भारतीय मानक ब्यूरो, Bureau Of Indian Standards
AAB NEWS/ भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में 6467 मानक क्लब स्थापित किए गए हैं। बीआईएस के अनुसार जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए मानकों के महत्व के बारे में समाज के युवा सदस्यों को संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से मानक क्लबों की स्थापना की जा रही है।
ब्यूरो द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार “बच्चे मजबूत, जीवंत और गतिशील भारत के निर्माता हैं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) एक दूरदर्शी पहल के साथ देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में मानक क्लबों का निर्माण कर, भारत के भविष्य को रोशन कर रहा है।
इस अभिनव प्रयास का उद्देश्य युवाओं के मन में गुणता, मानकों और वैज्ञानिक स्वभाव का सर्वोपरि महत्व पैदा करना है। मानकीकरण के सिद्धांतों से ओत-प्रोत गुणता चेतना, त्वरित आर्थिक प्रगति का प्रमुख स्तंभ है। हमारे छात्रों में गुणता , मानकों और मानकीकरण के प्रति सम्मान विकसित करके, हम एक ऐसी चेतना प्रज्वलित कर रहें हैं जो हमारे समाज को बदलने की शक्ति रखती है।
विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि बीआईएस द्वारा वर्ष 2021 में शुरू की गई स्टैंडर्ड क्लब की पहल ने एक महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ा है, इन क्लबों को देश भर के 6,467 स्कूलों और कॉलेजों में स्थापित किया जा चुका है।
विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि बीआईएस द्वारा वर्ष 2021 में शुरू की गई स्टैंडर्ड क्लब की पहल ने एक महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ा है, इन क्लबों को देश भर के 6,467 स्कूलों और कॉलेजों में स्थापित किया जा चुका है।
विज्ञान की पृष्ठभूमि वाले 1.7 लाख से अधिक छात्र इन क्लबों के सदस्य है, जो उनके संबंधित स्कूलों के समर्पित विज्ञान शिक्षकों द्वारा मेंटर के रूप में मार्गदर्शित होते हैं जिन्हें बीआईएस द्वारा विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इनमें 5,562 स्टैंडर्ड क्लब स्कूलों में बनाए गए हैं, जबकि 905 क्लब विभिन्न कॉलेजों में बनाए गए हैं, जिनमें इंजीनियरिंग कॉलेजों में 384 क्लब शामिल हैं।
विज्ञप्ति में यह भी बताया गया कि इन मानक क्लबों के छात्र सदस्य विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में संलग्न होते हैं, जैसे -
• मानक लेखन प्रतियोगिताएँ
• प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं
• वाद-विवाद, निबंध लेखन और पोस्टर बनाना
• प्रयोगशालाओं और औद्योगिक इकाइयों का एक्सपोज़र दौरा और भी बहुत कुछ
ये गतिविधियों युवा प्रतिभाओं को गुणता और मानकीकरण की दुनिया में अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इन क्लबों के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की गई हैं और इन गतिविधियों को आयोजित करने के लिए बीआईएस द्वारा इन शैक्षणिक संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
उपरोक्त के अलावा, मानक क्लबों के मेंटर्स के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और छात्र सदस्यों के लिए प्रयोगशालाओं और औद्योगिक इकाइयों के एक्सपोज़र दौरे भी नियमित रूप से बीआईएस द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
प्रयोगात्मक शिक्षा के महत्व को पहचानते हुए, बीआईएस ने अपनी वित्तीय सहायता को और बढ़ाया है। स्टैंडर्ड क्लब वाले उच्च और उच्चतर माध्यमिक पात्र सरकारी स्कूल भी अपनी विज्ञान प्रयोगशालाओं को अपग्रेड करने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला उपकरणों के रूप में अधिकतम 50,000/- रुपये का एकमुश्त प्रयोगशाला अनुदान प्राप्त करने के पात्र हैं।
इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि सीखने का माहौल सुखद और आकर्षक हो, बीआईएस उन सरकारी संस्थानों में 'मानक कक्ष' स्थापित करने के लिए 1,00,000/- रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है जहां मानक क्लब बनाए गए हैं।
प्रयोगात्मक शिक्षा के महत्व को पहचानते हुए, बीआईएस ने अपनी वित्तीय सहायता को और बढ़ाया है। स्टैंडर्ड क्लब वाले उच्च और उच्चतर माध्यमिक पात्र सरकारी स्कूल भी अपनी विज्ञान प्रयोगशालाओं को अपग्रेड करने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला उपकरणों के रूप में अधिकतम 50,000/- रुपये का एकमुश्त प्रयोगशाला अनुदान प्राप्त करने के पात्र हैं।
इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि सीखने का माहौल सुखद और आकर्षक हो, बीआईएस उन सरकारी संस्थानों में 'मानक कक्ष' स्थापित करने के लिए 1,00,000/- रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है जहां मानक क्लब बनाए गए हैं।
इस पहल के तहत स्कूल में एक कमरे को स्मार्ट टीवी, ऑडियो वीडियो सिस्टम, बेहतर रोशनी, दीवारों को सजाने आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके नवीनीकृत किया जाएगा। ये स्थल भविष्य के अग्रेताओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए, जिज्ञासा और नवीनता को प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किए जाना है।
विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया है कि गुणता के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के साथ बीआईएस अपने युवाओं के मस्तिषक को पोषित करके भारत के भविष्य को आकार दे रहा है। यह दूरदर्शी पहल न केवल गुणता और मानकों को बढ़ावा देती है, बल्कि युवा पीढ़ी को जिम्मेदार और गुणता के प्रति जागरूक नागरिक बनने के लिए सशक्त करती है।
विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया है कि गुणता के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के साथ बीआईएस अपने युवाओं के मस्तिषक को पोषित करके भारत के भविष्य को आकार दे रहा है। यह दूरदर्शी पहल न केवल गुणता और मानकों को बढ़ावा देती है, बल्कि युवा पीढ़ी को जिम्मेदार और गुणता के प्रति जागरूक नागरिक बनने के लिए सशक्त करती है।