Web Series Kaalkoot- एक अच्छी कहानी का सिनेमाई नाटकीय अंत
AAB NEWS/ ओटीटी पर मनोरंजन तलाशने वालों केलिए हाल ही में जियो सिनेमा (JIO CINEMA) पर प्रदर्शित हुई वेब सीरीज (Web Series) कालकूट (KaalKoot) दर्शकों को खूब पसंद आ रही है। इस वेब सीरीज के आठ एपिसोड हैं। ढीली-ढाली सी शुरुआत के बाद कहानी जबर्दस्त पकड़ बनाती है और सीरीज के सिनेमाई अंत के पहले तक दर्शक रहस्य व रोमांच के सागर में गोते लगाता रहता है।
Kaalkoot Web Series की कहानी एक ऐसे पुलिस अधिकारी की है जो पुलिस की नौकरी नहीं करना चाहता है लेकिन ये ही नौकरी उसकी झोली में आ जाती है। गली बॉय, मिर्ज़ापुर और बागी 3 जैसी फिल्मों में से अपने अभिनय की पहचान बनाने वाले विजय वर्मा ने पुलिस उप निरीक्षक रवि शंकर त्रिपाठी के किरदार को बेहद जीवंत तरीके से अदा किया है।
उनके सहयोगी बने पुलिस सिपाही यशपाल शर्मा ने सत्तू यादव और पुलिस अधिकारी SHO जगदीश सहाए बने गोपाल शर्मा की भूमिकाएं भी जबरदस्त प्रभाव छोड़ने वालीं हैं। रविशंकर की माँ की भूमिका में सीमा विश्वास भी बेहद सहज लगीं हैं।
Kaalkoot Web Series (वेब सीरीज) के संवाद भी प्रभावी हैं लेकिन कहीं कहीं गालियों का प्रयोग भी किया गया है जो कई दृश्यों में गैर जरूरी लगीं । कहानी में कुछ प्रसंग भी हैं जो जबरन ठूंसे ही से लगे। जैसे एक दृश्य में रविशंकर की बुआ का क्षेपक जोड़ा गया जो कहानी के प्रवाह को बढ़ने की जगह तोड़ने वाला लगा। ऐसा लगता है जैसे कहानीकार के दिमाग से अभी भी बिना गाली और सेक्सी संवाद के web series सफ़ल नहीं होने दकियानूसी बन चुका फार्मूला अभी असर बनाए हुए है।
Kaalkoot Web Series का संगीत भी कहानी के अनुरूप ही है। फिल्मानकन भी बहुत अच्छा किया गया है। दृश्य संयोजन भी लाजवाब है।
लेकिन Kaalkoot Web Series का अंत बेहद फ़िल्मी है। जो पूरी कहानी के सहज जमीन सी जुडी प्रस्तुति से मेल नहीं खाता नजर नहीं आता है। अच्छी खासी रहस्य और रोमांच के साथ आगे बढ़ती कहानी में अचानक से गोलियों की बौछार होने लगती है पुलिस बल एक के बाद एक टपा-टप टपकने लगते हैं ।
ऐसा लगता है जैसे सीधे -सादे से मुख्य किरदार के शरीर में अचानक से बम्बैया हिंदी फिल्म के किसी हीरो की आत्मा प्रविष्ट हो गयी हो। वह भी शरीर में लोहे की सलाखें घुसने के बाद भी गाडी चलाता रहता है, पानी में डूबता है फिर खलनायक से जंग लड़ता है लेकिन उसके अन्दर की शक्ति कम होने का नाम ही नहीं लेती है।
Kaalkoot Web Series के इस सिनेमायी अंत को छोड़ दें तो कुल मिलकर अपने मित्रों को kaalkoot वेब सीरीज देखने की सलाह दी जा सकती है।