहा कि जैव-इथेनॉल उत्पादन प्रौद्योगिकियों में प्रगति के साथ, 1 टन चावल से लगभग 400 से 450 लीटर इथेनॉल प्राप्त हो सकता है, जो स्थिरता और ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।

श्री गडकरी ने कहा कि 2025 तक भारत में 1 प्रतिशत सतत विमानन ईंधन का उपयोग करना अधिदेशित होगा और भविष्य में भारत में इसे 5 प्रतिशत मिश्रण तक बढ़ाने की संभावित योजना है। उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल पानीपत में 87,000 टन सतत विमानन ईंधन के उत्पादन की क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित कर रही है।




श्री गडकरी ने कहा कि भारत में दूरसंचार क्षेत्र लगभग 6 लाख मोबाइल टावरों का संचालन करता है। परंपरागत रूप से, ये टावर बिजली के लिए डीजल जनरेटर सेट पर निर्भर रहे हैं और एक टावर में सालाना लगभग 8,000 लीटर डीजल की खपत होती है।

उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कुल मिलाकर 250 करोड़ लीटर डीजल की खपत होती है, जिसकी लागत हर साल लगभग 25,000 करोड़ रुपये है। श्री गडकरी ने कहा कि इन जनरेटर सेटों के लिए ईंधन के रूप में इथेनॉल का मिश्रण डीजल का स्थायी विकल्प प्रदान करता है और बाजार ने पहले ही 100 प्रतिशत इथेनॉल वाला एक जनरेटर सेट विकसित कर लिया है। उन्होंने कहा कि वह जेनसेट उद्योग को आने वाले समय में केवल इथेनॉल आधारित जनरेटर पर काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

श्री गडकरी ने कहा कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन और सबसे महत्वपूर्ण तरीका है, जिसके माध्यम से भारत ऊर्जा का शुद्ध निर्यातक बन सकता है।

AAB NEWS/ दूरदराज के क्षेत्रों के विकास के बारे में राष्ट्रीय नेतृत्व के दृष्टिकोण को जारी रखते हुए, भारतीय नौसेना ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के साथ संपर्क को मजबूत बनाने के लिए एक बहुआयामी आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया है। एक मोटर कार अभियान, खमरी मो सिक्किम (हैलो सिक्किम) का 24 सितंबर से 15 अक्टूबर 23 तक लोनावाला, महाराष्ट्र में आईएनएस शिवाजी से सिक्किम तक आयोजित किया जा रहा है। 

6500 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए यह रैली कई राज्यों से होकर गुजरेगी। इस टीम में महिला अधिकारियों और एनडब्ल्यूडब्ल्यूए सदस्यों सहित नौसेना कर्मी शामिल हैं जो 'नारी शक्ति' का प्रदर्शन कर रही हैं।' इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य रक्षा सेवाओं में सिक्किम के युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना, इस क्षेत्र में समुद्री जागरूकता को बढ़ाना और राष्ट्र निर्माण को मजबूत बनाना है।




इस कार रैली को 24 सितंबर 2023 को कमोडोर मोहित गोयल, एनएम, कमांडिंग ऑफिसर ने लोनावाला में आईएनएस शिवाजी से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। यह रैली तीन चरणों में आयोजित की जाएगी। पहले चरण में महू, झाँसी, लखनऊ, वाराणसी और बागडोगरा में इसके पड़ाव शामिल हैं। दूसरे चरण में गंगटोक से शुरू होकर सिक्किम के अंदर की यात्रा शामिल होगी। 
तीसरा चरण कोलकाता, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम, हैदराबाद और पुणे को गुजरेगा। कार रैली के दौरान प्रतिभागी विभिन्न स्कूलों के छात्रों, दिग्गजों के साथ बातचीत करेंगे और आउटरीच कार्यक्रम तथा जागरूकता अभियान भी चलाएंगे। 22 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में मेसर्स मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के साथ इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ईंधन भागीदार के रूप में) भागीदारी कर रहे हैं।





