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Railways Earning Going Up-यात्रियों के किराए से  रेलवे की  आय  71 प्रतिशत  बढ़ी

एएबी समाचार/
  इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले नौ महीनों के दौरान मिशन मोड पर भारतीय रेलवे की माल ढुलाई पिछले वर्ष की इसी अवधि की माल ढुलाई और कमाई से अधिक हो गई है।

रेलवे ने अप्रैल से दिसंबर 2022 की अवधि के दौरान संचयी आधार पर, पिछले साल की 1029.96 मीट्रिक टन की माल ढुलाई के मुकाबले 1109.38 मीट्रिक टन की माल ढुलाई की है। इसमें पिछले वर्ष की माल ढुलाई की तुलना में 8 प्रतिशत का सुधार हुआ है। रेलवे ने पिछले वर्ष की तुलना में 104040 करोड़ रुपये की तुलना में 120478 करोड़ रुपये की कमाई की है। इसमें पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत का सुधार हुआ है।

दिसंबर 2022 महीने के दौरान, दिसंबर 2021 में 126.8 मीट्रिक टन की माल ढुलाई के मुकाबले 130.66 मीट्रिक टन की प्रारंभिक माल ढुलाई की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत का सुधार प्रदर्शित करता है। इस माल ढुलाई से रेलवे को 14,573 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि दिसंबर 2021 में माल ढुलाई आय 12,914 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।

भारतीय रेल ने "हंग्री फॉर कार्गो" के मंत्र का पालन करते हुए व्यवसाय करने में आसानी के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी मूल्यों पर सेवा वितरण में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।  इसके परिणामस्वरूप रेलवे में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक वस्तुओं, दोनों प्रकार से नया ट्रैफिक आ रहा है। शीघ्र नीति निर्माण द्वारा समर्थित ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण और व्यवसाय विकास इकाइयों के कार्य ने रेलवे को इस ऐतिहासिक उपलब्धि को प्राप्त करने में सहायता की है।

 

माल ढुलाई से हुई आय में 16 प्रतिशत की वृद्धि


अप्रैल से दिसंबर 2022 के दौरान प्रारंभिक आधार पर भारतीय रेलवे को यात्री किराए से कुल अनुमानित 48913 करोड़ रुपये की आय हुई है जो कि 71 प्रतिशत की बढ़ोतरी है, क्योंकि पिछले वर्ष इसी अवधि में उसने 28569 करोड़ रुपये अर्जित किए थे।

आरक्षित यात्री खंड में, 1 अप्रैल से 31 दिसंबर 2022 की अवधि के दौरान बुक किए गए यात्रियों की कुल अनुमानित संख्या पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 56.05 करोड़ की तुलना में 59.61 करोड़ रही है, जो कि 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। 1 अप्रैल से 31 दिसंबर 2022 की अवधि के दौरान आरक्षित यात्री खंड से उत्पन्न राजस्व पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 26400 करोड़ रुपये की तुलना में 38483 करोड़ रुपये रहा है, जो कि 46 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है।

अनारक्षित यात्री खंड में, 1 अप्रैल से 31 दिसंबर 2022 की अवधि के दौरान बुक किए गए यात्रियों की कुल अनुमानित संख्या पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 16968 लाख की तुलना में 40197 लाख है, जो 137 प्रतिशत की वृद्धि है। 1 अप्रैल से 31 दिसंबर 2022 की अवधि के दौरान अनारक्षित यात्री खंड से उत्पन्न राजस्व पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 2169 करोड़ रुपये की तुलना में 10430 करोड़ रुपये है जो कि 381 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है।

