Reliefs On Financial Front :ऑनलाइन लेनदेन को बढ़ावा देने सरकार ने खोला राहत का पिटारा
एएबी समाचार । कोरोना संकट से मुक़ाबला कर रही केंद्र सरकार ने अब अलग अलग आर्थिक मोर्चों पर भी काम शुरू करती नजर आ रही है । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ग़रीबों को राहत देने के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी कई कदम उठाए हैं. लोग अपने अपने घरों में हैं. उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है.
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इसी दिशा में सरकार ने सबसे अहम् फैसला बैंक के डेबिट कार्डों पर लेनदेन पर लगने वाले शुल्क को अस्थाई तौर पर ख़त्म कर दिया है । अधिकृत जानकारी के मुताबिक 30 जून 2020 तक किसी भी बैंक के डेबिट कार्ड से किसी भी अन्य बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पर कोई चार्ज नहीं देना होगा. सरकार ने लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है. सरकार की मंशा है कि कैश निकालने के लिए लोगों को अपने घरों से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े और पास के ही उपलब्ध एटीएम से पैसे निकाल सकें.
आम दिनों के लिए RBI की ओर से जारी नियमों के मुताबिक , बैंकों को महीने में कम से कम पांच मुफ्त लेनदेन की छूट देनी है. फिर एटीएम कहीं भी हो. नकद आहरण रहित लेनदेन यानी जिसमें निकासी नहीं होगी, उसमें बैंकों को सुविधा मुफ्त देनी है.
महानगरों में किसी और बैंक के एटीएम से ट्रांजेक्शन : अगर एटीएम बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और नई दिल्ली जैसे महानगरों में है तो उस मामले में बैंकों को कम से कम तीन मुफ्त लेनदेन की छूट देनी है.
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छह महानगरों को छोड़कर किसी और शहरों में बैंकों को बचत खाताधारकों को महीने में अन्य बैंक से कम से कम पांच मुफ्त लेनदेन की इजाजत देनी है.
(2)न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं- बचत बैंक खाते के लिए न्यूनतम राशि शुल्क को खत्म कर दिया गया है. यानी 30 जून 2020 तक बैंक खाते में न्यूनतम राशि जमा रखने की जरुरत नहीं है.
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने करोड़ों ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है. SBI ने सभी तरह के बचत खातोंपर औसत राशि रखने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है.
इसका मतलब ग्राहकों को अब अपने खातों में न्यूनतम राशि जमा रखने का झंझट खत्म हो गया है. एसबीआई के इस फैसले से 44.51 करोड़ ग्राहकों को फायदा होगा. इसके अलावा, एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में SBI ने बचत बैंक खातों पर अपनी ब्याज दर को तर्कसंगत बनाते हुए सपाट 3 फीसदी सालाना कर दिया.
(3) ऑनलाइन लेनदेन हुआ मुफ्त - सरकारी बैंक PNB ने इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के जरिए लेनदेन पर लगने पर IMPS शुल्क को पूरी तरह से खत्म कर दिए है. पंजाब नेशनल बैंक ने यह जानकारी दी है. पीएनबी ने बताया कि IMPS शुल्क का को पूरी तरह से खत्म करने का यह फैसला तत्काल रुप से प्रभावी होगी.पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहक अब इस फैसले के बाद प्रति दिन 50,000 रुपये के अंतरण के लिए कोई शुल्क नहीं देंगे. इसके पहले उन्हें IMPS शुल्क के तौर पर 5 रुपये + GST देना होता था.
इसके पहले पिछले साल ही भारतीय स्टेट बैंक ने भी अपने ऐलान किया था कि वो YONO ऐप, मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए किए जाने वाले IMPS अंतरण पर कोई शुल्क नहीं लेगा. एसबीआई ने इसे 1 अगस्त 2019 से लागू कर दिया था.
(4) गृह आवास मासिक किश्त पर भी मिल रही है छूट- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के तीन महीने के लिए मासिक किश्त की भुगतान में राहत देने का ऐलान के बाद अब सभी बैंक इस पर छूट दे रहे है. मासिक किश्त की भुगतान पर राहत का फैसला 1 मार्च से 31 मई, 2020 के बीच पड़ने वाली सभी किस्तों के भुगतान पर लागू है.
विकल्प -1 जितने समय के लिए ग्राहक ने ईएमआई के भुगतान में छूट का विकल्प चुना है, उस समय का ब्याज वह एक ही बार जून में दे सकता है.
विकल्प -2 ब्याज दर बकाया राशि में जोड़ी जा सकती है, जिससे बाकी के महीनों की ईएमआई बढ़ जाएगी.
विकल्प -3 ग्राहकों की लोन की अवधि बढ़ सकती है.
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लोन ईएमआई पर छूट लेने पर क्या होगा-अगर ग्राहक ने 8.5 फीसदी ब्याज पर 20 लाख रुपये का आवासीय ऋण लिया है और उसने पहले ही 105 मासिक किश्त का भुगतान कर लिया है, तो बकाया मूल राशि 15,05,408 रुपये हुई, जो उसे 135 और मासिक किश्त के भुगतान में पूरी करनी है.
अब अगर वह तीन महीने की मासिक किश्त की भुगतान में छूट का विकल्प चुनता है, तो उसे ब्याज के घटक के तौर पर 32,217 रुपये देने होंगे.
अगर वह अपनी पहले वाली मासिक किश्त की भुगतान की रकम (17,356 रुपये) को जारी रखना चाहता है, तो वह 140 महीनों में ऋण पूरा कर सकेगा. यानी इससे उसकी लोन की अवधि पांच माह बढ़ जाती है.
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विकल्प 1- ग्राहक मासिक किश्त की भुगतान की राशि बढ़ाए और अवधि में इजाफा ना करे. इससे उसकी मासिक किश्त की भुगतान 17,356 रुपये से बढ़कर 17,728 रुपये हो जाएगी. प्रति माह मासिक किश्त की भुगतान में 372 रुपये बढ़ेंगे, जिसका वह आसानी से भुगतान कर सकेगा.
विकल्प -2 -छूट की अवधि के समय के ब्याज का भुगतान तीन माह बाद एक साथ या एक साल से दो साल के समय तक कर दें.
विकल्प -3 नवीनतम ब्याज दर के लिए बात करें. ऐसा इसलिए क्योंकि पांच साल या उससे पहले से लिए हए लोन का ब्याज दर अधिक हो सकती है. इसलिए अपने बैंक से बात करके लोन को रेपो रेट से लिंक करें.
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कार लोन लेने पर क्या होगा असर- अगर आपने कार ऋण लिया है और 10 लाख रुपया के मूल का भुगतान 78 महीने में करना है, तो मासिक किश्त के भुगतान में दो महीने की छूट का विकल्प चुनने पर लोन अवधि 80 महीने हो जाएगी.
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निजी ऋण लेने पर क्या होगा असर- अगर आपने आठ लाख रुपये का निजी ऋण लिया है, जिसका भुगतान आपको 30 महीने में करना है, तो दो महीने के लिए मासिक किश्त के भुगतान की छूट की स्थिति में 21,872 रुपये के ब्याज की वसूली के लिए अवधि 31 महीने हो जाएगी.