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AAB NEWS/ केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 23 सितंबर 2023 को गोवा के पणजी में ऐतिहासिक किले अगौड़ा में 'भारतीय प्रकाश स्तंभ उत्सव' या भारतीय लाइटहाउस महोत्सव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया।



इस महोत्सव का उद्देश्य भारत के 75 प्रतिष्ठित प्रकाशस्तंभों के समृद्ध समुद्री इतिहास को पुनर्जीवित करना और दुनिया के सामने उनकी शानदार गाथाओं को सामने लाना है। इस प्रकार के पहले आयोजन के प्रमुख स्थल, फोर्ट अगौड़ा में आयोजित बैठक में गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत; केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री, श्रीपद नाइक और गोवा सरकार के पर्यटन मंत्री श्री रोहन खौंटे ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में राज्य और केंद्र, दोनों सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विधायक माइकल लोबो भी उपास्थित थे।



सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “इस महोत्सव के शुभारंभ के साथ, हम इन प्रतिष्ठित स्थलों की समृद्ध विरासत को उजागर करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ समुद्र तटीय भारत में 75 प्रकाश स्तंभों में सदियों पुराने क्लासिक्स को फिर से जीवंत करने की प्रक्रिया और उन्हें दुनिया के सामने पेश करने के लिए सक्षम कर रहे हैं। 
 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारा देश आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राष्ट्र निर्माण के इस पवित्र प्रयास में हम प्रतिष्ठित प्रकाश स्तंभों को शैक्षिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के प्रमुख केन्द्रों का उत्प्रेरक बनाकर मोदी जी की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास कर रहे हैं। 
 
आज, हम अपने दूरदर्शी नेता, नरेन्द्र मोदी जी की दूरदर्शिता और नेतृत्व के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने हमारे विशिष्ट प्रकाशस्तंभों को मनोरम विरासत पर्यटन स्थलों में बदलने का समर्थन किया है। बहुत लंबे समय तक, अंधेरी रातों के बीच सैकड़ों नाविकों और जहाजों को आशा की रोशनी प्रदान करते समय समुद्र तटों के मूक प्रहरी को नजरअंदाज कर दिया गया था। 
 
"प्रकाश स्तंभ उत्सव" इसे बदलने का हमारा प्रयास है। इन ऐतिहासिक प्रकाशस्तंभों ने हमारे देश के इतिहास में जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उसके बारे में आप सभी को सूचित करना, उससे जोड़ना और शिक्षित करना हमारा मिशन है।



भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का लक्ष्य ऐतिहासिक स्थलों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थलों में विकसित करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मार्ग के लिए आधार तैयार करने के लिए भारतीय प्रकाश स्तंभ महोत्सव का लाभ प्राप्त करना है। 
 
प्रकाश स्तंभ और लाइटशिप महानिदेशालय ने पहले ही 75 ऐसे प्रकाश स्तंभों की पहचान कर ली है और यह उत्सव हमारी समुद्री विरासत का जश्न मनाने और संरक्षित करने की सरकार की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री महोदय ने कहा, “प्रकाश स्तंभ महोत्सव” एक शानदार उत्सव है जो समय और सुंदरता के माध्यम से एक मनोरम यात्रा होने का वादा करता है। यह एक ऐसी यात्रा है जो हमारे समुद्री इतिहास के छिपे हुए रत्नों को उजागर करेगी और हमारे ऐतिहासिक प्रकाश स्तंभों की अनकही गाथाओं को उजागर करेगी। 
 
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने परिवर्तन के लिए सुधार की पहल के एक हिस्से के रूप में, भारत में पोत परिवहन क्षेत्र में सहायता के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए एक रूपरेखा प्रदान करने के लिए लाइटहाउस अधिनियम, 1927 को निरस्त करके समुद्री परिवहन के लिए समुद्री सहायता अधिनियम, 2021 लागू किया। 
 
