• World Human Development Index :भारत को ऊंची पायदान हासिल कराने की दिशा में मप्र के प्रयास शुरू ..

    एएबी समाचार / वैश्विक स्तर पर किसी भी राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य एक अनिवार्य आयाम है। विश्व मानव विकास सूचकांक में भारत को ऊंची पायदान पर पहुंचाने की दिशा में मप्र सरकार ने अपने राज्य स्तर पर तैयारी शुरू कर दी हैI 
     इसी सिलसिले में भोपाल के मिन्टो हॉल में एक और दो नवम्बर को सेहत का अधिकार संगोष्ठी  (राइट टू हेल्थ कॉन्क्लेव) आयोजित किया जा रहा है। कॉन्क्लेव में स्वास्थ्य एवं समाज सेवा से जुडे देश भर के प्रबुद्ध व्यक्ति शामिल होंगे। मध्यप्रदेश सरकार स्वास्थ्य का अधिकार का कानून बनाकर नागरिकों के अधिकारों की एक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये कटिबद्ध है। इसी मकसद से यह कॉन्क्लेव आयोजित किया जा रहा है।
    कॉन्क्लेव में एक नवम्बर को सुबह 11 बजे उदघाटन सत्र होगा। इसके बाद स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर समांतर सत्र आयोजित होंगे। पहला सत्र दोपहर 12.30 बजे से शुरू होगा। इसका विषय 'आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य' होगा। दूसरा सत्र दोपहर 2 बजे से दोपहर 3.15 बजे तक चलेगा। इसमें स्वास्थ्य के अधिकार के लिये 'विधायी एवं नीतिगत तंत्र' विषय पर विशेषज्ञ विचार-विमर्श करेंगे। 
    कॉन्क्लेव में सामांतर रूप से दोपहर 2 बजे से शाम 5.30 बजे तक समग्र स्वास्थ्य वितरण ढाँचे को विकसित करने के लिये अनुसंधान और एकेडमिक दृष्टिकोंण पर तकनीकी विशेषज्ञ प्रस्तुतिकरण देंगे। तीसरा सत्र दोपहर 3.30 मिनिट से शुरू होकर शाम 4.45 तक चलेगा। इसमें 'समग्र अभिव्यक्ति और समग्र स्वास्थ्य' पर विचार-विमर्श होगा। 
    समांतर रूप से दोपहर 3.30 से शाम 4.45 बजे तक सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य संस्थानों के लिये वैकल्पिक वित्तीय मॉडलिंग पर विचार-विमर्श होगा। कॉन्क्लेव के पहले दिन का अंतिम सत्र शाम 5 बजे से 6.15 बजे तक चलेगा। इसमें जन-समुदाय के स्वास्थ्य के लिये निवेश पर चर्चा होगी। कॉन्क्लेव के पहले दिन शाम 7.15 से सांस्कृतिक आयोजन होंगे।
    कॉन्क्लेव के दूसरे दिन भी समांतर सत्रों में विषय-विशेषज्ञों के बीच विचार-विमर्श होगा। पहला सत्र सुबह 9.30 से 10.45 बजे तक होगा। इसमें स्वास्थ्य के अधिकार को क्रियान्वित करने में जन-सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय सरकारी निकायों की भूमिका पर चर्चा होगी। इसके साथ ही प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र की सक्रिय भागीदारी और चिकित्सकीय आपूर्ति की उपलब्धता के लिये आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन पर पुनर्विचार पर चर्चा होगी। इसी समय अन्य सत्र में आधुनिक युग में स्वास्थ्य संबंधी उभरती चुनौतियाँ और स्वास्थ्य के अधिकार के क्रियान्वयन में मीडिया की भूमिका पर चर्चा होगी।
    कॉन्क्लेव के दूसरे दिन अन्य सत्र सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक होंगे। इसमें विषय-विशेषज्ञ 'स्वास्थ्य के अधिकार की दिशा में प्रतिबद्धता' की समीक्षा करेंगे। कॉन्क्लेव का समापन सत्र दोपहर 12.45 बजे से होगा।
       मध्यप्रदेश सरकार अपने वादे को निभाते हुए नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा एवं सेवा प्रदाय व्यवस्था सुनिश्चित की है। सरकार अब स्वास्थ्य का अधिकार का कानून बनाकर नागरिकों के अधिकारों की एक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है।
     इसके अन्तर्गत प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सेवाओं को प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार होगा। स्वास्थ्य के लिए अधिकार आधारित दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाकर मध्यप्रदेश सरकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से, जो इसके प्रति सजग हैं, के अनुभवों का लाभ उठाकर प्रदेश में इसे लागू कर रही है। 
    राज्य सरकार स्वास्थ्य कानून को लागू करने के लिये एक उत्तम, व्यापक और टिकाउ ढांचा तैयार करना चाहती है। राज्य सरकार की सोच है कि इस क्षेत्र में कार्यरत सभी विद्वानों से अधिकतम जानकारी प्राप्त कर स्वास्थ्य के लिए अधिकार आधारित दृष्टिकोण के साथ उपयुक्त रूपरेखा तैयार की जाये। भोपाल में आयोजित किये जा रहे राइट टू हेल्थ कॉन्क्लेव में प्राप्त सुझावों एवं निष्कर्षों के आधार पर स्वास्थ्य कानून तैयार करने के लिये उपयुक्त ड्रॉफ्ट तैयार किया जायेगा।