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एएबी समाचार । राजस्व मंत्री  ने एनआईसी द्वारा निर्मित स्पैरो एप का शुभारंभ करते हुए बताया कि प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार के गोपनीय प्रतिवेदन अब ऑनलाईन भरे जायेंगे। यह व्यवस्था वर्ष 2019-20 की अवधि के प्रतिवेदन से लागू होगी। इस व्यवस्था से लगभग 900 अधिकारी लाभांवित होंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में केवल भारतीय प्रशासनिक सेवा और डिप्टी कलेक्टर संवर्ग के अधिकारियों के गोपनीय प्रतिवेदन ही ऑनलाईन भरे जाते हैं।
राजस्व मंत्री ने बताया कि अभी तक तहसीलदार और नायब तहसीलदार के गोपनीय प्रतिवेदन मैन्युअली भरे जाने से समय पर प्राप्त नहीं हो पाते थे। इस कारण इन अधिकारियों की पदोन्नति एवं क्रमोन्नति आदि में काफी विलम्ब होता था। उन्होंने कहा कि अब इन अधिकारियों के गोपनीय प्रतिवेदन मैन्युअली भरे जाने की व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त किया जा रहा है।
राजस्व मंत्री ने बताया कि ई-फाइलिंग सिस्टम के लिए एन.आई.सी. द्वारा तैयार पोर्टल यू.आर.एलOnline CR submission. के माध्यम से प्रतिवेदन भरे जायेंगे। गोपनीय प्रतिवेदन के प्रारूप एवं चैनल में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इसके तहत केवल आवेदक द्वारा स्व-मूल्यांकन फाइल करने, प्रतिवेदक अधिकारी एवं समीक्षक अधिकारी तथा उसके बाद स्वीकारकर्ता अधिकारी के मतांकन की व्यवस्था ऑन लाईन रहेगी। ई-फाइलिंग प्रक्रिया के संबंध में इस संवर्ग के अधिकारियों का प्रशिक्षण शीघ्र ही आयोजित किया जायेगा।
राजस्व मंत्री   ने बताया कि प्रत्येक स्तर पर निर्धारित समय-सीमा के भीतर स्व-मूल्यांकन, मतांकन, समीक्षा आदि अनिवार्य रूप से मतांकित कर दिये जायें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 एवं 19-20 के लिए स्व-मूल्यांकन की प्रस्तुति 30 अप्रैल, प्रतिवेदक अधिकारी के मतांकन की अवधि 15 मई 2020, समीक्षक अधिकारी के मतांकन की अवधि 31 मई एवं स्वीकारकर्ता प्राधिकारी के मतांकन की अवधि 15 जून 2020 तक की जा सकेगी।



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एएबी समाचार । मप्र में अब आबादी भूमि का ड्रोन पद्धति से सीमांकन किया जायेगा। इससे आबादी क्षेत्रों के भी नक्शे तैयार हो सकेंगे। पूरे प्रदेश के 55000 गांवों के आबादी सर्वे का काम होगा। प्रदेश की राजस्व मंत्री  ने बताया आबादी क्षेत्रों के नक्शे नहीं होने से सीमांकन विवाद हो जाते हैं व शासकीय भूमि पर अतिक्रमण भी हो जाता है। नई व्यवस्था से इस परिपाटी पर रोक लग सकेगी ।
 हाल ही में राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में भारत सरकार के सर्वे ऑफ इण्डिया एवं राजस्व विभाग के बीच आबादी क्षेत्र सर्वे एवं सीमांकन कन्टीन्यूसली ऑपरेटिंग रिफिरेंस स्टेशन (कोर्स) पद्धति लागू करने हेतु एमओयू साईन किये गये।
राजस्व मंत्री  के मुताबिक  वर्तमान में खड़ी फसल होने पर, बरसात के समय चाँदा पत्थर नहीं मिलने एवं कुशल चैनमेनों के अभाव के कारण सीमांकन में काफी असुविधा होती थी। साल के तीन महीने ही सीमांकन हो पाता था। इसलिए राजस्व विभाग अत्याधुनिक कोर्स पद्धति की शुरूआत करने जा रहा है। इसके लिए आज भारत सरकार के सर्वे ऑफ इण्डिया के साथ एमओयू साईन किया गया। उन्होंने बताया कि कोर्स के पायलेट प्रोजेक्ट की शुरूआत छिन्दवाड़ा जिले से की जायेगी।