इसके अंतर्गत हमने विरासत प्रकाश स्तंभ की नई अवधारणा प्रस्तुत की, जिसमें केंद्र सरकार अपने नियंत्रण में समुद्री परिवहन के लिए किसी भी सहायता को विरासत प्रकाश स्तंभ के रूप में नामांकित कर सकती है। 
 
समुद्री परिवहन में सहायता के रूप में उनके कार्य के अलावा, ऐसे प्रकाशस्तंभों को शैक्षिक, सांस्कृतिक और पर्यटक उद्देश्यों के लिए विकसित किया जाएगा। यह महोत्सव सिर्फ ज्ञान का नहीं है; यह मूल्यों और अवसरों को पैदा करने के बारे में है। 
 
महोत्सव से अलग, हमारी परिकल्पना प्रकाशस्तंभों को पर्यटन स्थलों के रूप में बढ़ावा देना, इन ऐतिहासिक संरचनाओं पुनर्जीवन प्रदान करना और स्थानीय समुदायों और व्यवसायों के लिए अवसर पैदा करना है।''



दिन भर चले कार्यक्रम के दौरान, 'हमारे तटों के अग्ररक्षक: भारत के अतीत और वर्तमान के प्रमाण के रूप में प्रकाशस्तंभ' शीर्षक से एक सत्र आयोजित किया गया था, जिसे शासन, नीतियां और राजनीति संस्थान की पहल, भारत प्रवाह द्वारा आयोजित किया गया था, जहां प्रसिद्ध इतिहासकार और पुरातत्वविद् जो राखीगढ़ी के रूप में ख्याति प्राप्त प्रो. वसंत शिंदे ने भारत के समुद्री इतिहास में प्रकाशस्तंभों के ऐतिहासिक महत्व के बारे में बात की। 
 
डॉ. सुनील गुप्ता, समुद्री पुरातत्वविद् और नई दिल्ली के प्रधानमंत्री संग्रहालय में ओएसडी; और गोवा राज्य संग्रहालय के निदेशक डॉ. वासु उस्पाकर ने भी सत्र में अपने विचार रखे। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने प्रकाश स्तंभ विरासत पर्यटन विकास के प्रति मंत्रालय के दृष्टिकोण और इस चरण में 75 प्रकाश स्तंभों में निवेश के अवसरों के बारे में एक केस प्रस्तुत किया।



भारत के पहले प्रकाश स्तंभ महोत्सव का मुख्य आकर्षण सांस्कृतिक प्रदर्शनी सत्र, समुद्री इतिहास और संस्कृति पर प्रकाश और ध्वनि शो, ख्याति प्राप्त गायकों के साथ मधुर शामें, समुद्र तटों के जायको और सामुदायिक सहभागिता हैं।

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AAB NEWS/
जब हम बचपन के दिनों को याद करते हैं, तो हम चाचा चौधरी कॉमिक्स के साथ साझा किए गए अतीत के रोमांच में डूब जाते हैं। चाचा चौधरी और साबू के किरदार सभी पीढ़ियों के पाठकों के दिलों में एक विशेष स्थान रखते हैं, क्योंकि उन्होंने अपने मनोरम संवादों और बातचीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है और गर्मजोशी और पुरानी यादों को ताजा किया  है।

चाचा चौधरी कॉमिक्स की अपार लोकप्रियता को देखते हुए, एक अनूठी पहल "चाचा चौधरी और चुनावी दंगल" नामक एक कॉमिक बुक का विमोचन मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे तथा अरुण गोयल द्वारा आज निर्वाचन सदन में किया गया। 

कॉमिक बुक ईसीआई और प्राण कॉमिक्स की एक संयुक्त पहल है जिसे युवाओं को लोकतंत्र के त्योहार में अपना नामांकन करने और भाग लेने के लिए प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट स्वर्गीय श्री प्राण कुमार शर्मा द्वारा प्रस्तुत प्रतिष्ठित कार्टून पात्रों चाचा चौधरी, साबू, बिल्लू को दिखाया गया है।

इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने कहा कि डिजिटल मीडिया के इस युग में भी आउटरीच माध्यम के रूप में कॉमिक्स प्रासंगिक और विशिष्ट है। 

अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि ये कॉमिक चरित्र, अपनी सार्वभौमिक अपील और ईमानदारी, दया और करुणा जैसे मूल्यों पर बल देने के साथ चुनाव से संबंधित जानकारी को रचनात्मक रूप से व्यक्त करने के लिए एक आकर्षक मंच प्रदान करते हैं। 

बच्चों और किशोरों के बीच एक महत्वपूर्ण अनुसरण के साथ यह माध्यम, चुनाव आयोग को युवाओं के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने में सक्षम बनाता है, जो कम उम्र से ही सूचित और जिम्मेदार नागरिकता की भावना को बढ़ावा देता है। 

कॉमिक बच्चों को चुनाव प्रक्रिया की कल्पना करने में मदद करेगा और यह पुरानी पीढ़ी को अपने पहले के दिनों को फिर से ताजा करने में भी मदद करेगा।

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चुनाव आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडे ने कहा कि कॉमिक बुक ने नैतिक चुनाव, सहभागी लोकतंत्र, बाहुबल और धन बल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को बहुत ही स्पष्ट और पाठक के अनुकूल तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है ताकि बच्चों और वयस्कों को समान रूप से प्रभावित किया जा सके।

चुनाव आयुक्त श्री अरुण गोयल ने कहा कि कॉमिक बुक में चुनाव प्रक्रिया के बारे में हास्य के साथ-साथ एक सकारात्मक और रचनात्मक संदेश है और यह युवा और भविष्य के मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया में बढ़ी हुई भागीदारी के लिए प्रेरित करता है।

यह कॉमिक बुक एक बहुआयामी उपकरण के रूप में कार्य करती है। यह मतदाता जागरूकता के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं की चर्चा करती है। इसका प्राथमिक फोकस युवा योग्य मतदाताओं को स्वयं को पंजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करना है, आगामी चुनावों में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है। 

कॉमिक में चाचा चौधरी पाठकों को भारत के चुनाव आयोग द्वारा विकसित विभिन्न ऐप जैसे सीविजिल और केवाईसी से परिचित कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे उन्हें चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय और सूचित भागीदार बनने के लिए सशक्त बनाया जाता है। 

इसके अतिरिक्त कॉमिक बुक चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर बल देती है, जो महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के प्रयासों के साथ जुड़ा है।

यह कॉमिक प्रिंट और डिजिटल दोनों प्रारूपों में उपलब्ध है, जो सभी प्लेटफार्मों पर पहुंच सुनिश्चित करता है। इसके अतिरिक्त, युवा मस्तिष्क को प्रेरित करने के लिए, स्कूलों में कॉमिक बुक की निशुल्क प्रतियां वितरित की जाएंगी, जिससे भविष्य के मतदाताओं को चुनावों के बारे में शिक्षित किया जाएगा। कॉमिक की डिजिटल कॉपी यहाँ पर देखी जा सकती है।

चाचा चौधरी की लोकप्रियता शहरों से परे है, जो पूरे भारत के छोटे शहरों और गांवों में गहराई से गूंजती है। 1960 में कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा द्वारा इसकी शुरुआत के बाद से चरित्र की स्थायी अपील समय की कसौटी पर खरी उतरी है  

 यह अनूठी पहल मतदाता जागरूकता के लिए एक समग्र दृष्टिकोण बनाते हुए पुरानी यादों के माध्यम से भावनात्मक संबंध का उपयोग करती है। इस अवसर पर प्राण कॉमिक्स के निदेशक और प्रकाशक निखिल प्राण और आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।